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भोपाल

मध्यप्रदेश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप सेंटर ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। स्टार्ट-अप्स की संख्या, महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों में वृद्धि और राज्य में नवाचार को प्रोत्साहन देने वाली विभिन्न पहलों के चलते पिछला वर्ष अत्यंत सफल रहा है।

स्टार्ट-अप्स में हुआ इज़ाफ़ा

पिछले एक वर्ष में राज्य में मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप्स की संख्या 4012 से बढ़कर 5230 हो गई, जिसमें 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। महिलाओं द्वारा संचालित स्टार्ट-अप्स में 34 फीसदी की वृद्धि हुई है। इनकी संख्या 1864 से बढ़कर 2490 तक पहुँच गई हैं। इन प्रयासों से यह स्पष्ट है कि महिला उद्यमिता को विशेष बल दिया जा रहा है। आज प्रदेश में स्टार्ट-अप्स की संख्या 5300 से अधिक हो चुकी है।

निवेश को मिली नई दिशा

गत एक वर्ष में राज्य सरकार ने स्टार्ट-अप्स के लिए फंडिंग सुनिश्चित करने हेतु SEBI-अनुमोदित वैकल्पिक निवेश निधियों (AIFs) से साझेदारी की। 5 AIFs का चयन हुआ, जिनमें से 3 Silver Needle, Equanimity Ventures और Unicorn India Ventures Fund ने कुल ₹10.90 करोड़ का निवेश किया। सरकार ने ₹3.03 करोड़ का अंशदान किया।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में हुआ नीति का शुभारंभ

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नई "मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप नीति एवं क्रियान्वयन योजना 2025" का शुभारंभ किया गया। इस दौरान 2500 से अधिक स्टार्ट-अप्स ने भाग लिया और “फ्यूचर फ्रंटियर्स: स्टार्ट-अप पिचिंग सेशन” में 20 स्टार्ट-अप्स को निवेशकों के समक्ष पिच करने का मौका मिला, जिसमें से 19 को निवेशकों द्वारा रुचि पत्र प्राप्त हुए।

महिलाओं और कृषि स्टार्ट-अप्स को मिला मंच

महिला उद्यमियों को योजनाओं से जोड़ने के लिये 13 अगस्त 2024 को “प्रदेश महिला उद्यमी सम्मेलन” का हुआ। जिसमें 40 से अधिक महिला स्टार्ट-अप्स ने भाग लिया। कृषि क्षेत्र के लिए GAP फंड के माध्यम से फंडिंग की सुविधा दी गई और कृषि आधारित स्टार्ट-अप्स को विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी का अवसर मिला।

राज्यभर में हुआ स्टार्ट-अप जागरूकता का प्रसार

मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप सेंटर ने पूरे वर्ष में 50 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया तथा आयोजन किया, जिनमें 20 से अधिक शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक संगठनों, सरकारी विभागों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों तक की सहभागिता शामिल रही। साथ ही, प्रदेश में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज़ कोंक्लेव तथा RAMP योजना जैसी पहलों के माध्यम से स्टार्ट-अप्स को जागरूक किया गया।

नवाचार एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु आयोजित “स्टार्ट-अप क्लीनिक”, “स्टार्ट-अप मार्गदर्शन सत्र” और “इनक्यूबेटर आउटरीच वर्कशॉप” जैसे आयोजनों से प्रदेश में स्टार्ट-अप संस्कृति को मजबूत आधार मिला है। मध्यप्रदेश स्टार्ट-अप सेंटर ने राज्य में नवाचार और उद्यमिता का वातावरण तैयार किया है साथ ही निवेश, जागरूकता और सहभागिता के नए आयाम भी स्थापित किए हैं।

 

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