नई दिल्ली
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में भी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत का सुप्रीम कोर्ट, न्यायिक प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए एआई और मशीन लर्निंग (ML) टूल्स का इस्तेमाल कर रहा है। इसकी मदद से कोर्ट के काम, केस फाइल करने और कानूनी अनुवाद में तेजी आने की उम्मीद है। जज भी कानूनी रिसर्च आसानी से कर पाएंगे। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में एक लिखित बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट, AI और ML बेस्ड टूल्स का इस्तेमाल कर रहा है। इससे कोर्ट का काम और तेजी से होगा।
बताया गया है कि एआई का इस्तेमाल संविधान पीठ के मामलों में मौखिक दलीलों को लिखने में किया जा रहा है। एआई की मदद से लिखी गई दलीलों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी नेशनल इन्फर्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी) के साथ मिलकर एआई और एमएल बेस्ड टूल्स का इस्तेमाल कर रही है। इसका मकसद अंग्रेजी भाषा से 18 भारतीय भाषाओं जैसे- असमिया, बंगाली, गारो, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, खासी, कोंकणी, मलयाली, मराठी, नेपाली, ओडिया, पंजाबी, संताली, तमिल, तेलुगु और उर्दू में फैसलों को ट्रांसलेट करना है।
आईआईटी मद्रास की भी मदद
बताया गया है कि हाल ही में 200 एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड को प्रोटोटाइप तक पहुंच दी गई है, ताकि वो एआई टूल्स का इस्तेमाल कर पाएं। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री भी आईआईटी मद्रास की मदद से एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) टूल्स के प्रोटोटाइप्स का परीक्षण कर रही है। इन टूल्स को इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग मॉड्यूल और केस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर यानी इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (आईसीएमआईएस) के साथ इंटीग्रेट किया जाएगा।
न्यायिक फैसलों को एआई का इस्तेमाल नहीं
सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि AI का इस्तेमाल न्यायिक फैसले लेने के लिए नहीं किया जा रहा है। अभी इसका इस्तेमाल सिर्फ संविधान पीठ की सुनवाई के दौरान कही गई बातों को लिखने में किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे नियमित सुनवाई के दिनों में भी इस्तेमाल करने की योजना है। गौरतलब है कि एआई टूल्स अब हर जगह बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे हैं। मेटा के मालिकाना हक वाला वॉट्सऐप में अपने ऐप में एआई टूल को राइटिंग के स्तर पर लाने वाला है। उसकी मदद से यूजर्स को अपना मैसेज लिखने में आसानी होगी। मैसेज रिराइट कराया जा सकेगा।

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