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प्रधानमंत्री मोदी का बिलासपुर दौरा, एनटीपीसी के 800 मेगावाट यूनिट का करेंगे शिलान्यास

बिलासपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के ग्राम मोहभट्ठा में सभा लेंगे। सभा में दो लाख लोगों के आने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को बिलासपुर जिले के बिल्हा ब्लॉक के ग्राम मोहभट्ठा में सभा लेंगे। इस दौरान वे एनटीपीसी के 800 मेगावाट यूनिट का शिलान्यास, रेलवे की बिलासपुर-रायपुर चौथी लाइन के शिलान्यास सहित विभिन्न विकास योजनाओं का भूमिपूजन करेंगे। सभा में दो लाख लोगों के आने की संभावना है। करीब 55 एकड़ मैदान में होगा तो बाकी में पार्किंग रहेगी। सभा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 05 हैलीपेड बनाए गए हैं। 09 पार्किंग स्थल हैं। मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए 02 टॉवर लगाए जा रहे हैं। इस सभी का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को सभा स्थल आकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे। 5 डोम, डेढ़ सौ पक्के टॉयलेट बनाए जा रहे रूट चार्ट के अनुसार अलग-अलग रूट के लिए पार्किंग की कलर कोडिंग कर जिलेवार आरक्षित रखे गए हैं। सभास्थल में पांच डोम खड़े किए जा रहे हैं। सभी डोम मिलाकर 120 सेक्टर मेें लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। प्रत्येक सेक्टर में एक से डेढ़ हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। उनके पानी, नाश्ता, दवा और साफ-सफाई से जुड़े लगभग 7 कर्मचारी सहयोग करेंगे। लोग 4-5 घंटे तक सभास्थल पर ठहरेंगे, इसलिए लगभग डेढ़ सौ पक्का टॉयलेट भी निर्मित किए जा रहे हैं। 25 मार्च के बाद सभास्थल की ब्रांडिंग एवं फिनिशिंग का कार्य किया जाएगा। एसएसपी रजनेश सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था का ब्यौरा दिया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

कोरोना संक्रमण से पैरोल, प्रदेशभर की जेलों से लापता हैं 70 बंदी

रायपुर रायपुर सेंट्रल जेल से सात ऐसे बंदी हैं, जो पैरोल पर छूटने के बाद वापस नहीं लौटे। एक बंदी दिसंबर 2002 से गायब हैं। इनमें अधिकतर बंदी हत्या के प्रकरण में जेल में बंद थे। जेल और पुलिस प्रशासन ने इन बंदियों की कई बार तलाश की, लेकिन अब तक उनका कोई पता नहीं चला। प्रदेशभर में ऐसे बंदियों की संख्या करीब 70 है। अब जेल प्रशासन इन बंदियों की वापसी की राह ताक रहा है। सूचना के अधिकार के तहत रायपुर जेल के वारंट अधिकारी ने सात बंदियों के पेरोल पर छोड़े जाने के बाद से नहीं लौटने की जानकारी दी है। इसके अनुसार हत्या के केस में बंद शिवकुमार उर्फ मुन्ना पांच दिसंबर 2002, गणेश देवांगन 23 जुलाई 2008, संजीत उर्फ सुजीत आठ सितंबर 2010, कृष्ण कुमार 31 अगस्त 2013, राजीव कुमार दो अप्रैल 2020, रूपेंद्र साहू 21 नवंबर 2022 और नरेंद्र श्रीवास 18 जनवरी 2024 से पेरोल पर जेल से छोड़े गए थे। हाई कोर्ट ने दिखाई सख्ती जेल मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले महीने हाई कोर्ट में पैरोल पर गए कैदियों की वापसी न होने के मामले में मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डबल बेंच ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई थी। मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी जेल से ताजा रिपोर्ट शपथ पत्र के जरिए पेश करने को कहा था। इसके बाद डीजी जेल की ओर से हाई कोर्ट को जानकारी दी गई कि प्रदेश के पांच सेंट्रल जेलों ने 83 कैदी पैरोल से नहीं लौटे थे, जिनमें 10 को गिरफ्तार कर लिया गया और तीन की मृत्यु हो गई थी। अभी भी प्रदेश भर के जेलों से करीब 70 बंदी पैरोल से छूटने के बाद वापस नहीं लौटे हैं। बिलासपुर जेल में भी 22 बंदी नहीं लौटे केंद्रीय जेल बिलासपुर से पैरोल पर गए 22 बंदी लौटे ही नहीं। उनके स्वजन को बार-बार सूचना देने के बाद भी जब बंदी नहीं लौटे, तो जेल प्रबंधन ने संबंधित थानों को फरार बंदियों की जानकारी दी है। प्रबंधन की मानें, तो थानों में उनके फरार होने की एफआईआर दर्ज कराई गई है। सजायाफ्ता बंदियों के वापस जेल नहीं पहुंचने पर जेल प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। बिलासपुर के जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी ने बताया कि न्यायालय के निर्देश पर बंदियों को एक निर्धारित अवधि के बाद पैरोल के बाद वापस जेल लौटना होता है। अधिकांश बंदी लौट भी आते हैं। मगर, 22 बंदी ऐसे हैं जो जेल से बाहर तो निकले, लेकिन वापस लौटकर नहीं आए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए दी गई पैरोल कोरोना महामारी के दौरान फैलते संक्रमण को देखते हुए जेल प्रशासन ने अच्छे चाल-चलन वाले बंदियों को पैरोल पर भेजा था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौरान पैरोल की अवधि कई बार बढ़ाई गई थी। नहीं लौटने वालों में इनकी ही संख्या अधिक है। छत्तीसगढ़ में कुल पांच सेंट्रल जेल रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर और अंबिकापुर में हैं। इसके अलावा 12 जिला और 16 उप जेल हैं। केंद्रीय जेलों के अलावा इन जेलों में भी बंदियों को राहत दी गई थी। बंदियों को अंतरिम जमानत पर छोड़ा गया था। इनकी संख्या और वापसी की पुख्ता जानकारी नहीं है। जानकार बताते हैं कि अंतरिम जमानत पर जेल के बाहर गए ज्यादातर बंदियों ने कोर्ट से अपनी जमानत करवा ली है। ऐसे में इन बंदियों की निश्चित संख्या की जानकारी जेल प्रबंधन के पास भी नहीं है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 26

