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बिजली चोरी रोकने के लिए चलाई जा रही पारितोषिक योजना में सभी श्रेणी के कर्मचारी योजना में शामिल

भोपाल मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली चोरी की रोकथाम के लिए चलाई जा रही पारितोषिक योजना के तहत बिजली के अवैध उपयोग की सूचना देने पर प्रकरण बनाने एवं राशि वसूली होने पर सूचनाकर्ता को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना के संशोधित प्रावधान के अनुसार 5 प्रतिशत राशि का भुगतान संबंधित सूचनाकर्ता को सूचना सही पाए जाने पर जारी किए गए अंतिम निर्धारण आदेश के तुरंत बाद किया जाएगा। शेष पांच प्रतिशत राशि पूर्ण वसूली उपरांत देय होगी। कंपनी में कार्यरत नियमित कर्मचारी/ संविदा/ आउटसोर्स कर्मचारी को भी सूचनाकर्ता के रूप में शामिल किया गया है। सूचना सही पाए जाने एवं जारी किए गए अंतिम निर्धारण आदेश की पूर्ण वसूली होने पर एक प्रतिशत प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि विभिन्न परिसरों की जांच एवं जांच के बाद बनाये गये पंचनामा के आधार पर आरोपी के विरूद्ध निकाली गयी राशि की वसूली में सभी कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। कंपनी ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ जांच एवं वसूली के कार्य में शामिल बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों को भी परितोषिक योजना के तहत दी जाने वाली 2.5 (ढाई) प्रतिशत प्रोत्साहन राशि को सभी संबंधितों को समान रूप में दिया जाना निर्धारित किया गया है। कंपनी ने कहा है कि अब पारितोषिक योजना की पूरी जानकारी जैसे बिलिंग, भुगतान से संबंधित गतिविधियों को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब सूचनाकर्ता को कंपनी के पोर्टल पर गुप्त रूप से दिए गए प्रारूप में बैंक खाता, पहचान क्र. (आधार अथवा पेन ) देना अनिवार्य कर दिया है। कंपनी द्वारा विद्युत की चोरी के प्रभावी रोकथाम एवं विद्युत के अवैध उपयोग को रोकने के लिए यह योजना चलाई गई है। योजनांतर्गत कोई भी व्यक्ति बिजली के अवैध उपयोग के संबंध में सूचना कंपनी मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय में मुख्य महाप्रबंधक, संचा.संधा/शहर वृत्त कार्यालय के महाप्रबंधकों को लिखित अथवा मोबाईल के साथ ही कंपनी की वेबसाईट portal.pmcz.in पर ऑनलाईन सूचना दे सकते हैं। पोर्टल अथवा उपाय एप पर देनी होगी सूचना कंपनी द्वारा योजना में सूचनाकर्ता को निर्धारित शर्तों के अधीन पारितोषिक देने का प्रावधान है। इस राशि की अधिकतम सीमा नहीं है। वर्तमान में इस व्यवस्था को पूर्ण रूप से ऑनलाइन किया गया है। कंपनी की वेबसाइट portal.mpcz.in पर जाकर informer scheme लिंक पर क्लिक करके, सूचनाकर्ता के द्वारा गुप्त सूचना दर्ज की जा सकती है एवं उपाय ऐप के माध्यम से भी बिजली चोरी की सूचना दी जा सकती है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा सभी नागरिकों के साथ आउटसोर्स कर्मचारियों तथा उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे गुप्त सूचना देकर, पारितोषिक योजना का लाभ उठाकर कंपनी को सहयोग प्रदान अवश्य करें।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 4

सूर्य की किरणों से बिजली बनाने से पर्यावरण सुधार के साथ ही बिल में भी आई कमी, पश्चिम म.प्र. अव्वल

