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भोपाल

 मध्य प्रदेश में मौसम ने करवट बदली है। हवा का रुख बदलने से न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हुई है। पारा बढ़ने से कड़ाके की ठंड से राहत मिली है। मौसम विभाग के मुताबिक, एमपी में अगले 3-4 दिन तक रात का टेम्प्रेचर 2 से 3 डिग्री तक बढ़ सकता है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कोहरा रहेगा। इसके बाद फिर कड़ाके की ठंड का दौर शुरू होगा। शुक्रवार (20 दिसंबर) को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना सहित 8 शहरों में कोहरे का असर रहेगा। दिन में धूप भी खिली रह सकती है।

इन शहरों में रात का पारा सबसे कम
हिल स्टेशन पचमढ़ी में सबसे ज्यादा सर्दी पड़ रही है। पचमढ़ी में रात का टेम्प्रेचर 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहडोल के कल्याणपुर में 3.7 डिग्री, मंडला में 4.5 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री तापमान रहा। भोपाल और ग्वालियर में 6.4 डिग्री पारा दर्ज किया गया। जबलपुर 5.2, उज्जैन 9.8 डिग्री और इंदौर में 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा। उमरिया में 5.3 डिग्री, नौगांव में 5.4 डिग्री, राजगढ़ में 5.6 डिग्री और टीकमगढ़ में 6.7 डिग्री पारा रिकॉर्ड हुआ। रीवा, रायसेन, मलाजखंड और छिंदवाड़ा में 8 डिग्री के नीचे रात का पारा दर्ज किया गया।

जानें क्यों बढ़ रहा एमपी का पारा
मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक, एमपी में अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के प्रभाव से हवा का रुख बदला है। इसलिए प्रदेश में शीतलहर नहीं चल रही है। अगले 2-3 दिन तक रात के टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा।

आज इन शहरों में कोहरे का असर ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में आज (शुक्रवार) को कोहरे का असर रहेगा। दिन में धूप भी खिली रह सकती है।

अभी पचमढ़ी ही सबसे ठंडा, पारा 3.3 डिग्री प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी अभी सबसे ठंडा है। यहां बुधवार-गुरुवार की रात में टेम्प्रेचर 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहडोल के कल्याणपुर में 3.7 डिग्री, मंडला में 4.5 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, नौगांव में 5.4 डिग्री, राजगढ़ में 5.6 डिग्री और टीकमगढ़ में 6.7 डिग्री रहा। रीवा, रायसेन, मलाजखंड, छिंदवाड़ा में 8 डिग्री के नीचे रहा।

बड़े शहरों में जबलपुर सबसे ठंडा है। यहां तापमान 5.2 डिग्री रहा। भोपाल-ग्वालियर में 6.4 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और इंदौर में 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

आज इन जिलों में कोहरे का असर
मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी प्रदेश की कुछ जिलों में कोहरा छाए रहने की चेतावनी जारी की है। ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी में कोहरे का असर रहेगा। दिन में धूप भी खिली रह सकती है। हालांकि किसी भी जिले में शीतलहर या अन्य तरह की ठंड को लेकर कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की गई है।

दिन का पारा भी बढ़ा
एमपी में पिछले एक सप्ताह तेज सर्दी पड़ी। कड़ाके की ठंड से लोगों की कंपकंपी छूट गई। अब तीन-चार दिन सर्दी से राहत मिलेगी। हवा कर रुख बदलने से इंदौर, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी जैसे शहरों में तो पारा 10-11 डिग्री तक पहुंच गया है। अधिकांश शहरों में दिन का तापमान में बढ़ा है। दमोह, सिवनी, खजुराहो, मंडला, नवगांव, रीवा, सागर, टीकमगढ़, उमरिया, मलाजखंड, बैतूल, गुना, इंदौर, रतलाम, रायसेन सहित कई जिलों में दिन के तापमान में भी 3 डिग्री तक बढ़ोतरी हुई है।

इसलिए बदला मौसम मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, पिछले सप्ताह पूरे प्रदेश में शीतलहर और कोल्ड डे यानी, ठंडे दिन की कंडिशन रही, जो दो-तीन दिन से खत्म हो गई है। इस कारण अगले 2-3 दिन तक रात के टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा।

दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड इस बार दिसंबर महीने में ही ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। बुधवार से शीतलहर का दौर थमा। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए जा रहे हैं।

पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है। इस कारण अबकी बार पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया। अमूमन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तेज ठंड पड़ती है। पिछले 10 साल से यही ट्रेंड रहा है।

नवंबर में भी सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड बता दें कि नवंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। अब दिसंबर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है।

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