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शिवाजी महाराज एक नाम नहीं, बल्कि भारतमाता की आत्मा में रचा-बसा स्वाभिमान हैं : मुख्यमंत्री साय

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्रपति शिवाजी महाराज की पुण्यतिथि (03 अप्रैल) पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक नाम नहीं, बल्कि भारतमाता की आत्मा में रचा-बसा वह स्वाभिमान हैं, जिन्होंने स्वराज्य का स्वप्न देखा और उसे यथार्थ में परिणत किया। वे साहस, संकल्प और राष्ट्रभक्ति की सजीव प्रतिमूर्ति थे। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिवाजी महाराज भारतीय संस्कृति, नीति और नेतृत्व के अमिट प्रतीक हैं। उन्होंने न केवल धार्मिक सहिष्णुता, जनकल्याण और न्यायप्रिय शासन की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि एक सच्चा शासक केवल तलवार से नहीं, नीति, मूल्य और जनसेवा से पहचाना जाता है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज जब देश नए भारत के निर्माण की दिशा में बढ़ रहा है, तब शिवाजी महाराज की सोच, उनका साहस और स्वराज्य का दर्शन हमारे लिए प्रेरणापुंज बन सकता है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज के जीवन से हमे यह प्रेरणा मिलती है कि जब संकल्प अडिग हो और ध्येय राष्ट्रहित, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती। मुख्यमंत्री साय ने युवाओं को प्रेरित किया कि शिवाजी महाराज के राष्ट्रप्रेम के आदर्श का अनुसरण करते हुए राष्ट्र की उन्नति में अपनी ऊर्जा, प्रतिभा और समय को समर्पित कर सशक्त और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहभागी बनें। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 11

मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए नया वित्तीय वर्ष दोहरी खुशियां लाया, अब 7वें वेतनमान के हिसाब से DA

भोपाल मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की झोली खुशियों से भर दी है. 01 अप्रैल से सातवें वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता मिलने का आदेश जारी हुआ तो वहीं 9 साल से चली आ रही डिमांड भी पूरी हो गई. बता दें कि कर्मचारियों के प्रमोशन पर बीते 9 साल से रोक लगी थी. इस रोक को सरकार ने हटा दिया है. अब कर्मचारियों के धड़ाधड़ प्रमोशन होंगे. डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दे दी गई. सातवें वेतनमान के हिसाब से मिलेगा डीए बता दें कि अभी तक मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों छठे वेतनमान के अनुसार महंगाई भत्ता मिल रहा था. वहीं, केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के हिसाब से महंगाई भत्ता देना शुरू कर दिया था. इससे मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष पनप रहा था. कर्मचारियों की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी सरकारी कर्मचारियों को 01 अप्रैल से सातवें वेतनमान के हिसाब से महंगाई भत्ता देने का फैसला लिया है. कुछ दिनों पहले हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. अब अप्रैल माह की सैलरी बढ़ी हुई मिलेगी. कर्मचारियों के अब होंगे धड़ाधड़ प्रमोशन ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में साल 2016 से सभी सरकारी विभागों में कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक लगी हुई थी. इस दौरान 9 साल बीत गए. कर्मचारियों ने इस रोक को हटाने के लिए कई बार आंदोलन किए. लेकिन सरकार ने रोक नहीं हटाई. सैकड़ों कर्मचारी प्रमोशन की बाट जोहते-जोहते