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देश की 2032 तक रिन्यूएबल एनर्जी भंडारण की क्षमता 60 गीगावाट तक हो जाएगी: रिपोर्ट

नई दिल्ली सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट फाइनेंस फ्लो को लेकर 2022 की तुलना में 2023 में 63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 30,255 करोड़ रुपये (3.66 बिलियन डॉलर) के स्तर को छू गई है। प्रोजेक्ट फाइनेंस लेंडिंग में वृद्धि ‘2024 में कोयला बनाम नवीकरणीय ऊर्जा निवेश’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट फाइनेंस लेंडिंग में वृद्धि हुई है, लेकिन लगातार तीसरे वर्ष नए कोयला बिजली प्रोजेक्ट को कोई फाइनेंस लेंडिंग नहीं दी गई। हालांकि, कोयला बिजली और खनन कंपनियों की कॉर्पोरेट फाइनेंस लेंडिंग कुल 3 बिलियन डॉलर थी। रिन्यूएबल एनर्जी सौदों में सोलर पावर प्रोजेक्ट का रहा दबदबा 2023 में रिन्यूएबल एनर्जी सौदों में सोलर पावर प्रोजेक्ट का दबदबा रहा, जो कुल सौदों का 49 प्रतिशत था, इसके बाद हाइब्रिड प्रोजेक्ट का 46 प्रतिशत और विंड एनर्जी का हिस्सा 6 प्रतिशत था। सेंटर फॉर फाइनेंशियल अकाउंटेबिलिटी के कार्यकारी निदेशक जो अथियाली ने कहा, “हमने सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट के लिए प्रोजेक्ट फाइनेंस में लगातार वृद्धि देखी है। यह दर्शाता है कि रिन्यूएबल पावर प्रोजेक्ट में निवेशकों का विश्वास है।” 2023 में भारत में कोयला-लिंक्ड कंपनी के फाइनेंस का 96 प्रतिशत से अधिक अंडरराइटिंग के जरिए कमर्शियल बैंक से था, जबकि बचे 4 प्रतिशत का योगदान लोन से था। अमेरिका स्थित बैंकों ने कोयला-लिंक्ड कंपनियों को कॉर्पोरेट फाइनेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई, जो कुल का 65 प्रतिशत योगदान देता है। कमर्शियल बैंकों ने रिन्यूएबल एनर्जी लोन का 68 प्रतिशत प्रदान किया रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2023 में 188 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन कैपेसिटी हासिल कर ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राइमरी फाइनेंसिंग ने प्रोजेक्ट सौदों का 77 प्रतिशत हिस्सा लिया जबकि रिफाइनेंसिंग ने बचे 23 प्रतिशत का योगदान दिया। कमर्शियल बैंकों ने रिन्यूएबल एनर्जी लोन का 68 प्रतिशत प्रदान किया, जो कुल 20,625 करोड़ रुपये (2,497 मिलियन डॉलर) था। राज्यवार आंकड़े बताते हैं कि गुजरात को फाइनेंस कैपेसिटी का 25 प्रतिशत प्राप्त हुआ, जो 9,857 करोड़ रुपये (1,193 मिलियन डॉलर) है, उसके बाद कर्नाटक को 4,593 करोड़ रुपये (556 मिलियन डॉलर) मिले।केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-नवंबर के दौरान लगभग 15 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी जोड़ी है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान जोड़े गए 7.54 गीगावाट से लगभग दोगुना है। पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि यहां सीआईआई अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा सम्मेलन और प्रदर्शनी (आईईसीई) को संबोधित करते हुए, अक्षय ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षेत्र में भारत की कुल स्थापित क्षमता 214 गीगावाट तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अकेले नवंबर 2024 में 2.3 गीगावाट की नई कैपेसिटी जोड़ी गई, जो नवंबर 2023 में जोड़ी गई 566 मेगावाट की तुलना में चार गुना वृद्धि को दर्शाती है। केंद्रीय मंत्री जोशी ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता हासिल करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। 2032 से 5 प्रतिशत की बढ़ातरी देश का ऊर्जा भंडारण परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है. भंडारण समाधानों को शामिल करने वाली अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का अनुपात काफी बढ़ रहा है, जो वित्त वर्ष 20 में 5 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 23 प्रतिशत हो गया है. वित्त वर्ष 32 तक, बिजली उत्पादन में परिवर्तनीय अक्षय ऊर्जा (VRE) की हिस्सेदारी तीन गुना होने की उम्मीद है, जिससे ग्रिड की स्थिरता के बारे में चिंता बढ़ रही है. VRE की वृद्धि ग्रिड को अस्थिर कर सकती है जब तक कि बिजली प्रणाली में महत्वपूर्ण परिवर्तन न हो. खास कर ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (ESS) के एकीकरण के साथ, जो इस प्रबंधन में महत्वपूर्ण हैं. असल चुनौती VRE के उत्पादन और बिजली की अधिकतम मांग के बीच चली आ रही मिसमैच की वजह से है. यह मिसमैच अक्सर ग्रिड अस्थिरता, पीक प्रोड्क्शन घंटों के दौरान सरप्लस एनर्जी और गैर-सौर अवधि के दौरान फॉसिल फ्युल पर निरंतर निर्भरता की ओर ले जाता है. ESS उच्च उत्पादन समय के दौरान एक्सट्रा रिन्यूएबल एनर्जी को जमा करके और मांग के चरम पर इसे जारी करके समाधान प्रदान करता है, जिससे ग्रिड स्थिर होता है और दिन के दौरान आपूर्ति और मांग में अंतर (Diurnal Duck Curve) जैसी समस्याओं को कम करता है. BESS क्षमता 375 गुना बढ़ जाएगी बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) और पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (PSP) के ऊर्जा भंडारण बाजार पर हावी होने की उम्मीद है, विशेष रूप से BESS अपने स्थानिक लचीलेपन, त्वरित प्रतिक्रिया समय और टेक्नोलॉजी में सुधार के कारण प्रमुख टेक्नोलॉजी के रूप में उभर रहा है, जो लागत को और कम कर रहा है. वित्त वर्ष 32 तक, BESS क्षमता 375 गुना बढ़कर 42 GW हो जाने की उम्मीद है, जबकि PSP क्षमता चार गुना बढ़कर 19 GW हो जाएगी. BESS में 3.5 लाख करोड़ निवेश का अवसर वर्तमान में, BESS की लगभग 80 प्रतिशत लागत बैटरी सेल और संबंधित घटकों पर आती है, जिनमें से अधिकांश चीन से आते हैं. इससे भारत को आयात पर अपनी निर्भरता कम करने और अपने बैटरी पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी. प्रमुख खिलाड़ी पहले से ही बैटरी निर्माण और घटक उत्पादन में भारी निवेश कर रहे हैं, लगभग 120 GWh सेल क्षमता की घोषणा की गई है, हालांकि अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए अधिक निवेश की आवश्यकता होगी. BESS पारिस्थितिकी तंत्र के लिए वित्त पोषण क्षमता महत्वपूर्ण है, जिसमें वित्त वर्ष 32 तक 3.5 लाख करोड़ रुपये का अनुमानित अवसर है, जो परियोजना-स्तरीय निवेश और अपस्ट्रीम विनिर्माण वृद्धि के संयोजन से प्रेरित है. PSP अपनी लंबी गर्भावधि अवधि के कारण धीमी वृद्धि का सामना कर रहे हैं, फिर भी वित्त वर्ष 32 तक 1.2 ट्रिलियन रुपये के निवेश का योगदान करने की उम्मीद है.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ … Read more

