भोपाल भोपाल को ग्रेटर केपिटल की तर्ज पर विकसित करने के लिए भोपाल विकास प्राधिकरण को भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन (Bhopal Metropolitan Region)का नोडल एजेंसी बनाया है। इंदौर में भी आइडीए का यह जिमा सौंपा गया है। भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन में भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम व राजगढ़ शामिल हैं। प्रमुख सचिव शहरी आवास एवं विकास संजय शुक्ला के अनुसार बीडीए कंसलटेंट तय कर आगामी प्लानिंग बनाएगा। यह उच्चाधिकारियों की मंजूरी के बाद आगे बढ़ेगी। ऐसे होगा काम ● सीहोर- भोपाल की प्लानिंग कर तालाब व कैचमेंट संरक्षण का काम होगा। ● मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र को भोपाल से जोडकऱ काम किया जाएगा। ● अन्य जिलों में स्थित भोपाल के पास की वैश्विक धरोहरें सांची, भीमबैठका और अन्य पर भोपाल से काम तय हो जाएगा। ● मेट्रो का नेटवर्क भी पास के क्षेत्रों तक बढ़ाने की राह खुलेगी। एमपी में 9 शहरों को मिलाकर बनेंगे 2 मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र, 6 संभागों का होगा डेवलपमेंट मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास और निवेशकों को बढ़ावा देने के साथ-साथ नगरों के सुव्यवस्थित विकास के लिए दो मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र बनाने की कवायद शुरू हो गई है। पहला मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र इंदौर-उज्जैन-देवास और धार को मिलाकर और दूसरा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र भोपाल-सीहोर, रायसेन-विदिशा-ब्यावरा (राजगढ़) को मिलाकर विकसित किया जाएगा। केंद्र के विजन के मुताबिक राज्य के प्रमुख संभाग मुख्यालय ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, नर्मदापुरम और शहडोल को रीजनल इकोनॉमिक ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने की तैयारी है। सरकार का यह प्रयास अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ रोजगार, व्यापार और निवेश के नये अवसरों को भी बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। सुविधाओं में होगा सुधार जानकारी के तहत इंदौर मेट्रोपॉलिटन सिटी में इंदौर का 100 प्रतिशत क्षेत्र शामिल किया जाएगा, जबकि उज्जैन का 44 प्रतिशत धार और नागदा का भी कुछ हिस्सा इसमें जोड़ा जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक और शहरी विकास को संगठित तरीके से आगे बढ़ाना है, जिससे आधारभूत सुविधाओं में सुधार हो और निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। 5 जिलों की बदल जाएगी सूरत, जानिए कैसे मेगा रोड प्रोजेक्ट से 80 लाख को होगा फायदा मध्य प्रदेश के पांच जिलों – भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन और नर्मदापुरम की सूरत अब जल्द ही बदलने वाली है। राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में मेगा रोड प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य इन जिलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी स्थापित करना है। इस परियोजना के तहत, आने वाले समय में इन क्षेत्रों के लोग 80 लाख की आबादी तक को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। इन जिलों को भोपाल से बेहतर कनेक्ट करने के लिए सड़क नेटवर्क पर काम तेज कर दिया गया है और कंसल्टेंट तय करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अगले एक महीने में इन पांच जिलों से जुड़े रोड नेटवर्क का सर्वे भी पूरा कर लिया जाएगा। सीएम का ग्रेटर राजधानी की बात करना हाल ही में भोपाल में आयोजित आंबेडकर ब्रिज के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वृहद राजधानी के निर्माण की बात की थी। इस घोषणा के बाद से ही इस दिशा में कार्य शुरू हो गया था और अब वृहद राजधानी के रूप में भोपाल और आसपास के इलाकों का विकास एक संगठित तरीके से किया जाएगा। यह परियोजना वृहद और समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। भोपाल का मास्टर प्लान रोका जाएगा ग्रेटर भोपाल के मास्टर प्लान को रोकने की योजना बनाई गई है, ताकि भोपाल और उसके आसपास के पांच जिलों को एक ही क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा सके। टीएंडसीपी (Town and Country Planning Department) के अधिकारियों को शासन की ओर से यह निर्देश दिए गए हैं। अब भोपाल सहित पांच जिलों का समग्र विकास एक ही योजना के तहत किया जाएगा। इन जिलों में सीहोर, भोपाल-नरसिंहगढ़, ब्यावरा-राजगढ़, भोपाल-नर्मदापुरम, भोपाल-विदिशा और भोपाल-रायसेन तक की योजनाएं शामिल की जाएंगी। संरक्षण कार्यों में सुधार वर्तमान में, भोपाल और सीहोर अलग-अलग विकास योजनाओं के तहत काम करते हैं, जबकि दोनों में बड़ा तालाब और उसका कैचमेंट एरिया साझा है। अलग-अलग योजनाएं होने के कारण संरक्षण कार्य आधे-अधूरे होते हैं। अब वृहद राजधानी योजना के तहत दोनों क्षेत्रों को एकजुट करके संरक्षण कार्यों में अधिक प्रभावशीलता लाई जा सकेगी। मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र का विकास मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र भोपाल के पास स्थित है, लेकिन यह रायसेन जिले में आता है। इससे पहले, भोपाल के साथ इसके विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई जा सकती थी। अब इसे वृहद राजधानी में शामिल किया जाएगा, जिससे यह वैश्विक नक्शे पर भी नजर आएगा और इसके विकास की दिशा में योजनाएं बनाई जा सकेंगी। वैश्विक धरोहरों का संरक्षण और विकास भोपाल से सांची और भीम बेटिका जैसी वैश्विक धरोहरों का संरक्षण और विकास पहले संभव नहीं था। इन धरोहरों का संबंध अब भोपाल के विकास से सीधे जुड़ जाएगा, जिससे इनका संरक्षण और प्रबंधन बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। भोपाल में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार भोपाल में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार लगातार हो रहा है। फिलहाल, मेट्रो का नेटवर्क मंडीदीप तक बढ़ाया जा रहा है। भविष्य में, बड़े बजट से मेट्रो को भोपाल के 100 किमी दायरे के बाहर भी विस्तार दिया जाएगा, जिससे भोपाल के आसपास के इलाकों में मेट्रो की आवाजाही आसान हो जाएगी और इससे शहर के यातायात में भी सुधार होगा। नई प्लानिंग से बढ़ेगी गति और स्तर सुयश कुलश्रेष्ठ का कहना है कि इस नई योजना में 80 लाख लोगों की आबादी को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग का स्तर पहले से कहीं अधिक व्यापक होगा और इस पर काम की गति भी तेज होगी। अब इस वृहद परियोजना का उद्देश्य महानगरीय स्वरूप में नगरों का विकास करना है, ताकि यह योजना और उसके परिणाम पूरी तरह से एक बड़े शहर के विकास के अनुरूप हो। उन्होंने आगे कहा, "अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार होगा तो निश्चित रूप से भोपाल शहर में आबादी का दबाव घटेगा। इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और अब इसे तेज गति से पूरा किया जाएगा।" समग्र योजना के तहत विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से सर्वे ग्रेटर राजधानी के विकास के लिए टीएंडसीपी (टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट) के संचालक सह आयुक्त श्रीकांत बनोठ ने भी इस योजना को लेकर बयान दिया। उनका … Read more