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रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक सिंग्रामपुर में की जा रही है

सिंग्रामपुर के लिये 5 अक्टूबर का दिन होगा अभूतपूर्व :मुख्यमंत्री डॉ. यादव रानी दुर्गावती के सिंहासन कक्ष से प्रेरित पहली ओपन-एयर कैबिनेट रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक सिंग्रामपुर में की जा रही है भोपाल राज्य शासन ने मातृ शक्ति को पूर्ण सम्मान देते हुए स्वतंत्रता संग्राम, सुशासन, साहस जैसे क्षेत्रों में राष्ट्र के लिये योगदान देने वाली वीरांगनाओं, शासिकाओं की स्मृति में विविध प्रयास किए जा रहे हैं। पहले इन्दौर में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह पूर्व मनाई गई। अब दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक दमोह के सिंग्रामपुर में उनकी जयंती पर की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ पूरा मंत्रीमण्डल और उच्च प्रशासनिक अमला 5 अक्टूबर का दिन दमोह के सिंग्रामपुर में बितायेंगे। यहां कैबिनेट बैठक के साथ सभी मंत्रीगण विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।     सिंग्रामपुर में होने वाले प्रमुख कार्यक्रम     मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक।     प्रदेश की लाड़ली बहना योजना में पात्र हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण।     सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के हितग्राहियों के खाते में राशि का अंतरण।     प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की हितग्राही बहनों के खाते में अनुदान राशि का अंतरण।     विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन।     ग्राम हरदुआ जामशा विकासखंड बटियागढ़ के उत्कृष्ट विद्यार्थियों का सम्मान।     सिंगौरगढ़ किला, निदानकुण्ड जल प्रपात, प्राचीन दुर्गा माता मंदिर का भ्रमण।     कैबिनेट स्थल का डिजाईन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को करेगा प्रतिबिंबित रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में, सिंग्रामपुर में एक भव्य ओपन-एयर कैबिनेट बैठक होगी, जो रानी दुर्गावती के सुशासन, उनकी कार्यकुशलता और महिलाओं के सशक्तिकरण से प्रेरित है। इस बैठक का डिज़ाइन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें एक किला-नुमा प्रवेश द्वार और शिव मंदिर भी शामिल हैं। यह पहली बार है जब कैबिनेट की बैठक एक खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में आयोजित की जा रही है, जो रानी दुर्गावती के समय की स्थापत्य कला से प्रेरित है। यहां की आर्किटेक्चरल छत और दीवारें रानी के जीवन की संपूर्ण यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगी, जिसमें नारी युद्ध, प्रगतिशील शासन, और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। इस आयोजन की डिज़ाइन में शानदार पत्थर की दीवारें, मेहराबदार खिड़कियाँ और एक मध्यकालीन किले की प्रामाणिकता को दर्शाने वाले तत्व शामिल होंगे। सजावट गोंड कला से प्रेरित होगी, जो रानी दुर्गावती के सिंग्रामपुर क्षेत्र के गोंड समुदाय के साथ उनके गहरे संबंध को उजागर करेगी। खाद्य क्षेत्र को एक पारंपरिक गोंड गाँव के आँगन की तर्ज पर सजाया गया है, जहाँ मेहमान पेड़ों के नीचे बैठकर, हटा से लाए गए प्राचीन कांसे के बर्तनों में परोसा गया भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, मंत्रियों के लिए विशेष कार्यालय गोंड कला और भित्ति चित्रों से प्रेरित होकर बनाए जा रहे हैं, जो कार्य-क्षमता और सांस्कृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करेंगे। सिंग्रामपुर के भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का स्वागत स्थानीय जनजातीय सांस्कृतिक टीम द्वारा पारंपरिक शैली में किया जाएगा, जो क्षेत्र की अनोखी परंपराओं और जीवंत आत्मा को उजागर करेगा।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 27

वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर, नगर निगम मथुरा में अवैध नामांतरण, कुछ तो गिरने की कगार पर

