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मास्को
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से संभव है, लेकिन इसके लिए इस संघर्ष के मुख्य कारणों को दूर करना जरूरी है। उन्होंने इस युद्ध को जटिल मामला बताते हुए सतर्क और संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। पुतिन ने रूसी नौसेना के साथ बैठक के दौरान कहा, "हम सभी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के पक्ष में हैं, लेकिन इसके लिए उन कारणों को भी समाप्त करना होगा, जिनकी वजह से मौजूदा हालात बने हैं।" राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस यूरोप के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन पिछली गलतियों से सीख लेगा और पश्चिम पर जरूरत से ज्यादा भरोसा नहीं करेगा।

रूसी मीडिया के अनुसार, पुतिन ने कहा, "हम यूरोप के साथ काम करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन वे लगातार असंगत तरीके से काम कर रहे हैं और हमें धोखा देने की कोशिश करते रहते हैं। खैर, हमें इसकी आदत हो गई है। उम्मीद है कि अब हम अपने तथाकथित भागीदारों पर जरूरत से ज्यादा भरोसा करके कोई गलती नहीं करेंगे।"

इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस में एक सम्मेलन में यूक्रेन को समर्थन देने के लिए कई नई पहल की घोषणा की। फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर यूक्रेन की सेना को पुनर्गठित करने के लिए एक योजना तैयार की है। मैक्रों ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और मैं यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के समन्वय प्रयासों का संयुक्त रूप से नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन के बाद ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा कि रूस पर लगे प्रतिबंध हटाने का समय अभी नहीं आया है, मैक्रों ने भी इस बात पर सहमति जताई कि रूस पर प्रतिबंधों को हटाने का यह सही समय नहीं है।

इस बीच, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि यूक्रेन में पश्चिमी देशों द्वारा शांति सैनिकों की तैनाती का रूस कड़ा विरोध करता है। जखारोवा ने चेतावनी दी कि "अगर पश्चिमी देश यूक्रेन में शांति मिशन के नाम पर अपनी सेना भेजते हैं, तो इससे रूस और नाटो के बीच सीधा टकराव हो सकता है। लंदन और पेरिस सैन्य हस्तक्षेप की योजना बना रहे हैं, जो शांति प्रयासों के लिए खतरनाक हो सकता है।"

रूस और अमेरिका के बीच हाल ही में यूक्रेन संकट के समाधान को लेकर आपसी बातचीत की इच्छा जताई गई थी। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मॉस्को और वाशिंगटन दोनों शांति वार्ता की ओर बढ़ने के इच्छुक हैं। इसके अलावा, रूस और अमेरिका के बीच रियाद में हुई बातचीत के बाद ब्लैक सी इनिशिएटिव (काला सागर पहल) को लागू करने पर सहमति बनी है। इस समझौते के तहत रूसी बैंकों पर लगे प्रतिबंध हटने के बाद कृषि उत्पादों और उर्वरकों के व्यापार को सुगम बनाया जाएगा।

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