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बलूचिस्तान का लोकतांत्रिक गणराज्य दावा, भारत की धमाकेदार कार्रवाई के बीच दिल्ली में दूतावास खोलने की मांग

क्वेटा भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, एक मशहूर बलूच लेखक मीर यार बलूच ने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी का दावा किया है. उन्होंने भारत सरकार से नई दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की अनुमति देने का आह्वान किया है. बलूच लोगों की वकालत करने के लिए जाने जाने वाले मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर कई पोस्ट करते हुए ऐलान किया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान में शांति सेना भेजने की गुजारिश की और मांग की है कि पाकिस्तानी सेना इस इलाके से चली जाए. मीर यार का यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच गंभीर टकराव के बीच आया है. 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों को निशाना बनाया. इसमें साफ किया गया कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना नहीं बनाया गया. इसके जवाब में, पाकिस्तान ने गुरुवार को नागरिक और सैन्य इलाकों को ड्रोन, मिसाइलों और तोपखाने की गोलाबारी से निशाना बनाकर तनावपूर्ण स्थिति को बढ़ा दिया. भारत ने जवाब में आते हुए ड्रोनों और मिसाइलों को मार गिराया. इसने पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों और एक एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AWACS) विमान को भी नष्ट कर दिया. 'हमने अपनी आजादी का दावा किया है' मीर यार बलूच ने दावा किया कि बलूच स्वतंत्रता सेनानियों ने डेरा बुगती में पाकिस्तान के गैस क्षेत्रों पर हमला किया था, जहां 100 से ज्यादा गैस कुएं स्थित हैं. अपनी एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "मुमकिन है कि जल्द ही एक ऐलान किया जाना चाहिए क्योंकि आतंकवादी पाकिस्तान का पतन निकट है. हमने अपनी आजादी का दावा किया है और हम भारत से गुजारिश करते हैं कि वह दिल्ली में बलूचिस्तान के आधिकारिक कार्यालय और दूतावास की अनुमति दे." उन्होंने इंटरनेशनल सपोर्ट की मांग करते हुए कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान लोकतांत्रिक गणराज्य की आजादी को मान्यता देने और मान्यता के लिए समर्थन देने के लिए सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्यों की बैठक बुलाने का भी गुजारिश करते हैं." उन्होंने कहा कि करेंसी और पासपोर्ट प्रिंटिंग के लिए अरबों डॉलर के फंड जारी किए जाने चाहिए. 'बलूचिस्तान का कंट्रोल…' मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र से बलूचिस्तान में तत्काल शांति सैनिक भेजने की भी गुजारिश की है. उन्होंने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र से गुजारिश करते हैं कि वह बलूचिस्तान में तुरंत अपने शांति मिशन भेजे और पाकिस्तान की कब्जे वाली सेना से बलूचिस्तान के इलाकों, हवाई क्षेत्र और समुद्र को खाली करने और सभी हथियार और संपत्ति बलूचिस्तान में छोड़ने के लिए कहे." उन्होंने आगे कहा कि सेना, सीमा कोर, पुलिस, सैन्य खुफिया, आईएसआई और नागरिक प्रशासन में सभी गैर-बलूच कर्मियों को तुरंत बलूचिस्तान छोड़ देना चाहिए. मीर यार ने आगे कहा, "बलूचिस्तान का कंट्रोल जल्द ही आजाद बलूचिस्तान स्टेट की नई सरकार को सौंप दिया जाएगा और जल्द ही एक ट्रांजिशनल कंक्लूजिंग अंतरिम सरकार का ऐलान किया जाएगा. मंत्रिमंडल में बलूच महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमारे राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता की पूर्ति है." उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान की आजादी सरकार का राजकीय समारोह जल्द ही होगा. हम अपने मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्षों को नेशनल परेड देखने और हमें दुआएं देने के लिए बुलाते हैं." एक अन्य मैसेज में मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "अरे ना-पाकिस्तान. अगर तुम्हारे पास सेना है, तो हमारे पास भी सेना है. बलूच स्वतंत्रता सेनानी हमला करते हैं." इससे पहले इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों को ले जा रहे एक वाहन को बाहर ले जाते हुए दिखाया गया था. धमाके की जिम्मेदारी लेते हुए बीएलए ने कहा कि इस घटना में इस्लामाबाद ने 14 सैनिक खो दिए. बलूचिस्तान – दिल्ली में एम्बेसी खोलने की मांग आतंकियों का अड्डा बने पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर जहां पाकिस्तान भारत से पिट रहा है, वहीं बलूचिस्तान की आजादी के लिए काम कर रहे लोग हर मोर्चे पर उस पर हमला कर रहे हैं। अब बलोच लेखक मीर यार बलोच ने एक्स पर पोस्ट कर बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आजादी का एलान कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ को बलूचिस्तान में अपना शांति मिशन जल्द से जल्द भेजना चाहिए। लेखक मीर यार ने इसके साथ भारत की राजधानी दिल्ली में बलूचिस्तान की एम्बेसी की खोलने की भी मांग की है। बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहे लोग लगातार पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं। हाल ही में हमले में पाकिस्तान के 12 सैनिकों को मार गिराया गया था। पाक सेना अब एक तरफ भारत तो दूसरी ओर बलूचिस्तानी लड़ाकों से घिर गई है। पाकिस्तान की पतन करीब मीर यार बलोच ने लिखा है कि पाकिस्तान का पतन अब बहुत ही करीब है, अब जल्द ही इस बात की घोषणा हो जाएगी। उन्होंने इस पर अपनी आजादी का दावा करते हुए भारत सरकार से अपने देश का दूतावास दिल्ली में खोलने की मांग की है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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बलूचिस्तान जल रहा, पाकिस्तान के लिए अब नियंत्रण बनाना काफी मुश्किल, विद्रोहियों ने कई शहरों पर किया कब्जा

इस्लामाबाद  बलूचिस्तान जल रहा है और पाकिस्तान के लिए अब नियंत्रण बनाना काफी मुश्किल हो गया है। बलूचिस्तान के पाकिस्तान से टूटकर एक अलग मुल्क बनना अब तय होता जा रहा है। सिर्फ वक्त की बात है और ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान की सरकारों ने सालों से बलूचों के साथ जो किया है और अभी भी बलूचों के साथ जो किया जा रहा है, उसने बलूचिस्तान के टूटने का रास्ता बना दिया है। बलूच विद्रोहियों से कैसे निपटा जाए, पाकिस्तान में इसपर बहस की जा रही है। कई लोग सरकार से कठोर बनने के लिए कह रहे हैं तो कुछ लोग बलूचों से बात करने की वकालत कर रहे हैं। डॉन में छपी एक एनालिसिसि रिपोर्ट में पत्रकार मुहम्मद आमिर राणा ने कुछ वजहों का जिक्र किया है। उन्होंने जो कुछ लिखा है, उसके आधार पर विश्लेषण करने से यही पता लगता है कि बलूचिस्तान का आज नहीं तो कल, टूटना तय है। उन्होंने लिखा है कि आतंकवाद विरोधी (COIN) अभियानों के लिए ग्लोबल प्रैक्टिस के मुताबिक आतंकवाद के खतरों से निपटने के लिए सबसे पहले उसे स्वीकार किया जाना चाहिए। मुहम्मद आमिर राणा ने लिखा है कि "पाकिस्तान के तथाकथित बुद्धिजीवी अपने रिसर्च से सरकार को गलत तथ्य बताते हैं, सरकारें गलत तथ्य जानना चाहती है, और पाकिस्तान की मानसिकता ही यही रही है कि विद्रोह को हराने का एकमात्र रास्ता उसे कुचलना है। विद्रोह को कुचलना ही एकमात्र जीत की कुंजी है।" बहुत भयानक गलती कर रहा पाकिस्तान? मुहम्मद आमिर राणा ने कहा है कि RAND कॉपरेशन ने COIN थ्योरी के जरिए दूसरे विश्वयुद्ध के हाद से 2010 तक 71 विद्रोहों को लेकर रिसर्च किया गया है, जिसमें किसी विद्रोह को कुचलकर जीत हासिल करने की थ्योरी को खारिज कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि हर विद्रोह अपने आप में अलग होता है और 24 में से 17 विद्रोह के खिलाफ कठोर नीति फेल हुई है। जबकि ज्यादातर सरकारें विद्रोह के खिलाफ कठोर रणनीति अपनाने पर ही जोर देती हैं। 286 पन्नों के COIN रिपोर्ट में बताया गया है कि किसी विद्रोह को आप कुचलकर नहीं जीत सकते हैं। डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में बलूच विद्रोह का सबसे ताजा दौर साल 2003 में शुरू हुआ जब पाकिस्तानी सेना के एक सीनियर अधिकारी ने बलूचिस्तान में एक बलूच महिला के साथ क्रूर बलात्कार किया। इसके बाद से बलूचों का विद्रोह आज तक खत्म करने में सरकार नाकाम रही है। उस दौरान बलूच नेता नवाब अकबर बुगती और तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ के बीच गतिरोध तब और बढ़ गया, जब 2005 में कोहलू के पास मुशर्रफ पर रॉकेट से हमला किया गया। 26 अगस्त 2006 को कोहलू के पास एक गुफा में बुगती की पाकिस्तानी सेना ने उस वक्त हत्या कर दी, जब राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ ने ही उन्हें मिलने के लिए इस्लामाबाद बुलाया था और वो उनसे मिलने के लिए बाहर निकले थे। वह सुई से इस्लामाबाद के लिए रवाना होने वाले थे, तभी उनकी हत्या कर दी गई और उसके बाद से बलूचिस्तान का उजाड़ और विशाल इलाका नर्क में तब्दील हो गया है। ये साल 2000 के बाद बलूच विद्रोहियों के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा था। बलूच विद्रोहियों से निपटने में क्यों नाकाम रहा पाकिस्तान? मुहम्मद आमिर राणा ने कहा है कि लेकिन पाकिस्तान में सामूहिक दंड देने पर यकीन किया जाता है, बंदूक की गोली से इंसाफ किया जाता है, महिलाओं से जबरदस्ती की जाती है, दमन को बढ़ावा दिया जाता है और भ्रष्टाचार सबसे आगे रहता है। जबकि पाकिस्तान में विद्रोहियों के पास बाहरी समर्थन होता है, जिसकी वजह से हर अभियान फेल होता है। बलूचिस्तान अभियान भी फेल हो रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने आतंकवाद विरोधी अभियान के बाद विकास और शासन सुधारों को प्राथमिकता दी होती तो बलूचिस्तान में हालात अलग हो सकते थे। रिसर्च में पाया गया है कि विद्रोह को शांत करने के 36 मामले इसलिए फेल हुए क्योंकि सैन्य सफलता के बाद सरकार की वैधता स्थापित नहीं की गई और शिकायतों का समाधान नहीं किया गया। इसके अलावा लोकतंत्र को कुचल दिया गया और लोकतांत्रिक शासन नहीं अपनाया गया। और पाकिस्तान भी यही कर रहा है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10