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तमिलनाडु
तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन में हुए कथित घोटाले की जांच कर रही ED यानी प्रवर्तन निदेशालय को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई का कहना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी सीमाएं लांघ रही है। उन्होंने ईडी पर संविधान के उल्लंघन के भी आरोप लगाए। कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही एजेंसी से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। दरअसल, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में तमिलनाडु सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई चल रही थी। याचिका में मद्रास हाईकोर्ट की तरफ से ईडी को मिली जांच की स्वतंत्रता को चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने TASMAC में ईडी को कथित 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के लिए खुली छूट दे दी थी।

सीजेआई ने कहा, 'यह अपराध निगम के खिलाफ कैसे हो सकता है? निगम के खिलाफ आपराधिक मामला। आपका प्रवर्तन निदेशालय सभी सीमाएं लांघ रहा है। कार्यवाही पर रोक लगाएं। जब अधिकारियों के खिलाफ FIR हैं, तो वहां ईडी क्यों जा रही है। ईडी हलफनामा दाखिल करे।' उन्होंने आगे कहा, 'ईडी संविधान का उल्लंघन कर रही है। ईडी वाकई सीमाएं लांघ रही है।' इसपर एएसजी एसवी राजू ने कहा, 'यहां एक बहुत बड़ा घोटाला है। मुझे जवाब दाखिल करने दें।' सीजेआई ने यह भी कहा कि ईडी संघीय ढांचे को तबाह कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी सीमाएं लांघी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगाने का आदेश जारी किया।

ED की जांच
मार्च में एजेंसी ने दावा किया था कि TASMAC के काम में कई अनियमितताएं मिली हैं। साथ ही एजेंसी ने कहा था कि 1000 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी भी मिली थी। ईडी ने कीमत तय करने में भी धोखाधड़ी किए जाने की बात कही थी। इसके साथ ही एजेंसी लगातार छापे भी मार रही थी। बीते सप्ताह ही रेड की गई थी और उस दौरान PMLA के तहत 10 ठिकानों की तलाशी ली गई थी। ईडी का दावा था कि उसे छेड़छाड़ किया गया डेटा मिला था, जिससे संकेत मिल रहे थे कि टेंडर वितरण के समय धोखाधड़ी गई थी। इसके बाद तमिलनाडु के एक्साइज मंत्री एस मुत्थुस्वामी ने ईडी पर सरकारी अधिकारियों को परेशान करने और राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि ईडी के पास अनियमितताओं को लेकर कोई सबूत नहीं है।

 

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