MY SECRET NEWS

चीन में लगातार जन्म दर कम हो रही कमी, जानें भारत समेत दूसरे देशों का क्या है हाल

नईदिल्ली चीन में पिछले कुछ सालों में जन्म दर में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते चीन में बच्चों के स्कूल माने जाने वाले कई किंडर गार्डन बंद कर दिए गए हैं. ये स्थिति सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि कई देशों के लिए चिंता का विषय है. जहां घटती जन्म को बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कई प्रयास कर रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर भारत का जन्म दर के मामले में क्या हाल है. चीन में क्यों घट रही जन्म दर? चीन में दशकों तक चली एक-संतान नीति के कारण लोगों में एक बच्चे को जन्म देने की मानसिकता बन गई. जी हां, एक समय ऐसा था जब चीन दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन गया था. जिसके चलते चीन ने दो बच्चे पैदा करने पर रोक लगा दी थी. ऐसे में अब लोग एक ही बच्चे को जन्म देते हैं और उसका पालन पोषण करते हैं. इसके अलावा शहरीकरण के कारण लोगों की जीवनशैली में बदलाव आया है. करियर और जीवन स्तर को बेहतर बनाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है. वहीं महिलाएं अब शिक्षित और स्वतंत्र हैं. वो करियर बनाने और परिवार नियोजन के फैसले स्वयं ले रही हैं. साथ ही बच्चों की परवरिश में आने वाली लागत लगातार बढ़ रही है. इसके अलावा चीन की आबादी भी तेजी से बूढ़ी हो रही है. चीन में गिरती जन्मदर के क्या हैं प्रभाव? अब सवाल ये उठता है कि चीन अपनी घटती जनसंख्या से परेशान क्यों हो रहा है? तो बता दें कि कम जन्मदर से श्रम शक्ति कम होगी, जो आर्थिक विकास को प्रभावित करेगी. इसके अलावा बुजुर्गों की संख्या बढ़ने से सामाजिक सुरक्षा प्रणाली पर दबाव बढ़ेगा. साथ ही कम युवाओं के कारण सैन्य शक्ति कमजोर हो सकती है. भारत में जन्म दर की क्या है स्थिति? भारत में भी पिछले समय के मुकाबले जन्म दर घटी है. अब हमारे देश में दंपत्ति एक या दो बच्चों को ही जन्म देने पर जोर दे रहे हैं. हालांकि चीन के मुकाबले भारत में ये समस्या फिलहाल कम है. वहीं कई ऐसे देश हैं जहां घटती जन्म दर एक बड़ी समस्या है. बता दें जापान, दक्षिण कोरिया और कई यूरोपीय देशों में भी जन्मदर में गिरावट देखी जा रही है. जिसके लिए सरकार को आगे आकर जन्म दर को बढ़ाने के प्रयास करने पड़ रहे हैं. जी हां, इन देशों में सरकार बच्चे पैदा करने के लिए तरह-तरह के ऑफर देकर लोगों को आकर्षित कर रही है. Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 73

शोध में पाया गया कि देश के 65 प्रतिशत हेल्थ प्रोफेशनल सुरक्षित तंबाकू विकल्पों के पक्ष में

