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ब्लड लाइन के बाघों की ब्रीडिंग से जन्म लेने वाले शावकों में प्रतिरोधी क्षमता अधिक होगी, अनुवांशिक बीमारियों से भी निजात मिलेगी

इंदौर  इंदौर शहर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के बाघ का कुनबा सेहतमंद रहे इसलिए अब चिड़ियाघर प्रबंधन उनकी वंशावली में बदलाव करने जा रहा है। इसके लिए गोरेगांव चिड़ियाघर (महाराष्ट्र) से विशेष एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत बाघ के जोड़े के बदले बाघ का ही एक जोड़ा लिया जाएगा। अलग-अलग ब्लड लाइन के बाघों की ब्रीडिंग से जन्म लेने वाले शावकों में प्रतिरोधी क्षमता अधिक होने के साथ ही अनुवांशिक बीमारियों से भी निजात मिलेगी। इससे बाघ अपनी 15-16 वर्ष की औसत आयु को अधिक बेहतर तरीके से व्यतीत कर पाएंगे। जिन प्राणियों की संख्या ज्यादा होती है, उन्हें भेजा जाता है हर बार यहां से उस प्रजाति के वन्य प्राणियों को अन्य स्थानों पर भेजा जाता है, जिनकी संख्या अधिक होती है। बदले में दूसरी प्रजाति के जानवर लाए जाते हैं, जिनकी संख्या यहां कम या नहीं होती है। इस बार बाघ के बदले बाघ लाने के पीछे वजह यह है कि एक ही वंशावली में ब्रीडिंग पर अंकुश लगना है। इसके लिए सेंट्रल जू ऑफ अथारिटी को चिट्टी भी लिखी गई है। इस कड़ी में 2025 में जू प्रबंधन पांच-छह प्रजातियों के अन्य वन्य प्राणियों को लाने का प्रयास करेगा। उल्लेखनीय है इंदौर के चिड़ियाघर से दूसरे राज्यों के चिड़ियाघर में एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कई जानवर भेजे जाते हैं। बीते दिनों में शेर और बाघों के बच्चों ने जन्म लिया था, जिससे इन प्रजातियों का कुनबा बढ़ा। इसके बाद यहां पहुंचने वाले दर्शकों की संख्या भी बढ़ गई। अच्छी देखरेख से बढ़ रहा शेर-बाघों का कुनबा     शेरों और बाघों की अच्छी देखरेख से चिड़ियाघरों में इनका कुनबा बढ़ा है। इनकी बेहतरी के लिए समय-समय पर कदम उठाए जाते हैं। अब इनकी वंशावली में बदलाव की प्रक्रिया शुरू की गई है। रक्त रेखा (ब्लड लाइन) में बदलाव की कड़ी में पहले हम चीतल, सांभर लाए थे। साथ ही चंडीगढ़ से भी एक शेर लाया गया था। – डॉ. उत्तम यादव, प्रभारी, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक     वन्य प्राणियों की अच्छी सेहत के लिए रक्त रेखा में बदलाव आवश्यक है। इससे जन्म लेने वाले वन्य प्राणियों की शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है। ऐसे में इनमें जैनेटिक बीमारियों का खतरा भी काफी हद तक कम होता है। इनकी अपनी औसत आयु से अधिक जीवन जीने की संभावना बढ़ती है। – डॉ. हेमंत मेहता, वेटरनरी हॉस्पिटल महू   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघिन पी-141 ने 4 शावकों को जन्म दिया, गूंजी किलकारी

 पन्ना  पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए मंगलवार का दिन मंगल साबित हुआ जब पन्ना रिजर्व की बाघिन पी-141 ने चार नन्हें शावकों के साथ विचरण करती नजर आई. जिले के मंडला क्षेत्र में बाघिन पी-141 द्वारा चार शावकों को जन्म देने की खबर जैसे ही सामने आई पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन में खुशी की लहर दौड़ गई. अपने चार शावकों के साथ पर्यटकों को दिखी बाघिन पी-141 ने शावकों को मंडला क्षेत्र में जन्म दिया. चार शावकों की जन्म की खबर से टाइगर रिजर्व में खुशी की लहर दौड़ गई. रिजर्व में अब बाघों की संख्या 90 पार कर गई है. नन्हें शावकों पर स्वस्थ प्रबंधन सतत निगरानी रख रही है. शावकों के साथ दिखी बाघिन पी-141 का पर्यटकों ने वीडियो बनाया गौरतलब है देश-दुनिया में बाघों की बढ़ती संख्या के लिए शुमार पन्ना टाइगर रिजर्व में आए पर्यटकों ने चार नन्हें मेहमानों को बाघिन-पी 141 को देखा तो उनके वीडियो बना लिए. पन्ना टाईगर रिजर्व में नन्हे शावकों की किलकारी गुंजने के साथ अब टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 