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मंत्री के घर पहुंची ED, उत्तर प्रदेश में पूर्व BSP विधायक की जांच, 22 करोड़ बैंक फ्रॉड मामले में एक्शन

चेन्नई प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने तमिलनाडु के मंत्री के. एन. नेहरू के भाई के. एन. रविचंद्रन द्वारा स्थापित एक रियल एस्टेट समूह के खिलाफ जांच के तहत सोमवार को शहर में उसके कई परिसरों पर छापे मारे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। रियल्टी कंपनी ‘टीवीएच ग्रुप’ की स्थापना रविचंद्रन ने की थी। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ‘टीवीएच’ समूह से जुड़ी जांच के तहत परिसरों में छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। रविचंद्रन तमिलनाडु के नगरपालिका प्रशासन, शहरी एवं जल आपूर्ति मंत्री के. एन. नेहरू के भाई हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो 22 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी मामले में यह छापा मारा गया था। इंडियन ओवरसीज बैंक ने ट्रूडम ईपीसी लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। नेहरू के भाई एन रविचंद्रन ट्रूडोम ईपीसी लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। ईडी ने राज्य में कुल 13 ठिकानों पर छापा मारा। इसमें मंत्री केएन नेहरू का त्रिचि स्थित घर भी शामिल था। शुक्रवार को इसी तरह चेन्नई में एएम गोपालन की चिट फंड क्ंपनी श्री गोकुलम चिट फंड के ठिकानों पर छापा मारा गया था। गोकुलम गोपालन मलयालम फिल्म एंपुरान के एक प्रोड्यूसर भी हैं। इस फिल्म में गुजरात दंगों को दिखाया गया था। इसमें कथित तौर पर यह भी दिखाया गया कि दंगों में दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों की क्या भूमिका थी। एंपुरान के डायरेक्टर और ऐक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन को भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस मिला था। उनसे2022 की तीन फिल्मों से होने वाली कमाई की डीटेल मांगी गई थी। बता दें कि एमके स्टालिन ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। परिसीमन और हिंदी भाषा के मुद्दे को लेकर स्टालिन कई राज्यों और पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं। हाल ही में नीट विधेयक को भी केंद्र की तरफ से खारिज कर दिया गया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 10

जॉर्ज सोरोस के संगठनों पर ईडी ने मारे छापे, अडानी-हिंडनबर्ग मामले में खूब उछला था इनका नाम

बेंगलुरु  अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस समर्थित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) और उससे जुड़ी कुछ संस्थाओं के खिलाफ बेंगलुरु में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. दरअसल ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (FEMA) के ‘‘उल्लंघन’’ से संबंधित जांच के सिलसिले में मंगलवार को छापेमारी की कार्रवाई की. सूत्रों ने बताया कि फेमा के तहत ओएसएफ और कुछ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के परिसरों की तलाशी ली जा रही है. उन्होंने कहा कि यह मामला ओएसएफ द्वारा कथित रूप से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त करने और कुछ लाभार्थियों द्वारा फेमा दिशा-निर्देशों का कथित उल्लंघन कर इन निधियों का उपयोग किए जाने से संबंधित है. ईडी की कार्रवाई पर ओएसएफ की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिली है. कौन हैं जॉर्ज सोरोस ज्योजी श्वार्ट्ज उर्फ जॉर्ज सोरोस, हंगरी मूल के मशहूर अमेरिकी कारोबारी हैं. अमेरिका और ब्रिटेन के शेयर बाजारों में जॉर्ज सोरोस एक बड़ा नाम है. सोरोस ने हेज फंड से तगड़ी कमाई की है. साल 1970 में सोरोस फंड मैनेजमेंट की शुरुआत की थी. खास बात है कि जॉर्ज सोरोस को बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने वाला व्यक्ति भी कहा जाता है. क्योंकि, 1992 में उन्होंने ब्रिटिश पाउंड के खिलाफ दांव लगाकर एक ही दिन में 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा की कमाई की थी. विवाद से घिरे रहते जॉर्ज सोरोस जनवरी 2023 में भी जॉर्ज सोरोस का नाम उस वक्त भारत में चर्चा में आया था जब अडानी ग्रुप के शेयरों में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारी बिकवाली हुई थी.  हंगरी-अमेरिकी राजनीतिक कार्यकर्ता सोरोस और उसके संगठन ओएसएफ पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारत के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है. अडानी-हिंडनबर्ग विवाद के दौरान उनके बयानों की भी पार्टी ने आलोचना की थी. बता दें कि जॉर्ज सोरोस फाइनेंशियल समझ के लिए काफी मशहूर हैं. लेकिन, उन्हें अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर करने के लिए भी जाना जाता है. इसके लिए उनकी भारत समेत कई देशों में आलोचना होती रहती है. जॉर्ज सोरोस समर्थित ओएसएफ ने 1999 में भारत में संचालन शुरू किया था. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