नई दिल्ली देश में तंबाकू की बढ़ती महामारी के बीच 10 में से चार घर धूम्रपान की लत से परेशान हैं। शुक्रवार को आई एक नई रिपोर्ट से पता चला है कि देश में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े 65 फीसदी पेशेवर जीवन बचाने के लिए तंबाकू के सुरक्षित और नए विकल्पों की मांग कर रहे हैं। साइजेन ग्लोबल इनसाइट्स एंड कंसल्टिंग के सहयोग से डॉक्टर्स अगेंस्ट एडिक्शन (डीएएडी) सर्वेक्षण की रिपोर्ट में स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का पता चला है, जिसमें 65 प्रतिशत डॉक्टर धूम्रपान की लत छुड़ाने के प्रयासों में निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी और हीट-नॉट-बर्न उत्पादों जैसे सुरक्षित विकल्पों को एकीकृत करने का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने इन विकल्पों की प्रभावकारिता पर और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया। यह रिपोर्ट तंबाकू की लत के खिलाफ भारत की चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो सालाना 9,30,000 से अधिक मौतों का कारण बनती है।धूम्रपान से संबंधित बीमारियों के कारण हर दिन 2,500 से अधिक लोगों की जान चली जाती है। पद्मश्री पुरस्कार विजेता और सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मोहसिन वली ने कहा, "तंबाकू की लत देश की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती है। इससे निपटने के लिए हमें तंबाकू छोड़ने के लिए वैज्ञानिक रूप से स्वीकृत विकल्पों को प्राथमिकता देनी चाहिए। स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के रूप में रोगियों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मार्गदर्शन करना जीवन बचाने और तंबाकू के विनाशकारी प्रभाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है।" डीएएडी के मुख्य समन्वयक डॉ. मनीष शर्मा ने कहा, "भारत का तम्बाकू संकट एक राष्ट्रीय आपातकाल है, जिसके लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। धूम्रपान छोड़ने के वैज्ञानिक रूप से सिद्ध समाधानों की तत्काल वैधानिक सिफारिशें की जानी चाहिए।" सर्वेक्षण में 300 स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को शामिल किया गया जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक ने लत की गंभीरता और प्रेरणा की कमी का हवाला दिया और 60 प्रतिशत ने छोड़ने के लिए प्रमुख बाधाओं के रूप में लत छोड़ने के संसाधनों की कमी की ओर इशारा किया। इससे पता चला कि अपर्याप्त अनुवर्ती देखभाल और साक्ष्य-आधारित तरीकों के खराब कार्यान्वयन के कारण भारत में धूम्रपान बंद करने में बाधा आ रही है। केवल 7.4 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नियमित रूप से लत छोड़ने के लिए सलाह देते हैं और केवल 56.4 प्रतिशत फॉलोअप कंसल्टेशन की व्यवस्था करते हैं। ये आंकड़े महत्वपूर्ण कमी को इंगित करते हैं। नई दिल्ली स्थित बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पवन गुप्ता ने कहा, "तम्बाकू की लत से छुटकारा पाने के लिए बहुआयामी समाधानों की आवश्यकता है। धूम्रपान छोड़ने के लिए सुरक्षित और नए वैकल्पिक उत्पादों का उदय हमारी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है। धूम्रपान छोड़ने की इन रणनीतियों को एक जगह उपलब्ध कराकर और इसके बारे में तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म और संसाधनों के बारे में लोगों में जानकारी बढ़ाकर हम अपने उपचार के परिणामों में काफी सुधार कर सकते हैं।" Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 34

महाकुंभ 2025 में महाआयोजन के दौरान 40 करोड़ से अधिक लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान

