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बेंगलुरु
 रेणुकास्वामी हत्याकांड में मुख्य आरोपी एक्टर दर्शन ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि रेणुकास्वामी समाज के लिए खतरा था। उसने महिलाओं को अश्लील मैसेज और पोर्नोग्राफिक कंटेंट भेजे थे। दर्शन के वकील सीवी नागेश ने कोर्ट में कहा: "उसके (रेणुकास्वामी) दिल में महिलाओं के लिए कोई सम्मान नहीं था। उसने कई महिलाओं को अश्लील सामग्री और नग्न तस्वीरें भेजी।"

रेणुकास्वामी ने गौतम के नाम से मैसेज भेजे। उसने इस तरह के गंदे मैसेज सिर्फ पवित्रा गौड़ा को नहीं भेजे। उसने कई और महिलाओं के साथ ऐसा किया। रेणुकास्वामी का शव 9 जून को पश्चिम बेंगलुरु के कामाक्षीपाल्या में एक नाले के पास मिला था। इस मामले में पुलिस ने दो दिन बाद दर्शन, उसकी दोस्त पवित्रा और अन्य सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

28 नवंबर को होगी दर्शन की जमानत याचिका पर सुनवाई

दर्शन की जमानत याचिका पर मंगलवार को दो घंटे से अधिक समय तक जस्टिस एस विश्वजीत शेट्टी की बेंच ने सुनवाई की। अगली सुनवाई 28 नवंबर को होगी। सुनवाई के दौरान दर्शन के वकील ने पुलिस जांच में खामियों को कोर्ट में पेश किया। कहा गया कि जांच कार्यवाही और शव के पोस्टमॉर्टम में देर की गई।

दर्शन के वकील नागेश ने कहा कि रेणुकास्वामी के पिता काशीनाथैया ने कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उन्हें चित्रदुर्ग से बेंगलुरु तक जबरन या धोखे से अगवा किया गया था। रेणुकास्वामी की मां ने भी कहा था कि वह दोस्तों के साथ लंच के लिए गया था। बेंगलुरू की यात्रा के दौरान रेणुकास्वामी ने एक रेस्तरां में बिल का भुगतान किया। नागेश ने कोर्ट में सवाल रखा, "क्या एक अपहृत व्यक्ति 640 रुपए का बिल चुकाएगा?"

दर्शन के वकील का दावा- 'कोई सबूत नष्ट नहीं किया गया'

दर्शन के वकील नागेश ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि किसी शव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना अपराध के सबूत नष्ट करने का मामला नहीं है।

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