इंदौर सूरज की किरणों से बिजली तैयार कर पर्यावरण सुधार के साथ ही बिजली बिल में कमी करने को लेकर पश्चिम मध्य प्रदेश में अच्छा काम हुआ है. इस 12 फरवरी की स्थिति में वेस्ट एमपी यानी मालवा- निमाड़ में 25 हजार 250 स्थानों पर रूफ टॉप सोलर नेट मीटर यानी सौर ऊर्जा से बिजली तैयार की जा रही है. वेस्ट एमपी में सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा से बिजली इंदौर शहर में 13 हजार 800 स्थानों पर तैयार हो रही है. PM सूर्य घर योजना लागू होने के बाद फरवरी 2024 से फरवरी 2025 के दूसरे सप्ताह तक पश्चिम मध्य प्रदेश में बारह हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं ने सौर ऊर्जा उत्पादन किया है. उच्चदाब और निम्न दाब के उपभोक्ताओं द्वारा अब कुल 25 हजार 250 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है. इन स्थानों में घर, बहुमंजिला इमारत, औद्योगिक परिसर, शासकीय कार्यालय की छतें, नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन की छतें, दुकानों की छतें, शासकीय कार्यालयों के पास की खाली जमीन इत्यादि स्थान, परिसर शामिल हैं. पीएम सूर्य घर योजना लागू होने के बाद पश्चिम मध्यप्रदेश में रूफ टॉप सोलर की कुल उत्पादन क्षमता 220 मेगावॉट से ज्यादा हो गई है. बिजली बिल में बचत, मेरी छत-मेरी बिजली की भावना के साथ ही पर्यावरण सुधार के लिए समर्पण को लेकर वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक उत्साह बना हुआ है. प्रतिदिन रूफ टॉप सोलर के लिए आवेदन बिजली कार्यालय और कंपनी के पोर्टल पर पहुंच रहे हैं. उच्चदाब और निम्न दाब के उपभोक्ताओं द्वारा अब कुल 25250 स्थानों पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। इन स्थानों में घर, बहुमंजिला इमारत, औद्योगिक परिसर, शासकीय कार्यालय की छतें, नगर निगम के कचरा ट्रांसफर स्टेशन की छतें, दुकानों की छतें, शासकीय कार्यालयों के पास की खाली जमीन इत्यादि स्थान, परिसर शामिल हैं। पीएम सूर्यघर योजना लागू होने के बाद पश्चिम मध्य प्रदेश में रूफ टॉप सोलर की कुल उत्पादन क्षमता 220 मेगावॉट से ज्यादा हो गई हैं। बिजली बिल में बचत, मेरी छत-मेरी बिजली की भावना के साथ ही पर्यावरण सुधार के लिए समर्पण को लेकर वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में अत्यधिक उत्साह बना हुआ हैं। प्रतिदिन रूफ टॉप सोलर के लिए आवेदन बिजली कार्यालय, कंपनी के पोर्टल पर पहुंच रहे हैं। कहां कितने स्थानों पर सोलर संयंत्र इंदौर शहर सीमा      13800 उज्जैन जिला              2525 देवास जिला              1525 रतलाम जिला            1060 खरगोन जिला            1050 नीमच जिला               680 मंदसौर जिला             670 बड़वानी जिला            650   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

MP में महंगी होगी बिजली, कंपनियों ने 7% से ज्यादा दर बढ़ाने का दिया प्रस्ताव

जबलपुर  मध्यप्रदेश की विद्युत (बिजली) कंपनियों ने अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 की कुल राजस्व आवश्यकता और उनकी आय में हो रहे भारी भरकम अंतर को पूरा करने के लिए एक बार फिर से जनता के ऊपर बोझ डालने का निर्णय लिया है। जी हां मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों ने आय और व्यव के भारी अंतर का उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ेगा। फिर से जनता पर बोझ डाला जाएगा मध्य प्रदेश की विद्युत कंपनियों की वित्त वर्ष 2025-26 की कुल राजस्व आवश्यकता की बात की जाए तो 58744 करोड रुपए है, जबकि प्रदेश की विद्युत कंपनियों आय 54637 करोड़ रुपए है। ऐसे में 4 हजार करोड़ से ज्यादा के अंतर को पूरा करने या यू कहे कि खर्च और आए में संतुलन बनाने के लिए फिर से जनता पर बोझ डाला जाएगा। रिटायर्ड अभियंता और विद्युत मामलों की जानकार राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस तरह से