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पाकिस्तान के भिखरियों ने भीख मांगकर खरीद ली हवेली से लेकर SUV, , विदेश तक फैला नेटवर्क

नई दिल्ली पाकिस्तान में भीख मांगना कारोबार बन गया है। काफी लोग भीख मांगकर आलिशान जीवन जी रहे हैं। यह स्थिति तब है जब पाकिस्तान कर्ज के तले दबा हुआ है और उधार के पैसों से चल रहा है। पाकिस्तान को हाल ही में आईएमएफ से बेलआउट पैकेज मिला है। पाकिस्तान के भिखारियों की यह स्थिति है कि काफी लोग दुनिया के दूसरे देशों में भी जाकर भीख मांग रहे हैं। वहीं पाकिस्तान ने भी इस बात को मान लिया है कि उसके देश में भिखारियों की संख्या बढ़ रही है। इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में बताया गया कि साल 2024 से अब तक 5000 से ज्यादा पाकिस्तानी भिखारियों को अलग-अलग देशों से वापस भेजा गया है। पाकिस्तानी भिखारियों के पास हवेली, SUV बता दें, इस साल फरवरी के महीने में एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पेशे से एक डॉक्टर महिला ने दावा किया था कि उसकी शादी के कुछ महीने बाद उसे पता चला कि उसके ससुराल में हवेली, एसयूवी, स्विमिंग पूल और दूसरे आलीशान सामान भीख के पैसों से खरीदा गया था. इसलिए उसकी शादी एक शाही भिखारी परिवार में हुई है. इसमें सबसे खास बात ये है कि पाकिस्तान में दो तरह के भिखारी पाए जाते हैं. पाकिस्तान में दो तरह के भिखारी एक वो जो वहीं पर भीख मांगकर अपना गुजारा करते हैं जबकि दूसरे भिखारी वो हैं जिनके बड़े सपने होते हैं. वो ऐसे भिखारी होते हैं जो पाकिस्तान को छोड़कर दूसरे देशों में भीख मांगने जाते हैं. वहां पर वो भीख मांगकर काफी पैसे कमा लेते हैं. उनका ये सारा कारोबार एक मॉडल पर चलता है. जिस तरह से आपको कोई भी कारोबार शुरू करने के लिए स्किल्स की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह से पाकिस्तान में भिखारियों ने इस पेशे को अपने भीख मांगने के स्किल्स के साथ चला रहे हैं. ये भीख मांगते समय खास तरह की ड्रेस पहनते हैं, ये आपको अलग-अलग लुक में नजर आएंगे, ताकि सामने वाले लोगों का ध्यान खींचा जा सके. सऊदी अरब के बाद इराक ने सबसे ज्यादा 247 पाकिस्तानियों को वापस भेजा. यूएई ने पाकिस्तान सरकार के सामने गंभीर चिंता जताई और पाकिस्तानियों के लिए वीजा नियमों को कड़ा किया. इस दौरान 58 लोगों को वापस भेजा गया. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह समस्या खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है, जिससे पाकिस्तानियों के लिए दूसरे देशों से वीजा प्राप्त करना मुश्किल हो गया है. उन्होंने अनुमान लगाया कि पाकिस्तान में करीब 22 मिलियन लोग भीख मांगते हैं, जिससे सालाना करीब 42 बिलियन डॉलर की कमाई होती है. यह आंकड़ा इस समस्या के पैमाने को दिखाता है. 2023 में सीनेट समिति की बैठक के दौरान, तत्कालीन विदेश मंत्रालय सचिव, जुल्फिकार हैदर ने खुलासा किया कि विदेशों में गिरफ्तार किए गए अधिकांश भिखारी लगभग 90 फीसदी पाकिस्तानी नागरिक थे. उन्होंने कहा कि उनमें से कई सऊदी अरब, ईरान और इराक जैसे देशों में तीर्थयात्रा वीजा पर यात्रा करते हैं, लेकिन फिर भीख मांगते हैं. व्यवसाय का नया मॉडल पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने खुलासा किया है कि सबसे ज्यादा 4,498 भिखारियों को सऊदी अरब से वापस भेजा गया था. ऐसे में जब सब कुछ सामने आ चुका है तो सवाल ये उठता है कि, पाकिस्तान अब भारत के रक्षा मंत्री के उस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देगा, जिसमें उन्होंने ये कहा था कि “जहां भी पाकिस्तान खड़ा होता है, भिखारियों की कतार वहीं से शुरू होती है. भीख मांगकर बनाई हवेली फरवरी में एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें एक पाकिस्तानी महिला ने बताया कि शादी के कुछ महीनों बाद उसे पता चला कि उसके ससुराल वालों की हवेली, एसयूवी, स्विमिंग पूल और दूसरी लग्जरी चीजें भीख मांगकर खरीदी गई हैं। यह पाकिस्तानी महिला पेशे से डॉक्टर है। उसकी शादी भिखारियों के एक अमीर परिवार में हुई थी। भीख मांगकर कमाई बेशुमार दौलत पाकिस्तानी भिखारियों ने भीख मांगकर बेशुमार दौलत कमाई है। यही नहीं, कई पाकिस्तानी भिखारी विदेश चले गए और वहां भी उन्होंने भीख मांगी। ऐसे में उन्होंने और ज्यादा दौलत इकट्ठी की ली। उनका यह बिजनेस मॉडल लोगों को हैरान कर रहा है। वहीं पिछले 3 सालों में 50 हजार पाकिस्तानी दुनिया भर के देशों में भीख मांगते पाए गए। किन-किन देशों से भेजे गए भिखारी? पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को सौंपे गए एक लिखित बयान के अनुसार साल 2024 से अब तक कुल 5,402 पाकिस्तानी भिखारियों को विदेश से खदेड़ा गया है। सऊदी अरब, इराक, मलेशिया, यूएई, कतर और ओमान जैसे कई देश शामिल हैं, जहां से पाकिस्तानी भिखारियों को पकड़कर भगाया गया है। ज्यादातर भिखारी सऊदी अरब से वापस भेजे गए हैं। सऊदी अरब से 4,498 और इराक से 242 भिखारी वापस पाकिस्तान भेजे गए। इसी तरह मलेशिया से 55 और यूएई से 49 पाकिस्तानी भिखारियों को वापस पाक भेजा गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

