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उज्जैन सिंहस्थ मेला 3360 हेक्टेयर में लगेगा, 15 करोड़ लोग जुटेंगे, 15 अप्रैल तक डीपीआर तैयार

उज्जैन उज्जैन सिंहस्थ मेला क्षेत्र के विकास के लिए आगामी 15 अप्रैल तक डीपीआर तैयार कर ली जाएगी। भवन अनुज्ञा का कार्य आगामी 15 जून तक कर लिया जाएगा और 25 जून से कार्य प्रारंभ होगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र में नगर विकास योजना की कार्ययोजना तैयार कर कार्य की शुरु हुआ। यहां 200 एमएलडी पेयजल क्षमता का मेला क्षेत्र में विकास किया जाएगा। सीवर नेटवर्क डिजाइन के अंतर्गत सिंहस्थ के दौरान मेला क्षेत्र में 160 एमएलडी का सीवरेज जनरेशन होगा जिसमें 100 एमएलडी क्षमता के स्थाई एसटीपी निर्माण किए जाएंगे और अस्थाई रूप से 60 एमएलडी क्षमता के सीवरेज का निष्पादन किया जाएगा। यहां होने वाले विकास कार्यों की तैयारियों की समीक्षा जापान से लौटने के बाद अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा ने की। उन्होंने उज्जैन में चल रहे कई निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया है। पानी का इंतजाम कैसे करेंगे यह भी तय कर रही सरकार सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की मौजूदगी के चलते प्रतिदिन उज्जैन शहर में पानी की कितनी डिमांड होगी। इसके आधार पर भी व्यवस्था बनाने पर सरकार फोकस कर रही है। वर्तमान में उज्जैन शहर की जनसंख्या लगभग 8.65 लाख है। इसमें प्रतिदिन पेयजल की मांग 178.28 एमएलडी है। अम्बोदिया, गऊघाट, साहिबखेड़ी और उंडासा के जलाशयों को मिलाकर कुल पानी की क्षमता 151.01 एमएलडी है। प्रस्तावित सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना से 51 एमसीएम, नर्मदा-गंभीर लिंक परियोजना से 58.34 एमसीएम पेयजल की सप्लाई की जा सकेगी। इसके अलावा न्यू अम्बोदिया की 68 एमएलडी पेयजल क्षमता की परियोजना प्रस्तावित है। साथ ही 860 करोड़ रुपए की लागत से हरियाखेड़ी परियोजना पर 100 एमएलडी पेयजल क्षमता की परियोजना का विकास भी किया जा रहा है। 6 सेक्टर में बंटेगा सिंहस्थ मेला जोन: मेडिसिटी बना रहे, 550 बिस्तर का मिलेगा अस्पताल उज्जैन में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार पर भी सरकार ने ध्यान केंद्रित किया है। बीडीसी (भवन विकास निगम) के द्वारा मेडिसिटी का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लागत कुल 592.3 करोड़ रुपए है। इसमें 550 बिस्तर की क्षमता होगी। सिंहस्थ में जनसंख्या के पीक लोड वाले दिनों में विस्तार योग्य क्षमता जोड़ी जाएगी तथा सामान्य दिनों में स्वास्थ्यकर्मियों और संसाधनों की क्षमता के अनुरूप कार्य योजना बनाई जाएगी। इसके अंतर्गत 500 अस्थायी अस्पताल बनाए जाएंगे और कैम्प लगाए जाएंगे। स्वास्थ्य सुविधाओं को सिंहस्थ मेला क्षेत्र के अनुसार 6 जोन में बांटा जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं का डिजिटल रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा। डॉक्टर और पेरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग आयोजित की जाएगी। सिंहस्थ के गर्मी के मौसम में आयोजन को दृष्टिगत रखते हुए इलेक्ट्रोलाइट की उपलब्धता समस्त मेला क्षेत्र में जगह-जगह तय की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आपदा की स्थिति में कार्ययोजना स्टेट यूनिट के साथ मिलकर बनाई जाएगी। मेले के दौरान बर्न यूनिट, एम्बुलेंस की सुविधा, ब्लड बैंक, ट्रॉमा सेंटर आदि की सम्पूर्ण तैयारी रखने पर फोकस किया जा रहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग का विशेष ध्यान हैजा और अन्य मौसम जनित बीमारियों और आपदा प्रबंधन के रिस्पांस पर भी