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छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सल संगठन कमजोर, नक्सल कमांडर और पत्नी ने किया सरेंडर, 5-5 लाख का था इनाम

मोहला मानपुर मोहला मानपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल संगठन के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है और नक्सलियों के कमजोर होने की खबरें लगातार आ रही हैं। मोहला मानपुर जिला पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। यहां माड़ डिविजन के प्रेस टीम के कमांडर पवन तुलावी और उसकी पत्नी पायके ओयाम ने आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों पर 5-5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। कमांडर पवन तुलावी और उसकी पत्नी पायके ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पवन तुलावी, जो अबूझमाड़ के नक्सलियों के प्रेस टीम का कमांडर था, मानपुर ब्लॉक के बस्तर सीमावर्ती ग्राम दोरदे का निवासी है। वहीं उसकी पत्नी पायके ओयाम बीजापुर के भैरमगढ़ की निवासी थी और केंद्रीय कमेटी सदस्य सोनू उर्फ भूपति की सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत थी। यह सरेंडर नक्सलियों के खिलाफ पुलिस की सफलता और कड़ी कार्रवाई का प्रतीक है, जिससे प्रदेश में नक्सलियों के सफाए की उम्मीद जताई जा रही है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

CG Naxal Encounter: बूझमाड़ मुठभेड़ में चार नक्सली ढेर, अत्याधुनिक हथियार बरामद

नारायणपुर दक्षिणी अबूझमाड़ क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने चार वर्दीधारी नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। जवानों को घटनास्थल से एके 47, सेल्फ लोडिंग रायफल (एसएलआर) समेत अत्याधुनिक हथियार भी मिले हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि मुठभेड़ में बड़े कैडर के नक्सली मारे गए हैं। नक्सलियों से लड़ते हुए दंतेवाड़ा जिला डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवान प्रधान आरक्षक सन्नू कारम शहीद हो गए हैं। नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि दक्षिणी अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर शुक्रवार को नारायणपुर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव व बस्तर जिले से स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) व डीआरजी बल को अभियान पर भेजा गया था। जवान नदी–नालों को पार करते जंगल के भीतर कई किमी तक पैदल चलकर पहुंचें थे। नक्सलियों ने जवानों को देखकर गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई है। शनिवार शाम से लेकर अब तक कई बार रुक–रुक कर मुठभेड़ हुई है। जवानों के लौटने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 40

‘गढ़चिरौली जल्द होगा नक्सली प्रभाव से मुक्त’, 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर, सीएम देवेंद्र फडणवीस के सामने डाले हथियार

