नई दिल्ली
भारत और कनाडा के बीच जारी कूटनीतिक तनाव पर विदेश मंत्रालय (MEA) ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयानों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री ट्रूडो की ‘वन इंडिया पॉलिसी’ को लेकर की गई टिप्पणियों को देखा है, लेकिन जिन मुद्दों पर हमने कार्रवाई की मांग की थी, उन पर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।”
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बारे में भारत ने बताया था
विदेश मंत्रालय ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लेकर कनाडा द्वारा की गई आपत्तियों पर भी बयान दिया। जायसवाल ने आगे कहा, “हमने कनाडा को कुछ अनुरोध भेजे थे, जिनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी करने को कहा था, लेकिन अब तक हमारी मुख्य चिंताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसमें राजनीतिक उद्देश्य भी छिपे हुए हैं।” ट्रूडो ने दावा किया था कि भारतीय राजनयिक उन कनाडाई लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे थे जो नरेंद्र मोदी सरकार से असहमत हैं और इसे भारत सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों तक पहुंचा रहे थे। भारत इन बेतुके दावों को पहले ही खारिज कर चुका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हमने कनाडा को 26 प्रत्यर्पण के अनुरोध भेजे और सभी पेंडिंग हैं। ये पिछले एक दशक या उससे अधिक समय से पेंडिंग पड़े हैं। इसके साथ ही कुछ अपराधियों की अनंतिम गिरफ्तारी के कई अनुरोध भी कनाडा की ओर से पेंडिंग हैं…हमने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों सहित अन्य गैंग के सदस्यों के बारे में कनाडाई सरकार के साथ सुरक्षा संबंधी जानकारी शेयर की थी और उनसे उन्हें (अपराधियों को) गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था…अभी तक हमारे अनुरोध पर कनाडा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है…हमें यह वास्तव में अजीब लगता है कि जिन लोगों को हम निर्वासित करना चाहते थे या जिन पर कार्रवाई की जानी थी, अब हमें बताया जा रहा है कि, आरसीएमपी (रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस) कनाडा में इन लोगों द्वारा किए गए अपराधों के लिए भारतीय पक्ष को दोषी ठहरा रही है।"
कनाडाई आदेश से पहले ही बुलाए अपने राजनायिक
इसके अलावा, भारत ने अपने उच्चायुक्त और 5 अन्य राजनयिकों को कनाडा से वापस बुलाने का फैसला लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए जायसवाल ने कहा, "हमने कनाडा के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और साफ कहा कि हमें कनाडा सरकार पर अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर कोई भरोसा नहीं है, इसलिए हमने अपने उच्चायुक्त और 5 अन्य राजनयिकों को पहले ही वापस बुलाने का निर्णय लिया। इसके बाद कनाडा की ओर से उनको वापस बुलाने का आदेश आया था, लेकिन हमने पहले ही यह कदम उठा लिया था।"
कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों पर लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने कहा, "हमने इस मुद्दे पर अपना पक्ष बहुत स्पष्ट कर दिया है। बीते दो दिनों में कई प्रेस विज्ञप्तियां जारी की गई हैं जिनमें हमने अपना रुख साफ किया है। सितंबर 2023 से अब तक कनाडा सरकार ने हमारे साथ कोई भी सबूत साझा नहीं किया है। हाल ही में सार्वजनिक सुनवाई के बाद भी कनाडा (के पीएम) ने गंभीर आरोप लगाए, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं किया। प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा दिए गए बयानों से इन आरोपों की वास्तविकता पर भी सवाल उठता है। हमारी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है, हम इन झूठे आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। हम अपने राजनयिकों के खिलाफ झूठे आरोपों को खारिज करते हैं।”

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