रिटायर्ड हो चुके हैं. कर्मचारियों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए अब प्रमोशन पर रोक हटा ली गई है. कुछ दिन पहले हुए कैबिनेट की बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया. इससे कर्मचारियों में खुशी की लहर है. केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता क्यों नहीं दिया मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री उमाशंकर तिवारी का कहना है "कर्मचारियों को ₹200 वाहन भत्ता पिछले 13 साल से मिल रहा था, जिसे बढ़ाकर 384 किया गया है, जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान में 1800 रुपए वाहन भत्ता, अब 55% महंगाई भत्ते के साथ 2790 प्राप्त होंगे. 3 साल बाद मिले भत्ते भी बहुत कम हैं. बढ़े हुए मकान भाड़ा भत्ते में झुग्गी भी नहीं मिलेगी किराए पर. खुशी तो हुई है लेकिन कटौती स्वीकार्य नहीं." खुशी तो है लेकिन अभी कसक बकाया है केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति के महासचिव यशवंत पुरोहित ने कहा "केंद्र सरकार ने दो प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में बढ़ोतरी की है. इसके लिए हम सरकार का स्वागत करते हैं. लेकिन सरकार कर्मचारियों के महंगाई राहत भत्ते में निरंतर कटौती कर रही है. इसके पहले भी 4 प्रतिशत देने के बजाय सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों का केवल 3 प्रतिशत डीए और डीआर बढ़ाया था. अब एक बार फिर कर्मचारी और पेंशनर को निराशा हाथ लगी है." Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 15

मध्य प्रदेश में शहर से लेकर गांव तक चलेंगी बसें, पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

भोपाल  एमपी में 20 साल बाद आखिरकार सरकारी लोक परिवहन सेवा को जमीन पर उतारने का निर्णय हो ही गया। 6 से 8 महीने में यह सेवा शुरू हो जाएगी। मॉडल बदला हुआ होगा। बाबूलाल गौर के मुख्यमंत्री रहते समय राज्य परिवहन निगम की सरकारी बसें दौड़ती थी। अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी ऑपरेटरों की बसें दौड़ेंगी, पर इन पर पूरा नियंत्रण सरकार का होगा।ये बसें प्रदेश में शहर से लेकर गांव तक पीपीपी मॉडल पर चलाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सुगम लोक परिवहन सेवा के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लोक परिवहन सेवा फिर शुरू करने का निर्णय जनता के लिए पत्रिका महाअभियान की बड़ी जीत है। पत्रिका ने लोक परिवहन सेवा नहीं होने से आमजन को नुकसान का मामला प्रमुखता से उठाया था। बनाई जाएगी योजना होल्डिंग कंपनी रूट व बस चलाने के लिए सर्वे, योजना बनाएगी। इसके साथ ऑपरेटर्स को परमिट दिलाना, आइटी प्लेटफॉर्म, कंट्रोल कमांड सेंटर तैयार करना, ई-टिकट, मोबाइल एप से बसों की ट्रेकिंग, कैशलेस, टेपऑन-टेपऑफ सुविधा देना, ऐप से पैसेंजर इन्फोर्मेशन सिस्टम विकसित कराना भी होल्डिंग कंपनी का कार्य होगा। अनुबंधित ऑपरेटर के लिए एप, वीडियो ऑडिट सॉफ्टवेयर, फील्ड ऑडिट एप, एमआईएस व डैशबोर्ड की सुविधा देना, ऑपरेटर स्टॉफ का प्रशिक्षण दिलवाना। इसके साथ वे राज्य एवं क्षेत्रीय सहायक कंपनी के लिए कंट्रोल एवं कमांड सेंटर सॉफ्टवेयर, बस, ऑटो, टैक्सी, मेट्रो के लिए बुकिंग प्लेटफॉर्म की सुविधा ऑनलाइन यात्री बुकिंग सुविधा, यात्री हेल्प डेस्क, कार्यालयों में ऑपरेशन डेशबोर्ड, स्टाफ की ट्रेनिंग की सुविधा देंगी। 