गढ़चिरौली  महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष सीनियर कैडर विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का समेत कुल 11 नक्सलियों ने  सरेंडर कर दिया. इन सभी नक्सलियों के सिर पर 1.03 करोड़ रुपये का सामूहिक इनाम रखा गया था. ये सभी सुरक्षा कर्मियों पर हमले करने में शामिल थे. सीएम के सामने सरेंडर करने वाले माओवादियों में सबसे प्रमुख दंडकारण्य जोनल कमेटी का सदस्य विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का है. विमला पिछले 38 सालों से नक्सलवादी आंदोलन में शामिल था. सीएम फडणवीस ने नक्सल विरोधी अभियानों में बहादुरी के लिए C-60 कमांडो और अधिकारियों को सम्मानित भी किया. उन्होंने कहा कि हथियार डालने वाले माओवादियों की संख्या में वृद्धि और भर्ती करने में आंदोलन में विफलता को देखते हुए महाराष्ट्र जल्द ही नक्सल खतरे से मुक्त हो जाएगा. उन्होंने कहा, "गढ़चिरौली पुलिस ने जिले में नक्सली गतिविधियों को लगभग खत्म कर दिया है. उत्तरी गढ़चिरौली अब माओवादी गतिविधियों से मुक्त है और दक्षिणी गढ़चिरौली जल्द ही नक्सलियों से मुक्त हो जाएगा." मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में कई खूंखार नक्सलियों को या तो मार गिराया गया या गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि, माओवादी कैडर आंदोलन से खुद को अलग कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इसकी खोखली विचारधारा का एहसास हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "उन्हें यकीन है कि, उन्हें संवैधानिक संस्थाओं के माध्यम से ही न्याय मिलेगा." उन्होंने कहा कि, भारत विकास में बड़ी छलांग लगा रहा है और माओवाद खत्म हो रहा है. इससे एक दिन पहले फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा कि, गढ़चिरौली जिले के दूरदराज के इलाकों में नक्सलियों का प्रभुत्व कम हो रहा है और नक्सलवाद अपने अंत के करीब है. उन्होंने कहा कि सरकार ने माओवादियों के प्रभुत्व को खत्म करके गढ़चिरौली को "पहला जिला" बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि, गढ़चिरौली को अक्सर महाराष्ट्र का आखिरी जिला कहा जाता है क्योंकि यह राज्य की पूर्वी सीमा पर है. फडणवीस ने अपने दौरे के दौरान जिले में 32 किलोमीटर लंबी गट्टा-गरदेवाड़ा-वांगेतुरी सड़क और वांगेतुरी-गरदेवाड़ा-गट्टा-अहेरी मार्ग पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बस सेवा का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गढ़चिरौली सरकार के लिए अंतिम नहीं, बल्कि 'पहला जिला' है. उन्होंने कहा कि, आज उद्घाटन किया गया सड़क संपर्क महाराष्ट्र को सीधे छत्तीसगढ़ से जोड़ेगा. फडणवीस ने नक्सलवाद के खिलाफ उनके काम के लिए गढ़चिरौली पुलिस की सराहना की. उन्होंने कहा कि, लोग अब नक्सलियों का समर्थन नहीं करते हैं. अब कोई भी व्यक्ति गैरकानूनी आंदोलन में शामिल होने को तैयार नहीं है जो "बहुत महत्वपूर्ण" है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने गट्टा-गरदेवाड़ा-तोड़गट्टा-वांगेतुरी सड़क और ताड़गुडा पुल का हवाई निरीक्षण किया. फडणवीस ने कोंसारी में लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड के विभिन्न विभागों का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, "राज्य सरकार पिछले दस सालों से गढ़चिरौली को बदलने की कोशिश कर रही है ताकि आम आदमी को मुख्यधारा में लाया जा सके और इस जिले से नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंका जा सके." उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व और गढ़चिरौली पुलिस और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों की बदौलत पिछले चार सालों में माओवादी गढ़चिरौली में एक भी कैडर की भर्ती करने में विफल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि, खनन से जुड़े उपक्रमों में गढ़चिरौली जिले में 20 हजार रोजगार के अवसर पैदा होंगे. उन्होंने कहा कि, निकट भविष्य में गढ़चिरौली में एक हवाई अड्डा बनेगा और गढ़चिरौली बंदरगाहों को जोड़ने वाले जलमार्गों का भी सर्वेक्षण किया जाएगा. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 38

नक्सल प्रभावित बस्तर में एक नई हवा चलना शुरू, गोलियों की आवाज के बीच बदलाव की शांति

