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भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर देश के सैनिकों को सलामी दी और विजय का जश्न मनाया

रायपुर जय हरितिमा महिला समिति द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर देश के सैनिकों को सलामी दी और विजय का जश्न मनाया। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर परिसर में समिति की अध्यक्ष श्रीमती ममता चंदेल के कुशल नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में सर्वप्रथम पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गये भारतीय नागरिकों को भावपूर्ण श्रध्दांजलि दी गयी। सभी सदस्यों ने एक मिनट का मौन रखकर अपने श्रध्दासुमन अर्पित किये। तदोपरन्त ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाया गया। समिति की सदस्यों ने तिरंगा लहराया, जय हिन्द, भारत माता की जय के नारे लगाए। समिति की सभी सदस्यों ने भारत के जल, थल एवं वायु सेना के वीर जवानों को सलामी दी। समिति द्वारा इस मौके को और भी खास बनाया गया क्यूंकि इस अवसर पर समिति की सदस्यों ने ड्रेस से लेकर व्यंजन तक तिरंगे की थीम में रखा था।  इस अवसर पर विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में महिला शेफ गरिमा शर्मा को भी आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने कुकिंग टप्स् के द्वारा मिलेट केक, बिस्किट जैसे स्वादिष्ट और स्वास्थवर्धक व्यंजन बनाना सिखाया। कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन कार्यकारिणी समिती की सचिव श्रीमति दुर्गा प्रजापति, सह सचिव श्रीमति दिप्ती मई दास, उपाध्यक्ष श्रीमति ममता लखेरा, कोषाध्यक्ष मंजुषा पाली और खेल प्रभारी श्रीमती प्रिती भंडारकर ने किया। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 16

उत्तराखंड के मदरसों में गूंजेगा सेना का पराक्रम, ऑपरेशन सिंदूर की कहानी, मौलाना की जुबानी

देहरादून  पाकिस्तान की कायराना हरकत के जवाब में भारतीय सेना का पराक्रम 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए सबने देखा। अब उत्तराखंड की धामी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। मदरसों में अब छात्र-छात्राओं को 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में पढ़ाया जाएगा। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने यह फैसला लिया है। बोर्ड चाहता है कि बच्चे सेना के पराक्रम की कहानियों से परिचित हों। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। उत्तराखंड में कुल 451 मदरसे हैं, जिनमें लगभग 50 हजार बच्चे पढ़ते हैं। मुफ्ती शमून कासमी ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उनके साथ कुछ शिक्षाविद और बुद्धिजीवी भी मौजूद थे। उन्होंने रक्षा मंत्री को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के लिए बधाई दी। कासमी ने बताया कि उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है। ऑपरेशन सिंदूर में हमारे सशस्त्र बलों ने बेजोड़ शौर्य का परिचय दिया। इसका मतलब है कि उत्तराखंड वीरों की धरती है और 'ऑपरेशन सिंदूर' में हमारी सेना ने अद्भुत बहादुरी दिखाई। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता ने सेना के शौर्य को सराहा है। कासमी ने आगे कहा कि मदरसों के बच्चों को भी सैनिकों की बहादुरी के बारे में बताया जाएगा। उन्होंने बताया कि नए पाठ्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' का चैप्टर शामिल किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही पाठ्यक्रम समिति की बैठक बुलाई जाएगी। रक्षा मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में कई लोग शामिल थे। इनमें रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा, इस्लामिक सेंटर के पूर्व अध्यक्ष सिराज कुरैशी और आईसीएफए के अध्यक्ष एमजे खान जैसे लोग मौजूद थे। 