बिजली कंपनियां सीधे तौर पर जनता पर बोझ डालने की तैयारी कर रही है। कंपनियों को होगी अतिरिक्त आय कंपनियों द्वारा दिए गए प्रस्ताव में घरेलू, कृषि, चार्जिंग स्टेशन, रेलवे, कोयला खदान, औद्योगिक, शॉपिंग मॉल से लेकर मेट्रो, सार्वजनिक जलप्रदाय संयंत्र, सिंचाई व अन्य तमाम कार्यों के लिए ली जाने वाली बिजली की कीमत बढ़ जाएगी। घरेलू उपभोक्ताओं से ही दर वृद्धि के बाद 988 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय बिजली कम्पनियों को होगी, तो गैर घरेलू से 218 करोड़ रुपए और सार्वजनिक जल प्रदाय संयंत्रों और स्ट्रीट लाइट से 104 करोड़, निम्न दाब उद्योगों से 62, कृषि संबंधित गतिविधियों से डेढ़ हजार करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होना है। इसी तरह कोयला खदानें, शॉपिंग मॉल और अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं से बढ़ी हुई दरें वसूलकर 4107 करोड़ रुपए अतिरिक्त हासिल किए जाएंगे।  घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को अभी 151-300 यूनिट के मौजूदा टेरिफ स्लैब का लाभ मिलता है। उसे अब संशोधित कर 150 यूनिट तक ही सीमित किया जाएगा। यानी इससे अधिक बिजली जलाने वाले छोटे उपभोक्ताओं को  भी बिजली की कीमत अधिक चुकानी पड़ेगी। झुग्गी-झोपड़ी में डीटीआर मीटर फिलहाल झुग्गी झोपड़ी समूह के लिए डीटीआर मीटर के माध्यम से जो टैरिफ अभी है उसे तब तक जारी रखा जाएगा जब तक कि घोषित और अघोषित अवैध कॉलोनियों में विद्युतीकरण के साथ सभी उपभोक्ताओं का मीटरीकरण नहीं हो जाता। स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं के लिए सुबह 9 से 5 बजे ऑफ पीक अवधि के दौरान खपत की गई ऊर्जा के लिए सामान्य दर पर 20 फीसदी की टीओडी छूट प्रस्तावित की गई है। इसी तरह रात 10 से सुबह 6 बजे के दौरान टैरिफ की सामान्य दरों पर ही भुगतान करना पड़ेगा। हरित ऊर्जा शुल्क भी वर्ष 2025-26 के लिए दो तरह से प्रस्तावित किया गया है। पहला कार्बन चिन्ह को कम करने और दूसरा ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोतों से बिजली हासिल करने वाले उपभोक्ताओं की श्रेणी में लिया जाएगा। वहीं एचवी-3 टैरिफ के तहत उच्च दाब उपभोक्ताओं को वर्तमान में लागू सभी छूट आगामी वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। इन याचिकाओं के खिलाफ 24 जनवरी तक आपत्तियां प्रस्तुत की जा सकेंगी। टैरिफ में बढ़ोतरी न कर घाटे को रोका रहा राजेंद्र अग्रवाल का मानना है कि विघुत कंपनियो ने बीते वित्त वर्ष 2023-24 का घाटा 4344 करोड बताकर उसे अगले वर्ष यानि 2025-26 में वसूलने का प्रस्ताव किया है, जो कि पूणतः गलत है। उनका यह तक दावा है कि विद्युत कंपनियां जो 4000 करोड़ से ज्यादा का घाटा बता रही है वह घाटा हुआ ही नहीं। उनका मानना है कि विद्युत कंपनियों की आई और व्यय में कहीं भी कोई अंतर नहीं है लेकिन वह पिछले साल के बीते वर्ष के घाटे को पूरा करने के लिए इस तरह से चीज कर रही है। उनका कहना है कि विद्युत वितरण कंपनियों ने चुनाव के समय जनता को लुभाने के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी न करके उस घाटे को रोके रहा और अब जाकर 2 साल बाद जनता से उसे वसूल किया जा रहा है। बिजली की दरों में 7.52 फीसदी का इजाफा जानकारों का मानना है कि, आयोग को पहले वर्ष 2023-24 की सत्यापन याचिका का निराकरण करना चाहिए उसके बाद अगला कदम उठाना चाहिए। नए साल पर प्रदेश के करोडों बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लगने वाला है। विद्युत कंपनियां प्रदेश में बिजली की दरों में 7.52 फीसदी का इजाफा करना चाहती है। जिसके लिए नियामक आयोग