सिद्धू का इस्तीफा अधर में, हाई कमान ने दिए उनके बिंदुओं को सुलझाने के निर्देश
चन्नी सरकार की मौजूदा हलचल को लेकर महत्वपूर्ण बैठक में बनेगी आगे की रणनीति रणनीति
नई दिल्ली। पंजाब की राजनीति पिछले 15 दिन से उफान पर चल रही है। इसके केंद्र में हैं कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेष अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। उनके ही इर्दगिर्द पूरी राजनीति हो रही है। हालांकि उनके विरोधी उन पर हमला बोलने से कोई मौका नहीं छोड. रहे हैं। हालही में कांग्रेस के प्रदेष अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्ध ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस पर उनके विरोधी खुल कर मैदान में उतर आए और राजनैतिक बाण चलाने लगे। सोषल मीडिया पर जमकर बयान षेयर हो रहे हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरेेंदर सिंह ने कमेंट कर हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा जिसकी फितरत में ही डसना हो वह तो डसेगा ही। इसी प्रकार भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने भी अपने-अपने बयान जारी किए हैं।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा पार्टी टॉप लीडरशिप ने स्वीकार नहीं किया है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक आलाकमान ने राज्य लीडरशिप को निर्देश दिए हैं कि पहले वो मामले को अपने स्तर पर सुलझाएं। सिद्धू पहले कैप्टन अमरिंदर से नाखुष थे, अब चन्नी सरकार में भी खुष नहीं हैं। लिहाजा उन्होंने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया कि पंजाब के भविश्य से कोई समझौता नहीं करेंगे। हालांकि इस्तीफा के अंत में यह भी लिखा कि कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। ’
सिद्धू के समर्थक मंत्री का इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद मंगलवार को उनकी समर्थक मंत्री रजिया सुल्तान ने इस्तीफा दे दिया है। एक और मंत्री परगट के इस्तीफे की खबर भी थी, हालांकि उन्होंने तत्काल इस्तीफा नहीं देने की बात कह कर मामले को हवा नहीं दी। सुल्ताना को सिद्धू की करीबी माना जाता है। उनके पति मोहम्मद मुस्तफा सिद्धू के प्रधान रणनीतिक सलाहकार हैं जो भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी रह चुके हैं। अमरिंदर सिंह नीत सरकार में भी वह मंत्री थीं।
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