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लक्ष्य सेन को ओलंपिक में स्वर्ण पदक की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा

पेरिस भारतीय बैडमिंटन की सनसनी लक्ष्य सेन रविवार को जब यहां पेरिस ओलंपिक खेलों के पुरुष एकल सेमीफाइनल में मौजूदा ओलंपिक चैंपियन विक्टर एक्सेलसन से भिड़ेंगे तो उन्हें अपने पहले स्वर्ण पदक की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा। पहली बार ओलंपिक में खेल रहे सेन ने शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल मैच में चीनी ताइपे के चाउ टीएन चेन को 19-21 21-15 21-12 से हराकर भारतीय बैडमिंटन में नया इतिहास रचा। वह ओलंपिक खेलों के व्यक्तिगत पुरुष एकल के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। लेकिन अब उनका सामना उस एक्सेलसन से है जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रतिद्वंदियों को कोई मौका नहीं दिया है। डेनमार्क के ओडेंस के रहने वाले इस 30 वर्षीय खिलाड़ी ने तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक और रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। वह 2017 और 2022 में विश्व चैंपियन रहे। उनके नाम पर 2016 में थॉमस कप की जीत शामिल है। इसके अलावा उन्होंने कई बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर और सुपर सीरीज खिताब जीते हैं। यही नहीं वह दिसंबर 2021 से जून 2024 तक विश्व के नंबर एक खिलाड़ी भी रहे। विश्व चैंपियनशिप 2021 के कांस्य पदक विजेता सेन को डेनमार्क के खिलाड़ी से अभी तक सात बार हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने एक्सेलसन को केवल एक बार 2022 में जर्मन ओपन में हराया था। भारत के 22 वर्षीय खिलाड़ी ने हालांकि अपने से अधिक रैंकिंग के खिलाड़ियों के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया है। पेरिस ओलंपिक खेलों में ही उन्होंने ग्रुप चरण में दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी और क्वार्टर फाइनल में विश्व के 11वें नंबर के खिलाड़ी चाउ को हरा कर अपने कौशल का शानदार नमूना पेश किया। एक्सेलसन ने इस सत्र में केवल एक खिताब मलेशिया मास्टर्स के रूप में जीता है। जून के शुरू में सिंगापुर ओपन के दौरान उनके टखने में चोट लग गई थी जिसके कारण उन्हें इंडोनेशिया ओपन से हटना पड़ा था। दूसरी तरफ सेन अभी अपने करियर में सबसे फिट नजर आ रहे हैं। उनका रक्षण शानदार है क्योंकि उन्होंने कोर्ट को अच्छी तरह से कवर किया है। एक्सेलसन को प्री-क्वार्टर फ़ाइनल में बाई मिली थी। क्वार्टर फ़ाइनल में उन्होंने सिंगापुर के पूर्व विश्व चैंपियन लोह कीन यू को हराया। डेनमार्क का यह खिलाड़ी अपने तीखे स्मैश के लिए जाना जाता है और सेन को धैर्य से उनका सामना करना होगा। सेन के पास ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का यह बेहतरीन मौका है। अगर वह एक्सेलसन से पार पाने में नाकाम रहते हैं तो उन्हें फिर कांस्य पदक के लिए चुनौती पेश करनी होगी।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 50

मध्य प्रदेश सरकार छह और सात अगस्त को दो किश्त में 5 हजार करोड़ रुपये का कर्जा लेगी

भोपाल  मध्य प्रदेश सरकार पर इस वित्तीय वर्ष में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज हो जाएगा। इसी के साथ मध्य प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति 50 हजार रुपये से अधिक का कर्जदार होगा। अब तक सरकार 3.75 लाख करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। अब छह और सात अगस्त को दो किस्तों में पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया जाएगा। वहीं, मध्य प्रदेश के कुल बजट की बात करें तो 3.65 लाख करोड़ रुपये का बजट है, लेकिन इससे अधिक मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज है। जीडीपी का तीन प्रतिशत लोन ले सकती है सरकार वित्तीय वर्ष 2024-25 की समाप्ति तक राज्य सरकार पर चार लाख 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज होने का अनुमान है, क्योंकि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के प्रविधान के अनुसार सरकार राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत तक ऋण ले सकती है। आधा प्रतिशत ऋण ऊर्जा सहित अन्य क्षेत्रों के लिए विशेष परिस्थिति में लिया जा सकता है। वर्ष 2024-25 में सरकार 65 हजार करोड़ रुपये तक कर्ज ले सकती है। इसका उपयोग विकास परियोजना और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए किया जा सकता है। ऐसे बढ़ा प्रदेश पर कर्ज मार्च 2023 मार्च की स्थिति में प्रदेश पर कुल कर्ज 3,19,109 करोड़ रुपये था। जुलाई 2024 तक मध्य प्रदेश पर 3,75,578 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है। वर्तमान प्रत्येक व्यक्ति है 45 हजार रुपये का कर्जदार जुलाई में लाए गए 3.65 लाख करोड़ रुपये के बजट में कुल राजस्व आय 2.63 लाख करोड़ रुपये है और साल भर के खर्च 3.26 लाख करोड़ रुपये हैं। ऐसे में राज्य सरकार को खर्चों के लिए 31 मार्च 2025 तक और कर्ज लेना होगा। इसमें बाजार से 65 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा सकता है। अभी मप्र सरकार पर जो कर्ज है उसके अनुमान में यह बात सामने आती है कि वर्तमान में मप्र का प्रत्येक व्यक्ति पर 45 हजार रु. का कर्जदार है। मार्च 2025 तक प्रत्येक व्यक्ति 50 हजार से अधिक के कर्ज में होगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 39

