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2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी बनेगा भारत : IMF

नई दिल्ली इस हफ्ते भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर को लेकर कई उत्साह बढ़ाने वाले अनुमान आए हैं. इन आंकड़ों से ये साफ नजर आ रहा है कि दुनिया की सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत ना केवल सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा, बल्कि काफी बड़े अंतर से भारत ये मुकाम हासिल करेगा. सबसे पहले बात करते हैं IMF के अनुमान की जिसमें कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस साल 7 परसेंट की ग्रोथ दर्ज करेगी. 2025 में भारतीय इकोनॉमी की चाल कुछ सुस्त होकर साढ़े 6 परसेंट पर आ सकती है. IMF की बड़ी रिपोर्ट IMF ने कहा है कि कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था फिर से अपने पुराने रूप में लौटने लगी है. इसके साथ ही, महंगाई को भी काफी हद तक काबू करने की बात इसमें कही गई है. हालांकि, कुछ देशों में अभी भी कीमतों पर दबाव बना हुआ है. इसके बाद S&P Global Market Intelligence की रिपोर्ट की बात करें तो इसमें कहा गया है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 2024-25 में 6.8 फीसदी और 2025-26 में 6.6 परसेंट रह सकती है. इसमें कहा गया है कि कमजोर सरकारी निवेश के बावजूद, भारत की घरेलू मांग, बेहतर मानसून और सरकारी सामाजिक खर्च इकोनॉमी की रफ्तार को बढ़ा रहे हैं. इसके साथ ही, महंगाई में गिरावट और सरकारी नीतियों का समर्थन भी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम करेगा. वहीं RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पाटरा ने 2024-25 में भारतीय जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 परसेंट रहने का अनुमान जताया है. भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण इसके बाद 2025-26 में इसके 7 फीसदी पर आने का अनुमान है, उनका मानना है कि भारत का समय आ गया है और देश अपनी युवा आबादी के चलते तेजी से विकास करेगा. भारत पहले से ही दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और 2030 तक ये तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. इसके पहले आए दूसरी दिग्गज एजेंसियों के भारत की ग्रोथ को लेकर जारी किए गए अनुमानों की बात करें तो वर्ल्ड बैंक ने कृषि उत्पादन, सरकारी खर्च और निजी निवेश में बढ़ोतरी के असर से 2024 के लिए 6.9 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है. वहीं महंगाई में गिरावट और सरकारी सुधारों से अर्थव्यवस्था को हो रहे फायदों के चलते ADB ने 6.8 परसेंट ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है, जबकि गोल्डमैन सैश ने 2024 के लिए 7 परसेंट और ICRA ने 6.9 परसेंट ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है. हालांकि, कोविड-19 के बाद अर्थव्यवस्था में उछाल देखने को मिला है. लेकिन ग्लोबल अनिश्चितताओं और कमजोर बाहरी मांग के असर से इकोनॉमी अभी भी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. इसके बावजूद, भारत की घरेलू मांग, स्थिर तेल की कीमतें और सरकारी निवेश अगले कुछ साल में अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में मदद करेंगे.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 56

ड्रैगन सरकार के कर्ज का रेश्यो 86% पहुंचा, ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा चीन का लोन

नई दिल्ली  चीन की सरकार ने अपनी इकॉनमी में जान फूंकने के लिए अरबों डॉलर के स्टीम्युलस पैकेज की घोषणा की है लेकिन इससे देश का कर्ज संकट हल होता नहीं दिख रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देश चीन का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो साल की पहली तिमाही में 366% के ऑल-टाइम हाई लेवल पर पहुंच चुका है। 2008 के वित्तीय संकट के बाद से यह रेश्यो डबल हो चुका है। नॉन-फाइनेंशियल कॉरपोरेट का रेश्यो सबसे ज्यादा 171% है। इसके बाद सरकार के कर्ज का रेश्यो 86% है। अमेरिका में सरकार का डेट-टु-जीडीपी रेश्यो 125% है। करीब तीन दशक से दुनिया की फैक्ट्री बना चीन अब कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। देश की इकॉनमी डिफ्लेशन के दौर से गुजर रही है। यह वही स्थिति है जिसमें 1990 के दशक से जापान की इकॉनमी फंसी है। अमेरिका के साथ चल रहे तनाव ने चीन की बुरी हालत कर दी है। देश में बेरोजगारी चरम पर है, रियल एस्टेट सेक्टर गहरे संकट में है और लोग पैसा खर्च करने के बजाय बचत करने में लगे हैं। चीन की हालत का असर दूसरे देशों और विदेशी कंपनियों पर भी दिख रहा है। जापान का एक्सपोर्ट कई महीनों में पहली बार गिरा है। इसकी वजह यह है कि चीन में डिमांड में गिरावट आई है। दुनिया के लिए खतरे की घंटी चीन की इकॉनमी डूबी तो इससे पूरा दुनिया की ग्रोथ प्रभावित होगी। हाल में दुनिया की सबसे बड़ी फैशन कंपनी LMVH के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह यह रही कि चीन में कंपनी की बिक्री में गिरावट आई है। इसी तरह दुनिया की कई कंपनियों की ग्रोथ में चीन का बड़ा हाथ है। दुनियाभर के बाजार चीन के माल से पटे हैं। लेकिन जानकारों की मानें तो चीन में 2008 जैसी मंदी के लक्षण दिखने शुरू हो गए हैं। यही वजह है कि चीन में मंदी की आशंका ग्लोबल इकॉनमी के लिए खतरे की घंटी है। इस बीच तीसरी तिमाही में चीन की ग्रोथ डेढ़ साल में सबसे कम रही। नेशनल ब्यूरो को स्टैटिस्टिक्स के जारी आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तिमाही में चीन की इकॉनमी 4.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ी जो पिछली तिमाही में 4.7 परसेंट थी। यह 2023 की शुरुआत से सबसे कम ग्रोथ है। हाल के दिनों में चीन की सरकार ने इकॉनमी में जान फूंकने के लिए कई तरह की घोषणाएं की हैं। इनमें ब्याज दरों में कटौती और घर खरीदने से जुड़े नियमों में ढील शामिल है। लेकिन निवेशकों में इसे लेकर ज्यादा उत्साह नहीं है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 50