Ex Constable Saurabh Sharma के घर 9 दिन से जारी Raid में मिला 93 Crore का खजाना

भोपाल  27 दिसंबर से भोपाल के करोड़पति आरटीओ पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां छापेमारी देश भर में सुर्खियों में रही। उसके घर 9 दिन में बैक टू बैक तीन एजेंसियों ने छापे मारे। इस दौरान धनकुबेर सौरभ के पास 93 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली है। इनमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश से लेकर 23 करोड़ की अन्य संपत्तियों और 6 करोड़ की एफडी शामिल है। इतने खुलासों ने जांच दलों को भी हैरानी में डाल दिया है। उसके यहां ईडी से लेकर लोकायुक्त और आयकर विभाग तीनों कार्रवाई को अंजाम दिया। शर्मा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उसके पास आय से कई गुना अधिक चल अचल संपत्ति मिली है। वह भी मात्र कुछ सालों के काम करने के बाद। छापेमारी का क्रम ऐसा रहा ईडी ने 27 दिसंबर को सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर, शरद जायसवाल और रोहित तिवारी के ठिकानों पर छापे मारे थे। ये सभी लोग सौरभ के काम में मददगार बताए जा रहे हैं। शुरुआती छापेमारी में सौरभ की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। इसके बाद ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाया और उनके परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की। इस दौरान भी कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। ईडी को अब तक शर्मा के परिजनों और दोस्तों के खातों में 4 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा 23 करोड़ रुपये की और संपत्ति भी जांच के घेरे में है। परिवार और दोस्तों के नाम बेनामी संपत्तियां भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में की गई छापेमारी में 6 करोड़ रुपये की एफडी भी मिली हैं। ईडी को शक है कि शर्मा ने अपने परिवार, दोस्तों और कंपनियों के नाम पर कई बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं। ईडी का कहना है कि ये सभी लोग सौरभ के अवैध कारोबार से फायदा उठा रहे थे। या फिर उसके काम में मदद कर रहे थे। इस मामले में अभी जांच जारी है और आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। बता दें सौरभ शर्मा का अब तक लोकायुक्त पता नहीं लगा सकी है। सौरभ शर्मा दुबई में है या भारत में इसको लेकर एजेंसी के अधिकारी ही कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस बीच सौरभ शर्मा के यहां लगातार अलग-अलग एजेंसियों की तलाशी में काली कमाई निकल रही है। जानकारी के अनुसार सौरभ शर्मा के करीबियों की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने उसके ठिकानों पर 19 और 20 दिसंबर को सर्च की थी। इस दौरान सौरभ के भोपाल स्थित घर और कार्यालय से 7.98 करोड़ रुपए की चल संपत्ति बरामद की गई थी। वहीं, आयकर विभाग ने भी एक कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैस जब्त किया था।    लाल डायरी में छिपा है 2000 करोड़ का घोटाला?   पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने दावा किया कि सौरभ शर्मा से जब्त की गई लाल डायरी में नेता और अफसरों के नाम पर 2000 करोड़ रुपए के लेन-देन का हिसाब दर्ज है। इस डायरी में कोड वर्ड्स का इस्तेमाल किया गया है, जिससे नेता और अधिकारियों की पहचान छिपाई गई है।   पटवारी की मांग: केंद्रीय एजेंसी से जांच हो पटवारी ने मांग की है कि लाल डायरी का सत्यापन केंद्रीय एजेंसियों से करवाया जाए। उन्होंने आशंका जताई कि लोकायुक्त पुलिस के पास मौजूद डायरी में छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने इसे सार्वजनिक करने की भी मांग की। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

बेटे के निवास पर भी पड़ा छापा, छत्तीसगढ़-रायपुर में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के घर पर ईडी की दबिश

रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा के धरमपुरा, रायपुर स्थित निवास पर छापा मारा है. ईडी की कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ के जवान घर को घेरे हुए हैं. ईडी की टीम सुबह से ही कांग्रेस नेताओं के घरों पर छापेमारी में जुटी है. इसके पहले सुकमा में कवासी लखमा के बेटे और जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के साथ नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घरों पर ईडी की टीम ने दबिश दी थी. सूचना रायपुर पहुंचने से पहले ही कवासी लखमा के भी घर में ईडी की टीम ने दस्तक दे दी थी. बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों की तैनाती वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेटे हैं। बताया जा रहा है कि शराब घोटाले में ईडी ने कुछ दिन पहले केस दर्ज किया था। शायद उसी मामले में कार्रवाई हो रही है। यह छापेमारी सुकमा और रायपुर में हो रही है। इस छापेमारी को डीएमएफ फंड स्कैम से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि ईडी इस मामले में लंबे समय से कार्रवाई कर रही है। आबकारी घोटाले में कई लोगों जेल में भी हैं। साथ ही बीतते समय के साथ जांच का दायरा भी बढ़ता जा रहा है। ईडी की छापेमारी के बाद जांच का दायरा और बढ़ सकता है। कवासी लखमा छत्तीसगढ़ कांग्रेस के बड़े नेता हैं। वह हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। ED ने शराब घोटाले में दो पूर्व मंत्री पर भी कराई थी FIR छत्तीसगढ़ में शराब और कोयला घोटाले मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों सहित 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई थी। इनमें कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो, शिशुपाल का नाम शामिल हैं। वहीं 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ED ने ट्रिपल A यानी IAS अफसर, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया था। जिसके बाद ACB इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था। FIR में शामिल तथ्यों के आधार पर आपको बताते हैं कि किस तरह नया सिंडिकेट तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया। तत्कालीन आबकारी मंत्री और आयुक्त को मिलते थे 50-50 लाख ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था। चार्जशीट के मुताबिक मंत्री रहे कवासी लखमा और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को 50-50 लाख हर महीने दिए जाते थे। शराब घोटाला मामले में FIR में दर्ज नाम     01. IAS, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)     02. अनवर ढेबर     03. अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)     04. मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड     05. कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)     06. निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)     07. जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)     08. अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)     09. विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)     10. अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     11. प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)     12. रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     13. विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     14. इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)     15. नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)     16. नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     17. मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)     18. सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)     19. दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     20. आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)     21. अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)     22. मोहित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)     23. नीतू नोतानी (उपायुक्त)     24. रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)     25. गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)     26. नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)     27. सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)     28. अरविंद सिंह     29. अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)     30. अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)     31. नवनीत गुप्ता     32. पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)     33 विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू     34. त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)     35. यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)     36. नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर     37. यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर     38. अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड     39. मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड     40. संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड     41. अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड     42. मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड     43. विजय भाटिया, भिलाई     44. अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड     45. मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड     46. मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड     47. मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस     48. सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट     49. बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर     50. मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर     51. अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड     52. उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर     53 मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स     54. लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई     55. विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.     56. दीपक दुआरी     57. दिपेन चावडा     58. मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स     59. मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन     60. मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड     61. सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर     62. अख्तर ढेबर     64. अशोक सिंह     65. सुमीत मलो     66. रवि बजाज     67. विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर     68. अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण     69. अन्य आबकारी … Read more

कई जगहों पर की छापेमारी, छत्तीसगढ़-रायपुर में शराब नीति मामले में ईडी की कार्रवाई

