MY SECRET NEWS

नई दिल्ली
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि हल्का मोटर वाहन (एलएमवी) लाइसेंस धारक 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले माल या सवारी गाड़ी भी चला सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने यह ‌फैसला सुनाते हुए कहा कि इससे उन हल्के मोटर वाहन धारकों को अपने बीमा दावा करने में मदद मिलेगी, जो 7500 किलोग्राम से कम वजन वाले वाहन को चलाते हुए पाये जाते हैं। पीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि इस दलील के विपरीत कोई आंकड़ा नहीं पेश नहीं किया गया है।
पीठ की ओर से फैसले के अंश पढ़ते हुए न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि लाइसेंसिंग व्यवस्था हमेशा एक जैसी नहीं रह सकती, क्योंकि उसे (पीठ को) उम्मीद है कि मौजूदा खामियों को दूर करने के लिए कानून में उपयुक्त संशोधन किए जाएंगे।
शीर्ष अदालत ने सड़क सुरक्षा को वैश्विक स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक मुद्दा बताते हुए कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं की वजह से 1.7 लाख लोग मारे गए हैं।
पीठ ने अपने फैसले में सीट बेल्ट नियमों का पालन न करने, मोबाइल का उपयोग करने, नशे में होने आदि जैसे कारणों का जिक्र करते हुए यह भी बताया कि वाहन चलाने के लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है, लेकिन 'यह कहना कि यह (दुर्घटना) हल्के मोटर वाहन चालकों के कारण हुआ, निराधार है।"
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि सड़क सुरक्षा को कानून के सामाजिक उद्देश्य के साथ संतुलित किया जाना चाहिए और वह संविधान पीठ में सामाजिक नीति के मुद्दों पर फैसला नहीं कर सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में अदालत ने केंद्र से पूछा कि क्या इस कानूनी सवाल पर कानून में बदलाव की आवश्यकता है कि क्या हल्के मोटर वाहन (एलएमवी) ड्राइविंग लाइसेंस रखने वाला व्यक्ति किसी विशेष वजन के परिवहन वाहन को चलाने का हकदार है।

 

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0