CAG रिपोर्ट केअनुसार सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी से तेलंगाना के खजाने को 1 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान

हैदराबाद  तेलंगाना में 1983 से 2018 के बीच शुरू हुई 20 सिंचाई परियोजनाओं की लागत मार्च 2023 तक एक लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गई जिसका कारण इनके क्रियान्वयन में विलंब होना है। भारत के नियन्त्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।  राज्य विधानसभा में रखी गई कैग रिपोर्ट (2022-23 के लिए) के अनुसार, परियोजनाओं के पूरा न होने से राज्य आर्थिक विकास के अपेक्षित लाभ से वंचित हो रहा है और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण में निवेश से मिलने वाले लाभ की कोई गारंटी नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य सरकार ने किसी भी सिंचाई परियोजना के वित्तीय परिणामों को सामने नहीं रखा है। कैग ने कहा, ‘‘वर्ष 2023 तक पूरी होने वाली 20 सिंचाई परियोजनाएं (1983 से 2018 के बीच शुरू) अधूरी हैं। इन परियोजनाओं की मूल लागत 1,02,388 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,06,977 करोड़ रुपये हो गई है, यानी विलंब की वजह से लागत में 1,04,589 करोड़ रुपये (102 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है।’ मार्च 2023 तक इन परियोजनाओं पर 1,73,564 करोड़ रुपये का व्यय हुआ। रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार पर 13 अधूरी सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में 8,971 करोड़ रुपये की देनदारी है। कैग रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इन परियोजनाओं/निर्माण के पूरा होने में अत्यधिक देरी से न केवल सरकार पर वित्तीय बोझ साल दर साल बढ़ता जा रहा है, बल्कि जनता को अपेक्षित लाभ से भी वंचित होना पड़ रहा है।’’   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 48

लंका के स्पिनरों और धीमी पिच से पार पाने का तरीका खोजना होगा भारत को

कोलंबो  भारत को अगर श्रीलंका के खिलाफ दबदबा बनाए रखना है तो उसे आज रविवार को यहां होने वाले दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में स्पिनरों और धीमी पिच से निपटने का तरीका ढूंढना होगा। भारत शुक्रवार को खेले गए पहले वनडे मैच में 231 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय तीन विकेट पर 130 रन बनाकर अच्छी स्थिति दिख रहा था लेकिन इसके बाद श्रीलंका के स्पिनर हावी हो गए और भारतीय टीम 230 रन पर आउट हो गई जिससे यह मैच टाई रहा। रोहित शर्मा ने आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी की लेकिन इसके बाद श्रीलंका के स्पिनरों ने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल किया। भारत ने उनका सामना करने के लिए विराट कोहली, केएल राहुल और श्रेयस अय्यर को उतारा जिन्हें स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ काफी सफलता मिली है। इन तीनों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई लेकिन वे स्वच्छंद होकर बल्लेबाजी नहीं कर पाए। कोहली पर बाएं हाथ के स्पिनर डुनिथ वेलालेज और लेग स्पिनर वानिंदु हसरंगा ने लगाम कसे रखी। पिच काफी धीमा खेल रही थी और ऐसे में स्पिनर का सामना करना आसान नहीं था। यहां तक के बाद में मुख्य रूप से बल्लेबाज श्रीलंकाई कप्तान चरित असलांका ने भी गेंदबाजी की और तीन महत्वपूर्ण विकेट लेकर मैच को टाई कराया। भारतीय बल्लेबाजों को साझेदारी निभाने की जरूरत थी लेकिन वह इसमें नाकाम रहे। दूसरी तरफ श्रीलंका के पाथुम निसांका और वेलालेज ने दूसरे छोर पर विकेटों की झड़ी के बावजूद अर्धशतक जमा कर दिखाया कि इस तरह के विकेट पर किस तरह से बल्लेबाजी करनी चाहिए। उन्होंने कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और वाशिंगटन सुंदर का प्रभावी ढंग से सामना किया। शुभमन गिल सहित भारत के चार स्पिनरों ने 30 ओवर में 126 रन देकर चार विकेट लिए जबकि श्रीलंका की तरफ से स्पिन गेंदबाजों 37.5 ओवर किए और 167 रन देकर नौ विकेट लिए। भारतीय स्पिनरों को रन रोकने के साथ ही विकेट हासिल करने पर भी ध्यान देना होगा। भारत बल्लेबाजी में एक बदलाव करके ऋषभ पंत या रियान पराग को मौका दे सकता है जिनका स्पिनर के खिलाफ अच्छा रिकॉर्ड रहा है। यह दोनों बल्लेबाज अपरंपरागत शॉट खेल कर उनकी लय बिगाड़ सकते हैं। वेलालेज ने वाशिंगटन सुंदर और अक्षर पटेल के खिलाफ स्कूप और रिवर्स स्वीप का अच्छा इस्तेमाल किया। पराग स्पिनर की भूमिका भी निभा सकते हैं लेकिन यह देखना होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन केवल एक मैच के बाद टीम में बदलाव करता है या नहीं क्योंकि हाल के दिनों में उसकी ऐसी रणनीति नहीं रही है। टीम इस प्रकार है: भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद। सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा। श्रीलंका: चरित असलांका (कप्तान), पाथुम निसांका, अविष्का फर्नांडो, कुसल मेंडिस, सदीरा समरविक्रमा, कामिंदु मेंडिस, जेनिथ लियानगे, निशान मदुश्का, वानिंदु हसरंगा, डुनिथ वेलालेज, चमिका करुणारत्ने, महीश थीक्षाना, अकिला धनंजय, दिलशान मदुशंका, मथीशा पथिराना, असिथा फर्नांडो। मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे शुरू होगा।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 46

