MY SECRET NEWS

नई दिल्ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि आज भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला एविएशन मार्केट है। भारत इस समय दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। पिछले दशक में देश में विमानों की संख्या 400 से बढ़कर 800 से ज्यादा हो गई है, और हवाई अड्डों की संख्या 74 से बढ़कर 159 हो गई है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एयर एंबुलेंस, कार्गो आदि के क्षेत्र में भी देश में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्थान देश के उच्चतम मेडिकल संस्थानों में से एक है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में एयरोस्पेस मेडिसिन का एकमात्र पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि इस इंस्टीट्यूट ने एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर से लेकर लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस तक के डिजाइन और डेवलपमेंट में अपना अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई निजी अंतरिक्ष एजेंसियां अब अंतरिक्ष मिशनों को अंजाम दे रही हैं। वैसे तो यह उनके लिए बड़ा अवसर है, लेकिन उनके सामने कई नई चुनौतियां भी आएंगी। ऐसे में उन एस्ट्रोनॉट तक भी एयरोस्पेस मेडिसिन की सुविधाएं पहुंचाने और उनके सामने आने वाली नई चुनौतियों की ओर पर्याप्त ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पायलट दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पायलटों में से एक हैं। उन्हें अनुकूल वातावरण प्रदान करना हमारी बड़ी जिम्मेदारी है।

रक्षा मंत्री ने कहा, "मैं इंडियन एयर फोर्स के हमारे बहादुर योद्धाओं को नमन करता हूं। इंडियन एयर फोर्स का शौर्य और पराक्रम अतुलनीय है। एक सैन्य बल के रूप में इंडियन एयर फोर्स, इंसान और मशीन का परफेक्ट कॉम्बिनेशन है। वायु सेना के जांबाज सैनिक, अपनी कर्तव्यनिष्ठता से, दिन-रात हमारी सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। हमारा मानव शरीर एक जटिल मशीन की तरह है, जो मुख्य रूप से पृथ्वी के वातावरण के लिए ही बना है। जब मनुष्य स्पेस में जाता है, तब उसे माइक्रो ग्रेविटी, रेडिएशन और आइसोलेशन जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। उस स्थिति में, एयरोस्पेस मेडिसिन ही किसी इंसान के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।

कॉकपिट डिजाइन यानी क्रू सीट कैसी होनी चाहिए, क्रू की मेडिकल किट में क्या-क्या होना चाहिए, यहां तक कि क्रू के सामने लगी डिस्प्ले कैसी होनी चाहिए और उस डिस्प्ले में क्या-क्या होना चाहिए जैसी बारीकियों के बारे में भी उन्होंने बात की।

उन्होंने कहा कि इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन ने देश के पहले कॉस्मोनॉट राकेश शर्मा को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी निभाई थी। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि इसरो के साथ मिलकर हमारे वर्तमान गगनयान एस्ट्रोनॉट का चयन भी, इसी संस्थान में हुआ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन पर आगे बढ़ते हुए, भारत ने स्वयं को 2047 तक, एक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस संकल्प को साकार करने में एयरोस्पेस सेक्टर की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0