नवरात्रि में झूमेंगे बाजार होगा 50 हजार करोड़ से अधिक का व्यापार

मुंबई देश में  नवरात्र का त्योहार प्रारंभ हो गया है। 10 दिन चलने वाले नवरात्रि फेस्टिवल का जहां धार्मिक महत्व है, वहीं इसके चलते जो कारोबार होगा, उससे अर्थव्यवस्था को भी पंख लग जाएंगे। यानी अर्थव्यवस्था में अच्छा खासा उछाल देखने को मिलेगा। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री और दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली सहित देश भर में अगले एक महीने तक त्योहारों की धूम रहेगी। 10 दिन के नवरात्र एवं रामलीला, डांडिया एवं गरबा उत्सवों से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। दिल्ली में ही लगभग 5 हजार करोड़ रुपये के व्यापार होने की उम्मीद है।   खंडेलवाल के मुताबिक, नवरात्रि, रामलीला, गरबा तथा डांडिया जैसे उत्सव, जो हर वर्ष देश भर में दस दिन तक मनाए जाते हैं, इनके चलते इस बार देशभर में व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। एक अनुमान के अनुसार, अगले दस दिनों में देश भर में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होने की संभावना है। अकेले दिल्ली में ही लगभग 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा। इन उत्सवों के दौरान बाजारों में रौनक बढ़ने की उम्मीद है। जहां एक तरफ व्यापारियों को काफी फायदा होगा तो वहीं दूसरी ओर, लाखों लोगों को अस्थायी रोजगार भी मिलेगा। पिछले वर्ष दस दिन का यह व्यापार लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का था। कैट के राष्ट्रीय महामंत्री खंडेलवाल ने बताया कि त्योहारों में खरीदी की विशेष बात यह है कि बिक्री किए जाने वाले अधिकांश उत्पाद, भारतीय ही होंगे। अब लोगों का चीन से बने सामानों से मोहभंग हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर 'वोकल फॉर लोकल' तथा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान ने देश भर में भारतीय सामानों की गुणवत्ता को बढ़ाया है। भारत में बना सामान, अब किसी भी विदेशी सामान से बेहतर है। यही कारण है कि उपभोक्ताओं का रुझान अब भारतीय वस्तुओं की खरीदी पर ही है। देश भर में नवरात्र, रामलीला, गरबा एवं डांडिया जैसे 1 लाख से अधिक छोटे-बड़े कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इनमें विभिन्न प्रकार के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रम शामिल हैं। बड़े पैमाने पर देश भर में भक्ति संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं। इन उत्सवों के जरिए लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होते हैं। नवरात्र के समापन पर विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, करवा चौथ, धनतेरस, दीपावली, भाई दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह के बाद ही त्योहारों की यह श्रृंखला समाप्त होगी। अकेले दिल्ली में छोटी बड़ी लगभग एक हजार से अधिक रामलीलाएं आयोजित की जाती हैं। दुर्गा पूजा के लिए सैकड़ों पंडाल लगते हैं। मूल रूप से गुजरात में होने वाले डांडिया और गरबा के कार्यक्रम बड़े पैमाने पर अब दिल्ली सहित देश भर में आयोजित होने लगे हैं। करोड़ों लोग त्योहारों की खुशियां मनाते हैं। ऐसा माना जाता है कि त्योहार मनाने से घरों में सौभाग्य एवं संपन्नता का वास होता है। खंडेलवाल ने बताया, इस त्योहारों के सीजन में कपड़े एवं परिधान खासकर पारंपरिक परिधान जैसे साड़ी, लहंगा, और कुर्ते की मांग नवरात्र और रामलीला के दौरान काफी बढ़ती है। पूजा और धार्मिक आयोजनों के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं। इसके चलते इस श्रेणी में व्यापार में उछाल देखने को मिलता है। बड़े पैमाने पर पूजा सामग्री की मांग भी होती है। पूजन के लिए आवश्यक वस्तुएं जैसे फल, फूल, नारियल, चुनरी, दीपक, अगरबत्ती और अन्य पूजन सामग्रियों की भारी मांग रहती है। खाद्य एवं मिठाई अन्य वस्तुएं हैं, जिनको त्योहारों के दौरान लोग खरीदते हैं। हलवा, लड्डू, बर्फी और अन्य मिठाइयों की खपत इस दौरान बढ़ जाती है। बड़ी मात्रा में फलों और फूलों की भी मांग रहती है। त्योहारों में घर और पूजा पंडालों को सजाने के लिए साज-सज्जा के सामान, जैसे दीयों, बंदनवार, रंगोली सामग्री और लाइटिंग की मांग बढ़ती है। नवरात्र और रामलीला उत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि व्यापारिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होते हैं। खंडेलवाल ने कहा कि इन दस दिनों में पंडाल बनाने के लिए टेंट हाउस, सजाने के लिए सजावटी कंपनियां आदि को खूब काम मिलता है। इस मौके पर देश भर में बड़ी मात्रा में मेले तथा उत्सव संबंधी हजारों आयोजन होते हैं। इनमें लाखों लोग भाग लेते हैं। खंडेलवाल ने कहा, यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सांस्कृतिक एकता और व्यापारिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 68