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कांग्रेस के सूत्र गांधी परिवार के महाकुंभ में जाने पर चुप! सोनिया गांधी को गंगा में स्नान करते हुए देखा गया था

नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के द्वारा महाकुंभ को लेकर दिए गए बयान पर विवाद गहरा गया था। इसके बावजूद उनकी पार्टी के कई नेताओं ने पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद लोगों की नजर गांधी परिवार के अगले कदम पर जा टिकी है। आपको बता दें कि एक रैली के दौरान खरगे ने यह सवाल उठाया था कि क्या गंगा में पवित्र स्नान करने से देश में गरीबी समाप्त हो सकती है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उनका दावा था कि उन्होंने भाजपा नेताओं की आलोचना के लिए ऐसे बयान दिए थे। उनके बयान के बीच INDIA गठबंधन के सहयोगी अखिलेश यादव और उनकी पत्नी ने सबसे पहले कुंभ में स्नान किया। हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, उनके बेटे, राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता सचिन पायलट सहित कई कांग्रेसी स्नान करने के लिए प्रयागराज की यात्रा कर चुके हैं। दिग्विजय सिंह और उनके बेटे, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सचिन पायलट ने कुंभ में जाकर स्नान किया। इन सभी नेताओं को यह समझ है कि 'हिंदू आस्था' एक ऐसा विषय है जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान जो गलती हुई थी, उसे दोहराया नहीं जा सकता। आपको बता दें कि कांग्रेस ने इसे सरकारी आयोजन कहकर छोड़ दिया था। हालांकि पार्टी ने बाद में मंदिर जाने का दावा किया था, लेकिन अब तक कोई प्रमुख नेता अयोध्या में नहीं दिखाई दिए हैं। कांग्रेस के सूत्र गांधी परिवार के महाकुंभ में जाने पर चुप हैं। 2001 में सोनिया गांधी को गंगा में पवित्र स्नान करते हुए देखा गया था। उस समय भाजपा उनके धर्म और उनकी जाति को लेकर सवाल उठाती थी। आपको बता दें कि इंदिरा गांधी हिंदू थीं और हमेशा 'रुद्राक्ष' पहनती थीं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9

CM फडणवीस अब लव जिहाद कानून लाने की तैयारी, एक्शन में सरकार, पैनल का किया गठन

मुंबई  महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार अब लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के कानून को और सख्त करने की तैयारी में है। सरकार ने ऐसे मामलों के खिलाफ नए कानून के अध्ययन करने के मकसद से राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति में महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, विधि एवं न्यायपालिका, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के सचिव और गृह विभाग के उप सचिव शामिल हैं।  सरकारी प्रस्ताव (जीआर) के अनुसार, यह समिति राज्य में मौजूदा स्थिति का अध्ययन करेगी और लव जिहाद एवं जबरन धर्मांतरण की शिकायतों से निपटने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों के संबंध में सुझाव देगी। यह समिति कानूनी पहलुओं और अन्य राज्यों में बनाये गये कानूनों पर भी विचार करेगी। इसके साथ ही वह जबरन धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ की घटनाओं को रोकने के लिए कानून की सिफारिश करेगी। दिल्ली में अमित शाह के साथ फडणवीस की मीटिंग इससे पहले नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य के सभी पुलिस आयुक्तालयों में तीन नए आपराधिक कानूनों को जल्द से जल्द लागू करने को कहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र में आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र सरकार को नए आपराधिक कानूनों के अनुसार अभियोजन निदेशालय बनाना चाहिए। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 का स्थान लिया है। ये नए कानून पिछले साल एक जुलाई से लागू हुए। अमित शाह ने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार को जल्द से जल्द राज्य के सभी आयुक्तालयों में नए आपराधिक कानूनों को लागू करना चाहिए।’’ बैठक में राज्य में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की द्वि-साप्ताहिक समीक्षा करनी चाहिए, जबकि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को साप्ताहिक समीक्षा करनी चाहिए। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 6

