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फ्रीलांसर, डिलीवरी ब्वॉय और कैब ड्राइवर्स जैसे गिग वर्कर्स को भी अब मिलेगी पेंशन! बजट में हुआ बड़ा ऐलान

नई दिल्ली बीते एक फरवरी को पेश किए गए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्रीलांसर, डिलीवरी ब्वॉय और कैब ड्राइवर्स जैसे गिग वर्कर्स के लिए एक बड़ा ऐलान किया। इसके तहत गिग वर्कर्स को हेल्थ बेनिफिट समेत कई बड़ी सुविधाएं दी जाएंगी। इसकी प्रक्रिया अब शुरू कर दी गई है। दरअसल, लेबर मिनिस्ट्री ने कहा है कि जल्द ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पेंशन योजना लाने को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगेगा। एक आधिकारिक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत हर लेनदेन से हुई आय से सामाजिक सुरक्षा योजना में योगदान दिया जाएगा। क्या है प्लान  कहा कि श्रम मंत्रालय एक ऐसी व्यवस्था पर काम कर रहा है, जिसके तहत जोमैटो, स्विगी के अलावा ओला, उबर जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म इन श्रमिकों की आय पर हर लेनदेन पर प्रतिशत के रूप में सामाजिक सुरक्षा अंशदान काट लेंगे। सूत्र के मुताबिक इस योजना के तहत श्रमिकों को रिटायरमेंट के समय दो विकल्प दिए जा सकते हैं, जब उनकी पेंशन तय हो जाएगी। वे जमा पर ब्याज को पेंशन के रूप में निकाल सकते हैं या संचित धन को निर्धारित अवधि के लिए बराबर किस्तों में विभाजित कर सकते हैं। हालांकि, सूत्र ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा योजना के लिए योगदान की जाने वाली राशि अभी तय नहीं की गई है। गिग श्रमिक एक साथ दो या अधिक प्लेटफॉर्म के लिए काम कर सकते हैं। बजट में हुआ बड़ा ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सरकार ई-श्रम प्लेटफॉर्म पर गिग कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करेगी। साथ ही उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाएगी। बता दें कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलिवरी सर्विसेज प्रोवाइड करने वाले कर्मचारी आदि ‘गिग’ कर्मियों की श्रेणी में आते हैं। व्यव सचिव ने कही थी ये बात बीते दिनों व्यय सचिव मनोज गोविल ने कहा कि श्रम मंत्रालय और संबंधित अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श कर योजना के मापदंडों तथा विवरणों पर काम किया जा रहा है। गोविल ने कहा कि ‘गिग’ श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना या तो 100 प्रतिशत केंद्रीय क्षेत्र की योजना हो सकती है या केंद्र प्रायोजित योजना हो सकती है, जहां लागत केंद्र व राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात में साझा की जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 24

एमपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए पार्टी अपने पुराने और आजमाए हुए फॉर्मूले पर ही भरोसा करेगी