'ऑपरेशन सिंदूर' भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक महत्वपूर्ण अभियान था। इसकी सफलता की कहानी अब मदरसों के बच्चों को पढ़ाई जाएगी। इससे बच्चों को देश के सैनिकों के बलिदान और शौर्य के बारे में पता चलेगा। यह फैसला उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने लिया है। बोर्ड चाहता है कि बच्चे देश के इतिहास और सेना के पराक्रम से परिचित हों। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने तबाह किए आतंकी ठिकाने भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को एक बार फिर दुनिया के सामने स्पष्ट करते हुए 6 और 7 मई की दरमियानी रात को एक साहसिक सैन्य अभियान 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे भारत-विरोधी आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे. इस सुनियोजित और रणनीतिक कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया. यह सभी आतंकी गुट भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे और इन्हीं ठिकानों से उन्हें प्रशिक्षण, हथियार और दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे. भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर इन ठिकानों की पहचान की गई थी, जिसके बाद सेना ने सटीक लक्ष्य साधकर ऑपरेशन को अंजाम दिया. भारत के सैन्य इतिहास में गौरवपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज होगा ऑपरेशन सिंदूर ऑपरेशन सिंदूर की सबसे खास बात यह रही कि इस पूरे अभियान में भारत ने सिर्फ और सिर्फ आतंकी अड्डों को ही निशाना बनाया. पाकिस्तान के किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान या नागरिक ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. यह ऑपरेशन न केवल भारतीय सेना की तकनीकी दक्षता और सटीकता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ 'नो टॉलरेंस' नीति पर पूरी मजबूती से कायम है. ऑपरेशन सिंदूर, भारत के सैन्य इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हो गया है. इस अध्याय के बारे में उत्तराखंड के मदरसों के छात्र विस्तार से पढ़ेंगे. उत्तराखंड में कितने मदरसे हैं? BBC की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 451 मदरसे मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) से पंजीकृत हैं, लेकिन करीब 500 मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे हैं. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14

ऑपरेशन सिंदूर : शहबाज शरीफ ने खुद बताया, भारत के हमले से कहां-कहां हुआ नुकसान

इस्लामाबाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत भारतीय वायुसेना के जवाबी हमले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि भारतीय बैलेस्टिक मिसाइलों ने 9-10 मई की मध्यरात्रि में पाकिस्तान के कई एयरबेस, खासकर नूरखान एयरबेस को निशाना बनाया।     शहबाज शरीफ के अनुसार, वजीर-ए-आजम को यह सूचित किया गया कि नूरखान एयरबेस पर मिसाइलें गिरी हैं, जिसके बाद पाकिस्तान की वायुसेना ने स्वदेशी तकनीक और आधुनिक चीनी लड़ाकू विमानों पर अत्याधुनिक गैजेट का उपयोग कर बचाव किया। मुनीर ने 2.30 बजे फोन करके हमलों के बारे में बताया शरीफ ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि जनरल मुनीर ने मुझे सुबह 2.30 बजे व्यक्तिगत रूप से फोन करके हमलों के बारे में जानकारी दी। यह गंभीर चिंता का क्षण था। भाजपा के राष्ट्रीय आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए इस घटना को ऑपरेशन सिंदूर की साहस और दक्षता का प्रमाण बताया। हमले में नूरखान एयरबेस समेत कई ठिकाने हुए तबाह मालवीय ने लिखा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद माना है कि जनरल असीम मुनीर ने उन्हें रात 2.30 बजे फोन करके बताया कि भारत ने नूर खान एयर बेस और कई अन्य स्थानों पर बमबारी की है। प्रधानमंत्री को आधी रात को पाकिस्तान के अंदर हमलों की खबर के साथ जगाया गया। यह ऑपरेशन सिंदूर के पैमाने, सटीकता और साहस के बारे में बहुत कुछ बताता है। पाक सेना ने स्वदेशी