धार्मिक पर्यटन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिला : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आस्था, श्रद्धा और धार्मिक पर्यटन के लिए किए गए आग्रह के परिणामस्वरूप सभी धार्मिक पर्व और उत्सव, उल्लास एवं उत्साह के साथ मनाए जा रहे हैं। महाकुंभ के क्रम में मध्यप्रदेश के चित्रकूट धाम, उज्जैन, ओरछा, दतिया जैसे धार्मिक स्थानों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनार्थ पधार रहे हैं। धार्मिक पर्यटन की इन गतिविधियों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी प्रोत्साहन मिला है। उज्जैन में ही गत वर्ष 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पधारे। आगामी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन की संभावनाएं है। महाकाल लोक में श्रद्धालुओं के बढ़ रहे आवागमन को देखते हुए राज्य सरकार उनकी सुविधा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसी के अंतर्गत महाकाल लोक में आवागमन और दर्शन की सुगम व्यवस्था के लिए 6 द्वार विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्यमंत्री निवास से जारी अपने संदेश में यह बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और प्रदेश की क्षमता का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है। प्रदेश में आस्था, श्रद्धा से जुड़े कार्यों का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिससे हमें हमारी विरासत पर गर्व करने का अवसर मिले, राज्य सरकार द्वारा प्रदेशवासियों को विकास गतिविधियों की सौगात निरंतर जारी रहेगी।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 5

इंदौर की तरफ से छह लेन सड़क का काम शुरू, सिंहस्थ के समय मिलेगी ट्रैफिक मेें राहत

इंदौर इंदौर से उज्जैन के बीच 50 किलोमीटर लंबाई में छह लेन सड़क का काम शुरू हो चुका है। अब इंदौर शहर की सीमा में भी छह लेन के हिसाब से सड़क के बेस के लिए काम चल रहा है। सांवेर के समीप पुरानी पुलिया को भी चौड़ा करने के लिए शेड लगा दिए गए है। ज्यादातर काम सड़क निर्माण कंपनी रात के समय कर रही है,क्योकि तब ट्रैफिक कम रहता हैै। इंदौर मेें अरविंदो अस्प्ताल से सड़क बनेगी,क्योकि यहां तक छह लेन ब्रिज की भुजा उतरेगी। छह लेन सड़क बनने के बाद 50 किलोमीटर की दूरी 40 से 50 मिनट में तय हो जाएगी। फोरलेन को छह लेन करने में सरकार को ज्यादा परेशानी नहीं आएगी,क्योकि दस साल पहले जब सड़क फोरलेन की गई थी। तब छह लेन के हिसाब से जमीन का अधिगृहण कर लिया था। चार गांवों में बाधक निर्माणों को तोड़ा जाएगा। यह सड़क उज्जैन में महाकाल गेट तक बनेगी। फिलहाल सांवेेर,रिंगनोद, निनौरा मेें काम तेजी से चल रहा है। उज्जैन की सीमा पर भी फोरलेन के दोनो तरफ एक-एक लेन के लिए खुदाई कर जमीन को समतल किया जा रहा है। यहां र्मुरम भी बिछाई जा रही है। ढाई साल मेें काम पूरा होगा   इस सड़क के निर्माण पर डेढ़ हजार करोड़ रुपये सरकार खर्च कर रही है। इस मार्ग पर तीन बड़े ब्रिज और छह अंडरपास बनाए जाएंगे। चार माह पहले राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया था। इस प्रोजेक्ट का निर्माण वर्ष 2028 में होगा। उसके बाद उज्जैन में सिंहस्थ मेला लगेगा। तब इंदौर से उज्जैन के लिए एक लाख से अधिक वाहनों की आवाजाही होगी। उस ट्रैफिक के लिए छह लेन सड़क मददगार साबित होगी। अभी इंदौर से उज्जैन के बीच 25 हजार वाहनों की आवाजाही होती है। इस सड़क के अलावा पीडब्लूडी हातोद, चंद्रवतीगंज से उज्जैन तक फोरलेन सड़क बनाएगा। यह सड़क चिंतामण गणेश मंदिर तक बनेगी। उसके निर्माण से उज्जैन के लिए एक और रुट मिल जाएगा। देवास से भी उज्जैन के बीच भी सड़क को फोरलेन किया जा रहा है।     Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

1 अप्रैल से लागू हो रही यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कितना बेहतर, समझें

