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भोपाल
पशुपालन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लखन पटेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में वित्त एवं उप मुख्यमंत्री श्री जगदीश देवड़ा द्वारा वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट प्रदेश में विकास के नए द्वार खोलेगा और हर वर्ग के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। बजट में गत वर्ष की तुलना में लगभग 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। पशुपालन विभाग का वित्त वर्ष 2024-25 में बजट अनुमान 2149 करोड़ 92 लाख 19 हजार रूपये था। इस वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बढ़ाकर 2480 करोड़ 98 लाख 44 हजार रूपये किया गया है।

राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि इस बजट में पशुपालन विभाग के अंतर्गत गहन पशु विकास परियोजना के लिए रूपये 858 करोड़, गौ-संर्वधन और अन्य पशुओं के संवर्धन के लिए रूपये 505 करोड़, मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना के लिए रूपये 200 करोड़, मुख्यमंत्री सहकारी दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के लिए रूपये 180 करोड़, गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र के लिए रूपये 117 करोड़, महत्वपूर्ण पशु रोगों की विधिवत रोकथाम के लिए रूपये 94 करोड़, चलित पशु-कल्याण सेवाओं के लिए रूपये 83 करोड़, पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर को ग्रांट के लिए रूपये 78 करोड़, जिला एवं संभाग स्तर के लिए रूपये 56 करोड़ तथा मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना के लिए रूपये 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था तथा आर्थिक एवं सामाजिक विकास में पशुपालन की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के हित में "मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना" प्रारम्भ की गई है, जिसके अंतर्गत मध्यप्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन तथा संबद्ध दुग्ध संघों के संचालन एवं प्रबंधन के लिये राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ अनुबंध की स्वीकृति दी गई है। इस अनुबंध से दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या तथा दुग्ध संकलन में वृद्धि होगी एवं प्रदेश का साँची ब्रांड मजबूत होगा। दुग्ध उत्पादकों को दूध के उत्पादन और संकलन को बढ़ाने के लिए दुग्ध संकलन पर 5 रुपये प्रति लीटर की प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इस हेतु “मुख्यमंत्री डेयरी विकास योजना” के अंतर्गत रूपये 50 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

राज्य मंत्री श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्रव्यापी पशु कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम में हमारे प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। सॉर्टेड सीमेन प्रयोगशाला में 7 लाख 50 हज़ार डोज़ का उत्पादन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में वृहद स्तर पर स्वावलंबी गौशालाएँ स्थापित करने हेतु नीति तैयार की जा रही है। प्रदेश में संचालित लगभग 2 हज़ार 200 गौशालाओं में 3 लाख 45 हज़ार से अधिक गौवंश का पालन हो रहा है। गौ-शालाओं में पशु आहार के लिए प्रति गौवंश प्रतिदिन रुपये 20 को दोगुना कर रुपये 40 किया जा रहा है। "गौ-संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन योजना" में रुपये 505 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।

 

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