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बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों की ढील कड़ी से पंप रहा साइबर ठगी का मकड़ जाल

भोपाल  साइबर ठगी के जाल में लोग हर पल फंस रहे हैं। ऑनलाइन बिजली का बिल भरने से लेकर होटल की बुकिंग तक में साइबर ठगों का जाल फैला हुआ है। जांच में सामने आया है कि ठगी का यह जाल बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों की ढील से फैल रहा है, क्योंकि बैंक नियमों को ताक में रखकर बिना सत्यापन किए ही खाते खोल रहे हैं। साथ ही एसटीआर की जांच भी नहीं हो रही है। टेलीकॉम कंपनियां भी बिना संपूर्ण सत्यापन के सिम जारी कर रही हैं। खाते और नंबर के इन्हीं हथियारों का फायदा उठाकर ठग वारदात करते हैं। वहीं लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस भी संख्या बल की कमी से जूझ रही है। बीते एक साल में ऐसे केस में 93 गिरफ्तारियां हुईं बीते एक वर्ष में भोपाल साइबर क्राइम सेल में साढ़े पांच हजार से अधिक शिकायतें पहुंची हैं। इनमें महज 61 एफआईआर ही दर्ज की गई हैं और इन मामलों में 93 गिरफ्तारियां हुई हैं। जिस सेल में रोजाना करीब 30 शिकायतें पहुंच रही हैं, वहां तीन महीने से एक भी इंस्पेक्टर नहीं है। जिन चुनिंदा मामलों में पुलिस हस्तक्षेप कर अपराधियों को पकड़ने का प्रयास करती है, उनमें क्राइम ब्रांच के ही इंस्पेक्टरों को कमान सौंप दी जाती है। बैंक और टेलीकॉम कंपनियों की चूक बैंक : कई निजी बैंकों के कर्मचारी लक्ष्य पूरा करने के लिए बिना केवाईसी और फिजिकल वेरीफिकेशन के खाते खुलवा देते हैं, जबकि आरबीआई की एडवाइजरी के अनुसार ई-केवाईसी आवश्यक है। ठगी के लिए उपयोग किए जाने वाले फर्जी बैंक खातों के लेनदेन के लिए आरबीआई ने एसटीआर (सस्पीशियस ट्रांजेक्शन रिपोर्ट) की व्यवस्था शुरू की है। यदि बैंक खातों में अचानक बढ़ते हुए लेन-देन की जानकारी पुलिस से साझा की जाए तो इस पर भी लगाम लगाई जा सकती है। फर्जी दस्तावेजों पर बैंक खाते खुलवाने का एक बड़ा मामला हाल ही में भोपाल में सामने आया था, जहां एक गिरोह दो साल से देशभर में 1800 से अधिक खाते खुलवा चुका था। उसे भोपाल पुलिस ने पकड़ा था। टेलीकॉम कंपनी : साइबर अपराध की पहली कड़ी फोन काल से ही जुड़ी है। टेलीकॉम कंपनियां बिना पुख्ता सत्यापन के सिमें उपलब्ध कराती हैं। इन्हीं सिमों का उपयोग कर लोग ठगी को अंजाम देते हैं। फर्जी तरीके से सिमों की खरीदी बंद होने से अपराध में आएगी कमी     साइबर अपराध रोकने के लिए बैंकों और टेलीकॉम कंपनियों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यदि फर्जी तरीके से सिमों की खरीदी बंद हो और बैंक भी लेनदेन की जानकारी उपलब्ध कराएं तो अपराध में निश्चित ही कमी आएगी। हमारे पास पुलिस बल सीमित हैं। एक दिसंबर से थानों में साइबर डेस्क शुरू होगी तो साइबर क्राइम सेल का भार कम हो सकेगा। हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस आयुक्त   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 31

इंदौर में महिला कारोबारी से ₹1.60 करोड़ की ठगी, मनी लांड्रिग में फंसाने का झांसा देकर दिया लूट को अंजाम