तकनीक और चीनी लड़ाकू विमानों का किया इस्तेमाल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि हमारी वायुसेना ने अपने देश को बचाने के लिए स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया। उन्होंने चीनी लड़ाकू विमानों पर आधुनिक गैजेट और तकनीक का भी इस्तेमाल किया। शहबाज शरीफ ने कहा, आज हर जगह यही बात की जा रही है कि पाकिस्तान की सेना ने किस तरह हिंदुस्तान को जवाब दिया। पठानकोट, उधमपुर और न जाने कहां कहां हमारी सेना ने हमले किए और दुश्मनों को सिर छिपाने की जगह नहीं मिल रही थी। नूरखान एयरबेस की अहमियत और हमले की सटीकता नूरखान एयरबेस, इस्लामाबाद के निकट होने के कारण पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह एयरबेस VVIP और उच्चस्तरीय सैन्य विमानन का केंद्र है, जहां से पाकिस्तान के टॉप अधिकारी और वायुसेना के ऑपरेशंस संचालित होते हैं। स्पेस इंटेलिजेंस कंपनी सैटलॉजिक (Satellogic) की सैटेलाइट तस्वीरें इस बात की पुष्टि करती हैं कि भारतीय वायुसेना ने रावलपिंडी के नूरखान एयरबेस पर सटीक हमला किया, जिससे कमांड और कंट्रोल यूनिट को भारी क्षति पहुंची।इन तस्वीरों में 10 मई को एयरबेस के पास एक सफेद गल्फस्ट्रीम G450 विमान भी दिखा, जो आमतौर पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और विदेश मंत्रियों के लिए उपयोग होता है। इस हमले ने पाकिस्तान की रक्षा प्रणाली को गंभीर झटका दिया है और यह साबित करता है कि भारतीय वायुसेना ने बेहद कुशलता से ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने खुलकर स्वीकार किया है कि भारतीय एयरस्ट्राइक से उन्हें नुकसान हुआ है। इससे पहले पाकिस्तान लगातार ऐसे हमलों को नकारता आया था, पर अब शहबाज शरीफ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से हमले की बात स्वीकार की है। यह ऑपरेशन न केवल भारत की सैन्य ताकत और सटीकता को दर्शाता है, बल्कि यह क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में भी बदलाव का संकेत है। भारत ने आधुनिक तकनीक और रणनीतिक हमलों से पाकिस्तान की महत्वपूर्ण सैन्य संपत्तियों को निशाना बनाकर उसकी युद्ध क्षमता को कम करने की कोशिश की है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ, कराची के निकट अरब सागर में 36 युद्धपोतों की तैनाती

नई दिल्ली भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों ने एक बार फिर दक्षिण एशिया में सैन्य शक्ति प्रदर्शन को केंद्र में ला दिया है. ऑपरेशन सिंदूर, जिसे मई 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया, भारतीय नौसेना के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ. इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने कराची के निकट अरब सागर में 36 युद्धपोतों की तैनाती की, जिसमें स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत, 7 विध्वंसक, 7 फ्रिगेट, पनडुब्बियां और तेज हमलावर नौकाएं शामिल थीं. यह तैनाती भारत की समुद्री ताकत का शानदार प्रदर्शन थी, जिसने पाकिस्तान को रक्षात्मक स्थिति में धकेल दिया. ऑपरेशन सिंदूर मई 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भीषण आतंकी हमले ने भारत को निर्णायक कार्रवाई के लिए प्रेरित किया. इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों से जोड़ा गया. जिसके बाद भारत ने त्रि-आयामी दबाव (सेना, वायुसेना और नौसेना) के जरिए जवाबी कार्रवाई शुरू की. ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना. पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देना था कि भारत किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब दे सकता है. इस ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने कराची के निकट अरब सागर में अभूतपूर्व तैनाती की. इस तैनाती ने पाकिस्तान नौसेना को पूरी तरह से निष्क्रिय कर दिया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया. भारतीय नौसेना की तैनाती: एक ऐतिहासिक प्रदर्शन 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन ट्राइडेंट और ऑपरेशन पायथन के दौरान कराची बंदरगाह पर हमला करने के लिए केवल 6 युद्धपोतों का उपयोग किया था. उस हमले ने पाकिस्तान की समुद्री रसद को तबाह कर दिया था. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में, भारतीय नौसेना ने 36 युद्धपोतों की तैनाती की जो 1971 की तुलना में छह गुना अधिक है. 1. INS विक्रांत और कैरियर बैटल ग्रुप INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत, इस तैनाती का केंद्रबिंदु था. 40,000 टन का यह युद्धपोत मिग-29K लड़ाकू विमान, कामोव हेलीकॉप्टर और उन्नत हवाई चेतावनी प्रणालियों से लैस है. कैरियर बैटल ग्रुप: विक्रांत के साथ 8-10 युद्धपोतों का एक समूह तैनात किया गया, जिसमें विध्वंसक, फ्रिगेट और सहायक जहाज शामिल थे. इस समूह ने अरब सागर में कराची के निकट एक अभेद्य समुद्री दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तानी नौसेना और वायुसेना को तट पर ही सीमित कर दिया. रणनीतिक प्रभाव: मिग-29K विमानों ने हवाई निगरानी और हमले की क्षमता प्रदान की, जबकि हेलीकॉप्टरों ने पनडुब्बी-विरोधी युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2. सात विध्वंसक: बहुआयामी ताकत भारतीय नौसेना ने सात विध्वंसक तैनात किए, जो ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (MRSAM) और वरुणास्त्र भारी टॉरपीडो से लैस थे. ये विध्वंसक समुद्री सतह, हवा और पनडुब्बी-विरोधी लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम थे. ब्रह्मोस मिसाइल, जो 450 किमी की रेंज और 2.8 मैक की गति से हमला कर सकती है. कराची बंदरगाह और अन्य रणनीतिक लक्ष्यों को तुरंत नष्ट करने की क्षमता रखती थी. उदाहरण: कोलकाता-श्रेणी के विध्वंसक जैसे INS कोलकाता और INS चेन्नई, इस तैनाती में शामिल थे, जो अपनी उन्नत रडार और हथियार प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं. 3. सात स्टील्थ फ्रिगेट: चपलता और शक्ति सात स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट, जिनमें हाल ही में शामिल INS तुशिल भी तैनात की गईं. ये फ्रिगेट उन्नत रडार, मिसाइल प्रणालियों और स्टील्थ तकनीक से लैस थीं, जो हवाई और समुद्री खतरों का प्रभावी ढंग से सामना कर सकती थीं. इन फ्रिगेट्स ने पश्चिमी तट के साथ एक रक्षात्मक और आक्रामक समुद्री दीवार बनाई, जिसने पाकिस्तानी नौसेना को कोई जवाबी कार्रवाई करने से रोक दिया. INS तुशिल: यह नवीनतम तलवार-श्रेणी का फ्रिगेट है, जिसे रूस के सहयोग से भारत में निर्मित किया गया और 2024 में नौसेना में शामिल किया गया. 4. पनडुब्बियां: अदृश्य खतरा अनुमानित छह पनडुब्बियां, जिनमें परमाणु-संचालित INS अरिहंत और पारंपरिक स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियां (जैसे INS कलवारी) शामिल थीं ने अरब सागर में गुप्त रूप से संचालन किया. ये पनडुब्बियां स्टील्थ ऑपरेशन्स में माहिर थीं. पाकिस्तानी नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ संभावित हमलों के लिए तैयार थीं. रणनीतिक महत्व: INS अरिहंत की परमाणु मिसाइल क्षमता ने भारत की दूसरी हमले की क्षमता (second-strike capability) को मजबूत किया, जो परमाणु निरोध में महत्वपूर्ण है. 5. तेज हमलावर नौकाएं और मिसाइल बोट कई तेज हमलावर नौकाएं और मिसाइल बोट भी तैनात की गईं, जो त्वरित और सटीक हमलों के लिए डिज़ाइन की गई थीं. ये छोटे लेकिन घातक जहाज कराची बंदरगाह जैसे लक्ष्यों पर तुरंत हमला करने में सक्षम थे. इनकी तैनाती ने भारतीय नौसेना की ताकत को और बढ़ाया, जिससे कुल युद्धपोतों की संख्या 36 तक पहुंच गई. पाकिस्तानी नौसेना की स्थिति: रक्षात्मक मुद्रा पाकिस्तानी नौसेना की तुलना में भारतीय नौसेना की तैनाती कहीं अधिक प्रभावशाली थी. पाकिस्तान के पास वर्तमान में 30 से कम युद्धपोत हैं, जिनमें चार चीनी-निर्मित टाइप 054A/P फ्रिगेट, कुछ पुरानी फ्रिगेट, और सीमित पनडुब्बियां शामिल हैं.