प्रयागराज दुनिया के सबसे बड़े आयोजन व सनातन आस्था के केंद्र महाकुंभ 2025 को सभी के लिए सुगम बनाने हेतु योगी सरकार लगातार तत्परता से कार्य कर रही है। इस महाआयोजन के दौरान 40 करोड़ से अधिक लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है, जिसको लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों ने क्राउड मैनेजमेंट की तैयारी की है। खासतौर पर पीक डेज (प्रमुख स्नान) के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण कहीं कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। आने और जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं, जबकि मोबिलिटी जारी रहे इसकी भी व्यवस्था की गई है। रास्ता जाम न हो, इसके लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर जो योजना बनी है उसके अनुसार, श्रद्धालुओं को पीक डेज में एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से ज्यादा पैदल यात्रा नहीं करनी होगी। आने और जाने के अलग-अलग रास्ते प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में सिर्फ प्रदेश और देश से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं का बड़ा जत्था प्रयागराज पहुंचने वाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट को लेकर एक कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान सर्वाधिक श्रृद्धालु सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से सभी शहर के दिशाओं में पार्किंग की व्यवस्था की गई है, जहां वाहन खड़ा कर श्रद्धालु आगे का रास्ता तय करेंगे। मेला क्षेत्र में हमने आने और जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए हैं। आस्था की डुबकी लगाने वाले जिस रास्ते से जाएंगे, उस रास्ते से वापस नहीं लौटेंगे। उन्हें दूसरे रास्ते से होकर जाना होगा, ताकि कहीं भी श्रद्धालु आमने-सामने नहीं आ सकेंगे।   नहीं बनने दी जाएगी जाम की स्थिति मंडलायुक्त ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालु कहीं एक साथ रुकें नहीं, वो चलते रहें। इससे कहीं भी जाम की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ शहर में भी श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को बरकरार रखा जाए ताकि स्नान और दर्शन आदि करने के बाद वो सीधे पार्किंग स्थल पहुंचें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। इसी तरह, रेलवे से भी रिक्वेस्ट की गई है कि वो समय पर और अधिक स्पेशल ट्रेनें संचालित करें, ताकि श्रद्धालु अपना समय गंवाए बिना यात्रा को बरकरार रखे। रेलवे की ओर से पॉजिटिव रिस्पॉन्स भी मिला है और उन्होंने कई अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें संचालित करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यदि श्रद्धालु कुछ देर विश्राम करना चाहेंगे तो उनके लिए कुछ होल्डिंग एरियाज भी चिह्नित किए गए हैं। राजसी स्नान के दिनों में लागू होगी विशेष ट्रैफिक स्कीम महाकुंभ की शुरुआत के साथ ही प्रयागराज में श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो जाएगा। प्रमुख स्नान के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई करोड़ तक होगी। ऐसा अनुमान है कि मौनी अमावस्या को सर्वाधिक 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगमनगरी आ सकते हैं। इसकी भी तैयारी की गई है। विजय विश्वास पंत ने बताया कि पीक डेज में आने वाले श्रद्धालुओं को एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से ज्यादा नहीं चलना पड़ेगा। मौनी अमावस्या सबसे डेंसिटी वाला दिन होने की संभावना है। इसमें भी सुबह 3 बजे से दोपहर 12 बजे का समय बहुत क्रिटिकल होगा, जब श्रद्धालु संगम का रुख करेंगे। वहीं 12 बजे के बाद उनका लौटना शुरू हो जाएगा। हमारी कोशिश उन्हें सुगमता से संगम क्षेत्र तक पहुंचाने और फिर पार्किंग स्थल तक वापस आने की सुविधा प्रदान करने की है। संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बाद उन्हें तुरंत वापस भेजने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जाम की स्थिति न बने। उन्हें पार्किंग स्थल तक पहुंचाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना किया जाएगा। हमारी विभिन्न ट्रैफिक स्कीम तैयार है, जिससे न ही श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा और न ही मेला और शहर क्षेत्र में ट्रैफिक पैनिक की स्थिति होगी। इंदौर की बायो फ्रेंडली थैलियों का होगा उपयोग मंडलायुक्त ने बताया कि इस महाकुंभ को स्वच्छ कुंभ बनाने के मुख्यमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा। इनके रिप्लेसमेंट ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है। खासतौर पर इंदौर की बायो फ्रेंडली थैलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसको लेकर हम व्यापारियों से भी संवाद करने वाले हैं। साथ ही लोगों और अधिकारियों को प्लास्टिक की बजाए विभिन्न प्रकार के झोलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 43

महाकुंभ 2025: प्रयागराज की दीवारें भी बताएंगी महाकुंभ का महत्व, परंपरा और समुद्र मंथन का भी दीवारों पर होगा चित्रण

प्रयागराज संगम नगरी में लगने वाला महाकुंभ 2025 बेहद ख़ास होने वाला है। शहर की दीवारें महाकुंभ के दौरान धर्म और अध्यात्म की अलख जगाते हुए देखी जाएंगी। पहली बार करीब 10 लाख स्क्वायर फीट दीवार पर इसका चित्रण किया जाना है जिसमें 5 लाख स्क्वायर फीट पर किया जा रहा है बाकी की दीवारें चिन्हित की जा रही है। आपको बता दे महाकुंभ के इतिहास चित्रण शहर की दीवारों पर दिखाई देगा, संत ऋषि ने कैसे कुंभ की परंपरा को आगे बढ़ाया, इसको भी चित्रण के जरिए दीवारों पर श्रद्धालु देख सकेंगे। करीब 18 करोड़ के बजट से शहर और महाकुंभ क्षेत्र में जानें वाली सड़कों के किनारे की दीवारों पर इसका चित्रण किया जा रहा है। जिसमें संत महत्मा और सनातन संस्कृति से जुड़े चित्रण श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होंगें। ख़ास बात यह है कि इस चित्रण में भगवान राम और श्रीकृष्ण को दर्शाया जाएगा। इसकेे साथ ही समुंद्र मंथन का भी चित्रण किया जाएगा, जिससे कुंभ के परंपरा की शुरूआत को श्रद्धालु चित्रण के जरिए समझ सकें। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि मेला क्षेत्र और शहर के प्रमुख स्थलों की दीवारें और फ्लाईओवर भगवान राम, श्रीकृष्ण, भगवान भोलेनाथ और देवी-देवताओं का बखान करेंगी। उन्होनें बताया कि पेंट माई सिटी के तहत इस बार देवी देवताओं के अलावा गंगा अवतरण की पूरी कहानी के साथ इनमे पलने वाले जीव जंतुओं को भी चित्रण के जरिए दर्शाया जाएगा। उन्होनें बताया कि करीब 10 लाख स्क्वायर फीट दीवार पर इसका चित्रण किया जाना है। चित्रण के पहले चरण के कार्य की शुरुआत मेला प्राधिकरण कार्यालय से हो चुकी है। अपर मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक पेंट माई पेंट सिटी के तहत कुल आठ संस्थाओं का चयन इस पूरे कार्य के लिए किया गया है। ये संस्थाएं मुंबई, पुणे, राजस्थान समेत अन्य स्थानों की हैं। इसके साथ ही इलाहाबाद विश्विद्यालय, ट्रिपल आईटी और बीएचयू के कई बद्धिक शैक्षिक लोगों को भी जोड़ा गया है। बाहरी संस्थाओं को 20 फीसदी स्थानीय कलाकार रखने हैं, ताकि स्थानीय कलाकारों को भी रोज़गार के संसाधन पेंट माय सिटी के तहत उपलब्ध कराए जा सकें।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 28