ग्वालियर  वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के आधिपत्य वाले 11 मंदिरों की स्थिति खराब है। जर्जर हो चुके इन मंदिरों पर वर्षों से यहां रहने वाले लोगों ने कब्जा कर लिया है। वे किराया भी नाममात्र का दे रहे हैं। तीन मंदिरों से जुड़ी संपत्ति को हड़पने की मंशा से कुछ लोगों ने जून, 2024 में मथुरा नगर निगम से उनका नामांतरण भी करवा लिया। जानकारी मिलते ही मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से नामांतरण को चुनौती दी गई है। इस पर सुनवाई जारी है। वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर हैं। इनमें रतलाम कुंज, सावंत बिहारी कांच मंदिर, श्रवण कुंज, सैलाना कुंज राधाकृष्ण मंदिर, प्रियावल्लभजी क्षीपी गली, दतिया नौहरा, हीरा मोहन सहित धर्मशाला जैसी कुल 11 संपत्तियां हैं। ढह सकते हैं मंदिर वृंदावन में मध्य प्रदेश सरकार के 11 मंदिर-परिसर हैं। इनमें रतलाम कुंज, सावंत बिहारी कांच मंदिर, श्रवण कुंज, सैलाना कुंज राधाकृष्ण मंदिर, प्रियावल्लभजी क्षीपी गली, दतिया नौहरा, हीरा मोहन सहित धर्मशाला जैसी कुल 11 संपत्तियां हैं। संकरी गलियों में स्थित इन मंदिरों को जीर्णोद्वार का इंतजार है। कुछ ऐसी स्थिति में भी पहुंच गए हैं कि कभी भी ढह सकते हैं। इन मंदिरों के पदेन प्रबंधक ग्वालियर संभाग के कमिश्नर हैं। जब राजाओं के मंदिर सरकार को दिए गए थे, तब ये मंदिर मध्य प्रदेश सरकार के आधिपत्य में आए थे। इन्हें ग्वालियर संभाग मुख्यालय के अधीन कर दिया गया। ग्वालियर संभाग के कमिश्नर के पास माफी एवं औकाफ के अंतर्गत आने वाली संपत्ति (देवस्थान व्यवस्था) की देखरेख करना और आवश्यक नियंत्रण रखना भी है। पहले ये मंदिर बिजावर स्टेट, दतिया स्टेट व अन्य कई राजपरिवारों के आधिपत्य में थे। मथुरा प्रशासन से निगरानी की अपेक्षा मंदिरों की देखरेख के लिए ग्वालियर के अधिकारियों ने मथुरा जिला प्रशासन को पूर्व में यह भी सुझाव दिया कि इन मंदिरों की बेहतर देखरेख हो, इसके लिए मथुरा जिले के जिम्मेदार अधिकारी को सदस्य बनाया जा सकता है। इसके अलावा वहां कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसमें इन मंदिरों के शामिल होने की संभावना है। मथुरा जिला प्रशासन इन मंदिरों को लेकर दूसरे स्थान पर जमीन दे सकता है। इन मंदिरों का किराया प्रति मंदिर दो सौ रुपये प्रतिमाह के लगभग है। इसे बढ़वाने के लिए मथुरा के जिलाधिकारी से भी ग्वालियर के अफसर मिले थे। नामांतरण करवा लिया मध्य प्रदेश सरकार के कुछ मंदिरों का गलत ढंग से नामांतरण करवा लिया गया है। इसे चुनौती दी गई है। इसके लिए हमारे कर्मचारी वृंदावन भेजे गए थे।– मनोज खत्री, कमिश्नर, ग्वालियर संभाग Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 54