101.20 करोड़ दिए, कंपनी गठन को मंजूरी 8 कंपनियां मिलकर सेवा शुरू करेंगी। एक होल्डिंग और 7 संभागीय कंपनियों होंगी। सेवा शुरू करने को 101.20 करोड़ रुपए और राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी गठन की स्वीकृति दी। सार्वजनिक परिवहन के लिए 20 शहरों में पंजीकृत 16 कंपनियां कार्यरत हैं। इन्हें 7 संभागीय कंपनियों में मर्ज करने और इनमें राज्य स्तरीय कंपनी बनाने की मंजूरी दी। रीवा एवं ग्वालियर की वर्तमान कंपनी बंद कर नई बनाने, संभागीय मुख्यालयों में सिटी बस ट्रांसपोर्ट कंपनी में संशोधन और जिला स्तरीय यात्री परिवहन समिति गठन के प्रस्तावों को भी स्वीकृति दी। मोटरयान नियम 1994 में भी संशोधन और नए प्रावधान की स्वीकृति दी। माल ढोने की सुविधा भी मिलेगी सरकार बसें नहीं खरीदेगी: नई लोक परिवहन सेवा के लिए सरकार एक भी नई बसें नहीं खरीदेंगी। पीपीपी मॉडल: हर स्तर पर लागू होगा स्तर पर पीपीपी मॉडल होगा, जो समय पर बस चलाने, उन्हें डिपो की सुविधा देने, ऑनलाइन व्यवस्था में भ्रष्टाचार व गड़बड़ी रोकने और टिकटिंग व्यवस्था जैसे कामों पर लागू होगा। किराए पर नियंत्रणः निजी ऑपरेटर्स की बसों की तुलना में कम किराया लगेगा। यह सरकार तय करेगी। माल लेकर चल सकेंगे यात्री: बसों का एक हिस्सा यात्रियों के माल अर्थात सामग्री और डाक परिवहन के लिए आरक्षित रहेगा। ताकि किसी रूट पर यात्री कम मिले तो माल परिवहन कर उसकी भरपाई की जा सके। 5.बस चलाने वाले टिकट नहीं काटेंगे: बस ऑपरेटर टिकट नहीं काट सकेंगे, इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था होगी। इसके लिए अलग कंपनियों से अनुबंध किया जाएगा। इसके लिए अलग से डैशबोर्ड बनाया जाएगा। 2005 में सड़क परिवहन निगम में की गई थी तालाबंदी गौरतलब है कि भाजपा की बाबूलाल गौर सरकार ने ही वर्ष 2005 में साढ़े चार सौ करोड़ के घाटे में चल रहे राज्य सड़क परिवहन निगम में तालाबंदी की थी, तब से प्रदेश में परिवहन सेवाएं ठप हैं। केवल मुनाफे के मार्ग पर ही निजी बसें चलाई जा रही हैं। नई सेवाएं पहले आदिवासी अंचलों से आरंभ होगी। इस बार मॉडल बदला है परिवहन सेवा को पिछली सरकारों ने बंद कर दिया था, हमने परिवहन नीति बनाई है और इस बार मॉडल बदला है। हम पीपीपी मॉडल पर बसें चलवाएंगे। इसके लिए जिला स्तरीय समिति गठित की जाएगी। इसके समन्वयक कलेक्टर रहेंगे। समिति में जिले के सांसद, समस्त विधायकगण, महापौर, अन्य जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहेंगे। यह समिति बसों के संचालन की मॉनिटरिंग, संचालन, साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर बस स्टाप, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण संबंधी सुझाव के साथ जिले के बस ऑपरेटर्स के मध्य आवश्यक समन्वय का कार्य करेगी। बस का उपयोग कार्गो सेवा के लिए भी किया जाएगा, नीति में इसका प्रविधान किया जाएगा। राज्य परिवहन निगम की संपत्तियां कंपनी के आधिपत्य में रहेगी। यात्रियों एवं बस ऑपरेटर्स के लिए एप और कंपनी की मॉनीटरिंग के लिए होगा डैशबोर्ड बसों पर प्रभावी नियंत्रण सरकार का होगा। यात्रियों एवं बस ऑपरेटर्स के लिए एप और कंपनी की मॉनीटरिंग के लिए एक डैशबोर्ड भी होगा। कंपनी के कार्यालयों में कंट्रोल एवं कमांड सेंटर बनाए जाएंगे। यात्रियों को मोबाइल एप से ई-टिकिट, सुविधा मिलेगी। इससे बसों की ट्रेकिंग, आक्युपेंसी तथा यात्रा प्लानिंग की जा सकेगी। पैसेंजर इन्फोर्मेशन सिस्टम की स्थापना भी बस स्टैंड, यात्री बसों पर रीयल टाइम बेसिस पर की जा सकती है। यह जानकारी मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सीधे यात्रियों को मोबाइल पर मुहैया कराई जाएगी। यात्री बसों के संचालन की त्रि-स्तरीय होगी मॉनीटरिंग प्रदेश में यात्री बसों के संचालन