रायपुर. छत्तीसगढ़ और झारखंड में ईडी ने 17 ठिकानों पर छापेमारी की है, यह कार्रवाई कथित शराब घोटाले मामले में की गई है। बताया जा रहा है कि कई बड़े IAS अधिकारियों के खिलाफ भी एक्शन हुआ है। बताया जा रहा है कि ईडी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह और उनके करीबी रिश्तेदारों के ठिकारनों पर रेड डाली। बताया जा रहा है कि ईडी ने कई इनपुट मिलने के बाद अचानक से इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पहले ही छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक केस दर्ज किया था। मामले में विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी। उस शिकायत के लिए रांची के विकास कुमार ने ही आवेदन किया था। ऐसा आरोप है कि इस शराब घोटाले का एपीसेंटर रायपुर रहा है, यही पर आबकारी नीति में फरबदल हुआ था।   शराब घोटाले से जुड़ा है मामला छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के द्वारा शराब नीति में बदलाव कर झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार पर कब्जे को लेकर छत्तीसगढ़ एसीबी में भी एफआईआर दर्ज किया गया था. एफआईआर में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह समेत अन्य अधिकारियों, छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा के साथ साथ झारखंड में शराब की सप्लाई, मैन पावर और होलोग्राम बनाने वाली कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है. अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018, धारा 420, 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. इनपर दर्ज हुई है एफआईआर आईएएस विनय कुमार चौबे, तत्कालीन उत्पाद सचिव, जेएसबीसीएल के एमडी संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य अधिकारी अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग, छत्तीसगढ़ अरूणपति त्रिपाठी, तत्कालीन प्रबंध संचालक, छग स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड अनवर ढेबर, अरविंद सिंह मेसर्स सुमित फैसिलिटी के संचालक विधु गुप्ता, प्रिज्म होलोग्राफी एंड सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड मैन पावर सप्लाई एवं मदिरा सप्लाई करने वाली एजेंसियां एफआईआर में क्या है छत्तीसगढ़ एसीबी में दर्ज एफआईआर में यह बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में शराब कारोबार के जरिए अवैध कमाई करने वाले सिंडिकेट के सदस्य आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढबेर समेत अन्य ने झारखंड में भी अवैध कारोबार करने के उद्देश्य से जनवरी 2022 में विनय कुमार चौबे समेत झारखंड के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर ठेकेदारी प्रथा के स्थान पर छत्तीसगढ़ स्टेट की शराब कंपनी के जरिए शराब बिक्री का नियम बनवाया. इसके लिए दोनों राज्यों के आबकारी विभाग के अधिकारियों की रायपुर में मीटिंग की गई थी. इसके बाद विधानसभा में रिजॉल्यूशन लाया गया. छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के एमडी अरूणपति त्रिपाठी को झारखंड में भी कंसल्टेंट बनाया गया. इसके लिए अरूणपति को 1.25करोड़ का भुगतान भी झारखंड सरकार के द्वारा किया गया. एफआईआर में बताया गया है कि विनय कुमार चौबे, गजेंद्र सिंह ने अनवर ढेबर और उसके सिंडिकेट के सदस्यों को लाभ दिखाने के लिए मदिरा सप्लाई एजेंसी और प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए निविदा शर्त में 100 करोड़ के टर्नओवर की शर्त डाली गई. ऐसे में जहां झारखंड में ठेकेदारी प्रथा शराब कारोबार में लागू थी, यहां की कोई कंपनी निविदा में शामिल नहीं हो पायी. इसी तरह मैनपावर सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसी के लिए 310 दुकानों के लिए ईएमडी राशि 49.67 लाख एवं बैंक गारंटी के रूप में 11.28 करोड़ की राशि निविदा शर्त के तौर पर रखी गई. निविदा में भाग लेने के लिए कंपनियों के लिए शासकीय कार्य में दो साल में चार करोड़ रुपये के काम का अनुभव रखा गया. इस तरह झारखंड में छत्तीसगढ़ की कंपनियों सुमित फैसिलिटी, इगल हंटर सॉल्यूशंस, एटूजेड इंफ्रा को काम दिया गया.इसके बाद इन सभी कंपनियों के मालिकों के द्वारा सिद्धार्थ सिंघानिया को अपनी ओर से मैनपावर सप्लाई का काम दिया गया. सिंघानिया ने नए मैनपावर रखने के बजाय पुराने ठेकेदारों के अधीन शराब दुकानों में काम कर रहे लोगों को ही काम पर रखा. राजस्व का हुआ नुकसान एफआईआर में जिक्र है कि शराब सिंडिकेट की आपराधिक साजिश के कारण झारखंड में साल 2022- 23 में राजस्व का भारी नुकसान हुआ. एसीबी छत्तीसगढ़ में शिकायत मिलने पर की गई आरंभिक जांच में पाया है कि नियम में फेरबदल कर शराब कंपनियों के मालिक से करोड़ों का कमीशन लिया गया. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43