रूस ने शुरू कर दी न्यूक्लियर हमले की प्रैक्टिस, ऐक्शन से थर्राई दुनिया

मॉस्को बीते दो साल से भी ज्यादा वक्त से रूस-यूक्रेन मोर्चे पर हैं। रूस इस बात पर आमादा है कि वह यूक्रेन को तबाह करके ही मानेगा, वहीं यूक्रेन है कि रूस के सामने घुटने टेकने को तैयार नहीं है। अब यह युद्ध सबसे कठिन दौर में प्रवेश कर गया है क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु बलों को विशेष अभ्यास शुरू करने का आदेश दिया। यह दो हफ्तों में दूसरी बार है जब पुतिन ने ऐसा सैन्य अभ्यास शुरू किया है। पश्चिमी देशों के नेतृत्व वाली नाटो गठबंधन अब भी इस बढ़ते तनाव से निपटने के तरीकों को लेकर अनिश्चित हैं। तनाव तब और बढ़ा जब अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें उपलब्ध कराने की योजना बनाई ताकि वह रूस के अंदर गहरे क्षेत्र तक निशाना बना सके। रूस ने पश्चिम को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि अगर यूक्रेन ने पश्चिमी समर्थन के साथ इस तरह का कदम उठाया, तो वह अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने पर विचार करेगा। क्रेमलिन ने अपनी परमाणु नीति को अपडेट किया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि पुतिन की स्वीकृति से यह नीति गैर-परमाणु देशों के खिलाफ भी लागू हो सकती है। परमाणु अभ्यास की शुरुआत करते हुए पुतिन ने कहा, "हम परमाणु हथियारों के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए अधिकारियों की कार्रवाई का अभ्यास करेंगे और इसके अंतर्गत बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का जरूरी इस्तेमाल करेगा।" उन्होंने यह भी कहा कि परमाणु हथियारों का उपयोग अत्यंत असाधारण स्थिति में ही किया जाएगा, लेकिन इन्हें हमेशा तत्परता में रखना आवश्यक है। पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया, "हम एक नई हथियार दौड़ में शामिल नहीं होना चाहते, लेकिन हम अपनी परमाणु ताकत को उचित स्तर पर बनाए रखेंगे।" नाटो ने रूस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उत्तर कोरिया द्वारा रूस को यूक्रेन में लड़ने के लिए सैनिक भेजने का मुद्दा शामिल है। पेंटागन ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने रूस को कम से कम 10,000 सैनिक भेजे हैं, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का दावा है कि यह संख्या 12,000 से अधिक हो सकती है। पेंटागन की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी सबरीना सिंह ने कहा, "हमें विश्वास है कि डीपीआरके ने कुल मिलाकर लगभग 10,000 सैनिक रूस के पूर्वी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए भेजे हैं। इनमें से कुछ सैनिक यूक्रेन के करीब पहुंच गए हैं और हमें चिंता है कि रूस इन सैनिकों का उपयोग यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में करेगा।" पुतिन ने अपने देश की रक्षा के मुद्दे पर स्पष्ट करते हुए कहा कि यह केवल रूस का आंतरिक मामला है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल होने का निर्णय लेता है, तो रूस भी अपनी सुरक्षा को लेकर जो जरूरी होगा, वह करेगा। रूसी सेना ने अपने हालिया अभ्यास के दौरान टीवर क्षेत्र में भी प्रशिक्षण किया, जो मास्को के उत्तर-पश्चिम में स्थित है। इस अभ्यास में यार्स इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) जैसे उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया, जो अमेरिका के हर कोने तक प्रहार करने में सक्षम हैं। रूस और अमेरिका दुनिया के कुल परमाणु हथियारों के 88% का नियंत्रण रखते हैं। पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पहले भी यह चेतावनी दी थी कि यदि रूस और नाटो में सीधा टकराव हुआ, तो यह तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है। रिपब्लिकन राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने भी परमाणु युद्ध के जोखिम को लेकर चेतावनी दी है। पुतिन ने कहा, "बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों और नए बाहरी खतरों के बीच, हमारे पास तैयार और आधुनिक रणनीतिक बलों का होना महत्वपूर्ण है।" उन्होंने बताया कि रूस नए स्थिर और मोबाइल-आधारित मिसाइल सिस्टम की ओर बढ़ रहा है, जिनमें प्रक्षेपण की तैयारी का समय कम है और ये मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी मात दे सकते हैं। वहीं पेंटागन ने स्पष्ट किया है कि अगर उत्तर कोरिया रूस का समर्थन करने के लिए सैनिक भेजता है, तो अमेरिका यूक्रेन के हथियारों के उपयोग पर कोई नई सीमाएं नहीं लगाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 33