की त्रि-स्तरीय मॉनीटरिंग की जाएगी। इसके लिए प्रदेश मुख्यालय स्तर पर एक राज्यस्तरीय होल्डिंग कंपनी गठित की जाएगी। प्रदेश के सात बड़े संभागों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, सागर एवं रीवा) में सात क्षेत्रीय सहायक कंपनियां भी गठित की जाएगी। इसी उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में जिला स्तरीय यात्री परिवहन समिति गठित भी की जाएंगी। रीवा एवं ग्वालियर के लिए वर्तमान प्रचलित कंपनी को बंद कर नई क्षेत्रीय कंपनी गठित की जाएगी। सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की संपत्ति ट्रांसफर -सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की चल-अचल संपति नई कंपनियों को देंगे। निगम, प्राधिकरण की निधि से तैयार बस टर्मिनल, बस स्टैंड, बस स्टॉप होल्डिंग कंपनी के अधीन होंगे। -मौजूदा सिटी बस कंपनियों के कार्यालय भवन का उपयोग नवीन सहायक कंपनियां करेंगी। -इनके कार्यालय की अचल सपंतियां का मूल्यांकन अलग से होगा, राशि की प्रतिपूर्ति परिवहन विभाग करेगा। -होल्डिंग कंपनी आइटी प्लेटफॉर्म स्थापित कर अधिसूचित रुट अनुसार निजी बस ऑपरेटरों से अनुबंधित करेगा। जिले में बनेगी समिति, कलेक्टर समन्वयक जिला स्तर पर समितियां होंगी, समन्वयक कलेक्टर होंगे। इनमें सांसद, विधायक, महापौर, नगर पालिका, जिपं, नप, जपं के अध्यक्ष, आयुक्त नगर निगम, जिला व जपं सीईओ, नपा … Read more

प्रदेश बनेगा देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब, जबलपुर की चमकी किस्मत, माल की लोडिंग-अनलोडिंग ऑटोमेटेड

 जबलपुर    रिंग रोड़ से शहर की तस्वीर बदल रही है। वर्षों से बड़े ट्रांसपोर्ट नगर की कमी से जूझ रहे जबलपुर में अब अत्याधुनिक लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण होगा। भेड़ाघाट के पास खैरी में 52 हेक्टेयर जमीन पर लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड (एनएचएलएमएल) सर्वे पूरा कर चुका है। इसमें लॉजिस्टिक पार्क को रेलवे ट्रेक से जोडऩे एक किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। रिंग रोड से होकर डुमना एयरपोर्ट के लिए भी सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। अब लॉजिस्टिक पार्क की डीपीआर तैयार होना है। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। माल की लोडिंग-अनलोडिंग ऑटोमेटेड ऑटोमेटेड बनना है लॉजिस्टिक पार्क- लॉजिस्टिक पार्क का निर्माण ऑटोमेटेड सिस्टम पर आधारित होना है। जिसमें माल की लोडिंग-अनलोडिंग ऑटोमेटेड होगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस व्यवस्था से माल हैंडलिंग की लागत घटेगी और कीमतों में कमी आएगी। इसका सीधा फायदा आमजन को मिलेगा और कारोबारी सस्ते दामों पर सामान उपलब्ध करा सकेंगे। देश का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब, भोपाल, जबलपुर, इंदौर की चमकी किस्मत ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से मध्यप्रदेश का देश में सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनने का रास्ता साफ हो गया है. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रतलाम और कटनी में बड़े लॉजिस्टिक सेंटर को विकसित किया जाएगा. राजधानी भोपाल में मंडीदीप के पास विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला लॉजिस्टिक पार्क जल्द ही आकार लेने जा रहा है. करीबन 34 एकड़ भूमि पर डेवलप होने वाले इस लॉजिस्टिक हब में हर माह करीबन 90 हजार टन माल की लोडिंग हो सकेगी. उधर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के पास रतलाम में भी एक बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाने की तैयारी की जा रही है. भोपाल के इटायाकलां में मार्च से शुरू होगा काम राजधानी भोपाल से जल्द ही देश के किसी भी कोने में माल को पहुंचाना आसान होगा. भोपाल से सटे मंडीदीप के पास इटायाकलां में जल्द रेलवे द्वारा लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जा रहा है. इसका काम मार्च से शुरू हो जाएगा. इसके लिए रेलवे 98 करोड़ की राशि पहले ही मंजूर कर चुका है. इस लॉजिस्टिक हब की खासियत यह होगी कि यहां से देश के किसी भी कोने में लोड और अनलोड करना आसान हो जाएगा. इस स्थान का चयन भी इसलिए किया गया क्योंकि यह देश के सेंटर में स्थित है. लॉजिस्टिक पार्क बदलेंगे एमपी की तस्वीर मध्यप्रदेश में भौगौलिक स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश में कई स्थानों पर लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जाने की तैयारी है. मध्यप्रदेश के मुंबई दिल्ली एक्सप्रेस वे पर रतलाम के पास भी बड़े लॉजिस्टिक पार्क की तैयारी की जा रही है. इसके लिए मंजूरी मिल चुकी है. यहां से मुंबई-दिल्ली तक माल पहुंचाने के अलावा गुजरात, राजस्थान सहित दक्षिण के राज्यों तक माल लोडिंग-अनलोडिंग की व्यवस्था आसान होगी. इसी तरह मध्यप्रदेश के जबलपुर, कटनी में भी लॉजिस्टिक पार्क डेवलप किया जाएगा. धार और पीथमपुर के लिए 11 करोड़ का बजट मध्यप्रदेश के धार और पीथमपुर में 255 एकड़ में सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा लॉजिस्टिक पार्क बनाया जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि यह प्रदेश का पहला मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क होगा. राज्य सरकार ने इसे 2026 तक तैयार करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 1100 करोड़ का बजट रखा गया है. इसे एनएचएआई के साथ मिलकर बनाया जा रहा है. इससे आसपास के 2 हजार उद्योगों को फायदा मिलेगा. उज्जैन में भी एक लॉजिस्टिक पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है. राज्य सरकार दे रही बड़ी रियायत उधर राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक पॉलिसी में निवेशकों के लिए बड़ी रियायतें दी हैं. वहीं, निवेशकों ने भी मध्यप्रदेश में लॉजिस्टिक सेक्टर में निवेश को लेकर गहरी रूचि दिखाई है. वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ इंवेस्टमेंट प्रमोशन एजेंसी के डिप्टी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दुष्यंत ठाकुर के मताबिक, '' प्रदेश में लॉजिस्टिक उद्योग में निवेश फायदे का सौदा साबित होगा. आने वाले समय में यह निवेशकों के लिए बड़ा फायदा देगा.'' लॉजिस्टिक पार्क में होंगी ये सुविधाएं ● बड़े गोदाम और भंडारण सुविधाएं होंगी ● ट्रकिंग, रेलवे की सुविधा होगी ● सीसीटीवी कैमरे, अलार्म सिस्टम, और सुरक्षा गार्ड होंगे ● वेयरहाउस मैनेजमेंट सिस्टम, ट्रैकिंग और ट्रेसिंग सिस्टम और ऑटोमेशन की सुविधा होगी ● पैकेजिंग और लेबलिंग की सुविधा ● इन्वेंट्री मैनेजमेंट सुविधा ● लॉजिस्टिक व सप्लाई चैन मैनेजमेंट सुविधा ● रेस्तरां, कैफेटेरिया की सुविधा ● वाहन पार्किंग सुविधा, यूल स्टेशन, वर्कशॉप की सुविधा लॉजिस्टिक पार्क बनने के शहर को ये होंगे लाभ ● रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे ● नया निवेश आएगा ● सडक़ और परिवहन के बुनियादी ढांचे का विकास होगा ● भंडारण और गोदाम की सुविधाएं होंगी ● व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी ● आधुनिक और विकसित शहर के रूप में होगी पहचान ● सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी  खैरी में रिंग रोड के किनारे लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन लिमिटेड ने सर्वे पूरा कर लिया है। रेल कनेक्टिविटी के लिए लगभग एक किलोमीटर का रेलवे ट्रेक भी बिछाया जाना है। वहीं रिंग रोड के माध्यम से एयरपोर्ट से सीधी कनेक्टिविटी मिल जाएगी। अब एनएचएलएमएल को डीपीआर तैयार करना है इसके बाद निर्माण के लिए टेंडर की प्रक्रिया होगी।     