महाराजा छत्रसाल कॉलेज को बचाने राज्यपाल को पत्र लिखकर दी धमकी

 👉सीएम शिवराज में हिम्मत है तो विश्वविद्यालय बनाकर दिखाएं

  ✍ (माय सीक्रेट न्यूज़ डॉट कॉम) ✍

✍भोपाल/छतरपुर। ✍ छतरपुर का प्रमुख महाराजा छत्रसाल कॉलेज के असितत्व को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों अपनी मुहर लगा दी। यह खबर वायरल होते ही कॉलेज को बचाने हजारों लोग सड़क पर उतर आए। सभी ने अपने-अपने तरीके से सीएम शिवराज के फैसले पर टिप्पणी करते हुए जमकर विरोध किया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी उक्त निर्णय को जनविरोधी बताया और कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए फैसला वापस लेने के लिए पत्र लिखा है। कॉलेज को बचाने की मुहिम को समर्थन देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। लोग सड़कों पर रैली, ज्ञापन से लेकर कॉलेज में सत्याग्रह भी कर रहे हैं। एनएसयूआई ने कहा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आपमें हिम्मत है, तो सरकारी बजट से विश्वविद्यालय बनाकर दिखाएं, तब जनता स्वागत करेगी। यह फैसला शिवराज सिंह के लिए गले की फांस बन गया है। 

दरअसल, पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केबिनेट में प्रस्ताव पास किया था कि जिला छतरपुर में 9 साल पूर्व की घोषणा अनुसार विश्वविद्यालय प्रस्तावित है, जिसको मूर्त रूप दिया जाना है। विश्वविद्यालय भवन निर्माण के लिए बड़ा बजट चाहिए, यह सरकार के पास अभी नहीं है। इसलिए पूर्व से संचालित महाविद्यालय को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए। इस पर मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री समेत पूरी केबिनेट ने भी अपनी मोहर लगा दी। यह खबर वायरल होते ही आग की तरह फैल गई। 

फैसले के दिन से ही हजारों लोग अपनी आपत्ति दर्ज करा रहे हैं। वहीं कांग्रेस एनएसयूआई से पूर्व कॉलेज अध्यक्ष रहे आदित्य सिंह समेत अन्य सामाजिक संगठनों ने भी रैली तथा ज्ञापन देकर अपना विरोध दर्ज कराया है। 22 सितंबर 2021 को कॉलेज के एनएसयूआई के नेतृत्व में सैकड़ों लोग रैली की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री IOP ने छतरपुर को विश्वविद्यालय की सौगात दी थी, उसे पूरा करें। और करना ही होगा। कॉलेज का विलय किया तो एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगा।

एनएसयूआई के जिला महासचिव विवेक अग्रवाल ने कहा कि छतरपुर की पहचान और लाखों छात्रों की भावनाओं के केंद्र महाराजा कॉलेज के अस्तित्व को खत्म करने की इस सरकारी साजिश को छतरपुर कभी माफ नहीं करेगा। यह 100 साल से ज्यादा पुराना महाविद्यालय है। जिसने अनेक विद्यार्थियों को उनके मुकाम पर पहुंचाया है। आज सरकार इस कॉलेज की प्रतिष्ठा को धूमिल करने पर तुली हुई है। भाजपा की सरकार ने पिछले 9 साल से विश्वविद्यालय के नाम पर छतरपुर को ठगा है।आज तक इसके भवन निर्माण के लिए एक फूटी कौड़ी नहीं दी और अब छतरपुर के महाराजा कॉलेज का इस विश्वविद्यालय में विलय कर इसके अस्तित्व को मिटाया जा रहा है। छतरपुर की जनता सरकार के इस धोखे का प्रतिकार करेगी। 

सरकार को महंगा पड़ेगा फैसला

जनता से उसकी पहचान को छीनकर जनभावनाओं को आहत करना सरकार को महंगा पड़ेगा। यदि महाराजा कॉलेज का विलय नहीं रोका गया तो आने वाले समय में एनएसयूआई सड़कों पर उतर कर उग्र आंदोलन करेगी। ज्ञापन के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रों के हित के साथ सरकार खिलवाड़ कर रही है, यह बर्दाश्त नहीं होगा। ऐसा निर्णय लेकर सरकार ने छतरपुर के मान सम्मान को आहत किया है। इस मौके पर एनएससीआई से सुमित चौरसिया, अश्विनी मिश्रा, मंगलदीप कुशवाहा, जितेंद्र पटेल, संदीप पटेल, मनीष पटेल, सौरभ तिवारी, नीलेश अग्निहोत्री, आशीष पाठक, प्रखर शर्मा, रानू रावत, आनंद कुशवाहा, अशोक कुशवाहा, अनिल कुशवाहा, शिवांशु द्विवेदी सहित सैकड़ों की तादाद में एनएसयूआई के कार्यकर्ता, समाजसेवी आदि मौजूद थे।

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