ऑपरेशन सिंदूर के दौरानपाकिस्तानी नौसेना के जहाज मुख्य रूप से कराची बंदरगाह के भीतर या तट के बहुत करीब सीमित रहे. NAVAREA चेतावनी: भारतीय नौसेना की भारी तैनाती के डर से पाकिस्तान ने समुद्री क्षेत्र में NAVAREA (Navigational Area) चेतावनी जारी की, जिसमें संभावित नौसैनिक हमले की आशंका जताई गई. पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: पाकिस्तानी नौसेना ने दावा किया कि उनकी सतर्कता ने भारतीय नौसेना को उनके जल क्षेत्र में प्रवेश करने से रोका. हालांकि, भारतीय नौसेना ने स्पष्ट किया कि उसका उद्देश्य केवल निवारक मुद्रा बनाए रखना था, न कि सक्रिय हमला करना. सीमित क्षमता: पाकिस्तानी नौसेना की कमजोर समुद्री ताकत और पुराने उपकरणों ने उसे भारतीय नौसेना के सामने जवाबी कार्रवाई करने में असमर्थ बना दिया. अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रभाव भारतीय नौसेना की इस विशाल तैनाती ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रभाव छोड़े… समुद्री यातायात पर असर: कराची के आसपास उच्च जोखिम वाले क्षेत्र के कारण अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक जहाजों को अपने मार्ग बदलने पड़े। इससे पाकिस्तान की समुद्री अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा. वैश्विक ध्यान: इस तैनाती ने वैश्विक शक्तियों, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन का ध्यान आकर्षित किया. भारत की समुद्री ताकत ने हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया. पाकिस्तान पर दबाव: भारतीय नौसेना की तैनाती ने पाकिस्तान को न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चों पर भी दबाव … Read more

भारत की जवाबी कार्रवाई के बीच पाकिस्तान एहसास हो गया कि उसकी सबसे भरोसेमंद लाइफ लाइन भी अब छीन ली गई

नई दिल्ली भारत की जवाबी कार्रवाई के बीच पाकिस्तान को यह एहसास हो गया कि उसकी सबसे भरोसेमंद लाइफ लाइन भी अब छीन ली गई है. इतिहास पर गौर करें तो पाकिस्तान इस भरोसे से भारत के साथ टकराव में रहा है कि अगर हालात मुश्किल हुए तो अमेरिका उसकी मदद करेगा, जिसके पास वह SOS लेकर दौड़ा चला आएगा. लेकिन भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद अमेरिका ने भी पाकिस्तान से सॉफ्ट लैंडिंग की सुविधा अब छीन ली है. परमाणु हमले की खोखली धमकी पाकिस्तान की मानसिकता को समझने और अमेरिका पर उसकी निर्भरता को समझने के लिए साल 1999 की गर्मियों को याद करना अहम है, जब पाकिस्तान ने कारगिल की रणनीतिक रूप से अहम मानी जाने वाली पहाड़ियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी. पाकिस्तान को सजा दिए बिना जाने देने के लिए तैयार न होते हुए भी भारत ने एक साहसिक कदम उठाया. उस समय सेना की स्ट्राइक टुकड़ियों को अपने बेस कैंप छोड़ने की तैयारी करने को कहा गया था. लगभग उसी वक्त अमेरिकी स्पाई सैटेलाइट ने राजस्थान में ट्रेनों पर लोड किए जा रहे भारतीय टैंकों और भारी तोपों की तस्वीरें कैद कीं. मैसेज साफ था कि भारत कारगिल में घुसपैठ का बदला लेने के लिए पाकिस्तान पर हमला करने वाला था. सेना के इस कदम से पहले पाकिस्तान हमेशा की तरह ही इनकार और धमकी की रणनीति अपना रहा था. सार्वजनिक मंचों पर नवाज शरीफ सरकार कारगिल में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार कर रही थी. साथ ही वह यह भी संकेत दे रही थी कि अगर भारत ने संघर्ष को बढ़ाने की हिम्मत की तो परमाणु विकल्प भी अपना सकती है. दूसरों से मदद मांगने की आदत लेकिन जैसे ही शरीफ को भारतीय सीमा पर हलचल के बारे में पता चला, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मिलने की इच्छा जताई. बैठक में शरीफ कारगिल से अपने लड़ाकों को वापस बुलाने और नियंत्रण रेखा (LoC) की पर स्थिति बहाल करने पर सहमत हो गए. 12 जुलाई को शरीफ टीवी पर देश को समझा रहे थे कि अब घुसपैठियों का कारगिल में रहना जरूरी नहीं रह गया है. इसके तुरंत बाद कारगिल में संघर्ष खत्म हो