90 पार कर गई है. पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल, इसलिए बढ़ रही बाघों की संख्या फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि पन्ना रिजर्व में चार शावकों के जन्म की खबर बेहद सुखद है. उन्होंने बताया कि पन्ना टाइगर रिजर्व बाघों के लिए अनुकूल है और बाघों की संख्या 90 के पार पहुंच गयी है. वही उन्होंने बताया कि चारो शावक स्वस्थ है, जिनका स्वस्थ प्रबंधन द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। वन्य जीवन और जैव विविधता से बचपन में ही अवगत कराएं : राज्यपाल भोपाल : सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि बच्चों को वन, वन्य जीव और जैव विविधता की महत्ता के बारे में आरंभ से ही संस्कारित किया जाना चाहिए। माता-पिता उन्हें जैव संरक्षण की बहुलता और आवश्यकता के बारे में जागरूक और संवेदनशील बनाएं। हमारा संविधान पर्यावरण के संरक्षण, वन और वन्य जीवों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रदान करता है। वन्य जीव सप्ताह राज्य स्तरीय वन्य जीव सप्ताह के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मौलिक कर्तव्यों के तहत प्रत्येक नागरिक से पर्यावरण को सुरक्षित रखने में योगदान की अपेक्षा करता है। उन्होंने एक से सात अक्टूबर तक आयोजित वन्य जीव सप्ताह की विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कृत किया। वन्य जीव संरक्षण की शपथ राज्यपाल ने कहा कि कोविड ने हमें सुरक्षित भविष्य के लिए प्रकृति की विविधता के प्रति श्रद्धा और सौहार्द्र के साथ रहने का सबक दिया है। उन्होंने उपस्थित जनों को वन्य जीव संरक्षण की शपथ भी दिलाई। राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश को कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के हिसाब से देश के सबसे बड़े वन क्षेत्र होने गौरव प्राप्त है। बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल प्रदेश की पहचान बाघों के अलावा, तेंदुए, घड़ियाल, चीता, भेड़िए और गिद्धों की सर्वाधिक संख्या के लिए भी प्रदेश पहचाना जाता है। हर प्रदेशवासी की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे वन और वन्य जीव रूपी अमूल्य धरोहर की विरासत को सहेज कर भावी पीढ़ी को सौंपने में अपना योगदान दे। राज्य मंत्री वन दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन्य जीव संरक्षण और कानूनों की जागरूकता में वन्य जीव सप्ताह की महत्वपूर्ण भूमिका है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 32

16 साल का इंतजार खत्म… प्रदेश को मिला नया टाइगर रिजर्व, रातापानी को 8वां वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर बनाने की मिली मंजूरी

भोपाल  मध्य प्रदेश में एक और राष्ट्रीय उद्यान बढ़ने जा रहा है। मध्य प्रदेश के इस आठवें टाइगर रिजर्व को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है। अब जल्द ही राजधानी भोपाल से सटे रातापानी और सिंघौरी अभयारण्य को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व अस्तित्व में आएगा। केवल औपचारिकताएं शेष हैं। जल्‍द ही की जा सकती है घोषणा समझा जा रहा है कि राज्य सरकार जल्द ही रातापानी को नया टाइगर रिजर्व बनाने की घोषणा कर सकती है। रातापानी टाइगर रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत बजट उपलब्ध कराएगी और 40 प्रतिशत राज्य का अंश होगा। टाइगर रिजर्व के लिए अभयारण्य की सीमा के अंदर स्थित 823.065 वर्ग किमी वन क्षेत्र को रातापानी टाइगर रिजर्व घोषित किया जाएगा।     बता दें कि मध्‍य प्रदेश में आठवें टाइगर रिजर्व को बनाने का प्रस्ताव वर्ष 2008 से लंबित चल रहा है।     केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव भी रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार से आग्रह कर चुके हैं।     जानकारों के अनुसार रातापानी अभयारण्य के टाइगर रिजर्व बनने से मध्‍य प्रदेश में पर्यटन बढ़ेगा।     