अमृत लाल साहू, प्रोजेक्ट डायरेक्टर Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. 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मध्यप्रदेश : इंदौर-दाहोद रेल लाइन का अलग-अलग चरणों में काम चल रहा, 70 फीसदी काम पूरा

इंदौर  मध्यप्रदेश की इंदौर-दाहोद रेल लाइन का अलग-अलग चरणों में काम चल रहा है। कई जगह कार्यों में तेजी आई है। टीही से पीथमपुर के बीच मालगाड़ी के रूप में इंजन जब दौड़ने लगा तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हर कोई यह सोचने लगा कि रेलवे द्वारा ट्रायल किया जा रहा है। दरअसल, महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में इंदौर से टीही के बीच ट्रैक बनकर तैयार हो चुका है। रेलवे स्टेशन के साथ हाईवे पर चल रहा काम शहर में भी रेलवे के दो बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें नौगांव के क्षेत्र में आधुनिक रेलवे स्टेशन और इंदौर-अहमदाबाद नेशनल हाइवे पर ओवरब्रिज शामिल है। जानकारी के अुनसार धार रेलवे स्टेशन में दो मंजिला बिल्डिंग सहित वेटिंग हाल का काम 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है। इसके अलावा 660 मीटर का ट्रेक भी बन रहा है। इस पर रेल लाओ महासमिति के पूर्व प्रवक्ता डॉ. दीपक नाहर ने बताया कि टीही से टनल की ओर लुधियाना का इंजन एक मालगाड़ी से साबरमती से आयातित दर्जनों पटरियां लेकर चला, जो रविवार को पहुंचा। तकरीबन छह किमी के क्षेत्र में पटरी बिछाने का काम शुरू किया है। मालगाड़ी पर रखी पटरियों को नीचे उतारने के साथ ट्रैक पर रखा गया। इसमें 25 से अधिक कर्मचारी और मजदूर लगे हुए थे। सूत्रों की मानें तो पीथमपुर के समीप टनल में साढ़े तीन किमी में पटरी बिछाने का काम अभी चल रहा है। यह कार्य अभी 70 फीसदी पूरा हुआ और शेष 30 प्रतिशत हिस्से में चल रहा है। टनल का काम पूरा होने के बाद पटरी बिछेगी। रेलवे द्वारा 2026 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का दावा किया जा रहा है। हालांकि जिस स्पीड से यह काम चल रहा है, उसमें अधिक समय लगने की संभावना है। रेलवे द्वारा बनाया जा रहे हैं ओवर ब्रिज, अर्थ वर्क सहित अन्य काम में तेजी आई है। ऐसे चल रहा काम पीथमपुर और धार के बीच कई स्थानों पर अर्थवक और पटरी बिछाने का काम चल रहा है। स्लीपर बिछाने के बाद उस पटरी डाली जाती है। यह पटरी पुरानी होती है, जिसे रेलवे द्वारा बिछाया जाता है। इसमें काम पूरा होने के बाद तय समय पर एक मीटर लंबी पटरी बिछाई जाती है। रेलवे ने टीही से पीथमपुर के बीच के काम शुरू कर दिया है। तीन किलोमीटर के क्षेत्र की पटरी बदलने का काम शुरू हुआ है। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 7

टीकमगढ़-ओरछा हाईवे डबल लेन का टेंडर जारी, 499 करोड़ की आएगी लागत, यातायात होगा सुगम