अनजाने में जातिसूचक शब्द के प्रयोग से नहीं चल सकता एससी-एसटी एक्ट का केस :इलाहाबाद हाई कोर्ट

प्रयागराज  इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि यदि आरोपित नहीं जानता कि शिकायतकर्ता अनुसूचित जाति का है तो विवाद होने पर एससी-एसटी एक्ट लागू नहीं होगा। कोर्ट ने जालौन जिले में टवेरा कार की सामने से आल्टो कार में टक्कर मारना और गाली-गलौच, मार-पीट करने पर आईपीसी सहित एससी-एसटी एक्ट में दर्ज आपराधिक केस कार्यवाही रद्द कर दी है। कोर्ट ने कहा कि विवेचना अधिकारी ने सतही तौर पर विवेचना की। किसी चश्मदीद गवाह का बयान नहीं लिया और यह पता करने की कोशिश नहीं की कि क्या घटना पर एससी-एसटी एक्ट का अपराध बनता भी है या नहीं और चार्जशीट दाखिल कर दी। किसी के चोटिल होने की रिपोर्ट नहीं है और पहचान परेड भी नहीं कराई गई। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि जब आरोपित को मालूम ही नहीं था कि शिकायतकर्ता अनुसूचित जाति का है और अनजाने में अपमानित किया गया है तो एससी-एसटी एक्ट लागू नहीं होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने नसीम खान, फहीम व पांच अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने 27 जून 19 को दाखिल चार्जशीट, संज्ञान आदेश व सम्मन रद्द कर दिया है। मालूम हो कि शिकायतकर्ता आल्टो कार चला रहा था। याची व अन्य आरोपित टवेरा कार चला रहे थे। पेट्रोल पम्प पर याची ने अपनी कार से ऑल्टो में टक्कर मारी और मार-पीट की। जिस पर एफआईआर दर्ज की गई थी। ST/SC Act का दुरुपयोग चिंतनीय: इलाहाबाद हाई कोर्ट देश में एससी-एसटी ऐक्ट के दुरुपयोग को लेकर अक्सर सवाल उठाए जाते हैं। ये सवाल यूँ ही नहीं उठाए जाते हैं, इसके ऐसे कई उदाहरण हैं कि फर्जी SC-ST के कारण कई लोगों की जिंदगी हमेशा के लिए तबाह हो गई। कई लोगों के जीवन के अनमोल वर्ष जेल में बीते और बाद में पता चला कि केस झूठा था। ऐसे ही एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है और कठोर टिप्पणी की है। एक मामले की सुनवाई करने के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) के दुरुपयोग को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक सरकारी कर्मचारी के इशारे पर एक पति-पत्नी के खिलाफ दर्ज एफआईआर और पूरी आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया। जस्टिस प्रशांत कुमार ने कहा, “अगर उत्तर प्रदेश में इस प्रकार की गतिविधियों की अनुमति किसी और के द्वारा नहीं, बल्कि सरकारी कर्मचारी के द्वारा दी जाती है तो यह न्यायालय अपने कर्तव्य में असफल होगा। यहाँ भू-माफियाओं, राजस्व अधिकारियों और तत्कालीन एसएचओ की मिलीभगत है, जिसमें एक जोड़े को गलत तरीके से आपराधिक कार्यवाही में फंसाया गया है और उन्हें दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया गया।” याचिकाकर्ता अलका सेठी और उनके पति ध्रुव सेठी द्वारा दायर याचिका पर FIR रद्द करने का आदेश कोर्ट ने दे दिया। याचिकाकर्ताओं पर आरोप था कि सतपुड़ा में सड़क के खसरा नंबरों का लेखपाल निरीक्षण कर रहा था। इस दौरान अलका और उनके पति से लेखपाल का सामना हुआ। याचिका के अनुसार दोनों दंपत्ति ने लेखपाल को जातिसूचक गालियाँ दीं। कथित