भोपाल मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी में नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम तय होना है. जिसके लिए प्रक्रिया तो जारी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल लगातार हो रही देरी से उठ रहा है. क्योंकि काफी मशक्कत के बाद बीजेपी ने जिला अध्यक्षों की घोषणा तो कर दी लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी क्यों हो रही है. हालांकि, बीजेपी का कहना है कि फिलहाल पार्टी की प्राथमिकता दिल्ली विधानसभा चुनाव है, जिसके तुरंत बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चुन लिया जाएगा. अब सवाल यह है कि पार्टी इस बार अध्यक्ष पद के लिए क्या फॉर्मूला तय करती है? बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो एमपी बीजेपी अध्यक्ष के लिए पार्टी अपने पुराने और आजमाए हुए फॉर्मूले पर ही भरोसा करने वाली है. क्या है पुराना फॉर्मूला? आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में बीजेपी ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में 10 सालों की कांग्रेस सरकार को हटाकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी. तब जिस फॉर्मूले पर भारतीय जनता पार्टी ने काम किया, उसने बीजेपी को मध्यप्रदेश में बेहद मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया. यह फॉर्मूला था ओबीसी मुख्यमंत्री और सवर्ण प्रदेश अध्यक्ष का. 2003 में उमा भारती को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था जो ओबीसी वर्ग से आती हैं. उमा भारती के बाद बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव एमपी के मुख्यमंत्री बने और यह चारों ओबीसी वर्ग से आते हैं. वहीं, इन सभी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में बीजेपी के संगठन की जिम्मेदारी यानी प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा कैलाश जोशी, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह और वीडी शर्मा को मिला जो सभी सवर्ण वर्ग से आते हैं.  जातिगत फैक्टर हो सकता है टर्निंग पॉइंट  ओबीसी सीएम वाली सरकार और सामान्य वर्ग वाला प्रदेश अध्यक्ष बनाकर 2003 से बीजेपी ने सत्ता और संगठन में जो संतुलन बनाया, उसने एमपी बीजेपी को देश का सबसे मजबूत संगठन बना दिया और माना जा रहा है कि बीजेपी इसी फॉर्मूले पर इस बार भी भरोसा करने जा रही है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि जातिगत समीकरण किस वर्ग के लिए सटीक बैठने की संभावना है.  ब्राह्मण बीजेपी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जो ब्राह्मण वर्ग से आते हैं, उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है. सियासी गलियारों की मानें तो वीडी शर्मा को कोई नई जिम्मेदारी देकर एमपी में वीडी शर्मा की जगह नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. ऐसे में ब्राह्मण वर्ग से जो नाम रेस में हैं- उनमें पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला और विधायक रामेश्वर शर्मा का नाम सामने आ रहा है. जातिगत समीकरणों की बात करें तो फिलहाल मोहन कैबिनेट में सबसे कम भागीदारी ब्राह्मण वर्ग की है, जिसमें सिर्फ दो मंत्री शामिल हैं. राजेंद्र शुक्ला और राकेश शुक्ला. विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे तो बीजेपी के 27 ब्राह्मण विधायक चुनाव जीते थे लेकिन सरकार में भागीदारी के मामले में यह वर्ग पीछे रह गया. अब जब 2027 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं तो पड़ोसी राज्य में ब्राह्मण को एक बार फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी एमपी और यूपी के सवर्णों को खुश करने की कोशिश कर सकती है. दूसरी तरफ, सरकार में ब्राह्मणों की कम भागीदारी से सवर्णों की नाराजगी का जो डर बीजेपी की सता रहा है, उससे भी उसे छुटकारा मिल सकता है.  क्षत्रिय 2003 के बाद से लंबे समय तक प्रदेश अध्यक्ष बनने की जिम्मेदारी एमपी बीजेपी के क्षत्रिय वर्ग से आने वाले नेताओं को ही मिली है. नरेंद्र सिंह तोमर, नंदकुमार सिंह चौहान और राकेश सिंह. वर्तमान में मोहन कैबिनेट की बात करें तो इसमें 4 मंत्री क्षत्रिय वर्ग से आते हैं- जिनमें राकेश सिंह, उदय प्रताप सिंह, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह तोमर शामिल हैं. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर हैं जो क्षत्रिय वर्ग से आते हैं. पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने किरण देव सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर एमपी में संदेश लगभग साफ कर दिया है कि यहां इस वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनेगा.  वैश्य बीते कुछ दिनों में जो नाम तेजी से प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी के रूप में उभरा है- उनमें हेमंत खंडेलवाल का नाम है जो वैश्य समाज से आते हैं. मोहन कैबिनेट में फिलहाल 2 वैश्य वर्ग से आने वाले मंत्री हैं- कैलाश विजयवर्गीय और चेतन कश्यप. ऐसे में देखना यह है कि क्या सीएम की पसंद कहे जा रहे हेमंत खंडेलवाल को जिम्मेदारी मिलती है या नहीं? अनुसूचित जाति मोहन कैबिनेट में अनुसूचित जाति के मंत्रियों की संख्या 4 है और एक डिप्टी सीएम हैं- जगदीश देवड़ा. जाहिर है सरकार में इस वर्ग की भागीदारी बेहतर है, इसलिए 2003 फॉर्मूले में यह वर्ग फिट नहीं बैठता. हालांकि, जिस तरह से अंबेडकर के नाम पर इन दिनों सियासी माहौल बना हुआ है, माना जा रहा है कि बीजेपी एससी वर्ग को अपने पाले में करने के लिए किसी एससी वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का दांव चल सकती है. अगर ऐसा होता है तो लाल सिंह आर्य का नाम सबसे ऊपर आ जाएगा जो बीजेपी एससी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं.  ओबीसी मध्यप्रदेश में 2003 के बाद से ही बीजेपी ने ओबीसी वर्ग से ही मुख्यमंत्री बनाया है और वर्तमान में ओबीसी वर्ग से आने वाले मोहन यादव सीएम हैं. वहीं, दूसरी तरफ उनकी कैबिनेट में 8 से ज्यादा मंत्री ओबीसी वर्ग से आते हैं. दूसरी तरफ, 2003 के फॉर्मूले को देखें तो ओबीसी सीएम और सामान्य वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाने का नियम रहा है, ऐसे में अगला प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी वर्ग से बनने के आसार न के बराबर हैं.  अनुसूचित जनजाति वर्तमान में मोहन कैबिनेट में अनुसूचित जनजाति वर्ग से 5 मंत्री बने हुए हैं. एमपी में 47 एसटी सीटें हैं, जबकि दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर अनुसूचित जाति ही हार या जीत का फैसला करती है. जाहिर है यह एक बड़ा वोट बैंक है और इसे साधने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए एसटी चेहरे पर भी दांव चल सकती है. अगर ऐसा होता है तो सुमेर सिंह सोलंकी, दुर्गादास उइके (मोदी कैबिनेट में मंत्री)और गजेंद्र पटेल का नाम ऊपर आ सकता है.  जातिगत समीकरण और अनुभव को दी जाएगी तवज्जो मध्यप्रदेश बीजेपी … Read more