भिक्षा वृत्ति से मुक्त देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब अन्य शहरों के लिए प्रेरक भूमिका निभाएगा

 इंदौर  भिक्षा वृत्ति से मुक्त देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब अन्य शहरों के लिए प्रेरक भूमिका निभाएगा। इंदौर के इस अभियान की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना के बाद अब सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सात-आठ अप्रैल को देहरादून में आयोजित चिंतन शिविर में इस अभियान का प्रजेंटेशन भी राज्य सरकार देगी, ताकि देश के अन्य प्रदेश भी इस अभियान से प्रेरित हो सकें। इंदौर इस तरह का पहला शहर भी बना जहां भिक्षा लेने और लेने पर प्रकरण दर्ज किया गया। शहर को भिक्षा मुक्त करने में प्रशासन को करीब एक वर्ष का समय लगा है। फरवरी-2024 में शुरू हुए इस अभियान को तीन चरण में चलाया गया। भिक्षा देने और लेने वालों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए। दल ने 825 वयस्क लोगों का रेस्क्यू कर सेवाधाम आश्रम भेजा। भिखारियों को सामान देने पर होगा केस दर्ज करीब 115 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान में रखा। इसी वर्ष दो जनवरी को कलेक्टर ने एक आदेश भी जारी किया था। आदेश के अनुसार जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई भी चीज देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं, तो उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा। इसी कड़ी में अलग-अलग जगहों पर तीन लोगों पर अब तक आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ है। अभियान में भिक्षावृत्ति में लिप्त 172 बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाया जा चुका है। बच्चों के स्वजन को भी रोजगार दिलाया जा रहा है। इसी माह में 50 लोगों को रोजगार दिलाया जाएगा। एक हजार रुपये का इनाम अभियान के तहत प्रशासन ने नवाचार भी किया। इसमें भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों की सूचना देने पर एक हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा हुई। प्रशासन अब तक 28 लोगों को एक हजार रुपये की राशि देकर सम्मानित भी कर चुका है। प्रशासन की यह सूचना सोशल मीडिया पर इतनी वायरल हुई कि देशभर से काल आने लगे। इंदौर को भिक्षावृत्ति से मुक्त करना आसान नहीं था इस अभियान में सबसे बड़ी कठिनाई यह थी कि पकड़े जाने पर भिक्षुक खुद को भिक्षुक नहीं मानता था। इसलिए दल ने वीडियो रिकार्डिंग की। दल के सामने यह भी समस्या थी कि रेस्क्यू किए गए भिक्षुकों में से यह छांटना कि कौन भिक्षुक आगे भिक्षावृत्ति छोड़ देगा और कौन यह नहीं छोड़ेगा, किसको अल्पकाल के लिए रखकर छोड़ दिया जाए और किसको सेवा धाम उज्जैन भेजा जाए। अभियान के कारण भिक्षुकों ने समय और जगह दोनों बदल ली। दूसरे राज्यों से आने वाले भिक्षुक समूह में वर्षो से इंदौर में रह रहे थे, उनकी काउंसिलिंग कर वापस भेजना दल के लिए चुनौतीपूर्ण काम था। कई बार टीम के साथ धक्का-मुक्की और छीना-झपटी की कोशिश भी हुई, लेकिन दल ने हर बार समझाइश देकर अपना अभियान जारी रखा। देहरादून में होगा चिंतन शिविर     प्राइम मिनिस्टर अवॉर्ड फार एक्सीलेंस के लिए इस अभियान का नाम भेजा गया है। इसके दो चरण पूरे हो चुके हैं। साथ ही देहरादून में होने वाले चिंतन शिविर में इस प्रोजेक्ट को पूरे देश के सामने रखा जाएगा। – दिनेश मिश्रा, प्रभारी, भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान दूसरे राज्य ले रहे अभियान की जानकारी     अभियान में बेहतर परिणाम आए हैं। इंदौर की राह पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस अभियान को लागू किया गया है। साथ ही अन्य राज्यों से भी अभियान को लेकर जानकारी ली जा रही है। – आरएन बुधोलिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला व बाल विकास विभाग मुहिम से आम लोगों को सीधे जोड़ा     शहरवासियों की जागरूकता के कारण ही अब चौराहों पर पहले की तरह भिक्षुक नजर नहीं आते हैं। पहले भी इस तरह के प्रयास किए गए थे, लेकिन इस बार इस मुहिम से आम लोगों को सीधे जोड़ा। इसके सकारात्मक परिणाम आए। –आशीष सिंह, कलेक्टर इंदौर   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