यहां से सटे क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी। भोपाल तक फ्लाइट कनेक्टिविटी होने से पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इसका लाभ मिलेगा। स्थानीय लोगों के लिए रोजगार संभावनाएं बढ़ेगी।     इसके नुकसान भी होंगे, जैसे कि अभयारण्य क्षेत्र में लघु वनोपज का संग्रहण नहीं किया जा सकेगा।     इस अभयारण्य में वर्ष 2022 की गणना के अनुसार कुल तीन हजार 123 वन्यप्राणी हैं। इनमें 56 बाघ, 70 तेंदुए, आठ भेडिया, 321 चिंकारा, 1433 नीलगाय, 568 सांभर और 667 चीतल हैं। रातापानी मध्य प्रदेश का 8वां वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व बनेगा रातापानी टाइगर रिजर्व के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता वाली राज्य वन्य प्राणी बोर्ड से मंजूरी मिल गई है. अब ये प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को टाइगर रिजर्व बनने के बाद मध्य प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जाएंगे. बता दें कि रातापानी को टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव 16 साल लंबित था. रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को मिलेगी नई पहचान अधिकारियों के मुताबिक, नया टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल को एक नई पहचान मिलेगी. भोपाल और औबेदुल्लागंज को आर्थिक रूप से फायदा होगा, क्योंकि यहां टूरिस्ट की संख्या बढ़ जाएगी. इसके अलावा रातापानी रिजर्व के लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी और राज्य सरकार 40 फीसदी अलग से बजट देगी. रातापानी सेंचुरी के टाइगर रिजर्व बनने से भोपालवासियों को मिलेंगे ये फायदे 1. रातापानी सेंचुरी बनने से भोपाल की सांस्कृतिक धरोहर से दुनिया रूबरू होगा. 2. रातापानी टाइगर रिजर्व बनने से भोपाल की अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर पहचान बनेगी. 3. भोपाल की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी. 4. भोपाल के युवाओं और रहवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. 5. होटल, रिसोर्ट और होम स्टे से लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा. यहां जानें मध्य प्रदेश में स्थित टाइगर रिजर्व के बारे में मध्य प्रदेश में अब तक 7 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी टाइगर रिजर्व है, जो कान्हा टाइगर रिजर्व (मंडला), पेंच टाइगर रिजर्व (छिंदवाड़ा, सिवनी), पन्ना टाइगर रिजर्व (पन्ना), सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (नर्मदापुरम), संजय दुबरी टाइगर रिजर्व (सीधी), बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (उमरिया), रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (सागर, नरसिंहपुर, दमोह) है. वहीं रातापानी टाइगर रिजर्व भोपाल बनने के बाद प्रदेश में 8 टाइगर रिजर्व हो जएंगे.   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 70

वन विभाग उस ट्रेन को ‘जब्त’ करने वाली है, जिसकी टक्कर से रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी

भोपाल मध्य प्रदेश वन विभाग उस ट्रेन को 'जब्त' करने पर विचार कर रहा है, जिसकी टक्कर से मिडघाट-बुधनी रेलवे ट्रैक पर तीन बाघ शावकों की मौत हुई थी। रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरने वाली इस ट्रेन की चपेट में 3 बाघ शावक आए थे, जिनमें से एक की मौके पर मौत हुई और बचे 2 शावक रेस्क्यू के लगभग 15 दिन बाद दम तोड़ गए थे। उच्च अधिकारियों पर दबाव सूत्रों के अनुसार, 'टाइगर स्टेट' एमपी में वन अधिकारी निर्णायक कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों पर दबाव डाल रहे हैं। इसके लिए असम सरकार के फैसले का उदाहरण लिया जा रहा है, जिसने एक रेलवे इंजन को 'जब्त' कर लिया था, जिससे अक्टूबर 2020 में एक हाथी और उसके बच्चे की मौत हो गई थी। त्रासदी से सबक तीन शावकों की मौत ने मप्र