टीकमगढ़  भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने मध्य प्रदेश में टीकमगढ़-ओरछा हाईवे (Tikamgarh-Orchha highway) डबल लेन का टेंडर जारी कर दिया है। 499 करोड़ की लागत से इस 79 किमी की सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में हाइवे के साथ ही मार्ग में पड़ने वाले दो बड़े पुल, एक रेलवे ओवर ब्रिज और 16 पुलियों का निर्माण किया जाएगा। इस सड़क का दो साल पूर्व केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने भूमिपूजन किया था। दिल्ली और मुंबई जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग शाहगढ़ से ओरछा हाईवे को जिले के यातायात की लाइफ लाइन कहा जाता है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ ही आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने वाला यह प्रमुख मार्ग है। 2006 में एमपीआरडीसी द्वारा इस सड़क का निर्माण किया गया था। इसके बाद पिछले 10 सालों से लगातार इस सड़क के उन्नयन करने की मांग की जा रही थी। इस सड़क पर जिले के यातायात का सबसे अधिक दबाव है। इस सड़क पर प्रतिदिन 2 हजार माल वाहक, यात्री वाहन के साथ ही कार आदि की आवाजाही होती है। वर्तमान में झा भड़क पर इतना ट्रैफिक रहता है कि लोगों को पृथ्वीपुर तक क्रॉसिंग के लिए भी परेशान होना पड़ता है। 10 मीटर चौड़ी होगी सड़क एनएच के अधिकारियों ने बताया कि यह टीकमगढ़ से ओरछा तक बनने वाली डबल सड़क में 10 मीटर डामर और डेढ़-डेढ़ मीटर की पटरी होगी। सड़क की कुल चौड़ाई 13 मीटर होगी। ऐसे में वाहनों की आवाजाही में सुविधा होगी। इसके साथ ही इस सड़क पर पड़ने वाले ग्राम दिगौड़ा, बहौरी बराना, ज्यौरा मौरा, पृथ्वीपुर में बायपास बनाया जाएगा। अब इन कस्बों से वाहन नहीं निकलेंगे। ऐसे में लोगों को दूरी तय करने में कम समय लगेगा। जल्द ही होगा दूसरा टेंडर इस मामले में एनएच के कार्यपालन यंत्री पंकज व्या ने बताया कि जल्द ही विभाग द्वारा शाहगढ़ से टीकमगढ़ तक का दूसरा टेंडर जारी किया जाएगा। इसमें शाहगढ़ और टीकमगढ़ बायपास भी शामिल किया जाएगा। ऐसे में इसकी लागत 1100 करोड़ रुपए होगी। उनका कहना था कि इसी सप्ताह के अंदर यह टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा। बनेगा आरओबी यह सड़क बाबरी तिराहे से ओरछा तिराहा तक बनाई जाएगी। इसमें ओरछा के पास पड़ने वाली रेलवे लाइन के लिए ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। यहां पर 1.2 किमी लंबा ओवर ब्रिज बनेगा। इसके साथ ही सालों से बारिश के समय समस्या बनने वाले पूनौल की पुलिया पर भी बड़े पुल का निर्माण किया जाएगा। वहीं इस सड़क पर आने वाले 16 छोटी पुलियों का भी निर्माण किया जाएगा। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 12

बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अलग देश की चर्चा ने जोर पकड़ा, हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों को संरक्षण मिलेगा

ढाका बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की घटनाएं हालिया समय में लगातार बढ़ी हैं। मोहम्मद यूनुस की सरकार में खासतौर से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा भारत और विश्व के लिए मुद्दा बन रही है। इस समस्या से निपटने के लिए बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अलग देश की चर्चा ने जोर पकड़ा है। इससे एक ओर बांग्लादेशी हिंदुओं को नया देश मिल जाएगा तो वहीं भारत के सामने पूर्वोत्तर में सुरक्षा की चुनौती कम हो जाएगी। इस योजना में बांग्लादेश के रंगपुर डिवीजन और चटगांव डिवीजन को अलग करने का प्रस्ताव है। मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में एक बयान में चिकन नेक के भारत की कमजोर कड़ी होने की ओर भी इशारा किया है। स्वराज्य वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में इस संभावना पर बात की है। स्वराज्य