नई दिल्ली केंद्र सरकार ने राष्‍ट्रीय पेंशन सिस्‍टम (NPS) के ऑप्‍शन के तौर पर यूनिफाइड पेशन स्‍कीम (UPS) शुरू की है. 24 जनवरी को इस स्‍कीम का अधिकारिक ऐलान हुआ था. इस योजना को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा. UPS स‍िर्फ और सिर्फ सरकारी कमचारियों के लिए लागू होगा, जो पहले से ही NPS के तहत रजिस्‍टर्ड हैं. सरकारी कर्मचारियों के पास विकल होगा कि वे NPS या UPS में से किसी एक को चून सकते हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि एनपीएस के तहत पात्र केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के पास अब एनपीएस के तहत यूनिफाइड पेंशन योजना में स्विच करने का विकल्प है. यूपीएस योजना को तब शुरू किया गया, जब ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (OPS) को लेकर खूब मांग उठ रही थी. ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम में रिटायर्ड कर्मचारियों को उनके वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर दिया जाता था.   क्‍या है यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)? यूपीएस के तहत अब केंद्रीय कर्मचारियों को एक निश्‍चित पेंशन दिया जाएगा, जो लास्‍ट 12 महीने की ऐवरेज बेसिक सैलरी का 50% होगा. कर्मचारी को यह पेंशन पाने के लिए कम से कम 25 साल तक सर्विस करनी होगी. वहीं अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है तो परिवार को भी एक निश्चित पेंशन दिया जाएगा, जो कर्मचारी को मिलने वाले पेंशन का 60 फीसदी होगा. इसके अलावा, मिनिमम एश्‍योर्ड पेंशन भी दिया जाएगा, जिसका मतलब है कि जो लोग 10 साल तक नौकरी करते हैं तो उन्‍हें कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी. महंगाई के आधार पर बढ़ेगी पेंशन यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत इंडेक्‍सेशन को भी जोड़ा गया है. इसका मतलब है कि महंगाई के हिसाब से रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन बढ़ती रहेगी. यह बढ़ोतरी महंगाई राहत (Dearness Alloawance) के तौर पर पेंशन में जोड़ी जाएगी. यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स (AICPI-W) के आधार कैलकुलेट होगा. वहीं रिटायमेंट पर एकमुश्‍त रकम भी दी जाएगी. इससे करीब 23 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचने वाला है. किसे मिलेगा इस योजना का लाभ? NPS के तहत कवर होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस यूनिफाइड पेंशन स्कीम को शनिवार 25 जनवरी 2025 को सरकार की ओर से नोटिफाई किया गया है. यूनिफाइड पेंशन स्कीम केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों पर लागू होगी, जो कि NPS यानी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत आते हैं और इसके तहत यूपीएस के ऑप्शन को चुनते हैं.  यूपीएस चुनने वाले लोग किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट के हकदार नहीं होंगे. सरकार कितना करेगी योगदान? केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीते 24 अगस्त 2024 को यूपीएस का ऐलान करते हुए इससे जुड़ी तमाम जानकारियां शेयर की थीं. न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और इसमें सरकारी कॉन्ट्रिब्यूशन 14 फीसदी होता है. वहीं 1 अप्रैल 2025 से UPS लागू होने के बाद सरकार का ये कॉन्ट्रिब्यूशन या अंशदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा. इस हिसाब से सरकारी खजाने पर बढ़ने वाला अतिरिक्त बोझ पहले साल 6250 करोड़ रुपये होगा. 23 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) इसके लिए जरूरी नियम जारी करेगी. यह योजना 23 लाख से ज्यादा केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लाभकारी मानी जा रही है. इस योजना के तहत सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन बेसिक पे और महंगाई भत्ते (DA) की कुल राशि का 18.5 फीसदी हो जाएगा, जो पहले 14 फीसदी था. वहीं, कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए 10 फीसदी का कॉन्ट्रिब्यूशन जारी रखेंगे. UPS के फायदे UPS प्रोग्राम की शुरुआत सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल करने की लगातार मांग के जवाब में की गई है, जिसमें रिटायर्ड कर्मचारियों को उनकी अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में मिलता था. यूपीएएस के तहत, सरकारी कर्मचारी अपनी मूल सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी योगदान देंगे, जबकि सरकार 18.5 फीसदी का योगदान करेगी. इसके अलावा, सरकार एक अलग पूल्ड कॉर्पस के लिए एडिशनल 8.5 फीसदी का योगदान करेगी. इस स्कीम में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनकी अंतिम 12 महीनों की औसत सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलेगा. UPS के लिए एलिजिबिलिटी यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने कम से कम 10 साल की सर्विस पूरी कर ली है. रिटारमेंट पर कर्मचारियों के मिलने वाले फायदे     पेंशन की गारंटी: रिटायरमेंट के बाद हर महीने आपकी पिछली 12 महीनों की औसत सैलरी का 50% पेंशन के तौर पर मिलेगा.     महंगाई के साथ बढ़ेगी पेंशन: पेंशन में समय-समय पर महंगाई के हिसाब से बढ़ोतरी होगी.     फैमिली पेंशन: अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो परिवार को पेंशन का 60 फीसदी हिस्सा मिलेगा.     रिटायरमेंट बेनिफिट्स: रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी के साथ एकमुश्त रकम दी जाएगी.     मिनिमम पेंशन: कम से कम 10 साल की नौकरी करने वालों को ₹10,000 महीना पेंशन की गारंटी है.     वॉलंटरी रिटायरमेंट का विकल्प: 25 साल की नौकरी के बाद आप वॉलंटरी रिटायरमेंट ले सकते हैं. आपकी पेंशन उस उम्र से शुरू होगी, जब आप सामान्य रिटायरमेंट की उम्र में पहुंचते हैं. क्या NPS छोड़कर UPS में आ सकते हैं? जो कर्मचारी पहले से NPS में हैं, वे इस नई स्कीम में शिफ्ट हो सकते हैं. हालांकि, UPS में एक बार शिफ्ट करने के बाद आप वापस NPS में नहीं जा सकते. कैसे होगा NPS से UPS में बदलाव? यूपीएस में गारंटीड पेंशन का फायदा उठाने के लिए कर्मचारियों को अपना पूरा एनपीएस फंड यूपीएस में ट्रांसफर करना होगा. अगर आपका एनपीएस फंड यूपीएस के लिए तय न्यूनतम राशि से कम है, तो आपको अंतर की रकम खुद भरनी होगी. अगर आपका फंड तय सीमा से ज्यादा है, तो अतिरिक्त रकम आपको वापस मिल जाएगी. UPS के तहत डीए और डीआर यूपीएस में सरकार का योगदान 14 फीसदी से बढ़कर 18.5 फीसदी हो जाएगा, जबकि कर्मचारी का योगदान बेसिक वेतन और महंगाई भत्ता का 10 फीसदी ही रहेगा. महंगाई राहत (DR) की गणना उसी तरह की जाएगी जैसे वर्तमान कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता (DA) की जाती है और यह केवल तब ही दी जाएगी जब भुगतान शुरू होंगे. रिटायरमेंट … Read more