स्टार्टअप फर्म CFS ने कहा कि 400 मेगावाट बिजली ‘नकली सूर्य’ से मिलेगी, अमेरिका में 2030 तक ग्रिड से जोड़ने का प्लान, समझें

वॉशिंगटन  दुनिया के कई देश आज के समय 'नकली सूर्य' बनाने में लगे हैं। अगर सब ठीक योजना के अनुसार हुआ तो वर्जीनिया 2030 के शुरुआती दशक तक दुनिया का पहला ग्रिड-स्केल न्यूक्लियर फ्यूजन पावर प्लांट स्थापित करेगा। यह संयंत्र भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा को उपयोग में लाकर बिजली उत्पादन करेगा। मंगलवार को स्टार्टअप कॉमनवेल्थ फ्यूजन सिस्टम्स (CFS) ने इसकी घोषणा की। CFS सबसे बड़ी और सबसे चर्चित न्यूक्लियर फ्यूजन कंपनियों में से एक है। यह एक फैसिलिटी बनाने में अरबों डॉलर का निवेश करेगी। चालू होने पर प्लांट ग्रिड के साथ जोड़ने में सक्षम होगा और 400 मेगावाट का उत्पादन करेगा। कंपनी के सीईओ बॉब मुमगार्ड के मुताबिक यह लगभग 150,000 घरों को बिजली देने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, 'यह पहली बार होगा जब दुनिया में ग्रिड पैमाने पर फ्यूजन पावर उपलब्ध कराई जाएगी।' वर्जीनिया के गवर्नर ग्लेन यंगकिन ने घोषणा का स्वागत करते हुए इसे वर्जीनिया और पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। कैसे बनती है ऊर्जा यह संयंत्र परमाणु संलयन के व्यावसायीकरण की खोज में एक नए चरण का प्रतिनिधित्व करेगा। न्यूक्लियर फ्यूजन के जरिए ही हमारे सूर्य की तरह दूसरे तारों को ताकत मिलती है। लेकिन इस दिशा में अभी भी रास्ता आसान नहीं है। दुनिया को एक स्वच्छ और प्रचुर ऊर्जा स्रोत की सख्त जरूरत है जो जीवाश्म ईंधन की जगह ले सके। न्यूक्लियर फ्यूजन की टेक्नोलॉजी ऐसा ही वादा करती है। इसमें परमाणु कणों से फ्यूजन के जरिए ऊर्जा पैदा की जाती है। इसमें हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए टोकामैक नाम की डोनट के आकार वाली मशीन का इस्तेमाल होता है। क्या होता है फायदा संलयन ऊर्जा लगभग असीमित है, यह पर्यावरण को गर्म नहीं करती और वर्तमान में इस्तेमाल होने वाली विखंडन तकनीक की तरह रेडियोएक्टिव कचरा भी नहीं छोड़ता है। हालांकि, शोध परियोजनाओं से वाणिज्यिक इस्तेमाल तक इसे लाना बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ है। CFS ने कहा है कि संलयन में रातों-रात कुछ नहीं होता। 2018 में MIT से अलग होकर स्थापित इस स्टार्टअप ने अब तक 2 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाए हैं। उनका दावा है कि वे तेजी से प्रगति कर रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 34