उज्जैन सिंहस्थ के दौरान रेलवे के सैटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे, 75 प्रतिशत भीड़ दूसरे स्टेशनों से आ-जा सकेगी

 भोपाल  प्रयागराज की तरह उज्जैन सिंहस्थ के दौरान भी रेलवे के सैटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन से चार स्टेशन बनाने की रूपरेखा बनी है। इससे मुख्य स्टेशन में आने वाली लगभग 75 प्रतिशत भीड़ दूसरे स्टेशनों से आ-जा सकेगी। इसका लाभ यह होगा कि स्टेशन और शहर में एक साथ भीड़ नहीं पहुंचेगी। प्रयागराज कुंभ में यह प्रयोग सफल रहा है। मप्र पुलिस के अधिकारियों की टीम ने कुंभ में जाकर सैटेलाइट स्टेशन सहित अन्य व्यवस्था देखी थी। अब उसी के अनुरूप उज्जैन सिंहस्थ के लिए तैयारी की जा रही है। सैटेलाइट रेलवे स्टेशन के लिए विस्तार से हुई चर्चा पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने भी उज्जैन में सिंहस्थ की तैयारियों को लेकर बैठक ली थी। इसमें सैटेलाइट रेलवे स्टेशन और बस स्टाप कहां-कहां बनाए जा सकते हैं, इस पर भी विस्तार से चर्चा हुई थी। सिंहस्थ के दौरान लगभग तीन करोड़ लोगों के आने की संभावना है। उज्जैन के आसपास पांच से सात किमी के क्षेत्र में सैटेलाइट स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अतिरिक्त विशेष ट्रेन चलाने की भी तैयारी है। सुरक्षा में लगेंगे 42 हजार पुलिसकर्मी सिंहस्थ में सुरक्षा के लिए दो पाली में लगभग 42 हजार पुलिसकर्मी लगाए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि जिला पुलिस बल के अतिरिक्त होम गार्ड्स के जवान भी लगाए जाएंगे। आवश्यकता होने पर केंद्र से अर्धसैनिक बल की सहायता ली जाएगी। सिंहस्थ के दौरान सुरक्षा के लिए डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर सहित अन्य सामग्री की खरीदी के लिए पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मांगा गया है। छह माह के भीतर खरीदी की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 13

दिल्ली में चुनाव के बाद हर किसी की नजर परिणाम पर, इस Direct Link से देखें सबसे तेज नतीजे