ध्यान रखा जाएगा। स्वास्थ्य प्लान में आयुष विभाग को भी जोड़ा जाएगा। साफ सफाई के लिए 16220 सफाई कर्मियों के जरूरत सिंहस्थ में साफ-सफाई व्यवस्था की कार्ययोजना की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि सड़क एवं अन्य सफाई कर्मियों को मिलाकर 11 हजार 220 सफाईकर्मियों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा कचरा संग्रहण के लिए लगभग 5 हजार सफाई कर्मियों की आवश्यकता होगी। कुल मिलाकर 16 हजार 220 सफाई कर्मियों की आवश्यकता सिंहस्थ में होगी। इस स्थिति को ध्यान में रखने के साथ ऑउटसोर्स एजेंसी के कार्यों की मॉनिटरिंग की जाने तथा इसका समय-समय पर फॉलोअप पर भी फोकस किया जाएगा। फेस रिकग्नीशन, एलर्ट सिस्टम के साफ्टवेयर डेवलप होंगे वर्तमान में आईटीएमएस जंक्शन सिस्टम सिंहस्थ को दृष्टिगत रखते हुए डेवलप किया जा रहा है। सिंहस्थ के समय आईटीएमएस पुलिस विभाग को सौंपा जाएगा। सिंहस्थ में फेस रिकग्निशन, अलर्ट सिस्टम, फायर अलार्म के सभी सॉफ्टवेयर एमपीएसईडीसी के द्वारा विकसित किए जाएंगे। यह कार्य 31 दिसंबर 2025 तक पूर्ण किया जाना निर्धारित है। इसके अलावा सिंहस्थ 2028 के लिए ऑल इन वन ऐप भी बनाया जाएगा जिसमें ड्रोन सर्विस, यातायात और वाहन प्रबंधन, मानव संसाधन और कार्य प्रगति की जानकारी की सुविधा मिल सकेगी। सिंहस्थ में वाहनों की पार्किंग की उपलब्धता के लिए ऑनलाइन डेटा तैयार किया जाएगा। इसके अलावा जीआईएस आधारित उपयोगिता सिस्टम बनाया जाएगा। सिंहस्थ मेला क्षेत्र का वर्चुअल टूर ऐप के माध्यम से कराया जाएगा। पर्यटन की दृष्टि से भी विकास सिंहस्थ में पर्यटन की दृष्टि से किए जाने वाले विकास कार्यों की समीक्षा में महाराजवाड़ा हेरिटेज होटल, ओमकार सर्किट, ग्रांड होटल उज्जैन का उन्नयन एवं नवीन कक्षों का विस्तार होटल क्षिप्रा रेसीडेंसी के उन्नयन कार्य, देवी अहिल्या लोक महेश्वर, गंभीर डेम में जलक्रीडा सुविधाएं, बोट क्लब एवं रेस्टोरेंट, 10 करोड़ रुपए की लागत से पंचकोशी यात्रा मार्ग के पड़ावों का विकास, सिंहस्थ टेंट सिटी विकास, अष्ट भैरव मंदिरों के विकास कार्यों को पूरा कराया जा रहा है। महाकाल महालोक में मूर्तियों के नीचे होगा पौराणिक कथाओं का वर्णन श्रीकृष्ण पाथेय न्यास अंतर्गत नारायणा धाम के श्रीकृष्ण सुदामा मंदिर के विकास कार्य भी कराए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए श्री महाकाल लोक की मूर्तियों के नीचे पौराणिक कथाओं का वर्णन किया जाएगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्टोन क्लेडिंग और न्यू वेटिंग हॉल, श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश टनल मार्बल क्लेडिंग और फ्लोरिंग कार्य, आपातकालीन निर्गम, पालकी हॉल, मार्बल क्लेडिंग और फ्लोरिंग के कार्य, विजिटर फेसिलिटेशन सेंटर और श्री महाकालेश्वर भक्त निवास निर्माण कार्य जल्द पूरा कराया जाएगा। रोड रेस्टोरेशन की लगातार मानिटरिंग हो उज्जैन में अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत रोड रेस्टोरेशन के कार्यों की सतत मॉनिटरिंग कर सभी रिस्टोरेशन कार्य मार्च 2025 तक पूर्ण किए जाएं। रोड रेस्टोरेशन के पूर्ण कार्यों का पुन: निरीक्षण अगले एक सप्ताह में जनप्रतिनिधियों एवं एसडीएम की टीम के साथ किए जाने के बाद ही कार्य पूर्णता का सर्टिफिकेट दिया जाए। जल जीवन मिशन अंतर्गत रोड रेस्टोरेशन, रोड खुदाई एवं योजना के संपूर्ण कार्यों की जानकारी सतत रूप से स्थानीय विधायकों को दी जाए। अफसरों के ये भी निर्देश सड़क दुर्घटना से बचाव के लिए सड़क के दोनों तरफ लेवलिंग के कार्य के बाद ही कार्य पूर्णता का प्रमाण-पत्र दिया जाए। वर्षा ऋतु में सड़कों के रख-रखाव की कार्ययोजना पर अभी … Read more