इंदौर देशभर में साइबर ठगों ने जाल बिछा दिया है। रोज नए तरीकों से लोगों की मेहनत के कमाई लूट रहे हैं। इंदौर में महिला कारोबारी Cyber ​​Fraud का शिकार हो गईं। जालसाजों ने महिला को ऑनलाइन फोन कर ED और CBI अफसर बनकर डराया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। बैंक अकाउंट्स की जानकारी ली। रुपयों के वैरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर 1.60 करोड़ रुपए खाते से पार कर दिए। ठगी होने के बाद महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई है। ठगों ने कैसे महिला कारोबारी को बनाया निशाना जानकारी के मुताबिक, शेयर एंड कमोडिटी का कारोबार करने वालीं वंदना (40) पति राजीव गुप्ता के पास 9, 10 और 11 नवंबर को वीडियो कॉल आया। फोन करने वाले ने ईडी अफसर बनकर बात की और कहा कि तुम्हारे खातों में अवैध ट्रांजेक्शन हुए हैं। उनके खाते में काले धन की जानकारी मिली है। उनके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का प्रकरण दर्ज हुआ है। CBI ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी गई है। एफडी तुड़वाकर खातों में ट्रांसफर किए पैसे ठगों ने इसके बाद वंदना से वैरिफिकेशन के नाम पर बैंक खातों, कारोबार और आईडी कार्ड की जानकारी ली। ठगों ने जेल भेजने की धमकी देकर वंदना से एफडी तुड़वाकर एक करोड़ 60 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए। इसके लिए ठगों ने तीन दिन वंदना को डिजिटल अरेस्ट रखा। बाद में वंदना से गोल्ड लोन के नाम पर संपर्क कर रुपए देने का दबाव बनाते रहे। ठगी की शंका होने पर वंदना ने नेशनल साइबर क्राइम हेल्प लाइन पर शिकायत की तो मामले का खुलासा हुआ। जागरूक नहीं थीं वंदना टीआई सुरेंद्र वास्कले ने महिला से पूछा कि डिजिटल अरेस्ट के मामले मीडिया में इतने आ रहे, फिर कैसे फंस गए? इस पर महिला वंदना ने कहा कि वे जागरूक नहीं थीं। फिलहाल साइबर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बता दें कि तीन महीने में डिजिटल अरेस्ट का यह 65वां मामला है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 17

Cyber धोखाधड़ी का सबसे अधिक झांसा निवेश पर मोटे मुनाफे के नाम पर, नौकरी प्रस्ताव और आसान लोन के नाम पर भी फंस रहे

भोपाल साइबर ठगों ने इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग कर जालसाजी का ऐसा ताना-बाना बुना है कि बैंकिंग, डिजिटल पेमेंट कंपनियां और पुलिस एजेंसियां उलझ कर रह गई हैं। साइबर क्राइम सेल में दर्ज अपराधों के विश्लेषण से सामने आया है कि ठगी का हर पांचवा मामला यूपीआई से जुड़ा है। यानी ऑनलाइन पेमेंट एप से ठगों के खातों में रकम पहुंची है। इस धोखाधड़ी का सबसे अधिक झांसा निवेश पर मोटे मुनाफे के नाम पर दिया गया है। बढ़ रहा यूपीआई का चलन कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रही दुनिया में डिजिटल पेमेंट अथवा यूपीआई बड़ा जरिया है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के आंकड़े बताते हैं कि एक नवंबर से 21 नवंबर तक 15 लाख 32 हजार 344 करोड़ रुपये का भुगतान यूपीआई के जरिये हुआ है। लेन-देन के इस बेहद लोकप्रिय तरीके को साइबर अपराधियों ने ठगी के लिए इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इसमें हर रोज कोई नया तरीका निकालकर लोगों को लूटा जा रहा है। ऐसे करते हैं ठगी नामी संस्थाओं की ओर से यूपीआई पेमेंट की रिक्वेस्ट डालकर रकम निकलवाने से लेकर यूपीआई ऑटो-पे रिक्वेस्ट जैसे तरीकों से लोगों के खातों में सेंध लगाई जा रही है। इसमें ऑटो पे रिक्वेस्ट सबसे खतरनाक है। इसमें फोन, बिजली, बीमा अथवा फाइनेंस कंपनी के नाम पर ऑटो पे रिक्वेस्ट भेजी जाती है। ठग उस संस्थान का प्रतिनिधि बनकर फोन करके वह रिक्वेस्ट स्वीकार करने को कहता है। वह बताता है कि ऐसा करने से आपको बार-बार भुगतान की तिथि याद करने की जरूरत नही पड़ेगी। आपके खाते से प्रीमियम की रकम अपने आप कट जाएगी और आप विलंब शुल्क से बच जाएंगे। लेकिन इसको स्वीकार करते ही आपके खाते की रकम ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाती है। ये ठग इसी तरह शेयर बाजार में निवेश, आसान लोन और सस्ती दरों पर खरीद-फरोख्त जैसे लुभावने प्रस्ताव देते हुए लिंक भेजकर खाते खाली कर रहे हैं। भोपाल साइबर क्राइम सेल में इस वर्ष 42 प्रकार की कुल पांच हजार 463 शिकायतें पहुंची हैं। इनमें से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ साइबर ठगी से जुड़े हैं। इसमें भी हर पांचवां मामला यूपीआई से संबंधित है। यानि ठगी के लिए डिजिटल भुगतान के किसी न किसी एप का उपयोग किया गया है। इन दस तरीकों से ठगी के सर्वाधिक मामले   इंटरनेट मीडिया उत्पीड़न 1186 21 प्रतिशत यूपीआई 1067 19.5 प्रतिशत डेबिट/क्रेडिट कार्ड 572 10.47 प्रतिशत ऑनलाइन खरीदफरोख्त 361 6.6 प्रतिशत टास्क 287 5.5 प्रतिशत लोन एप 242 4.43 प्रतिशत निवेश प्रस्ताव 238 4.37 प्रतिशत नौकरी प्रस्ताव 175 3.20 प्रतिशत ऑनलाइन लिंक 138 2.53 प्रतिशत मिरर एप 104 1.90 प्रतिशत   बचाव के लिए यह करें साइबर एक्सपर्ट प्रथमेश कापड़े के मुताबिक यूपीआई से ठगी केवल उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी के चलते होती है। इससे बचने के लिए यूपीआई पर भेजी गई ऐसी किसी भी रिक्वेस्ट को स्वीकार न करें। बिल पेमेंट के लिए ऑटो-पे की सुविधा शुरू करना है तो उसके लिए यूपीआई एप्स में अलग से व्यवस्था दी गई है। कंपनियों के प्रतिनिधि कभी भी फोन कर इस सुविधा को शुरू करने का दबाव नहीं बनाते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी की गठित