तौर पर ध्रुव सेठी ने कहा कि अगर उसकी बात नहीं मानी गई तो वह उसकी पत्नी के साथ बदतमीजी और भ्रष्टाचार के मुकदमे में फँसा देगा। आरोप है कि याचिकर्ता ने लेखपाल को बंधक बना लिया था और बिहारीगढ़ एसएचओ के हस्तक्षेप के बाद लेखपाल को रिहा कराया जा सका। इसके बाद लेखपाल ने SC/ST ऐक्ट सहित विभिन्न धाराओं में पति-पत्नी के खिलाफ FIR दर्ज करा दी। इसके बाद पूरे आपराधिक कार्यवाही के साथ-साथ विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी अधिनियम), सहारनपुर द्वारा पारित समन एवं आरोप पत्र को चुनौती देते हुए पति-पत्नी ने अदालत का रुख किया। इस पर तर्क दिया गया कि ध्रुव सेठी ने जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था और म्युटेशन के बाद सीमांकन के लिए आवेदन किया था। सीमांकन के आदेश के बावजूद राजस्व अधिकारियों ने इसे पूरा नहीं किया। अधिकारी सीमांकन नहीं कर रहे थे और इसके लिए आवेदकों को इधर-उधर दौड़ा रहे थे। जब उन पर दबाव डाला गया तो उन्होंने आश्वासन दिया कि सीमांकन पक्षों के सामने कराया जाएगा, लेकिन हैरानी की बात यह है कि उन्होंने आवेदकों की अनुपस्थिति में सीमांकन करना शुरू कर दिया। जब इसका विरोध किया गया तो हाथापाई शुरू हो गयी। दंपति ने कोर्ट को बताया कि स्थानीय भू-माफिया, जिनका उस क्षेत्र में और राजस्व पर भी प्रभाव था, और स्थानीय पुलिस अधिकारी ने एक साजिश रची। वे उनकी जमीन हड़पना चाहते थे। इसी वजह से उनके खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी। इसके साथ ही दंपति ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि लेखपाल की जाति क्या है और ना ही जाति से संबंधित उन्होंने कोई बात कही। इस पर न्यायालय ने कहा कि चौंकाने वाली बात है कि ST/SC ऐक्ट के प्रावधानों का कुछ लोगों द्वारा व्यक्तिगत प्रतिशोध, व्यक्तिगत हितों या खुद को बचाने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है। न्यायालय ने कहा कि यह कानून की प्रक्रिया का स्पष्ट दुरुपयोग है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ एक भी सबूत नहीं था कि उन्हें लेखपात की जाति के बारे में पता था। कोर्ट ने कहा कि यह विश्वास करना कठिन है कि आवेदकों ने लेखपाल के खिलाफ जाति-संबंधी शब्दों का इस्तेमाल किया था। राजस्व अधिकारी को बाँधने की घटना को भी कोर्ट ने अविश्वसनीय बताया और कहा कि एक महिला एवं एक पुरुष इतने लोगों कैसे हावी हो सकते हैं और एक व्यक्ति को बाँध सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि FIR पढ़ने से कोई मामला नहीं बनता। इसलिए इसे रद्द किया जाता है। SC/ST Act के दुरुपयोग को लेकर कई कोर्ट सख्त यह कोई पहली बार नहीं है कि किसी कोर्ट ने ST/SC ऐक्ट के गलत इस्तेमाल पर इस तरह की कठोर टिप्पणी की है। इससे पहले इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। फरवरी 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही व्यक्ति को निर्दोष करार दिया था, जो पिछले 20 वर्षों से जेल में कैद था। व्यक्ति को बलात्कार के आरोप और SC/ST एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट ने आरोपित की रिहाई की बात कहते हुए मामले पर तल्ख़ टिप्पणी भी … Read more