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सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिले की सूची से बालाघाट हुआ बाहर, अब देश मे केवल 6 ज़िलें सर्वाधिक नक्सल प्रभावित

बालाघाट नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ताजा समीक्षा में बालाघाट जिले को बड़ी राहत मिली है। एक समय देश के 12 सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल रहा बालाघाट अब इस सूची से बाहर हो चुका है। हालांकि, जिले को अभी ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ कंसर्न’ की श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब है कि यहां अभी भी सतर्कता की जरूरत है, लेकिन हालात पहले से काफी सुधरे हैं। इस बदलाव की पुष्टि बालाघाट के पुलिस अधीक्षक नगेंद्र सिंह ने की है। एसपी ने दी जानकारी एसपी के मुताबिक, बीते वर्षों में सुरक्षा बलों की सघन कार्रवाई और निरंतर प्रयासों के चलते जिले में नक्सली गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है। नक्सलियों के कई मंसूबों को सुरक्षा बलों ने विफल किया है और अब जिले में नक्सलियों का दबदबा पहले जैसा नहीं रहा। गृह मंत्रालय की हालिया समीक्षा रिपोर्ट में भी यह स्पष्ट हुआ है कि अब देश में 58 की बजाय केवल 38 जिले ही नक्सल प्रभावित हैं। इनमें भी अब केवल 6 जिले ही सर्वाधिक नक्सल प्रभावित की श्रेणी में आते हैं। डिस्ट्रिक्ट ऑफ लिगेसी की श्रेणी में ये जिले मध्य प्रदेश के अन्य दो जिले मंडला और डिंडोरी, जहां पहले नक्सल प्रभाव दर्ज किया गया था, उन्हें अब ‘डिस्ट्रिक्ट ऑफ लिगेसी’ की श्रेणी में रखा गया है। यह श्रेणी उन क्षेत्रों के लिए बनाई गई है जहां पहले नक्सलियों की सक्रियता रही है लेकिन वर्तमान में हालात काफी हद तक सामान्य हो चुके हैं। इन दोनों जिलों को अब निरंतर निगरानी के साथ विकास की मुख्यधारा में लाने के प्रयास तेज किए जाएंगे। पांच साल में नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का यह सकारात्मक परिणाम है। बालाघाट पुलिस ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कैंप स्थापित किए। नक्सल उन्मूलन अभियान चलाए। साथ ही क्षेत्र में सरकारी योजनाओं से विकास कार्य भी हुए। पहले देश में 58 नक्सल प्रभावित जिले थे, जिनमें 12 सर्वाधिक प्रभावित जिलों में बालाघाट भी शामिल था। अब यह संख्या घटकर 38 रह गई है। इनमें केवल 6 जिले सर्वाधिक प्रभावित श्रेणी में हैं। 2020 से फरवरी 2025 के बीच बालाघाट पुलिस ने कई एनकाउंटर में करोड़ों रुपए के इनामी नक्सलियों को मार गिराया। इससे जिले के जंगलों को सुरक्षित आश्रय मानने वाले नक्सलियों में पुलिस का खौफ है। कोर जोन में अब केवल एक दलम सक्रिय है। एसपी नगेन्द्र सिंह के अनुसार, श्रेणी में बदलाव के बावजूद नक्सल उन्मूलन के लिए मिली सुरक्षा कंपनियों के बलों में कोई कमी नहीं होगी। पुलिस का लक्ष्य मार्च 2026 तक जिले से नक्सल गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त करना है, ताकि इस क्षेत्र के लोग मुख्य धारा से जुड़ सकें। उन्होंने बताया कि जिले में नक्सलियों की संख्या में भारी कमी आई है। पहले तीन दलम थे, अब एक दलम रह गया है, जिसमें 8 से 10 नक्सली हैं, जिसे लेकर हम निरंतर प्रभाव बनाए हुए हैं। मीडिया के माध्यम से नक्सलियों से अपील है कि वह प्रदेश की आत्मसमर्पण नीति के तहत, आत्मसमर्पण करें और मुख्य धारा से जुड़ें और यदि वे नहीं आएंगे तो कार्रवाई जारी रहेगी। नक्सल प्रभाव वाले जिलों में गिरावट गृह मंत्रालय की रिपोर्ट यह भी बताती है कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मिलकर अपनाई गई रणनीति, जिसमें सुरक्षा अभियानों के साथ-साथ विकास कार्यों और स्थानीय संवाद शामिल हैं, वास्तव में प्रभावशाली रही है। देशभर में नक्सल प्रभाव वाले जिलों की संख्या 58 से घटकर 38 हो गई है, जो नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने का संकल्प पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि भले ही बालाघाट अब सर्वाधिक प्रभावित जिलों की सूची से बाहर हो गया है, लेकिन पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगी। उनका कहना है कि नक्सलवाद को जिले से पूरी तरह समाप्त करने का अभियान लगातार जारी रहेगा और भविष्य में बालाघाट को किसी भी नक्सली श्रेणी से बाहर करने का लक्ष्य है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 3

नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए

रायपुर छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। गृह विभाग द्वारा 28 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के अनुसार, इस नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिलों में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में विशेष समितियों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। यह नीति, नक्सल हिंसा में पीड़ित हुए व्यक्तियों एवं परिवारों जैसे कि मृत्यु, गंभीर घायल या स्थायी अपंगता के शिकार लोगों के साथ-साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास और राहत के उद्देश्य से तैयार की गई है। जिला स्तर पर गठित की जाएगी पुनर्वास समिति अधिसूचना के अनुसार, प्रत्येक जिले में गठित होने वाली समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे, जबकि पुलिस अधीक्षक को सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अतिरिक्त वनमंडलाधिकारी, जिला पंचायत के सीईओ, कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अन्य अधिकारी तथा सशस्त्र बलों के प्रतिनिधियों को भी समिति में शामिल किया जाएगा। नोडल अधिकारी होंगे नियुक्त प्रत्येक जिले एवं सब-डिविजनल स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी, जिनका मोबाइल नंबर व ई-मेल पता राज्य शासन को प्रेषित किया जाएगा। यह अधिकारी समस्त पुनर्वास कार्यों की निगरानी करेंगे। गृह विभाग ने निर्देशित किया है कि राज्य गठन के उपरांत से अब तक के सभी पीड़ित प्रकरणों को चिन्हित किया जाए और आत्मसमर्पित नक्सलियों का चयन कर राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाए। इस नीति के अंतर्गत एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक पीड़ित एवं आत्मसमर्पित व्यक्ति की जानकारी दर्ज की जाएगी और उन्हें एक यूनिक आईडी प्रदान की जाएगी। संबंधित अधिकारी इस पोर्टल के डैशबोर्ड का नियमित रूप से अवलोकन कर राहत एवं पुनर्वास के कार्यों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। गृह विभाग ने कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि वे इस नीति के अंतर्गत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए राहत एवं पुनर्वास की कार्यवाही को समय सीमा में प्रभावी रूप से पूरा करेंगे। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 3