नई दिल्ली  दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फ़रवरी, 2025 को मतदान हुआ था, और परिणाम आज यानी 8 फ़रवरी को घोषित किए जाएंगे। जानें कब, कहां और कैसे देखें दिल्ली विधानसभा के चुनावों का नतीजा।  दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी 2025, बुधवार को संपन्न हुए, जिसमें 70 सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। चुनाव आयोग (ECI) ने बताया कि इस बार 60.42% मतदान दर्ज किया गया, जो यह संकेत देता है कि जनता में चुनाव को लेकर रुचि बनी हुई थी। अब, सभी की निगाहें आज  8 फरवरी को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि दिल्ली की कमान आम आदमी पार्टी (AAP) के हाथ में बनी रहेगी या भारतीय जनता पार्टी (BJP) सत्ता में वापसी करेगी। दिल्ली चुनाव नतीजों के लाइव अपडेट देखने के लिए     चुनाव आयोग (ECI) की आधिकारिक वेबसाइट: eci.gov.in     ECI का रिजल्ट पोर्टल: results.eci.gov.in     दिल्ली चुनाव 2025 के Live Updates, Mint की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होंगे। चुनाव आयोग (ECI) द्वारा 8 फरवरी, आज शनिवार को सुबह 7:00 बजे से वोटों की गिनती शुरू की जाएगी। शुरुआती रुझान सुबह 7:30 बजे से आने लगेंगे, लेकिन सीटवार विजेता पूरे दिन घोषित किए जाएंगे। मतगणना समाप्त होने की संभावना शाम 6:00 बजे तक है। चुनावी मुकाबला: किस सीट से कौन उम्मीदवार? दिल्ली चुनाव 2025 में कुल 699 उम्मीदवारों ने 70 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव लड़ा, जो बुधवार को एक ही चरण में हुआ। इस चुनाव में तीन प्रमुख दल आमने-सामने थे- आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP), और कांग्रेस। दिल्ली में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 36 सीटें जीतनी होंगी। दिल्ली के चुनावी मैदान में कई दिग्गज उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। नई दिल्ली सीट पर AAP के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मुकाबला BJP के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित से है। कालकाजी सीट पर मौजूदा मुख्यमंत्री AAP की आतिशी को कांग्रेस की अल्का लांबा और BJP के रमेश बिधूड़ी से कड़ी टक्कर मिल रही है। जंगपुरा सीट पर AAP के मनीष सिसोदिया का मुकाबला BJP के तरविंदर सिंह मारवाह और कांग्रेस के फरहाद सूरी से है। शकूर बस्ती सीट से AAP के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के सामने BJP के कर्नैल सिंह चुनौती पेश कर रहे हैं। क्या AAP की जीत की हैट्रिक होगी या BJP सत्ता में वापसी करेगी? इन चुनावी नतीजों से यह तय होगा कि AAP तीसरी बार लगातार दिल्ली की सत्ता पर काबिज होगी या BJP 27 साल बाद सत्ता में लौटेगी। 2015 और 2020 में हुए चुनावों में AAP को जबरदस्त जीत मिली थी, लेकिन इस बार BJP आक्रामक प्रचार के साथ मैदान में थी। अगर AAP जीतती है, तो आतिशी दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। वहीं, BJP जीत दर्ज करती है तो यह 27 साल के लंबे इंतजार का अंत होगा। ता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 विधानसभा सीटों के लिए कुल 699 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा हैं, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच टक्कर है. इस चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में नई दिल्ली शामिल है, जहां अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ा है. अन्य प्रमुख मुकाबलों में कालकाजी में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का मुकाबला कांग्रेस की अलका लांबा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी से है. क्या कह रहे हैं एग्जिट पोल? 5 फरवरी को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद कई एग्जिट पोल्स सामने आए, जिनमें राजधानी में बड़े बदलाव के संकेत दिखे. ज्यादातर एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को पिछड़ता दिखाया गया है. दिल्ली में बीजेपी और AAP के बीच कांटे की टक्कर है, लेकिन बीजेपी को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता का फैसला किसके पक्ष में जाता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12