एक मिनट में कैंसर होगा डिटेक्ट, IIT कानपुर ने 6 साल में तैयार किया डिवाइस

 कानपुर अब सिर्फ एक मिनट में ही पता चल जाएगा कैंसर है या नहीं. IIT कानपुर ने ऐसी कमाल की डिवाइस तैयार की है, जो 60 सेकेंड के अंदर ही रिपोर्ट देगी. यह डिवाइस केवल माउथ कैंसर (Mouth Cancer) का पता लगाने के लिए है. डिवाइस मुंह के अंदर की तस्वीर लेकर उसका एनालिसिस करेगी और तुरंत रिपोर्ट बता देगी. इस डिवाइस से यह भी पता चल जाएगा कि कैंसर किस स्टेज में है. इस डिवाइस को केमिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. जयंत कुमार सिंह की मदद से स्कैन जिनी कंपनी ने बनाया है. इसी साल दिसंबर तक यह मार्केट में आ सकती है. चलिए जानते हैं यह डिवाइस कितनी कारगर हो सकती है, इसकी कीमत कितनी होगी… 3 हजार लोगों का ट्रायल इस डिवाइस को प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम ने 6 साल में तैयार किया है. यह पोर्टेबल डिवाइस है, जिसे छोटे से बैग में रखकर कही में ले जा सकते हैं. कानपुर में कई जगहों पर कैंप लगाकर करीब 3 हजार लोगों पर इसका ट्रायल भी किया गया है. इस डिवाइस से 22 साल तक के युवाओं में कैंसर का पता चला है. टेस्टिंग में फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर, प्राइवेट जॉब करने वाले भी शामिल रहे. कैसे काम करती है डिवाइस प्रो. जयंत ने बताया कि डिवाइस की साइज एक टूथब्रेश जितनी है. इसमें हाई क्वालिटी कैमरा और LED लग है. इसे स्मार्टफोन, टैबलेट या आईपैड से भी कनेक्ट किया जा सकता है. कैमरा मुंह के अंदर की तस्वीर लेने के बाद डिटेल में रिपोर्ट मोबाइल पर भेज देगा. ये पावर बैकअप के साथ ट्रैकिंग के लिए हेल्थ हिस्ट्री जमा करती रहती है. इसका रिजल्ट 90% सटीकता वाला है और इसकी जांच में किसी तरह का दर्द भी नहीं होता है. डिवाइस को तैयार करने में लगे 6 साल केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर साइंटिस्ट प्रो. जयंत कुमार सिंह और उनकी टीम को इस डिवाइस को बनाने में 6 साल लगे हैं. उन्होंने बताया कि यह डिवाइस पोर्टेबल है. इसे आप छोटे बैग में रखकर कहीं भी ले जा सकते हैं. 3000 लोगों पर हुआ टेस्ट आईआईटी कानपुर ने मुंह के कैंसर की जांच के लिए शहर में कई जगहों पर कैंप लगाए. इसमें करीब 3000 लोगों पर परीक्षण किया गया. टेस्ट के दौरान 22 साल तक की उम्र के लोगों में कैंसर की पुष्टि हुई है. शिविर में फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर, प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी व अन्य लोग मौजूद थे. उन्होंने कहा कि अगर मुंह के कैंसर का शुरुआती दौर में पता चल जाए तो इसे काफी हद तक रोका जा सकता है. स्मार्ट फोन से कनेक्ट है डिवाइस प्रो. जयंत कुमार सिंह ने बताया कि यह डिवाइस टूथब्रश के आकार का है. इसमें हाई क्वालिटी का कैमरा और एलईडी लगी है. इसे हम अपने स्मार्टफोन, टैबलेट या आईपैड से कनेक्ट कर सकते हैं. मुंह के अंदर की फोटो लेने के बाद कैमरा आपके मोबाइल पर सारी रिपोर्ट दे देगा. डिवाइस पावर बैकअप के साथ ट्रैकिंग के लिए हेल्थ हिस्ट्री कलेक्ट करती है. यह डिवाइस 90 फीसदी सटीकता के साथ जांच करता है और इसके इस्तेमाल किसी तरह का दर्द नहीं होता. डिवाइस की कीमत प्रो. जयंत ने बताया कि इस डिवाइस की कीमत डेढ़ से दो लाख रुपये के बीच होगी. हालांकि, इसे अभी बाजार में उतारा नहीं गया है. इसमें इस्तेमाल होने वाले गैजेट दूसरे देश से खरीदने पड़ते हैं. इसलिए कीमत थोड़ी ज्यादा है. इस एक डिवाइस से पांच लाख मरीजों की जांच की जा सकती है और हम एक दिन में करीब 300 मरीजों की जांच कर सकते हैं. कैंसर का पता लगाने वाली डिवाइस की कीमत प्रो. जयंत ने बताया कि माउथ कैंसर का पता लगाने वाली इस डिवाइस की कीमत 1.5 लाख से लेकर 2 लाख रुपए तक होगी. इसमें लगने वाले कई सामान विदेशों से इंपोर्ट किए जाने हैं, इस वजह से इसकी कीमत ज्यादा है. एक डिवाइस से कम से कम 5 लाख लोगों की जांच की जा सकती है. एक दिन में करीब 300 लोगों का टेस्ट किया जा सकता है. इस डिवाइस के मार्केट में आने से मेडिकल सेक्टर में बड़ी क्रांति आ सकती है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 29

इस ट्रेन में थाली-कटोरी लेकर जाएं, मिलेगा भरपेट भोजन, नहीं लगते पैसे, 29 सालों से लगातार जारी …..