दंतेवाड़ा-बीजापुर सीमा पर एनकाउंटर, एक महिला नक्सली को सुरक्षाबलों ने मार गिराया

दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से इस वक्त बड़ी खबर सामने आई है। दंतेवाड़ा-बीजापुर बॉर्डर पर जवानों -नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। इस एनकाउंटर में एक महिला नक्सली की मारे जाने की खबर सामने आई है। इसके साथ ही जवानों ने बड़ी संख्या में हथियार बरामद किया है। महिला नक्सली का शव बरामद कर लिया गया है। दोनों ओर से फायरिंग जारी है। मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों की टीम निकली थी। करीब 9 बजे जवानों का सामना नक्सलियों से हो गया। दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस ने नक्सलियों से इंसास राइफल, गोला-बारूद और अन्य सामान बरामद किया है। फिलहाल, क्षेत्र में मुठभेड़ और सर्चिंग जारी है। दो दिन पहले सुकमा में 17 मारे सुकमा और दंतेवाड़ा जिले की सरहद पर शनिवार सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और CRPF के 500-600 जवानों ने 17 नक्सलियों को मार गिराया था। इनमें 11 महिला नक्सली हैं। मुठभेड़ केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में हुई थी। घटना स्थल पर सर्चिंग जारी मुठभेड़ स्थल से अब तक एक इंसास राइफल हथियार सहित एक महिला नक्सली का शव, गोला बारूद के साथ अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद हुई हैं। फिलहाल, घटना स्थल पर सर्चिंग जारी है। इससे पहले एक अन्य घटना में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के केरलापाल इलाके में शनिवार को सुरक्षा बलों ने एक बड़ी मुठभेड़ में 18 नक्सलियों को मार गिराया था। मिली जानकारी के मुताबिक,  जिला दंतेवाड़ा और बीजापुर के सरहदी क्षेत्रान्तर्गत माओवादी विरोधी अभियान पर सुरक्षा बल की टीम निकली थी। अभियान के दौरान आज सुबह नौ बजे से माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच लगातार फायरिंग जारी है। मुठभेड़ स्थल से अब तक एक इंसास राइफल हथियार सहित एक महिला नक्सली का शव, गोला बारूद के साथ अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद हुई हैं। फिलहाल, घटना स्थल पर सर्चिंग जारी है। छत्तीसगढ़ में 50 नक्सलियों का आत्मसमर्पण बीजापुर जिले में रविवार को 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। जिनमें से 14 पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम था। एक अधिकारी ने बताया था कि उन्होंने राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाले। कुल 68 लाख रुपये का इनाम उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 50 लोगों में से छह पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था, जिनमें से तीन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। पांच पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पीएम मोदी के दौरे के कुछ घंटे पहले आत्मसमर्पण एसपी ने जानकारी देते हुए कहा था कि आंदोलन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ। वह 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखन वाले हैं। संयोग से सुरक्षा बलों ने बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में दोहरे मुठभेड़ों में 11 महिलाओं सहित 18 नक्सलियों को मार गिराया था, जो 31 मार्च, 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन में एक बड़ी सफलता है। 2024 में 792 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 134 नक्सलियों को मार गिराया गया है। उनमें से 118 बस्तर संभाग में समाप्त हुए। पुलिस के अनुसार, 2024 में सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में कुल 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। नक्सलियों की मौजूदगी की विशेष जानकारी क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में विशेष खुफिया सूचना मिली थी। जिले के केरलापाल थानाक्षेत्र के गोगुंडा की पहाड़ी पर नक्सली कमांडर जगदीश के होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद डीआरजी और सीआरपीएफ के जवान रवाना हुए। नक्सलियों को दी जाएगी सहायता राशि वहीं अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने माओवादियों की खोखली और अमानवीय विचारधारा से निराश होकर तथा राज्य सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सरेंडर करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि सरेंडर करने वाले माओवादियों को पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्हें छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

दंतेवाड़ा : मुठभेड़ में मारा गया 25 लाख का इनामी नक्सली, 83 दिन में 100 माओवादी ढेर

दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में मंगलवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए हैं. इनमें 25 लाख रुपए का इनामी माओवादी सुधीर उर्फ सुधाकर उर्फ मुरली भी शामिल है. इसके साथ ही घटनास्थल से इंसास राइफल, 303 राइफल सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है. सुरक्षा बलों द्वारा इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमा पर स्थित गीदम थाना क्षेत्र के गिरसापारा, नेलगोड़ा, बोड़गा और इकेली के सरहदी क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी सूचना मिली थी. इसके बाद डीआरजी और बस्तर फाइटर्स की टीम माओवादी विरोधी अभियान पर निकली. सुरक्षा बलों को देखते ही नक्सली गोलीबारी करने लगे. इसके बाद जवाबी फायरिंग के दौरान तीन नक्सली मौके पर ही ढ़ेर हो गए. इनमें एक की पहचान सुधीर उर्फ सुधाकर उर्फ मुरली के रूप में हुई, जिसके सिर पर 25 लाख रुपए का इनाम था. दो अन्य नक्सलियों की पहचान की जा रही है. तीनों के शव को कब्जे में ले लिया गया है. मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और दैनिक उपयोग की वस्तुएं मिली हैं. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज श्री सुन्दरराज पी. ने बताया कि सरकार के निर्देश पर लोगों की सुरक्षा के लिए डीआरजी, एसटीएफ, बस्तर फाइटर्स, कोबरा, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईडीबीपी और सीएएफ की संयुक्त टीम पूरे इलाके में लगातार सक्रिय रहती है. पिछले 83 दिनों में 100 से अधिक हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं. बताते चलें कि पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सलियों पर बड़ा प्रहार करते हुए दो अलग-अलग ऑपरेशन में 22 नक्सलियों को ढेर कर दिया. इस कार्रवाई के दौरान एक जवान भी शहीद हो गया. सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार, गोला बारूद और दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद किया था. सुरक्षाबलों के इस सफल ऑपरेशन पर खुशी जाहिर करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ''नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षा बलों के 2 अलग-अलग ऑपरेशन में 22 नक्सली मारे गए. मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है.'' गृह मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सल मुक्त हो जाएगा. 20 मार्च को सुरक्षा बलों ने राज्य के बीजापुर और कांकेर जिलों में दो मुठभेड़ों में 30 नक्सलियों को मार गिराया. ताजा कार्रवाई के साथ ही इस साल अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 116 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें से 100 नक्सली बीजापुर और दंतेवाड़ा में मारे गए थे     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35

प्रदेश पुलिस ने 18 दिनों के अंदर दूसरी मुठभेड़ एक और नक्सली को मार गिराया

मंडला। मध्य प्रदेश पुलिस ने 18 दिनों के अंदर दूसरी मुठभेड़ एक और नक्सली को मार गिराया है। मंडला जिले में पुलिस बल, हाकफोर्स और नक्सलियों के बीच रात कान्हा नेशनल पार्क के चिमटा के जंगल में आमना-सामना हो गया। रात आठ बजे के करीब पुलिस ने एक पुरुष नक्सली को मार गिराया। आईजी संजय कुमार के मुताबिक जंगल में बल और नक्सलियों के बीच चली फायरिंग में एक नक्सली मारा गया है। पुलिस ने शव बरामद कर लिया है। रात हो जाने के कारण शव की शिनाख्त नहीं हो सकी है। राशन लेने के लिए नक्सली गांव में आए थे आज पता चल सकेगा कि नक्सली किस दलम में सक्रिय था और उस पर कितना इनाम था। पुलिस सूत्रों के अनुसार राशन लेने के लिए नक्सली गांव में आए थे, इसी दौरान पुलिस से उनका सामना हो गया। पुलिस ने दो अन्य सहयोगियों को भी पकड़ा है। फरवरी 2021 में भी हुई थी मुठभेड़ घना जंगल होने के कारण सर्चिंग अभियान तेज किया गया है। मौके पर अतिरिक्त बल भी भेजा गया है। बता दें कि 12 फरवरी 2021 को मंडला जिले के मोतीनाला थाना क्षेत्र के ग्राम लालपुर में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में माओवादी मैनू और गीता मारे गए थे। तीन साल में 17 नक्सली ढेर नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बालाघाट पुलिस को पिछले तीन सालों में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस, हाकफोर्स और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई ने अगस्त 2022 से 19 फरवरी 2025 तक कुल 17 नक्सलियों को मार गिराने में सफलता दर्ज की है। इनमें सभी नक्सली इनामी और अधिकतर हार्डकोर थे। 19 फरवरी को पुलिस ने गढ़ी थाना क्षेत्र में सूपखार के रौंदा जंगल में चार हार्डकोर महिला नक्सली आशा, शीला, रंजीता और लख्खे मड़ावी को मुठभेड़ में मार गिराया था। इन चारों नक्सलियों पर 62 लाख रुपये का इनाम था। 2022 से अब तक मारे नक्सलियों के पास से पुलिस ने मुठभेड़ में तीन एके-47 बरामद की है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 22