प्रयागराज संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड, US -रूस की जनसंख्या से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी!

प्रयागराज प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 ने इतिहास रच दिया है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस विराट समागम में अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ प्राप्त कर चुके हैं। महाकुंभ के इस आयोजन का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि पूरी दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही इस संख्या से अधिक है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से महाकुंभ ने अपनी दिव्यता और भव्यता से दुनिया को आकर्षित किया है। सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या एक नया रिकॉर्ड स्थापित करेगी, जो अब सच साबित हो चुका है। शुरुआत में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, जो 11 फरवरी को ही पूरा हो गया था। 14 फरवरी तक यह संख्या 50 करोड़ को पार कर गई है, और आगामी स्नान पर्वों के साथ यह संख्या 55 से 60 करोड़ तक जा सकती है। यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत (1,41,93,16,933), चीन (1,40,71,81,209), अमेरिका (34,20,34,432), इंडोनेशिया (28,35,87,097), पाकिस्तान (25,70,47,044), नाइजीरिया (24,27,94,751), ब्राजील (22,13,59,387), बांग्लादेश (17,01,83,916), रूस (14,01,34,279) और मैक्सिको (13,17,41,347) शामिल हैं. वहीं महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब तक की (50 करोड़) हो चुकी है. अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या इससे कहीं पीछे है. सीएम योगी ने अनुमान जताया था कि इस बार कुंभ में लोगों की संख्या का नया रिकॉर्ड बनेगा. शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया था. उनका यह आकलन बीते 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था. वहीं शुक्रवार 14 फरवरी को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच चुकी है. अभी महाकुंभ में 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष हैं. स्नान करने वालों की यह संख्या 55 से 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है. विभिन्न स्नान पर्वों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ अब तक के कुल श्रद्धालुओं की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर अमृत स्नान किया था. एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई थी. इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी. माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था. दुनिया के प्रमुख देशों की जनसंख्या से अधिक श्रद्धालु ने लगाई डुबकी यूएस सेंसस ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के टॉप 10 देशों की जनसंख्या में केवल भारत और चीन की जनसंख्या महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से अधिक है। भारत की जनसंख्या 1.41 अरब और चीन की 1.40 अरब है, जबकि अमेरिका (34.2 करोड़), पाकिस्तान (25.7 करोड़), नाइजीरिया (24.3 करोड़) जैसे देशों की जनसंख्या महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं से काफी कम है। पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़  महाकुंभ के दौरान विभिन्न स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई थी, वहीं पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया था। बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और माघी पूर्णिमा पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया। आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है श्रद्धालुओं की संख्या महाकुंभ में अभी 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है, जिसमें और श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच सकते हैं। इस बार के महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों से कहीं अधिक रही है, जो एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड है।   Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 28

