एनएसयूआई ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, अधिकारियों की हुई गरम जेब
नर्सिंग काउंसिल में आर्थिक अपराध, पेपर लीक करने व फर्जी काॅलेजों को मान्यता देने के मामले की चल रही जाँच
(My secret news)
भोपाल। मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा लगातार शिक्षा माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए भ्रष्ट और अयोग्य अधिकारियों को उच्च और मलाईदार पदों पर नवाजा जा रहा है। वहीं योग्य और अनुभवी अधिकारियों की उपेक्षा और सजा मिल रही। ऐसा ही कुछ चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने वाले “मध्यप्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल” में रजिस्टार के पद पर नियुक्ति का मामला सामने आया है। इस पद पर अयोग्य नर्स की नियुक्ति के दौरान नियम कायदों और सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाई गई। सीधे तौर पर नियमों को चुनौती दी गई है। एनएसयूआई ने चिकित्सा शिक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है। इसको लेकर चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त निशांत वरवड़े को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई ने रजिस्टार के पद पर नियुक्त नर्स सुनीता शिजू को हटाने की मांग की है।
अधिकारियों की मिलीभगत से बन गई रजिस्टार
एनएसयूआई की मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने बताया कि भाजपा सरकार में चिकित्सा शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। यहां कोई नियम कायदे नहीं चलते हैं। सभी काम अधिकारियों और मंत्री की मिलीभगत से हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि नियुक्ति के पूर्व, नर्स सुनीता शिजू को गुपचुप तरीके से हमीदिया अस्पताल से गांधी मेडिकल कॉलेज में अस्थाई तौर पर टीचिंग फैकल्टी में शामिल किया गया। जो रजिस्टार के पद के लिए अयोग्य हैं। इसके बाद भी नर्स सुनीता को मध्यप्रदेश शासन ने 22/9/2021 को आदेश जारी कर “मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल” के रजिस्टार के पद पर नियुक्ति दे दी है। इस पद पर उनकी दूसरी बार नियक्ति है। उनको 1/6/2018 को कार्य करने सलग्न के तौर पर पदस्थ किया था। वर्तमान में इस पद पर चंद्रकला दिवगैया पोस्टेड थीं। जिनको उक्त आदेश के जरिये तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर उनके (मूल विभाग) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण में भेज दिया है। एनएसयूआई के अनुसार इस पूरे मामले में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। वहीं विभागीय अधिकारियों और मंत्री ने मामले को देखने का आश्वासन देकर इतिश्री कर ली है। रवि परमार का आरोप है कि मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल में अयोग्य और भ्रष्ट नर्सिंग स्टाफ सुनिता शिजू को रजिस्ट्रार नियुक्त कर नर्सिंग छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सुनीता के नियुक्ति आदेश को रद्द किया जाए अन्यथा एनएसयूआई उग्र आंदोलन करेगी।
सुनीता के कारनामों की चल रही जांच
मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल का मुख्य कार्य नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने का है। परमार का कहना है कि सुनीता ने 2018 के पहले कार्यकाल में रजिस्टार पद पर रहते कई कारनामें किए थे। जिन पर नर्सिंग काउंसिल में आर्थिक अपराध और पेपर लीक करने के साथ फर्जी काॅलेजों को मान्यता देने के मामले में जाँच चल रही है। इन मामलों की जांच पूरी नहीं हुई थी कि फिर से उसी पद पर बैठा दिया। मंत्री और आयुक्त की क्या मज़बूरी है, जिसके कारण भ्रष्टाचार में लिप्त सुनीता को उसी पद पर फिर से नवाज दिया गया। सवाल उठता है कि क्या इस पद के योग्य कोई और अधिकारी नहीं है। योग्य तो हैं, लेकिन पहुँच नहीं है।
जनता जानना चाहती है राज
परमार का कहना है कि यदि इस मामले की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को जानकारी नहीं है तो यह बड़ा ही शर्मनाक है। विभाग में उनकी कोई पकड़ नहीं है। अगर मंत्री को उक्त मामले में जानकारी है तो कार्यवाही की हिम्मत क्यों नहीं उठा पर रहे, यह उनकी कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है। मंत्री और अधिकारियों के बीच क्या खिचड़ी पकी है, यह राज जनता जानना चाहती है। परमार का आरोप है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग पूरी तरह से जुगाड़ पर चल रहा है। नियम कायदे यहां फाइलों में कैद हैं।

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