बस्तर  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर में एक नई हवा चलना शुरू हुई है। यहां के अबूझमाड़ के दूर-दराज इलाके में जहाँ कभी गोलियों की तड़तड़ाहट गूंजती थी, अब सीमेंट मिक्सर की आवाज़ सुनाई दे रही है। रेकावया गांव में आज़ादी के बाद पहला स्कूल बन रहा है। यह बदलाव सुरक्षा बलों के आक्रामक अभियान का नतीजा है, जिसमें इस साल 222 माओवादियों को मार गिराया गया है। यहां विकास परियोजनाएं भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। जिससे बस्तर में बिजली, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। सरकार आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों के लिए पुनर्वास नीति में भी बदलाव कर रही है। हालांकि, इस सैन्य अभियान के कारण आम नागरिक भी हिंसा के शिकार हो रहे हैं। माओवादी भी आम लोगों पर हमले कर रहे हैं। शांति वार्ता की संभावना अभी धुंधली है। बस्तर के इस नए अध्याय का नेतृत्व एक आदिवासी मुख्यमंत्री कर रहे हैं, जिससे उम्मीद है कि वे इस क्षेत्र की समस्याओं को बेहतर समझेंगे। गोलियों की आवाज के बीच बदलाव की शांति यह गांव रायपुर से लगभग 300 किलोमीटर दूर अबूझमाड़ के घने जंगलों में स्थित है। गोलियों की आवाज के बीच बदलाव आसान नहीं था। इस साल की शुरुआत में रेकावया में आठ माओवादियों को मार गिराया गया था। इसके बाद ही यहां सुरक्षा शिविर स्थापित किए जा सके और स्कूल के निर्माण के लिए इंद्रावती नदी के रास्ते ईंट और सीमेंट पहुंचाना संभव हो पाया। यह वही स्कूल है, जिसे कभी माओवादी चलाते थे। बस्तर में खुले विकास के रास्ते बस्तर में माओवादियों के खिलाफ यह अभियान केवल रेकावया तक सीमित नहीं है। पूरे बस्तर में सुरक्षा बलों ने 222 माओवादियों को मार गिराया है। यह संख्या पिछले पांच सालों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। विष्णु देव साई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के इस आक्रामक अभियान ने माओवादियों को उनके गढ़ अबूझमाड़ से भी खदेड़ दिया है। इससे बस्तर में विकास के रास्ते खुल गए हैं। बिजली, सड़क और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ अब उन इलाकों तक पहुँच रही हैं, जो कभी माओवादियों के कब्जे में थे। दो दशक पहले बंद हुए 50 स्कूल फिर खुले माओवादी हिंसा के कारण दो दशक पहले बंद हुए लगभग 50 स्कूलों को फिर से खोला गया है। इनमें से कुछ स्कूलों का पुनर्निर्माण उन्हीं माओवादियों ने किया है, जिन्होंने कभी इन्हें तोड़ा था। ये माओवादी अब हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही नई ज़िंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। 222 माओवादियों का सफाया इस साल सुरक्षा बलों की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2023 में जहां 20 माओवादी मारे गए थे, वहीं इस साल अब तक 222 माओवादियों को मार गिराया गया है। नारायणपुर में एक ही अभियान में 31 माओवादी मारे गए थे। खूंखार नक्सली का गांव पर पुनरुत्थान का प्रतीक छत्तीसगढ़ सरकार सुरक्षा बलों की सफलता के बाद विकास परियोजनाओं को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। खूंखार माओवादी कमांडर हिड़मा के पैतृक गांव पुवर्ती, बस्तर के पुनरुत्थान का प्रतीक बन गया है। इस साल नवंबर में पुवर्ती के आस-पास के कई गांवों में आज़ादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है। यहां सड़क का निर्माण भी चल रहा है। इस साल की शुरुआत में स्थापित एक सुरक्षा शिविर ने इस बदलाव में अहम भूमिका निभाई है। इस शिविर की बदौलत इस गणतंत्र दिवस पर दशकों बाद पुवर्ती में तिरंगा फहराया गया। माओवादियों का भी दिल जीत रही सरकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक माओवादियों का सफाया करने का वादा किया है। सरकार न केवल बस्तर के लोगों का बल्कि माओवादी कार्यकर्ताओं का भी दिल जीतने में कामयाब होती दिख रही है। इस साल सात साल में सबसे ज़्यादा 802 माओवादी कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण किया है। इन पर कुल 8.2 करोड़ रुपये से ज़्यादा का इनाम था। इससे पहले 2016 में 1,210 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। सरकार ने हाल ही में अपनी पुनर्वास नीति में बदलाव किया है। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों और नक्सली हिंसा के पीड़ितों के लिए 15,000 घरों को मंजूरी दी गई है। साथ ही, कौशल विकास के लिए 10,000 रुपये प्रति माह का वजीफा भी दिया जाएगा। बस्तर रेंज आईजी का कहना बस्तर रेंज के आईजी पी. सुंदरराज ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया कि 2024 बस्तर रेंज के जवानों के लिए सभी मोर्चों पर महत्वपूर्ण रहा। हमने उन इलाकों में भी सेंध लगाई, जिन्हें माओवादियों का अभेद्य गढ़ माना जाता था। अबूझमाड़ और दक्षिण बस्तर में अभूतपूर्व सफलताओं ने न केवल सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय लोगों को भी उम्मीद दी है कि नक्सली खतरा जल्द ही खत्म हो जाएगा। यह न केवल मारे गए नक्सलियों की संख्या है, बल्कि राज्य समिति स्तर के कैडर जैसे उच्च पदस्थ कैडर का नक्सली पारिस्थितिकी तंत्र से हटना है, जिसने हमें इस सीज़न में बढ़त दिलाई है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण बस्तर, पश्चिम बस्तर और माड़ क्षेत्र के वंचित इलाकों में हमारी परिचालन और विकास पहुंच बढ़ाने से स्थिति बदल गई है। गांवों में पीडीएस दुकानें, आंगनवाड़ी केंद्र और घरेलू विद्युतीकरण जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने से विकास की कमी दूर हुई है और स्थानीय आबादी और सरकार के बीच विश्वास बढ़ा है। हमें आगामी सीज़न में बेहतर परिणामों की उमीद है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन 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