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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अपने ही देने लगे गच्चा, एक लाख से ज्यादा सैनिकों ने मैदान-ए जंग क्यों छोड़ा

नई दिल्ली. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को एक साथ कई मोर्चों पर टेंशन झेलना पड़ रहा है। उन्हें झटके पर झटका लग रहा है। एक तरफ उन पर रूस ताबड़तोड़ यूक्रेनी ठिकानों पर मिसाइलें दाग रहा है तो दूसरी तरफ अगले महीने डोनाल्ड ट्रंप के शासन संभालने के बाद वित्तीय और सैन्य मदद में कटौती का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच, युद्ध के मैदान से सैनिक भी ताबड़तोड़ जेलेंस्की को झटका दे रहे हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 60,000 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों ने मैदाम-ए-जंग छोड़ दिया है। यह संख्या पिछले साल यानी 2022 और 2023 में युद्ध का मैदान छोड़ने वाले सैनिकों की संख्या से लगभग दोगुना है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल जनवरी से अक्तूबर के बीच रूस के खिलाफ जंग में दो सालों की तुलना में सबसे अधिक यूक्रेनी सैनिक रणक्षेत्र से भाग खड़े हुए हैं। बता दें कि फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है, जिसके तीन साल पूरे होने को हैं। एसोसिएटेड प्रेस ने यूक्रेन के महाभियोक्ता कार्यालय (Prosecutor General's Office) के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा है कि इन तीन वर्षों में रूसी हमलों के खौफ से करीब एक लाख से ज्यादा सैनिकों पर युद्ध का मैदान छोड़कर भागने के आरोप लगे हैं। दरअसल, इस वर्ष यानी 2024 में साल भर रूस ने पूर्वी यूक्रेन के कई इलाकों में लगातार हमले किए हैं और अपनी पहुंच मजबूत की है। पूर्वी डोनेटस्क के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी रूसी फौज ने कब्जा किया है। अब रूस यूक्रेन के लिए सामरिक रूप से अहम अगदीवका जैसी प्रमुख बस्ती पर कब्जा करने का दावा कर रहा है। इसके अलावा रूस की नजर अब रणनीतिक रूप से अहम निप्रापेट्रोव्स्क पर है, जो डोनेटस्क सीमा के नजदीक है। हालांकि, रूस को भी सैनिकों की संख्या के मोर्चे पर कमी का सामना करना पड़ रहा है। उसे भी उत्तर कोरिया से भाड़े के सैनिक मंगवाने पड़े हैं। यूक्रेन में भी सैनिकों की भारी कमी है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सतता है कि यूक्रेन ने अप्रैल में जो भर्तियां निकाली थीं, उसमें उम्र सीमा घटाकर 27 से 25 वर्ष कर दी थी। अब वाशिंगटन ने उसे सलाह दी है कि घटती सैनिक संख्या को पूरा करने के लिए यूक्रेन को भर्तियों में न्यूनतम उम्र सीमा घटाकर 18 से भी नीचे कर देना चाहिए। इस बीच AP की रिपोर्ट में यूक्रेन की 72वीं ब्रिगेड के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यूक्रेन के गढ़ शहर वुहलदार पर रूस के भीषण आक्रमण और शहर के खंडहर में तब्दील होने के बाद से बड़ी संख्या में सैनिकों ने युद्ध का मैदान छोड़कर पलायन किया है। हालांकि, वह अधिकारी पलायन कर चुके सैनिकों पर कोई आरोप लगाना नहीं चाहते और कहा कि हमने अब तक उनका अधिकतम उपयोग कर लिया है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 25