राहुल गांधी ने कि कारीगर समुदाय से मुलाकात: पेंटरों और कुम्हारों की जिंदगी कि चुनौतियों पर चर्चा

Rahul Gandhi meets artisan community: discusses challenges in life of painters and potters नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में पेंटर और कुम्हार समुदाय के सदस्यों के साथ समय बिताया, उनके काम की बारीकियों को समझा और उनकी जिंदगी से जुड़ी परेशानियों पर गहन चर्चा की। राहुल गांधी ने इन मेहनतकश कारीगरों के साथ काम में हाथ बंटाया और उनकी कठिनाइयों को नजदीक से जानने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ये कारीगर हमारे घरों को अपनी कला से रोशन करते हैं, लेकिन उनके खुद के जीवन में खुशहाली और स्थिरता की कमी है। इसके लिए समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह इन हुनरमंदों को न केवल पहचान दे, बल्कि उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहयोग भी करे। पेंटर समुदाय की चुनौतियाँ: सीमित अवसर, जोखिमपूर्ण काम और स्थायित्व की कमी राहुल गांधी ने पेंटर समुदाय के साथ चर्चा करते हुए पाया कि उनके काम में कई तरह की चुनौतियाँ हैं। इन कलाकारों का काम चाहे घरों की दीवारों पर हो या बड़े भवनों पर, इनमें कई जोखिम जुड़े होते हैं। अधिकतर पेंटर अनौपचारिक श्रम बाजार में काम करते हैं, जिसके चलते उन्हें नियमित आय या भविष्य में स्थायित्व की कोई गारंटी नहीं मिलती। कई पेंटरों ने अपनी परेशानियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि उनके पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं होते, जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। राहुल गांधी ने इस पर चिंता जताई और कहा कि इस समुदाय को बेहतर उपकरण और सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करना अत्यंत जरूरी है। साथ ही, उन्होंने पेंटरों के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का समाधान करने पर भी जोर दिया, ताकि इस समुदाय को एक सुरक्षित और बेहतर भविष्य मिल सके। कुम्हार समुदाय से बातचीत: पारंपरिक कला के संरक्षण की जरूरत राहुल गांधी ने कुम्हार समुदाय के साथ बातचीत करते हुए उनकी कला की बारीकियों को समझा। कुम्हारों की कला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न हिस्सा है। लेकिन आज, आधुनिकता के इस दौर में यह कला विलुप्त होने के कगार पर है। कुम्हारों ने बताया कि पारंपरिक मिट्टी के बर्तन और मूर्तियाँ बनाने का काम पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है, लेकिन अब प्लास्टिक और मशीनी उत्पादों के कारण उनकी मांग घटती जा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार और समाज को मिलकर कुम्हारों को उचित बाजार और सहयोग प्रदान करना चाहिए। यदि उनके उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए, तो ये लोग न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होंगे बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजीवनी मिलेगी। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि इस कला को आधुनिक बाजार में स्थान दिलाने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता की भी आवश्यकता है। हुनरमंदों को मौके देने पर जोर: स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण राहुल गांधी का मानना है कि यदि सही प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता मिले तो कारीगर और कलाकार अपनी कला से समाज में योगदान कर सकते हैं और एक आर्थिक संबल पा सकते हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि पेंटरों और कुम्हारों जैसे कारीगरों के लिए विशेष योजनाएं लाई जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे कलाकारों के लिए वित्तीय योजनाओं, लोन स्कीम और सरकारी सब्सिडी की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि उन्हें अपनी कला को आगे बढ़ाने के लिए आर्थिक आधार मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय बाजारों और कला मेलों का आयोजन करने का सुझाव दिया, जहां ये कलाकार सीधे अपने उत्पादों को बेच सकें और उचित मुनाफा कमा सकें। समाज के प्रति संदेश: कला और मेहनत की इज्जत करें राहुल गांधी ने इस मुलाकात के दौरान एक संदेश दिया कि समाज को इन मेहनतकशों के योगदान को समझना चाहिए और उनकी कला का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेंटर और कुम्हार जैसे लोग हमारे घरों और समाज को सुंदर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अगर हम इनकी कला और मेहनत की इज्जत करेंगे और इन्हें सहयोग देंगे, तो एक समृद्ध और सशक्त समाज की स्थापना हो सकती है। राहुल गांधी की यह पहल न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने एक उदाहरण प्रस्तुत किया कि कैसे नेता जनता के करीब जाकर उनकी असली समस्याओं को समझ सकते हैं और उनके समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 68