भारत से टकरा सकता है विनाशकारी एस्टेरॉयड 2024 YR4, वैज्ञानिकों ने खतरे को बढ़ाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया

वॉशिंगटन  एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका करीब 1 प्रतिशत है। लेकिन अब खतरे को बढ़ाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया गया है। खतरे की संभावना का लगातार बढ़ना वैज्ञानिकों को भी लगातार परेशान कर रहा है। सबसे परेशान करने वाली बात ये है कि कि इसकी स्पीड क्या है और वास्तविक आकार क्या है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका आकार 200 मीटर तक हो सकता है। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों ने एस्टेरॉयड 2024 YR4 के संभावित असर वाले क्षेत्रों की पहचान करनी शुरू कर दी है ताकि अगर वास्तव में टक्कर अवश्यंभावी हो जाए, तो पहले से ही लोगों को बचाने की कोशिशें शुरू की जा सकें। नासा के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगर एस्टेरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है तो ये पूरे शहर को नष्ट कर सकता है। लिहाजा नासा ने एस्टेरॉयड के गिरने को लेकर जो संभावित रास्ता तैयार किया है, उसमें भारत समेत कई घनी आबादी वाले देश आते हैं। वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि अगर ये एस्टेरॉयड पृथ्वी पर गिरता है तो ये 500 परमाणु बमों से ज्यादा शक्तिशाली ऊर्जा का निर्माण कर सकता है। लिहाजा विनाश का स्तर क्या हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। एस्टेरॉयड 2024 YR4 के टकराने की आशंका बढ़ी नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के इंजीनियर डेविड रैंकिन ने उत्तरी दक्षिण अमेरिका से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिणी एशिया, अरब सागर और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक इस एस्टेरॉयड के गिरमे के जोखिम गलियारे की पहचान की है। इसके अलावा जिन देशों में एस्टेरॉयड के गिरने की संभावना सबसे ज्यादा जताई गई है उनमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर शामिल हैं। वैज्ञानिक रैंकिन ने कहा है कि "हालांकि प्रभाव की संभावना कम है, लेकिन अगर 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है, तो हम संभावित परिणामों को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते।" एस्टेरॉयड 2024 YR4 को पिछले साल दिसंबर में खोजा गया था। जिसके बाद नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिकों के लिए ये एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। शुरुआती अनुमानों में टकराव की संभावना 1% थी, जो अब बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गई है। जिसे काफी खतरनाक कैटोगिरी में रखा गया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके आकार और स्पीड के बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है। सबसे ज्यादा खतरनाक कैटोगिरी में रखा गया एस्टेरॉयड 2024 YR4 से संभावित खतरे को देखते हुए इसे टोरिनो स्केल पर तीन की रेटिंग दी गई है। टोरिनो स्केल पृथ्वी के पास होने वाले जोखिम को मापता है। एस्टेरॉयड 2024 YR4 को इतिहास में उस स्तर तक पहुंचने वाले एस्टेरॉयड के साथ रखा गया है, जिसने सबसे ज्यादा जोखिम पैदा की थी। वो है कुख्यात 'गॉड ऑफ कैओस' एस्टेरॉयड 99942 अपोफिस। डेटा यह भी संकेत मिले हैं, कि अगर ऐस्‍टरॉयड वाकई पृथ्वी से टकराता है, तो इसके स्तर स्थानीय हो सकते हैं। इस ऐस्‍टरॉयड का व्यास उस ऐस्‍टरॉयड के बराबर है, जो साल 1908 में साइबेरिया में तुंगुस्का घटना का कारण बना था। उस वक्त जब ऐस्‍टरॉयड टकराया था, तो करीब 2 हजार वर्ग किलोमीर का जंगल नष्ट हो गया था। उस टक्कर में 80 मिलियन से ज्यादा पेड़ उखड़ गये थे। विस्फोट का बल 10-15 मेगा टन टीएनटी के बराबर होने का अनुमान लगाया गया था। अभी तक जो आंकड़े उपलब्ध हो पाएं हैं, उससे पता चलता है, कि ये ऐस्‍टरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी के करीब एक लाख 6 हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा, जिसमें मार्जिन ऑफ एरर 1.6 मिलियन किलोमीटर हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दूरी पर, यह पश्चिमी मध्य अमेरिका से लेकर उत्तरी दक्षिण अमेरिका, फिर मध्य अटलांटिक महासागर और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से होते हुए भारत तक पहुंचने वाली एक संकीर्ण पट्टी में पृथ्वी से टकरा सकता है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 9