नई दिल्ली
सरकार की तरफ से टेलीकॉम के नियमों में समय समय पर बदलाव किया जाता है। टेलीकॉम एक्ट में कुछ नए नियमों को जगह दी गई थी। अब कहा गया है कि इसे फॉलो भी करना चाहिए। सभी राज्यों से इन नियमों को सख्ती से फॉलो करने के लिए कहा गया है। इसे राइट ऑफ वे (RoW) रूल का नाम दिया गया था। हर राज्य की तरफ से इसे एडॉप्ट करने के लिए कहा गया था और चार्ज में छूट भी अलग-अलग राज्य को दी गई थी।
30 नवंबर तक मांगा है जवाब
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नया नियम 1 जनवरी से लागू होने जा रहा है। ऑप्टिकल फाइबर और टेलीकॉम टॉवर इंस्टॉल करने में इसे बूस्ट किया जाएगा। टेलीकॉम ऑपरेटर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स को भी इससे काफी मदद मिलने वाली है। DoT सचिव नीरज मित्तल ने इस मामले पर सभी राज्यों के सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि सभी 30 नवंबर तक सुनिश्चित करें। 1 जनवरी से RoW पोर्टल के नए नियमों को लागू किया जाएगा।
राज्य को मिलेगी ज्यादा पावर
मित्तल ने लिखा, 'नया नियम जनवरी 2025 से लागू हो जाना चाहिए। मौजूदा RoW नियम यहीं पर थम जाना चाहिए।' यानी अब नया नियम लागू किया जाएगा। नया नियम आने के बाद राज्यों को ज्यादा पावर दी जाएगी कि वह खुद इस मामले पर अथॉरिटी को सफाई दे सकते हैं।
क्या है RoW नियम?
RoW नियम को अगर साधारण शब्दों में समझें तो ये वही नियम है जो पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी पर टॉवर या टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के मानक तय करता है। इसकी मदद से ही सरकार टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न करने पर फोकस करती है।
प्रॉपर्टी के मालिक और टेलीकॉम प्रोवाइडर RoW नियमों को ही फॉलो करते हैं। क्योंकि इसके तहत पब्लिक सेफ्टी और पारदर्शिता को काफी महत्व दिया जाता है। 1 जनवरी, 2025 से नया नियम आ रहा है जिसके बाद कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
5G पर होगा पूरा फोकस
RoW के नए नियमों में 5G पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। अब टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से इंस्टॉल किया जा रहा है। फास्ट नेटवर्क के लिए ये नियम काफी पॉजिटिव साउंड करता है क्योंकि 5G के लिए नए टॉवर इंस्टॉल करने पर फोकस किया जाएगा। इसमें अधिकतम लिमिट को भी फिक्स किया जाएगा।
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