खुलासा : शादी करने वाले कैडर आंदोलन से मुंह मोड़ सकते हैं, नतीजतन, शादी करने वाले किसी भी कैडर के लिए नसबंदी अनिवार्य है

जगदलपुर छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में गृहमंत्री अमित शाह के साथ मिलने आए पूर्व नक्सलियों ने नक्सली नेताओं के बारे में कई खुलासे किए हैं. उनका कहना है कि यदि कोई नक्सल कैडर शादी करना चाहता है, तो उसे पहले नसबंदी करवानी पड़ती है. माओवादी शब्दावली में नसबंदी एक बहुत ही आम शब्द है. शादी से वरिष्ठ सीपीआई (माओवादी) नेताओं के निर्देश पर इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. तेलंगाना के एक पूर्व नक्सली को शादी से पहले नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरने का निर्देश दिया गया था. कई साल बाद जब उसने सरेंडर किया, तो प्रक्रिया को उलटने के लिए दूसरी सर्जरी करवाई. इसके बाद एक लड़के का पिता बन पाया. ज्यादातर नक्सली सरेंडर के बाद इसी तरह परिवार शुरू करने के लिए प्रक्रिया को चुनते हैं.  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इसके प्रभाव से अवगत कराया गया. पूर्व नक्सली ने बताया, "जब मैं सीपीआई (माओवादी) का सदस्य था, तो मुझे शादी से पहले नसबंदी करवानी पड़ी. लेकिन जब मैं सरेंडर के बाद मुख्यधारा में शामिल हो गया, तो मैंने एक ऑपरेशन करवाया ताकि मैं पिता बन सकूं. दूसरे ऑपरेशन के बाद, मैं एक बच्चे का पिता बन गया." दरअसल, नक्सल नेताओं के बीच ये धारणा है कि बच्चे पैदा होने के बाद उनके कैडर के लोग परिवार के मोह में पड़ जाएंगे. इस वजह से नक्सल आंदोलन को नुकसान पहुंचेगा. इस बात की भी आशंका है कि शादी करने वाले कैडर आंदोलन से मुंह मोड़ सकते हैं. नतीजतन, शादी करने वाले किसी भी कैडर के लिए नसबंदी अनिवार्य है. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मरकम दुला ने कहा कि नक्सली नेता नहीं चाहते कि कोई भी सदस्य भावनात्मक रूप से अपनी संतान से जुड़े, इसलिए 'नसबंदी' करवा दी जाती है. ओडिशा के मलकानगिरी के एक पूर्व माओवादी ने भी ऐसी ही कहानी साझा की है. सुकांति मारी ने कहा, "मेरे साथी कैडर से शादी करने से पहले उसे 'नसबंदी' करवानी पड़ी." उसके पति को पुलिस मुठभेड़ में मार दिया गया. इसके बाद में उसने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. इस बातचीत के दौरान अमित शाह ने कहा कि वो इस बात से बेहद संतुष्ट हैं कि युवा हिंसा का रास्ता छोड़कर हथियार डाल रहे हैं. उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि उनका पुनर्वास सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, "मैं नक्सलियों से अपील करता हूं कि कृपया आगे आएं. हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों. आपका पुनर्वास हमारी जिम्मेदारी है." केंद्र ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों और नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति बनाई है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 35