Disturbances in Jal Jeevan Mission : Water crisis in MP, villagers yearn for every drop of water, tap water scheme fails completely
सीहोर ! Disturbances in Jal Jeevan Mission आष्टा ब्लॉक मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर ग्राम नानजीपुरा ग्राम पंचायत कुरली कला इस ग्राम के लोग आज भी बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. इस गांव में पीएचई विभाग की नल जल योजना पूरी तरह फेल हो गई है. इस ग्राम में पीएचई विभाग के बोर से पाइपलाइन में पानी नहीं जा रहा है.

पाइपलाइन जगह-जगह से फट चुकी है. ग्रामीणों ने बार-बार पीएचई विभाग को अवगत करवाया. साथ ही 181 पर भी शिकायत की, लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. पीएचई विभाग के अधिकारी भी गांव का दौरा करके आ गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. Disturbances in Jal Jeevan Mission
पुराने प्रयास, अधूरे वादे
लगभग दो वर्ष पूर्व, ग्राम की महिलाएं खाली मटके लेकर आष्टा पहुंची थीं और उस समय के जिला पंचायत अध्यक्ष तथा वर्तमान विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर को आवेदन सौंपा था. विधायक के निर्देश पर गांव में एक बोर खनन भी हुआ, लेकिन उसमें पानी नहीं निकला. उसी दिन ग्रामीणों ने तत्कालीन विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय को भी आवेदन दिया था, जिनके निर्देश पर ग्राम में मनरेगा योजना के अंतर्गत एक कुएं का निर्माण शुरू हुआ, पर दुर्भाग्यवश वह कुआं आज भी अधूरा पड़ा हुआ है.
महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कुआं पूर्ण होना था लेकिन आज तक यह कुआं अधूरा पड़ा हुआ है. अगर इस कुआं की पूर्ण गहराई हो जाती तो आज ग्रामीणों को पीने का पानी मिल जाता इन सभी समस्याओं को लेकर 2 साल बाद आज फिर ग्राम नानजीपुरा की महिलाएं क्षेत्रीय विधायक गोपाल सिंह इंजीनियर के कार्यालय पहुंची वहां पर पीने के पानी की व्यवस्था हेतु अपनी बात रखी. Disturbances in Jal Jeevan Mission
महिलाओं ने अधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
इसके साथ ही सभी महिलाएं तहसील कार्यालय पहुंचीं. वहां पर तहसीलदार महोदय को ज्ञापन देकर पीने के पानी की व्यवस्था करवाने की बात कही. परेशान महिला पीएचई विभाग के दफ्तर भी जा पहुंचीं. पीएचई विभाग की मैडम ने कहा कि मैं ठेकेदार से बात करके आपके गांव की नल जल योजना ठीक करवाती हूं. साथ ही पीएचई विभाग के ब्लॉक समन्वयक मंगलेश दुबे ने भी विश्वास दिलाया कि कल हम सभी लोग आपके ग्राम नामजीपुरा में आएंगे और नल जल योजना को देखेंगे और जल्द ही इसका निराकरण करवाएंगे.
अब यह देखना होगा कि क्या संबंधित विभागों के अधिकारी और ठेकेदार इन निर्देशों का पालन करते हैं या फिर नानजीपुरा के ग्रामीणों को आने वाले दिनों में भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते रहना पड़ेगा. ग्रामीणों की आशाएं एक बार फिर जागी हैं, लेकिन उनकी उम्मीदों पर अमल कब तक होगा, यह आने वाला वक्त ही बताएगा.

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