अमृतसर भारतीय रेलवे दुनिया की बेहतरीन सुविधाओं वाली रेल सेवा बनती जा रही है। रेलवे के सफर के दौरान लोगों को बहुत सारी सहूलियतें मिलती हैं। ट्रेन में बैठे-बैठे यात्रियों को भोजन मिलता है। रेलवे की इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन IRCTC ने अलग से साइट बनाई है। उस पर जाकर ट्रेन में बैठे-बैठे ऑनलाइन खाना मंगाया जा सकता है। हालांकि इसके लिए पैसे देना होता है। लेकिन एक ट्रेन ऐसी, जिसमें फ्री में भरपेट भोजन मिलता है। बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में यात्रियों को लंगर सुविधा मुहैया कराई जाती है। अमृतसर-नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस में 29 साल से यात्रियों को फ्री खाना खिलाया जा रहा है। इस ट्रेन में भोजन ले जाने की जरूरत नहीं रहती है। 2081 किमी के सफर में यात्रियों को लंगर दिया जाता है। सचखंड एक्सप्रेस में पैंट्री भी है। लेकिन यहां पर खाना नहीं बनता है। इसकी वजह ये है कि जिस समय नाश्ता मिलता है। उस समय स्टेशन पर लंगर लगता है। जिससे खाना बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। सचखंड एक्सप्रेस में 6 जगह मिलता है लंगर सचखंड एक्सप्रेस में सफर करने वाले यात्रियों को खाने की टेंशन नहीं रहती है। उन्हें फ्री में खाना मिलता है। बीते कई सालों से इस ट्रेन में यात्रियों को स्पेशल लंगर परोसी जाता है। सचखंड एक्सप्रेस 39 स्टेशनों पर रुकती है। इस दौरान 6 स्टेशनों पर यात्रियों के लिए लंगर लगता है। ट्रेन भी उसी हिसाब से उन स्टेशनों पर रुकती है कि लोग आराम से लंगर लेकर खा सकें। नई दिल्ली और डबरा स्टेशन पर दोनों तरफ से सचखंड एक्सप्रेस में लंगर लगता है। जिसके लिए यात्री पहले ही तैयारी करके आते हैं। इस दौरान सभी यात्रियों के हाथ में अपने बर्तन होते हैं। कोई अमीर गरीब नहीं होता है। हर किसी को लंगर का इंतजार रहता है। जनरल से लेकर एसी कोच तक के यात्री अपने बर्तन लेकर स्टेशन पर आ जाते हैं। 29 साल से चल रहा है लंगर लंगर का मेनू रोज बदला जाता है। इसका खर्च गुरुद्वारों को मिलने वाले दान से निकलता है। आमतौर पर कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी,की सब्जी, आलू-गोभी की सब्जी, साग-भाजी मिलती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 सालों में एक भी दिन ऐसा नहीं हुआ जब यहां पर खाना ना खिलाया गया हो। ये ट्रेन अगर लेट भी होती है तो सेवादार इंतजार में खड़े रहते हैं। रोज करीब 2000 लोगों के लिए लंगर तैयार किया जाता है। क्या है इस ट्रेन का इतिहास? ट्रेन को नांदेड़ और अमृतसर के बीच चलाया जाता है। 1995 में ये ट्रेन हफ्ते में एक बार चलती थी। इसके बाद इसमें थोड़ा बदलाव करके हफ्ते में दो बार चलाया गया। 1997-1998 के दौरान ये हफ्ते में 5 दिन चलने लगी। 2007 से ये ट्रेन रोजाना चलाई जा रही है। इस ट्रेन में लंगर सभी को दिया जाता है। जानकारी के मुताबिक, इस लंगर की शुरुआत सिख कारोबारियों ने की थी। जिसे बाद में गुरुद्वारे ने जारी रखा है। साथ बर्तन लेकर चलते हैं यात्री  ट्रेन के जनरल से लेकर एसी कोच तक में यात्री अपने साथ बर्तन लेकर चलते हैं. स्टेशनों पर बस बर्तन आगे किया, लंगर का प्रसाद मिल जाता है. दरअसल सचखंड एक्सप्रेस सिखों के दो सबसे बड़े धर्मस्थल अमृतसर के श्री हरमंदर साहिब और नांदेड़ (महाराष्ट्र) के श्री हजूर साहिब सचखंड को जोड़ती है. जिसकी वजह से सफर के रूट में पड़ने वाले छह स्टेशनों पर लंगर का प्रसाद सालों से परोसा जाता रहा है. कढ़ी-चावल, छोले, दाल, खिचड़ी,की सब्जी, आलू-गोभी की सब्जी, साग-भाजी मिलती हैं.   रोजाना 2000 लोगों के लिए बनता है लंगर  साल 1995 शुरू हुई इस ट्रेन को पहले हफ्ते में एक बार चलाया जाता था.बार में इसे बढ़ाकर हफ्ते में दो बार चलाया गया. साल 1997 में इसे हफ्ते में 5 बर और फिर इसे बढ़ाकर रोजाना कर दिया गया. इस लंगर की शुरुआत एक व्यापारी ने की थी, अब रोजाना 2000 लोगों के लिए लंगर बनता है. ट्रेन से सफर करने वाले लोग पहले से ही तैयारी करके रखते हैं. स्टेशन आने पर कुछ सेवादार ट्रेन में और कुछ स्टेशनों पर यात्रियों को लंगर का प्रसाद परोसते हैं. सालों से चली आ रही ये परंपरा आज भी जारी है.  Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 37