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भोपाल

अब भोपाल विकास प्राधिकरण और हाउसिंग बोर्ड जैसी सरकारी निर्माण एजेंसियों की भूमिका खत्म होने जा रही है। शहरी विकास एवं आवास विभाग की एकीकृत टाउनशिप नीति-2025 के लागू होने से अब रियल एस्टेट विकास में निजी निवेश को और बढ़ावा मिलेगा। बिल्डर्स किफायती आवास बनाएंगे।

 राजधानी समेत अन्य शहरों में निजी रियल एस्टेट एजेंसियों बड़ी-बड़ी टाउनशिप विकसित करेंगी। नीति के तहत कम से कम 40 हेक्टेयर की नई आवासीय टाउनशिप निजी डेवलपर विकसित करेंगे। हालांकि, सडक़, बिजली, पानी और अन्य जरूरी अधोसंरचनाएं सरकार ही विकसित करेगी। इसके लिए राज्य व जिला स्तर पर तय कमेटी आवेदन मंजूर करेगी।

ऐसे मिलेगा शहर को लाभ
अब सरकार कॉलोनी तक इंफ्रास्ट्रक्चर देगी। भेल, बैरागढ़, करोद, कोलार में बड़ी टाउनशिप विकसित करने की योजना है। यहां 500 हेक्टेयर जमीन सीलिंग की खाली है। यहां सेटेलाइट टाउन बनेंगे।

जमीन मालिक भी कर सकेंगे विकसित
टाउनशिप में 18 मीटर व 30 मीटर चौड़ी सड़के होंगी। इनके आसपास ही कालोनियां विकसित होंगी। ताकि मुख्य मार्ग पर पहुंच आसान हो। लैंड पुलिंग में बदलाव किए हैं, जिसमें जमीन मालिक खुद टाउनशिप विकसित कर सकेंगे।

ऐसे मिलेगी सुविधा
राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण में सहायता करेगी। बुनियादी ढांचा प्रदान करेगी और समय पर मंजूरी सुनिश्चित करेगी। नोडल एजेंसी एकल खिडक़ी मंजूरी प्राधिकरण के रूप में काम करेगी और विभिन्न विभागों से वैधानिक मंजूरी प्राप्त करने में मदद करेगी।

यह है पॉलिसी की खास बातें
प्रदेश सरकार ने फरवरी 2025 में एकीकृत टाउनशिप नीति को मंजूरी दी थी। नियमानुसार नगरीय निकाय सीमा में 40 हेक्टेयर भूमि में टाउनशिप विकसित की जा सकेगी। अधिसूचित वन, जल निकाय, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य, रक्षा संपदा, छावनी बोर्ड, पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र, अधिसूचित खदान, खनन क्षेत्र, एसईजेड, वन्यजीव गलियारे और ऐतिहासिक तथा पुरातात्विक स्थानों पर यह लागू नहीं होगी।

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