के समक्ष सभी विद्युत कंपनियों ने टैरिफ याचिका दायर कर दी है, जिसमें मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तकरीबन 7.52 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। औसतन प्रति यूनिट बड़ा झटका बिजली उपभोक्ताओं को देने की तैयारी है। स्लैब के हिसाब से इस तरह बढ़ोतरी का प्रस्ताव -50 यूनिट तक -वर्तमान दर 4.27/- प्रस्तावित दर 4.59/-(32 पैसे बढ़ोतरी ) 51- 150 यूनिट तक– वर्तमान दर 5.23/- प्रस्तावित दर 5.62/-(39 पैसे बढ़ोतरी ) 150-300 यूनिट तक– वर्तमान दर 6.61/- प्रस्तावित दर 7.11/-(50 पैसे बढ़ोतरी ) 300 यूनिट से ज़्यादा– वर्तमान दर 6.80/- प्रस्तावित दर 7.11/-(31 पैसे बढ़ोतरी ) सबसे ज्यादा मध्यम वर्गीय परिवार को बिजली का झटका देने की तैयारी है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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प्रदेश पर्याप्त बिजली उपलब्धता के साथ आगे बढ़ रहा, उपलब्ध क्षमता 23788 मेगावॉट हुई

भोपाल प्रदेश हर बिजली उपभोक्ता को सतत एवं निर्वाध विद्युत आपूर्ति करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश पर्याप्त बिजली उपलब्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में प्रदेश की रिकार्ड विद्युत उपलब्ध क्षमता 23 हजार 788 मेगावॉट है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कुशल मार्गदर्शन में विभाग लगातार उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण भी कर रहा है। ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि दिसम्बर-2023 से नवंबर-2024 तक कुल 10136 करोड़ यूनिट बिजली दी गई, जो कि विगत वर्ष इस अवधि में प्रदाय की गई बिजली से 1.67 प्रतिशत अधिक है। गत 20 दिसम्बर को इतिहास में आज तक की सर्वाधिक 18913 मेगावॉट बिजली आपूर्ति सफलतापूर्वक की गई। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा ड्रोन की सहायता से लाइनों की पेट्रोलिंग तथा अति उच्च दाव उप केन्द्रों का रिमोट ऑपरेशन किया जा रहा है। प्रदेश के घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को विगत वर्षों की तरह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिये लागू टैरिफ दरों में राहत देने के लिये बिजली कंपनियों को अनुमानित 24 हजार 420 करोड़ 8 लाख रूपये की सब्सिडी देने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। यह सब्सिडी अटल गृह ज्योति योजना, अटल कृषि ज्योति योजना, टैरिफ सब्सिडी और नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना में दी जायेगी। अटल गृह ज्योति योजना में दिसम्बर-23 से नवंबर-24 तक लगभग 5482 करोड़ रूपये की, अटल कृषि योजना में 13042 करोड़ रूपये और नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना में 4710 करोड़ रूपये की राहत दी गई है। अटल गृह ज्योति योजना में प्रति माह एक करोड़ से अधिक, अटल कृषि ज्योति योजना में 26 लाख 59 हजार और नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना में 9 लाख 3 हजार कृषि उपभोक्ता प्रति माह लाभान्वित हो रहे हैं। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी के ताप विद्युत गृहों द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक का सर्वाधिक 28627 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन का नया रिकार्ड बनाया गया है। यह पॉवर जनरेटिंग कंपनी के इतिहास का सर्वाधिक ताप विद्युत उत्पादन है। ताप विद्युत गृहों द्वारा विभिन्न मापदंडों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया। ताप विद्युत गृहों का इस दौरान प्लांट लोड फेक्टर (पीएलएफ) 60.3 प्रतिशत रहा, जो वर्ष 2019-20 के पश्चात् सर्वाधिक है। वित्तीय वर्ष 23-24 के दौरान 13 थर्मल इकाइयों ने लगातार 100 दिनों एवं अधिक सतत् व निर्बाध विद्युत उत्पादन किया, जिनमें से दो इकाइयों ने 200 दिनों से अधिक समय तक विद्युत उत्पादन किया। प्रदेश में बिजली अधोसंरचना का लगातार विकास हो रहा है। वर्तमान में 33 के.