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नई दिल्ली
भारतीय सेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए अपने नॉर्दर्न कमांड में 550 ‘अस्मि’ मशीन पिस्टल शामिल की हैं। यह पिस्टल पूरी तरह से स्वदेशी है और इसे भारतीय सेना के कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के सहयोग से विकसित किया है। इस पिस्टल का निर्माण हैदराबाद स्थित लोकेश मशीन कंपनी कर रही है। आत्मनिर्भरता की दिशा में इस पहल से भारतीय सेना को न केवल आधुनिक तकनीकी साजो-सामान मिल रहा है, बल्कि यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भी एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

अस्मि मशीन पिस्टल: स्वदेशी हथियार
अस्मि मशीन पिस्टल एक कॉम्पैक्ट, मजबूत और विश्वसनीय हथियार है, जिसे विशेष रूप से नजदीकी लड़ाई और विशेष अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। इसका सेमी-बुलपप डिजाइन इसे पिस्टल और सबमशीन गन दोनों के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति देता है, जो इसे एक बहु-उद्देश्यीय हथियार बनाता है। इसे सिंगल-हैंड से चलाया जा सकता है, जिससे यह एक विशेष और सुविधाजनक विकल्प बनता है, खासकर उन परिस्थितियों में जब दोनों हाथों की स्वतंत्रता की आवश्यकता होती है। यह पिस्टल भारतीय सेना की आत्मनिर्भर भारत पहल को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस स्वदेशी हथियार का भारतीय रक्षा क्षेत्र में शामिल होना देश की रक्षा मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए प्रयासों को और मजबूती प्रदान करता है।

अस्मि पिस्टल की प्रमुख विशेषताएँ

1. सटीकता और शक्ति
अस्मि मशीन पिस्टल की सटीकता उल्लेखनीय है, क्योंकि यह 100 मीटर तक सटीक निशाना लगा सकती है। इसके अलावा, यह छोटे ऑपरेशनों और आतंकवादियों के खिलाफ विशेष रूप से प्रभावी साबित होती है।

2. मैगजीन की क्षमता
इस पिस्टल में 33 गोलियों की क्षमता वाली मैगजीन होती है, जो इसे लंबे समय तक इस्तेमाल में सक्षम बनाती है, खासकर उन स्थितियों में जब एक-एक गोली की महत्ता होती है।

3. अत्याधुनिक एक्सेसरीज़ का विकल्प
इस पिस्टल पर टेलिस्कोप, लेजर बीम, और बाइनोक्यूलर जैसे उपकरण आसानी से लगाए जा सकते हैं, जिससे ऑपरेशनों के दौरान बढ़ी हुई सटीकता और दृष्टि मिलती है।

4. दोनों हाथों से चलाने की सुविधा
इस मशीन पिस्टल का लोडिंग स्विच दोनों तरफ होता है, जिससे लेफ्ट हैंडर और राइट हैंडर दोनों इसे आसानी से चला सकते हैं। यह सुविधा ऑपरेटर को अपनी पसंद के अनुसार इसे संचालित करने की स्वतंत्रता देती है।

आतंकवादियों के खिलाफ एक आदर्श हथियार
‘अस्मि’ मशीन पिस्टल को विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है। नॉर्दर्न कमांड जैसे अर्बन एरिया में जहां आतंकवादी गतिविधियाँ अधिक होती हैं, इस पिस्टल का इस्तेमाल नजदीकी मुकाबलों में अत्यधिक प्रभावी साबित हो सकता है।

पोर्टेबिलिटी और लचीला डिजाइन
इस पिस्टल की एक और विशेषता यह है कि इसकी बट को फोल्ड किया जा सकता है, जिससे पिस्टल का आकार छोटा किया जा सकता है। इसका यह लचीला डिजाइन इसे छिपाकर ले जाने में मदद करता है। इसके अलावा, जब आवश्यकता होती है तो इसे राइफल की तरह कंधे पर रखकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे अधिक दूरी पर भी फायरिंग की जा सकती है।

नॉर्दर्न कमांड में अस्मि का महत्व
भारतीय सेना के नॉर्दर्न कमांड में इस पिस्टल का शामिल होना एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम है। इस क्षेत्र में आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जाने वाले ऑपरेशनों में अस्मि मशीन पिस्टल एक महत्वपूर्ण और प्रभावी हथियार साबित होगी। इसका कॉम्पैक्ट और फोल्डेबल डिजाइन, विशेष रूप से शहरी इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में सहायक सिद्ध होगा।

‘अस्मि’ मशीन पिस्टल भारतीय सेना की आत्मनिर्भरता और स्वदेशी रक्षा उत्पादों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। यह न केवल दुनिया में भारत के रक्षा क्षेत्र की शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।

 

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