वसीयत लिखते समय न करें ये गलतियां, वरना आ सकती हैं दिक्कतें

उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद अक्सर लोगों को अपनी संपत्ति का वारिश ढूंढना पड़ता है। हालांकि, अपनी संपत्ति का मालिकाना हक किसी दूसरे के हाथों में सौंपने के लिए व्यक्ति को वसीयत लिखनी जरूरी होती है। वसीयत एक कानूनी साक्ष्य होता है जो इस बात की पुष्टि करता है कि आपने अपनी संपत्ति का उत्तराधिकार किसे चुना है? अगर वसीयत न लिखी जाए तो उत्तराधिकारियों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। हालांकि, वसीयत लिखते समय आपको कई जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं तो भविष्य में कई तरह की दिक्कतें आ सकती हैं। इसी कड़ी में आज इस खबर के माध्यम से हम आपको उन जरूरी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका विशेष ध्यान वसीयत लिखते समय रखना चाहिए। आइए जानते हैं वसीयत लिखते समय आपको अपने चल और अचल संपत्ति की जानकारी विस्तार ढंग से देनी चाहिए। इसके अलावा आपको अपने बैंक खाते, प्रॉपर्टी की डिटेल्स, लॉकर नंबर आदि जानकारी वसीयत में ठीक से देनी चाहिए। इससे कंफ्यूजन पैदा नहीं होगी। वसीयत बनाते समय आपको एक काबिल एग्जीक्यूटर की जरूरत होती है। इससे यह स्पष्ट होता है कि आपकी वसीयत ठीक तरह से बंटी है। एग्जीक्यूटर को वसीयतकर्ता द्वारा नियुक्त किया जाता है। वसीयतकर्ता की मृत्यु के बाद एग्जीक्यूटर उसकी जगह लेता है। इस दौरान एग्जीक्यूटर यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति को वसीयतकर्ता की अंतिम इच्छा के अनुसार इम्प्लीमेंट किया जाए। वसीयत लिखते समय आपको हर पेज के नीचे अपने हस्ताक्षर करने चाहिए। हस्ताक्षर करने के बाद उसके नीचे ब्रैकेट में अपना नाम जरूर लिखें। आप जिस भाषा में हस्ताक्षर कर रहे हैं उसी भाषा में आपको साफ और स्पष्ट ढंग से अपना नाम नीचे लिखना चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 53