गया. कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के बर्ताव से हमें दो अहम बातें पता चलती हैं. पहली, अपने परमाणु ब्लैकमेल और शेखी बघारने के बावजूद पाकिस्तान भारत के साथ पारंपरिक युद्ध लड़ने से कतराता है. दूसरी, जब भी वह खुद को बचाना चाहता है, तो वह अपनी इज्जत बचाने के लिए वॉशिंगटन (या अंतरराष्ट्रीय समुदाय) पर निर्भर हो जाता है. अमेरिका ने दिया जोर का झटका लेकिन इस बार वॉशिंगटन ने सम्मानजनक तरीके से बाहर निकलने का विकल्प बंद कर दिया है. फॉक्स न्यूज से बात करते हुए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष में वॉशिंगटन की भागीदारी से इनकार किया. उन्होंने कहा, 'हम जो कर सकते हैं, वह यह है कि इन लोगों को तनाव थोड़ा कम करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश करें, लेकिन हम युद्ध के बीच में शामिल नहीं होने जा रहे हैं, यह मूल रूप से हमारा कोई काम नहीं है और इसका अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं है.' वॉशिंगटन के इस साफ संकेत के बीच कि भारत और पाकिस्तान को मामले को सुलझाने के लिए छोड़ दिया गया है, रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने इस्लामाबाद पर एक और बम गिराया है. ट्रंप की पूर्व सहयोगी हेली ने एक्स पर एक पोस्ट में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत के खुद का बचाव करने और जवाबी कार्रवाई करने के अधिकार का बचाव किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को पीड़ित की भूमिका निभाने का अधिकार नहीं है. पाकिस्तान का मददगार रहा है US इस बार वॉशिंगटन की तटस्थता पिछले संघर्षों के दौरान उसके ऐतिहासिक पाकिस्तान समर्थक रुख के बिल्कुल उलट है. साल 1971 में, अमेरिका ने भारत को रोकने के लिए परमाणु ऊर्जा से चलने वाले एयरक्राफ्ट कैरियर USS एंटरप्राइज के नेतृत्व में अपनी 7वीं फ्लीट को बंगाल की खाड़ी में तैनात किया था. इसी तरह 2001 में, जब भारतीय संसद पर आतंकी हमलों के बाद दोनों देश युद्ध की कगार पर थे, तो वॉशिंगटन ने संकट को कम करने के लिए अपने दूतों को नई दिल्ली भेजा था. कुछ साल पहले, जैसा कि रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने एक्स पर बताया था, जो बाइडेन प्रशासन ने F-16 बेड़े को अपग्रेड करने में पाकिस्तान की मदद की थी. लेकिन वेंस का बयान दिखाता है कि 1971 के बाद से वॉशिंगटन कितनी दूर आ गया है और वह भारत के साथ संबंधों को कितना महत्व देता है. अब बचे हैं सिर्फ गिनती के दोस्त अब तक पाकिस्तान का समर्थन सिर्फ कुछ ही सहयोगी देशों तक सीमित रहा है, मुख्य रूप से चीन, तुर्की और अज़रबैजान. यह पाकिस्तान के बढ़ते अलगाव को दर्शाता है, क्योंकि सऊदी अरब और यूएई जैसे पारंपरिक सहयोगियों ने संतुलित या भारत समर्थक रुख अपनाया है. जी-20 और खाड़ी देशों को ब्रीफिंग सहित भारत के कूटनीतिक संपर्क ने उसकी आतंकवाद विरोधी कथनी के लिए काफी सहानुभूति जुटाई है. कारगिल के बाद से भारत ने रक्षात्मक रुख से हटकर आक्रमणकारी और जवाबी रणनीति अपनाई है, जैसा कि 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में देखा गया. सीधी कार्रवाई की इस रणनीति ने भारत को हिम्मत दी है और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता पर उसकी निर्भरता कम की है. इस बीच पाकिस्तान अपने सहयोगियों पर बहुत ज़्यादा निर्भर हो गया है. उसकी कमज़ोर अर्थव्यवस्था, बढ़ते कर्ज का बोझ, ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और बलूचिस्तान में अशांति और कमज़ोर राजनीतिक नेतृत्व ने भारत के साथ पारंपरिक युद्ध को अस्थिर बना दिया है, जिसकी वजह से इस्लामाबाद को कूटनीतिक तरीके से बाहर निकलने की कोशिश करनी पड़ रही है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय … Read more

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बढ़े तनाव के बीच भोपाल में मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर देशभक्ति का परिचय दिया