वेबसाइट के मुताबिक, रंगपुर और चटगांव को अलग करने से बांग्लादेश के हिंदू, बौद्ध और ईसाई समुदायों के लिए सुरक्षित घर बनाया जा सकता है। साथ ही पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली 'चिकन नेक' कॉरिडोर की समस्या भी हल हो जाएगी। इस योजना के स अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाने, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए आंदोलन को प्रोत्साहित करने और सैन्य कार्रवाई के लिए तैयार रहने की बात कही गई है। इस योजना के बारे में कहा गया है कि यह विचार भले ही अभी काल्पनिक लगे लेकिन 1971 में बांग्लादेश बन सकता है तो ये भी संभव हो सकता है। पूर्वोत्तर की समस्या और बांग्लादेश पूर्वोत्तर भारत के सात राज्य गंभीर भौगोलिक चुनौती का सामना करते रहे हैं। यह क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों से एक पतली पट्टी से जुड़ा हुआ है, जिसे 'चिकन नेक' कॉरिडोर कहा जाता है। यह कॉरिडोर लगभग 22 किलोमीटर चौड़ा है, जो बांग्लादेश, नेपाल और भूटान से घिरा हुआ है। चीन के कब्जे वाला तिब्बत भी इसके करीब है। ऐसे में 'चिकन नेक' कॉरिडोर की सुरक्षा चिंता का विषय रही है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी भी चिकननेक पर कब्जे की बात कहते रहे हैं। बांग्लादेश में हालिया महीनों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अल्पसंख्यकों के पास देश छोड़ने या इस्लाम में परिवर्तित होने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। इन समस्याओं का समाधान बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए एक अलग घर बनाना है। बांग्लादेश में 1.3 करोड़ हिंदू हैं, जो अपने लिए एक अलग घर की मांग कर रहे हैं। बांग्लादेशी हिंदुओं की समस्या का हल बांग्लादेश के अल्पसंख्यक शरण के लिए भारत का रुख करते रहे हैं। हालांकि भारत में प्रवास समाधान नहीं है। ये समाधान बांग्लादेश से काटकर उनके लिए एक अलग घर बनाना है। बांग्लादेश के दो प्रांत- उत्तरी रंगपुर डिवीजन और इसके दक्षिणपूर्वी चटगांव डिवीजन का एक बड़ा हिस्सा देश के उत्पीड़ित हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आदर्श घर होगा। रंगपुर के पश्चिम में बंगाल के उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर जिले हैं। उत्तर-पश्चिम में दार्जिलिंग जिले का सिलीगुड़ी उप-मंडल है। उत्तर में जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जिले हैं और पूर्व में असम के धुबरी और दक्षिण सालमारा जिले हैं। साथ ही मेघालय के पश्चिम और दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स हैं। यह तीन तरफ से भारतीय क्षेत्र से घिरा हुआ है। रंगपुर को भारत में शामिल करने से 'चिकन नेक' कॉरिडोर से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान हो जाएगा। इससे यह कॉरिडोर कम से कम 150 किलोमीटर चौड़ा हो जाएगा। इसी तरह चटगांव हिल ट्रैक्ट्स (CHT) जिसमें चटगांव डिवीजन के तीन जिले खगराछड़ी, रंगमती और बंदरबन हैं। ये त्रिपुरा और मिजोरम की सीमा से लगे हैं। Pushpendra“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है।  और पढ़ें इस वेबसाइट का संचालन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हो रहा है, जहाँ से प्रदेश की राजनीति से लेकर विकास की योजनाएं तैयार होती हैं।दे श व प्रदेश जिले की ताजा अपडेट्स व राजनीतिक प्रशासनिक खबरों के लिए पढ़ते रहिए हमारी वेबसाइट (my secret news. Com )👈 ✍️ पुष्पेन्द्र , (वरिष्ठ पत्रकार) भोपाल, मप्र  mysecretnews.com recent visitors 8