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परंपराओं का सम्मान होना चाहिए: लक्ष्यराज, राजस्थान-उदयपुर के मेवाड़ राजघराने में धूणी दर्शन के बाद अब जुबानी जंग

उदयपुर. विश्वराज सिंह द्वारा भले ही धूणी दर्शन कर लिए गए हो, लेकिन राज परिवार के सदस्यों में अभी भी जुबानी जंग जारी है। विश्वराज सिंह द्वारा बुधवार को प्रशासनिक व्यवस्था के बीच धूणी दर्शन किए गए। इसके बाद दिवंगत महेंद्र सिंह मेवाड़ के छोटे भाई अरविंद सिंह मेवाड़ के पुत्र लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने सब कुछ शांति से संपन्न हो जाने के लिए प्रशासन मीडिया और उदयपुर की जनता का आभार व्यक्त किया। लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि हम कतई नहीं चाहते थे कि किसी भी तरह का विवाद खड़ा हो, लेकिन जिस तरह से हजारों की भीड़ इकट्ठा करके हमारे घर में घुसने की कोशिश की, वह कानून व्यवस्था तोड़ने वाला काम था। सभी को यह समझ लेना चाहिए कि सब कुछ कानून व्यवस्था के साथ होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक व्यक्ति की जिद से पूरे उदयपुर का माहौल बिगड़ा, लोगों के व्यापार व्यवसाय प्रभावित हुए और वह परेशान हुए। यह एक गलत तरीका था। घमंड के घोड़े पर सवार होकर जिद पूरी कराने का सलीखा गलत था। सब कुछ शांति से हो सकता था। विश्वराज सिंह के राजतिलक के सवाल पर लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि सभी की अपनी-अपनी परंपरा होती है और उन परंपराओं का सम्मान होना चाहिए। दूसरी और धूणी के दर्शन के बाद विश्वराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया से चर्चा में कहा कि 2 दिन के विवाद के बाद शांति से दर्शन हुए हैं, तो इसके लिए वे सभी लोग धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने पूरी तनमयिता से मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मुद्दा सिर्फ दर्शन का था, यदि पहले दिन ही बात मान ली जाती तो शायद विवाद इतना नहीं बढ़ता। इस विवाद में यह भी साबित किया है कि शांतिपूर्ण आंदोलन से सब कुछ संभव है। लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ द्वारा जवाबी प्रेस कांफ्रेंस के सवाल पर विश्वास सिंह ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं देना चाहते हैं, बस इतना ही है कि पारिवारिक मुद्दा हो तो चर्चा हो सकती है और बिल की बात हो तो अरविंद सिंह में मेवाड़ से ही चर्चा होगी। विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि दर्शन को लेकर तीन दिन तक चर्चा चली और आखिरकार दर्शन हुए। यह निर्णय पहले दिन ही हो जाना चाहिए था, ताकि किसी को इतनी परेशानी नहीं आती। सिटी पैलेस से हुए पथराव के सवाल पर विश्वास सिंह मेवाड़ ने कहा कि पथराव तो हुआ है, इसका जवाब प्रशासन को देना चाहिए। उदयपुर की जनता को संदेश देते हुए विश्वराज सिंह नेवर ने कहा कि उन्होंने जो भरोसा उनपर जताया उसके लिए वह आभारी है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 25

दीवान की मिली है पदवी, राजस्थान-उदयपुर के मेवाड़ राजपरिवार में एकलिंग नाथ हैं महत्वपूर्ण

उदयपुर. मेवाड़ की जनता और मेवाड़ के राजपरिवार के बीच उदयपुर जिले में स्थित भगवान एकलिंग नाथ को मेवाड़ का आराध्य देव कहा जाता है, यहां पर प्रतिदिन भक्तों की बड़ी भीड़ लगती है और पूजा अर्चना की जाती है। मेवाड़ राज परिवार द्वारा भी प्रमुख अवसरों पर मंदिर में पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर की संपूर्ण देखरेख महाराणा मेवाड़ फाउंडेशन की ओर से की जाती है। मेवाड़ और मेवाड़ राजपरिवार के लिए एकलिंग जी मंदिर का खास महत्व है। यही नहीं मेवाड़ का महाराजा भी एकलिंग नाथ को माना गया है इसीलिए यहां पर अब तक हुए महाराणा को एकलिंग जी का दीवान कहा जाता है। एकलिंगजी के मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में महाराणा बप्पा रावल ने करवाया था। भगवान एकलिंग उदयपुर से लगभग 20 किमी दूर कैलाशपुरी की पहाड़ियों के बीच स्थित है। एकलिंग का भव्य मंदिर होने के साथ ही इसकी वास्तु कला अद्भुत है। महाराणा और राजपूतों के कुल देवता एकलिंग नाथ भगवान महादेव का ही रूप हैं। उनकी प्रतिमा भी शिवलिंग की प्रतीक है। एकलिंग महादेव रूप में मेवाड़ राज्य के महाराणाओं तथा अन्य राजपूतों के कुल देवता हैं। इसी के चलते मेवाड़ रियासत में अब तक जो भी महाराणा बना उन्हें एकलिंगजी का दीवान कहा जाता है। यानी मेवाड़ के असली राजा एकलिंगजी भगवान हैं और जो महाराणा बनेंगे, वे एकलिंग जी के प्रतिनिधि के रूप में शासन करेंगे। एकलिंग जी के दर्शन जरूरी इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा बताते हैं कि मेवाड़ और मेवाड़ राज्य परिवार में कोई भी मांगलिक या अन्य कार्य एकलिंगजी के यहां माथा टेके बिना पूर्ण नहीं होता। रियासत काल में मेवाड़ के राजाओं द्वारा जितने भी युद्ध किए गए हैं, उन्होंने पहले एकलिंग जी के सामने माथा टेका फिर युद्ध में गए और भगवान एकलिंगनाथ के आशीर्वाद से मेवाड़ की ज्यादातर युद्ध में जीत हुई। शिवरात्रि को की जाती है पदयात्रा शिवरात्रि पर्व एकलिंगजी में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पूरे मेवाड़ अंचल से लोग पैदल चलकर एकलिंग नाथ पहुंचते हैं। इसके अलावा श्रवण मास में कावड़ यात्रा भी एकलिंग नाथ पहुंचती है और यहां भगवान का जलाभिषेक किया जाता है। भगवान एकलिंगनाथ का मंदिर पूरे मेवाड़ के लिए आस्था का केंद्र है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13