भोपाल भारत और पाकिस्तान के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद बढ़े तनाव के बीच मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुस्लिम समाज ने एकजुट होकर देशभक्ति का परिचय दिया. शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भोपाल की ऐतिहासिक ताज-उल-मसाजिद में मुस्लिम समाज के लोग तिरंगा लेकर पहुंचे और भारत की जीत, पाकिस्तान की हार के लिए सामूहिक दुआ की. नमाज के बाद मस्जिद परिसर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर गुस्सा जाहिर किया.उन्होंने 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' और 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए, साथ ही भारतीय सेना की कार्रवाई की सराहना की. मुस्लिम युवकों ने एक स्वर में कहा कि यदि जरूरत पड़ी, तो वे बॉर्डर पर जाकर न केवल पाकिस्तान को जवाब देंगे, बल्कि उसके क्षेत्र में घुसकर आतंकियों को सबक सिखाने के लिए तैयार हैं. ताज-उल-मसाजिद में नमाज के बाद हुए प्रदर्शन में मुस्लिम समाज ने तिरंगे के साथ अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की करतूतों ने पूरे देश को आक्रोशित किया है. एक युवक ने कहा, "पाकिस्तान ने हमारे भाइयों को निशाना बनाया, लेकिन हमारा मजहब इंसानियत सिखाता है. हम भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश की रक्षा करेंगे."  भोपाल में अलर्ट, चौराहों पर पुलिस तैनात, लोगों ने टैंक पर लहराया तिरंगा भारत-पाकिस्तान के बीच बने तनाव की स्थिति के चलते राजधानी भोपाल में भी पुलिस ने अलर्ट जारी कर दिया है। शहर के सभी चौक चौराहों पर पुलिस नजर बनाए हुए है।शहर के 30 पॉइंट पर पुलिस बल तैनात किया गया है। शहर के प्रमुख चौराहे, वीवीआईपी इलाकों को कवर किया गया है। शहर के एंट्री पॉइंट पर चेकिंग शुरू कर दी गई। शहर में प्रवेश करने वाले हर वाहन की तलाशी ली गई। इधर बोट क्लब पर रखे टैंक पर तिरंगा फहराया है। इसी के साथ भोपाल के लोगों ने न सिर्फ भारतीय सेना का उत्साहवर्धन किया बल्कि देशभक्ति का भी जज्बा दिखाया है। सुदर्शन चक्र टैंक पर चढ़कर भोपालियों ने तिरंगा फहराया भोपालियों ने सुदर्शन चक्र टैंक पर चढ़कर तिरंगा फहराया है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच अद्भुत तस्वीरें सामने आई है। भोपाल का बच्चा-बच्चा युद्ध भूमि में जाने के लिए तैयार है। भोपाल के बोट क्लब पर सुदर्शन चक्र टैंक खड़ा है। टैंक पर शान से तिरंगा लहराया है। सेना के टैंक पर भोपाल के लोगों ने तिरंगा लहराया है। लोगों ने भारतीय सेना का उत्साहवर्धन किया है। कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरे से हो रही निगरानी राजधानी भोपाल के पुलिस कंट्रोल रूम में बैठे जवान सीसीटीवी कैमरों के जरिए हर स्थिति पर निगाह बनाए हैं। इससे पहले गुरुवार देर शाम पुलिस अधिकारियों की एक बैठक भी हुई। इसमें आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। पुलिस कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि संदेह होने पर संबंधित व्यक्ति की चेकिंग की जा रही है। जरूरत पड़ने पर पूछताछ भी की जा सकती है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई भोपाल शहर पुलिस ने गुरुवार शाम बैठक में शहर के वीआईपी, व्यस्ततम और संवेदनशील इलाकों और चौराहों को चिह्नित किया। रात 11 बजते-बजते लगभग हर चौराहे पर 4 से 5 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया। एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने आने-जाने वाले हर वाहन को रोककर चेकिंग की। रेलवे स्टेशन और बस अड्डों जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ब्लैकआउट में जिन्होंने लाइट नहीं बंद की उनकी होगी जांच भोपाल में  जिन्होंने ब्लैक आउट में लाइट बंद नहीं की पुलिस उनको चिन्हित कर रही है। मॉक ड्रिल के समय पुलिस ने 34 थानों के बल को अलग-अलग जगह तैनात किया था। पुलिस सिमरी जानकारी के अनुसार हकीकत जानने के लिए कई जगह ड्रोन उड़ाए गए थे। इससे उन लोगों को चिह्नित किया गया है, जिन्होंने लाइट बंद नहीं की। इन सभी को समझाइश देने के साथ सिविल डिफेंस का महत्व बताया जाएगा। पुलिस के पास मौजूद फोटो में सबसे ज्यादा दुकानों के बाहर लगे बोर्ड जलते मिले हैं। इन सभी को बताया जाएगा कि दोबारा ऐसा हुआ तो कार्रवाई होगी।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 20