राजधानी भोपाल में भीख मांगने और देने पर बैन, उल्लंघन करने वालों पर होगी क़ानूनी कार्रवाई

भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भीख मांगना और भीख देना अपराध की श्रेणी में आ गया है. कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसके लिए आदेश जारी किया है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर भीख मांगने और देने दोनों को अपराध की श्रेणी में रखा गया है. यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किया गया है और इसका उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी. भीख मांगने पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया? डीएम द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राजधानी भोपाल में ट्रैफिक सिग्नलों, चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वाले लोग यातायात में बाधा डालते हैं और शासन के आदेशों की अवहेलना करते हैं. इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि भीख मांगने में अन्य राज्यों और शहरों के लोग भी संलग्न रहते हैं, जिनमें से कई का आपराधिक इतिहास होता है. इनमें से कई व्यक्ति नशे और अन्य अवैध गतिविधियों में भी लिप्त पाए गए हैं. इसके अलावा, भीख मांगने की आड़ में कई आपराधिक गिरोह भी सक्रिय हैं, जो इसका फायदा उठाते हैं. ट्रैफिक सिग्नलों पर दुर्घटनाओं का खतरा भीख मांगने का एक और बड़ा खतरा सड़क दुर्घटनाओं से जुड़ा है. अक्सर देखा गया है कि भिक्षुक ट्रैफिक सिग्नलों पर गाड़ियों के बीच आकर भीख मांगते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. भोपाल प्रशासन ने इसे एक सामाजिक बुराई मानते हुए इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है. भीख देने वाले पर भी होगी कार्रवाई भोपाल कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सिर्फ भीख मांगना ही नहीं, बल्कि भिक्षुकों को भिक्षा देना या उनसे कोई सामान खरीदना भी अपराध माना जाएगा. अगर कोई व्यक्ति किसी भिक्षुक को भोजन, पैसे या अन्य चीजें देता है या उनसे कोई सामान खरीदता है, तो इसे भी इस आदेश का उल्लंघन माना जाएगा और उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. भिक्षुओं के लिए आश्रय स्थल की व्यवस्था प्रशासन ने भीख मांगने पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ ही, भिक्षुकों को पुनर्वासित करने के लिए विशेष प्रबंध भी किए हैं. आदेश के अनुसार, कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आश्रय स्थल को भिक्षुक गृह के रूप में आरक्षित किया गया है. प्रशासन का कहना है कि इससे बेघर और बेसहारा भिक्षुकों को रहने के लिए उचित स्थान मिलेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. आदेश का उल्लंघन करने पर होगी सख्त कार्रवाई डीएम कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने यह भी कहा कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और इसे सार्वजनिक प्रचार, समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाएगा. यदि कोई व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी. भीख न देने पर बदतमीजी दरअसल, एक नागरिक ने भीख न देने पर भिखारी द्वारा की गई बदतमीजी की शिकायत की थी। पुलिस ने भिखारी को पकड़ा और पूछताछ की। जमानती धारा होने के कारण उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए भीख मांगने और देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नए आदेश के अनुसार भोपाल की सीमा में कोई भीख नहीं मांग सकता। कोई भी किसी को भीख नहीं दे सकता। यहां तक कि भिखारियों से कोई सामान खरीदना भी मना है। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। प्रशासन चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी करेगा। इससे नियम तोड़ने वालों पर नज़र रखी जा सकेगी। इस नियम के तहत निकाला आदेश यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत लागू किया गया है। इस धारा के तहत प्रशासन को लोगों की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने का अधिकार है। भिक्षावृत्ति करने वालों के लिए पुनर्वास भिखारियों के पुनर्वास के लिए भी व्यवस्था की गई है। कोलार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भिक्षुक गृह बनाया गया है। यहां भिखारियों के रहने, खाने-पीने की व्यवस्था होगी। उन्हें यहां आश्रय दिया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि इससे भिखारियों को भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे एक सम्मानजनक जीवन जी सकेंगे। यह कदम शहर की सुंदरता और सुरक्षा दोनों के लिए जरूरी है। इससे नागरिकों को भीख मांगने वालों से होने वाली परेशानी से भी निजात मिलेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 19