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भोपाल
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 में विकसित भारत के लिये जो विजन तैयार किया है, उसे प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ रखकर ही पूरा किया जा सकता है। इसके लिये हमें विभिन्न रोगों के साथ-साथ मनोरोग से भी छुटकारा पाना होगा। इस कार्य में मनोचिकित्सकों की अहम भूमिका रहेगी। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल आज भोपाल में मध्य भारत के पहले राष्ट्रीय मनोरोग सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। भोपाल में हो रहे 2 दिवसीय सम्मेलन में देशभर से 45 प्रमुख वक्ता शामिल हो रहे हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि जीवन का पहला सुख निरोगी काया को माना गया है। आज के वैश्विक दौर में युवाओं में मानसिक तनाव मुख्य रूप से देखने को मिल रहा है। इसकी प्रमुख वजहव्यावहारिक जीवन में भारी चिंता, असीमित प्रतिस्पर्धा, असफल होने का डर और अत्यधिक मोबाइल समेत अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना प्रमुख है। ऐसे माहौल में मनोचिकित्सकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर वर्ष करीब 10 लाख लोगों की आत्महत्या के प्रकरण चिंता का विषय हैं। श्री शुक्ल ने कहा कि इन सब का उपाय भारत की प्राचीन परांपरा में समाहित है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि अनेक संस्थाएँ ध्यान और योग की दिशा में लगातार महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। इन सबके और विस्तार की संभावनाएँ है।

मनोरोग के उपचार में राज्य सरकार के प्रयास
उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक जिला अस्पताल में मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के उपचार और सलाह के लिये विशेष कक्ष में सेवाएँ शुरू की है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के साथ-साथ मनोरोगी के साथ लगातार संवाद भी जरूरी है। समाज में फोबिया, युवाओं में मानसिक बीमारियाँ, चिंता रोग, सिजोफ्रेनिया और ऑब्सेसिव-कम्पल्सिव डिसऑर्डर के रोगी सामने आ रहे है। इन सबसे निपटने में मनोचिकित्सक समर्पण भाव को प्रदर्शित करे।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन म.प्र. की संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मानसिक रोग के उपचार को विशेष स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि मनोरोगी के उपचार के पहले उसके परिवेश को समझा जाये तो समस्या का बेहतर तरीके से निदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में टेली-मानस हेल्पलाइन पर 24X7 पर नि:शुल्क परामर्श दिये जाने की व्यवस्था की गई है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने बताया कि इस हेल्पलाइन पर 3 लाख कॉल पर परामर्श दिया गया। कार्यक्रम को भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. कविता सिंह, इंडिया एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकियाट्री (आईएपीपी) के पदाधिकारी डॉ. आर.एन. साहू, डॉ. मृगेश वैष्णव ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. समीक्षा साहू ने किया।

रैली का आयोजन

राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत में गांधी मेडिकल कॉलेज से इकबाल मैदान तक रैली निकाल कर मनोरोग के प्रति जन-जागरूकता और इससे सावधान रहने का संदेश दिया गया। रैली में मनो चिकित्सक और गांधी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थी शामिल थे।

 

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