नईदिल्ली पिछले कई दिनों से आ रही डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से जुड़ी घटनाओं को देखते हुए, सरकार ने इससे निपटने के लिए बड़ा कदम उठाया है. डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी गठित की है. MHA इंटरनल सिक्योरिटी के सेक्रेटरी इस कमेटी को मॉनीटर कर रहे हैं, इसके लिए स्पेशल कैंपेन चलाया जाएगा. MHA के I4C विंग ने सभी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया है. सूत्रों के मुताबिक, डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर तत्काल एक्शन के निर्देश दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, इस साल डिजिटल अरेस्ट की 6000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं.  6 लाख मोबाइल फोन साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं में शामिल रहे हैं, जिसके MHA साइबर विंग के द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है. विंग ने अब तक 709 मोबाइल ऐप भी ब्लॉक किए हैं. इसके साथ ही साइबर फ्रॉड में शामिल 1 लाख 10 हजार IMEIs ब्लॉक किए गए और 3.25 लाख फेक बैंक एकाउंट फ्रीज किए गए हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' प्रोग्राम में डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड की घटनाओं को लेकर लोगों को जागरूक किया था. डिजिटल अरेस्ट क्या है? डिजिटल अरेस्ट साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है, जिसमें जालसाज कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल पर लोगों को धमकाते हैं और गिरफ्तारी के झूठे बहाने से उन्हें डिजिटल रूप से बंधक बना लेते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (CERT-In) ने एक लिस्ट शेयर की, जिसमें देश के अंदर जालसाजों द्वारा ऑनलाइन धोखाधड़ी करने के एक दर्जन से ज्यादा तरीकों के बारे में बताया गया है. इसमें लोगों के पैसे और पर्सनल डेटा चुराकर उन्हें ठगने के लिए “डिजिटल अरेस्ट” भी शामिल है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

30 हजार भारतीय को नौकरी को झांसा देकर और पासपोर्ट जब्त कर जबरदस्ती साइबर ठगी के काम में लगाया गया -रिपोर्ट्स

नईदिल्ली साइबर ठग को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है, जहां दूरिस्ट वीजा पर गए करीब 30 हजार भारतीय वापस नहीं लौटे हैं. आशंका जताई जा रही है कि इन लोगों से साइबर गुलाम बनाया है और इन पर दबाव बनाकर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है. गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली आप्रवासन ब्यूरो (BoI) ने एक डेटा तैयार किया और उसमें इसकी जानकारी मिली है कि कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और वियतनाम में विजिटर वीजा पर जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच 73,138 यात्री भारत से यात्रा पर गए थे. इतने हजार लोग वापस लौटे नहीं इसमें से 29,466 भारतीय अभी तक वापस लौटे नहीं हैं. इसमें 20-39 आयु वर्ग के लोगों की संख्या करीब आधी यानी 17,115 है. ये जानकारी इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट से मिली. इसमें 90 परसेंट लोग पुरुष हैं. सबसे ज्यादा इन राज्य से गए लोग भारत वापस ना लौटने वालों में सबसे ज्यादा लोग पंजाब (3,667), महाराष्ट्र (3,233), तमिलनाडु राज्य (3,124) से हैं. अन्य राज्यों से जाने वाले लोगों की संख्या काफी कम है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशंका जताई जा रही है कि इन लोगों पर दबाव बनाया जा रहा है और भारत में रह रहे लोगों के साथ साइबर ठगी करने का दवाब बनाया जा रहा है. इन लोगों को नौकरी का लालच देकर साइबर गुलाम बनाया है.  साइबर गुलामी क्या है? साइबर गुलामी के तहत काम करने वाले लोगों पर दवाब बनाया जाता है. इसमें इंटरनेट पर मौजूद प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को टारगेट किया जाता है. भारतीय होने की वजह से कई लोग हिंदी और स्थानीय भाषा बोल सकते हैं. इस तरह के झांसे में कई लोग फंस जाते हैं, उसके बाद वे अपने लाखों रुपये गंवा देते हैं. राज्यों को वेरिफिरेशन करने का कहा इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि केंद्र सरकार की एक उच्च स्तरीय समिति ने अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सत्यापन करने और इन लोगों की डिटेल्स लेने का निर्देश दिया है. बताते चलें कि हाल ही भारत में साइबर ठग के कई केस सामने आए हैं, जहां लोगों को अलग-अलग झांसे देकर लूटा जा रहा है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40