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हस्तशिल्प एवं हाथकरघा उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिये देश के सभी प्रमुख शहरों में मृगनयनी एम्पोरियम की शाखाएं स्थापित की जाएं‍- मंत्री दिलीप जायसवाल

भोपाल कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश की स्थानीय कलाकृतियों, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा उत्पादों के प्रचार-प्रसार के लिये देश के सभी प्रमुख शहरों में मृगनयनी एम्पोरियम की शाखाएं स्थापित की जाएं‍। इसके लिये हर स्तर पर प्रभावी कार्यवाही की जाये‍‍। राज्य मंत्री जायसवाल गुरूवार को मंत्रालय में विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभाग के सभी उत्पादों का उत्पादन एवं उनकी गुणवत्ता बढ़ाने और इन्हें आकर्षक तरीके से पैकेजिंग कर बेचने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कारीगरों के कौशल उन्नयन कार्य में भी और प्रगति लाई जाये और अधिकाधिक कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाए। बैठक में प्रमुख सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग अमित राठौर, सचिव, खादी व ग्रामोद्योग विकास बोर्ड माल सिंह, आयुक्त रेशम मदन विभीषण नागरगोजे, मप्र संत रविदास हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा आयुक्त, हस्तशिल्प एवं हाथकरघा मोहित बुंदस, उप सचिव कुटीर एवं ग्रामोद्योग ऋषि गर्ग, अवर सचिव जी.एस. आर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। हम रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें बैठक में राज्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग जरूरतमंदों की आजीविका चलाने वाला विभाग है। इसलिये विभागीय उत्पादन गतिविधियों में और तेजी लाएं। हम रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बनें। उन्होंने सिंहस्थ-2028 में विभागीय उत्पादों के व्यापक प्रचार-प्रसार एवं विक्रय के लिये अधिकारियों को अभी से कार्ययोजना बनाकर तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिये। यह भी कहा कि महाकाल लोक परिसर में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग का स्थायी स्टाल (आउटलेट) किया जाए। प्रमुख शहरों में मृगनयनी एम्पोरियम की शाखाएं खोलने के संबंध में बताया गया कि इसके लिये दूसरे प्रदेशों से समन्वय कर मृगनयनी की ब्रांच स्थापित करने के लिये ढोस चर्चा की जा रही है। बताया गया कि हर जिले में वन भारत साड़ी वॉकथान आयोजित किया गया था। इसमें प्रदेश की करीब एक लाख से अधिक महिलाओं ने भागीदारी की। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विगत 17 सितम्बर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की गई। योजना में अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों एवं शिल्पकारों को हर प्रकार की सहायता दी जाएगी। योजना में 18 प्रकार के परंपरागत व्यवसायों जैसे बढ़ई, नाव निर्माता, कवच निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार व पत्थर तराशने वाले), पत्थर तोड़ने वाले, मोची (चर्मकार)/जूते बनाने वाले, राज-मिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौने निर्माता (पारम्परिक), नाई, माला निर्माता, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले कारीगरों को शामिल किया गया है। बैठक में बताया गया कि मूलत: सू्क्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) विभाग की इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिये कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग “ट्रेनिंग पार्टनर” के रूप में कार्य करेगा। पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र एवं आईडी कार्ड के जरिये कारीगरों और शिल्पकारों का पात्रता पंजीयन कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग करेगा। पात्र कारीगरों को 5 से 7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या इससे अधिक दिनों का उन्नत प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान 500 रूपये प्रतिदिन की दर से शिष्यवृत्ति (Styfund) भी दी जाएगी। बुनियादी कौशल प्रशिक्षण में ई-वाऊचर के रूप में 15 हजार रूपये तक का टूलकिट प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। कारीगरों एवं शिल्पकारों को व्यवसाय/दुकान/आऊटलेट स्थापित करने के लिये बैंक लिंकेज व पात्रतानुसार लोन लिंकेज भी दिया जाएगा। योजना में 18 प्रकार के परम्परागत कामों में लगे कारीगरों एवं शिल्पकारों को विधिवत् प्रशिक्षण दे कर इनके उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने के लिये मार्केटिंग की जिम्मेदारी भी कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग निभायेगा। बैठक में राज्यमंत्री जायसवाल ने योजना में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के दायित्वों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की लक्ष्य पूर्ति (प्रशिक्षण आदि) पर तेजी से काम किया जाए। योजना को लक्षित वर्ग के हितग्राहियों तक पहुँचाने तथा कारीगरों एवं शिल्पकारों के उत्पादों को बाजार मुहैया कराने के लिये हर स्तर पर इनकी मार्केटिंग भी की जाये। रेशम व खादी वस्त्रों का उत्पादन बढ़ाने के लिये भी हर जरूरी कदम उठाये जायें। बैठक में खादी ग्रामोद्योग विकास बोर्ड के सचिव द्वारा बताया गया कि रेशम संचालनालय द्वारा बुरहानपुर जिले के शासकीय रेशम केन्द्र जैनाबाद में उच्च कोटि के रेशम कीट (मलबरी) का उत्पादन किया जा रहा है। यहां खादी उत्पादन केन्द्र भी प्रारंभ करने के लिये बोर्ड द्वारा ठोस कार्यवाही की जा रही है। आयुक्त हाथकरघा ने बताया कि हस्तशिल्प एवं हाथकरघा विकास निगम द्वारा ग्रामीण हाट उज्जैन में 30 महिलाओं को भगवान के वस्त्र निर्माण करने के लिये एक माह का प्रशिक्षण दिया गया है। उज्जैन में ही पत्थर शिल्प के शिल्पियों का प्रशिक्षण सत्र 5 अगस्त से प्रारंभ कर दिया गया है। प्रदेश के अन्य क्राफ्ट क्लस्टर में धातु, पत्थर एवं लकड़ी की मूर्ति निर्माताओं को प्रशिक्षण एवं विपणन सहायता दी जा रही है। विभाग द्वारा गुणवत्ता प्रमाणन, ब्राडिंग, विज्ञापन, प्रचार-प्रसार और अन्य गतिविधियों के रूप में बुनकरों एवं कारीगरों को मार्केट सपोर्ट भी दिया जा रहा है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 49