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के मुरिदके शहर स्थित लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर नेस्तनाबूद

 मुरिदके भारतीय सैन्यबलों ने 6 और 7 मई की दरमियानी रात पाक के कब्जे वाले कश्मीर समेत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया. सेना ने पीओके के मुजफ्फराबाद को निशाना बनाया ही, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरिदके को भी सैन्य एक्शन की जद में लिया. सेना ने मुरीदके के मरकज तैयबा कैंप को नेस्तनाबूद कर दिया. यह वही मरकज है, जहां 26/11 के गुनहगार अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली की ट्रेनिंग हुई थी. भारतीय हमले के बाद पाकिस्तान से कई वीडियो सामने आए, जो तबाही के निशान समेटे हुए थे. पाकिस्तान के मुरीदके से अब एक नया वीडियो सामने आया है. ताजा वीडियो लश्कर के मुख्यालय मरकज तैयबा का बताया जा रहा है. करीब 82 एकड़ जमीन में फैले इस परिसर के वीडियो में रेस्क्यू की गाड़ियां, एम्बुलेंस खड़ी नजर आ रही हैं. हाफिफ सईद के टेरर कैंप की ध्वस्त इमारतों का बिखरा मलबा भारतीय हमले में हुई तबाही का मंजर बयान कर रहे हैं. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि इमारतों की छतें फर्श में तब्दील हो गई हैं. इमारत के अंदर भी दीवारों ने जो बोझ उठा भी रखा है, उसमें भी बस सरिया ही नजर आ रहा है. इमारतों की दीवारों पर लकड़ियों के फ्रेम तो हैं, लेकिन वह भी ऐसे नहीं जो अंदर देखने से रोक पाएं. इमारतों में रखे फर्नीचर तक तबाह हो गए हैं. लश्कर के आतंकी जिस मरकज परिसर में पहुंचकर ट्रेनिंग लेते थे, भारत में आतंकी गतिविधियों के दौरान दिशानिर्देश लेते थे, आका का फरमान पाते थे, उस परिसर में हर तरफ मलबा ही मलबा बिखरा नजर आ रहा है. ताजा तस्वीर यह है कि जिसे पाकिस्तान में आतंकियों की सबसे बड़ी नर्सरी कहा जाता था, वहां बस तबाही ही तबाही नजर आ रही है. ध्वस्त इमारतों के इर्द-गिर्द पाकिस्तान की ओर से लगाया गया सील का लेबल तबाही की कहानी खुद ही बयान कर रहा है. गौरतलब है कि इस मरकज की स्थापना 25 साल पहले हुई थी. तल्‍हा सईद मारा गया या नहीं? यह हमला पाक अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद में हुआ, जहां से तल्‍हा सईद ऑपरेशन चल रहा था. हमले में कैंप की दीवारें खून से सन गईं. चारों ओर लाशें ही लाशें बिखरी नजर आईं. सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में तल्‍हा सईद के पांच टॉप कमांडर मारे गए हैं, कहा जा रहा है क‍ि इसमें पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान भी शामिल था. कैंप में रखे गए सारे हथियार और गोला बारूद जमींदोज हो गए हैं. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि ताल्हा सईद स्ट्राइक के वक्त वहां पर मौजूद था या नहीं. तल्हा सईद कैसे चला रहा था कैंप? तल्हा सईद लश्कर-ए-तैयबा का दूसरा सबसे बड़ा कमांडर है और संगठन की वित्तीय गतिविधियों को संभालता है. 2023 में हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद तल्हा ने मुजफ्फराबाद कैंप की कमान संभाली थी. कैंप में 18-25 साल के युवाओं को भर्ती कर उन्हें हथियार चलाने, बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी. पहलगाम हमले के लिए आतंकियों को इसी कैंप में प्रशिक्षित किया गया था. तल्हा ने सऊदी अरब और खाड़ी देशों से फंडिंग जुटाई, जिसका इस्तेमाल हथियार खरीदने और आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया. उसने जिहाद के नाम पर ऑनलाइन डोनेशन कैंपेन भी चलाए.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 14