वी. लाइंस 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। 33 के.वी. लाइंस वर्ष 2003 में 29 हजार 70 किलोमीटर, वर्ष 2008 में 33 हजार 913 , वर्ष 2011 में 38 हजार 867, वर्ष 2013 में 41 हजार 528, वर्ष 2014 में 43 हजार 910 और वर्ष 2024 में 61 हजार 162 किलोमीटर हो गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में मार्च 2024 तक 3165 किलोमीटर 11 केव्ही लाइन का विस्तार किया गया है। यह क्रम लगातार जारी है। मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई ने 210 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट को लगातार 300 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है। यह विद्युत यूनिट की स्थापना के बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इसी तरह श्री सिंगाजी ताप विद्युत गृह दोंगलिया (एसएसटीपीपी खंडवा) के अभियंताओं और कार्मिकों ने एक बार फिर कमाल दिखाते हुए 660 मेगावाट स्थापित क्षमता की यूनिट नंबर 3 को 200 दिन तक संचालित करने में सफलता हासिल की है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिये अधोसंरचना निर्माण के उल्लेखनीय कार्य किये गये हैं। ट्रांसमिशन व्यवस्था मजबूत करने के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 14 अति उच्चदाब उप केन्द्रों की स्थापना की गई है। साथ ही 26 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर ऊर्जीकृत किये गये हैं। कुल 818.170 सर्किट किलोमीटर अति उच्चदाब लाइन का निर्माण भी किया गया है। यही नहीं 25 अतिरिक्त अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मर की स्थापना एवं 40 अति उच्चदाब पॉवर ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि कर अति उच्चदाब उप केन्द्रों की क्षमता में 4630 एमव्हीए की वृद्धि भी की गई है। किसानों को शीघ्र स्थायी सिंचाई पंप कनेक्शन दिये जाने के उद्देश्य से स्वयं का ट्रांसफार्मर लगाये जाने की योजना लागू की गई है। योजना में किसान स्वयं अथवा समूह में निर्धारित मापदंड के अनुसार ट्रांसफार्मर स्थापित कर सकते हैं। योजना में नवंबर 2024 तक एक लाख 40 हजार 101 ट्रांसफार्मर स्थापित किये जा चुके हैं। प्रदेश में औद्योगिक व उच्च दाब (एचटी) विद्युत उपभोक्ताओं, निम्न दाब (एलटी) औद्योगिक और गैर घरेलू उपभोक्ताओं (जिनका लोड 10 किलोवाट से अधिक है) के लिए नये विद्युत टैरिफ में दिन के समय में (सौर ऊर्जा अवधि के घंटों के दौरान) सुबह 9 से शाम 5 बजे तक की गयी खपत पर ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट तथा शाम 5 से रात्रि10 बजे के दौरान की गयी ऊर्जा खपत पर 20 प्रतिशत का सरचार्ज लागू किया गया है। इससे उपभोक्ताओं को दिन के समय खपत करने पर उनके विद्युत देयकों में कमी आयी है, साथ ही उच्चतम मांग अवधि के दौरान कोयला आधारित विद्युत की मांग पर नियंत्रण हो रहा है। उन्होंने बताया है कि विद्युत वितरण कंपनियों की इस योजना से प्रदेश के कुल 10025 औद्योगिक एवं उच्च दाब उपभोक्ता लाभान्वित हुए हैं। इनको प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा अप्रैल से अब तक 310 करोड़ 66 लाख रूपए का रिबेट प्रदान किया गया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के … Read more