के वन अधिकारियों को सदमे में डाल दिया है। उनका मानना है कि यह त्रासदी पूरी तरह से टाली जा सकती थी। तीनों शावक 14 जुलाई की रात को ट्रेन की चपेट में आ गए थे। एक की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके दो भाई-बहन एक पखवाड़े तक तड़पते रहे और फिर उनकी भी मौत हो गई। वन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि 'हमें उस ट्रेन के इंजन को जब्त कर लेना चाहिए जिसने इन शावकों को तब टक्कर मारी जब वे अपनी मां के पीछे चल रहे थे। यह एक ऐसा नुकसान है जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। अगर असम वन विभाग एक जंगली हाथी और बछड़े की मौत के लिए इंजन 'जब्त' कर सकता है, तो हम अपने बाघ शावकों के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते?' ट्रेन की पहचान और जिम्मेदारी वन अधिकारी ट्रेन की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक अन्य आईएफएस अधिकारी ने कहा 'पटरियां जंगल से होकर गुजरती हैं और यह हमेशा वन भूमि रहेगी। शमन उपाय करना और तीसरी लाइन के लिए पर्यावरण मंजूरी के दौरान दी गई शर्तों का अनुपालन करना रेलवे की जिम्मेदारी है।' पिछले हादसे सीहोर और रायसेन जिलों में बरखेड़ा और बुधनी के बीच 20 किलोमीटर लंबे इस रेलवे खंड पर ट्रेनों की चपेट में आने से इन तीन शावकों सहित आठ बाघों की मौत हो गई है। 2015 के बाद से ट्रेन दुर्घटनाओं में 14 तेंदुए और एक भालू भी मारे गए हैं। एमपी के वनवासियों का कहना है कि तीन शावकों की मौत एक महत्वपूर्ण बिंदु है। वे असम सरकार की कार्रवाई का हवाला देते हैं, जहां उसका वन विभाग गुवाहाटी में बामुनिमैदान रेलवे यार्ड में गया और 27 सितंबर, 2020 को एक हाथी और उसके बच्चे को कुचलने और एक किलोमीटर तक घसीटे जाने के बाद दर्ज किए गए मामले के खिलाफ लोकोमोटिव को 'जब्त' कर लिया। उस घटना में रेलवे ने पायलट और सह-पायलट को निलंबित कर दिया था। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई एक डिप्टी रेंजर ने कहा, 'हाथियों की तरह, बाघ भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूची -1 जानवर हैं। हमारे अधिकारी और फील्ड कर्मचारी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना खून बहाते हैं। उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि आज हम बाघों में नंबर 1 हैं। बाघों की हत्या के लिए कार्रवाई नहीं करने से वनवासियों का मनोबल गिरेगा।' उन्होंने कहा, ट्रेन पायलट अक्सर इस पैच के माध्यम से 20 किमी प्रति घंटे की गति सीमा को पार कर जाते हैं, उन्होंने कहा: 'बाकी बाघों को बचाने के लिए ओवर स्पीडिंग की जांच की जानी चाहिए।' समिति का गठन वन अधिकारियों ने बाघ गलियारों में गति पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे को लिखा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने लोको पायलटों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि 'उन्हें मामला दर्ज करना चाहिए और शावकों की मौत की जांच करनी चाहिए। मुझे नहीं पता कि वन विभाग इस पर धीमी गति से क्यों चल रहा है।' वन विभाग ने पश्चिम मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक को पत्र लिखकर यह जांच करने का आग्रह किया है कि बरखेड़ा और बुधनी के बीच तीसरी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए लगाई गई शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दुबे कहते हैं, 'उन्हें डीआरएम को एक नोटिस भेजना चाहिए और उस भयानक रात से गुजरने वाली ट्रेनों का विवरण मांगना चाहिए।' वन विभाग ने अनुपालन की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। सूत्रों ने कहा कि इसमें रेलवे अधिकारियों को भी शामिल किया जाना है, लेकिन रेलवे ने अभी तक पैनल के लिए कोई नाम नहीं दिया है। वन अधिकारी क्षेत्र के दौरे की तारीख तय करने के लिए रेलवे प्रतिनिधि का इंतजार कर रहे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 36