किसानों के लिए आफत बनी लगातार, सरकार से ये मांग खेतों से पानी निकासी का इंतजाम हो

भोपाल मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)  में लगातार मूसलाधार बारिश से विदिशा जिले के किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. कई किसानों के खेत तालाब बन गए हैं. जिससे उनकी फसलों को अब नुकसान का खतरा सता रहा है. वहीं धान की खेती करने वाले किसान लगाकर बारिश से बेफिक्र नजर आ रहे हैं. बारिश से गर्मी से तो राहत मिलती दिख रही है लेकिन किसानों की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है. सोयाबीन की फसल में हो सकता है बड़ा नुकसान सिंध नदी में पानी आ जाने के तहसील गंजबासोदा के ग्राम सिर्नोटा के साथ कई खेतो में पानी भर गया है. जिसमें किसानों की सोयाबीन की फसल खड़ी है. अब किसान कहते हैं अगर जल्दी खेतो में से पानी नहीं निकला तो पूरी फसल खराब हो जाएगी. दूसरे किसान बताते हैं सबसे अधिक नुकसान नदी के आसपास खेती करने वाले किसानों को है. नदी से सटे अधिकतर खेत तालाब बन गए हैं. और आगे पानी बढ़ ही रहा है, पानी कम होने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. लगातार बारिश से धान की फसल को होगा फायदा धान की खेती करने वाले किसान बताते हैं, यह बारिश धान की फसल के लिए बहुत अच्छी है. धान की फसल में ज्यादा पानी की जरूरत होती है. यह बारिश धान की फसल के लिए वरदान साबित हो सकती है. जिले में धान के साथ बड़े रकबे में होती है सोयाबीन की खेती जिले भर के एक बड़े रकबे में धान की फसल के साथ सोयाबीन की खेती भी की जाती है. किसानों की माने तो हर साल किसानों को सोयाबीन की फसल के बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. पिछले साल बारिश की कमी से फसल खराब हो गई थी. इस साल लगता है अत्यधिक बारिश से फसल खराब हो जाएगी. दोबारा रोपना होंगे पौधे ऐसे में प्रभावित किसानों को अब अपने खेतों में दोबारा धान के पौधों को रोपना पड़ेगा। अगर जल्दी खेतों से पानी निकासी का इंतजाम नहीं हुआ तो पौधे पूरी तरह से गल जाएंगे। जिले में भारी बारिश से जिन किसानों के खेतों में पानी भरा है उन्होंने प्रशासन से नुकसान का आकलन की मांग भी रखी है। धान का रकबा बढ़ा इस बार जिलेभर में कुल 1 लाख 55 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसल की बोनी का लक्ष्य रखा है। इस साल धान का रकवा तो 45 हजार हेक्टेयर तय किया है, पर यह बढ़कर 55 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया है। क्योंकि जिले में धान का रकवा लगातार बढ़ रहा है। पहले बारिश नहीं होने की वजह से धान की रोपाई लेट हो गई और जब बारिश हुई और किसानों ने धान की रोपाई की तो अब लगातार हो रही बारिश उनके लिए आफत बन गई है। पानी की निकासी नहीं जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण बड़ौदा क्षेत्र के बरखेड़ा, राधापुर, बड़ोदिया जिंसी, ठीकरिया, सोंईकलां क्षेत्र के बगडुआ में पानी की निकासी नहीं होने के चलते सैकड़ों बीघा धान की फसल में पानी भरा हुआ है। खेत तालाब की तरह लबालब हो रहे हैं। इसके अलावा कराहल क्षेत्र में तिल्ली, बाजरा के खेतों पानी भरने से फसलों में नुकसान हुआ है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 48