हर साल प्रदेश में बंद पड़ी खदानों में डूबने से हो जाती है 50 लोगो की मौतें

रायपुर जिले में छह वर्षों में 300 से अधिक लोगों की मौत बंद पड़ी खदानों में डूबने से हुई है। ये आंकड़े जिला आपदा प्रबंधन से मिले हैं। खदान में डूबने से हर साल औसतन 50 से अधिक लोगों की जान चली जाती है। इसी तरह आगजनी और सर्पदंश से मौतों का आंकड़ा दूसरे नंबर पर है। जिले में आगजनी और सर्पदंश से भी हर वर्ष औसतन 20 से 25 लोगों की मौत हो जाती है। पिछले 11 महीनों में प्राकृतिक आपदा से मृत्यु के 191 प्रकरण हैं, जिनमें मृतक के स्वजनों को सात करोड़ 52 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई है। साल 2014 से 2024 तक लंबित प्रकरणों में भी मृतकों के स्वजनों को सहायता राशि दी गई है। चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्राकृति आपदा से मृत्यु होने पर मृतकों के स्वजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जाती है। इस राशि से मृतक के स्वजनों को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने में बड़ी मदद मिलती है। इसमें पानी में डूबने के अलावा बिच्छूदंश, आकाशीय बिजली गिरने, भारी बारिश होने से पेड़ व मकान गिरने, खदान धसकने जैसी घटनाएं भी शामिल हैं। हालांकि, ऐसी घटनाओं से मौतों की संख्या बंद खदानों में डूबने, आगजनी और सर्पदंश से मृत्यु की तुलना में बहुत कम हैं। आर्थिक सहायता से होगा लाभ प्राकृतिक आपदा से जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें ऐसे कई ऐसे थे जिनकी आय से ही परिवार का जीवन-यापन निर्भर था। ऐसे में उनकी मृत्यु से परिवार में आय के साधन भी बंद हो गए थे। इस सहायता राशि से मृतक के परिवार अब कोई व्यवसाय या अन्य किसी काम में लगा पाएंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इनका कहना प्राकृतिक आपदा से मृत्यु के 191 प्रकरणों में सहायता राशि की स्वीकृति दी गई है। मृतकों के स्वजनों को सात करोड़ 52 लाख रुपये बांटे गए हैं। ऐसे प्रकरणों में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. गौरव सिंह, कलेक्टर, रायपुर Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 25