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धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में होने वाले विकास कार्यों के लिये बनाये गये हैं 6 सेक्टर्स
भोपाल

जनजातीय कार्य, लोक सेवा प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा है कि देश के सभी जनजातीय बहुल गांवों के चहुंमुखी विकास के लिये केन्द्र सरकार द्वारा "धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीए-जेजीयूए)" चलाया जा रहा है। इस अभियान में मध्यप्रदेश के 11 हजार 377 चिन्हित जनजातीय बहुल गांवों में हर जरूरी विकास कार्य कराये जायेंगे। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि अभियान में होने वाले विकास कार्यों के लिये 6 सेक्टर्स बनाये गये हैं। पहले सेक्टर में "जनजातीय बहुल गांवों में घरेलू एवं सामुदायिक बुनियादी संरचनाएं" तैयार की जायेंगी। इसमें जनजातियों को पक्का मकान, पक्की सड़क, हर घर नल से पेयजल, होम स्टे, जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केन्द्र स्थापना एवं घर-घर घरेलू गैस आपूर्ति से जुड़ी संरचनाएं निर्मित की जायेंगी। दूसरे सेक्टर में "स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार" के लिये मोबाइल मेडिकल यूनिट, सिकल सेल एनीमिया रोग के उन्मूलन के लिए देखभाल/सक्षमता केंद्र, नई आंगनवाड़ियां एवं पोषण वाटिकाओं का निर्माण तथा सभी पात्रों के आयुष्मान कार्ड भी बनाये जायेंगे। "शिक्षण एवं प्रशिक्षण" के तीसरे सेक्टर में जरूरी संस्था में छात्रावास, जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों के लिये आश्रम एवं विद्यालयों का निर्माण एवं जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) बनाये जायेंगे। चौथे सेक्टर में "विद्युतीकरण कार्य" में ग्रिड बिजली कनेक्शन, ग्रिड सोलर कनेक्शन एवं शासकीय संस्थानों की छत पर सोलर सिस्टम लगाये जायेंगे। पाँचवें "आर्थिक सशक्तिकरण" सेक्टर में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार दावों का त्वरित प्रदाय, वन अधिकार पत्र धारकों के लिये जीविका उपार्जन की व्यवस्था, मत्स्य पालन एवं कृषि उत्पादन विस्तार के लिये सभी जरूरी सहयोग प्रदान किये जायेंगे। जनजातीय क्षेत्रों में "कनेक्टिविटी बढ़ाने" के छठवें सेक्टर में रिमोट एरियाज में फोर-जी मोबाइल कनेक्टिविटी एवं डिजिटल इनीशिएटिव्स के प्रसार पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जायेगा।

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि इस अभियान में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा देशभर में 100 ट्रायबल मल्टी-पर्पज मार्केटिंग सेंटर्स (टीएमएमसी) या 'जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार' या कहें ट्राईबल मार्ट तैयार करने की योजना है। अभियान के तहत राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय को 19 जिलों में एक-एक टीएमएमसी जनजातीय ग्रामीण हाट बाजार या ट्राईबल मार्ट स्थापना के लिये विधिवत् प्रस्ताव भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि ये टीएमएमसी बुरहानपुर, खण्डवा (खालवा में), झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगौन, धार, मण्डला, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिण्डौरी, नर्मदापुरम, बैतूल, रतलाम, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सीधी में बनाये जाना प्रस्तावित हैं। प्रस्ताव अनुसार ये टीएमएमसी एक-एक करोड़ रूपये लागत से लगभग 2000 स्क्वायर मीटर लैंड एरिया में बनाये जायेंगे, जिसका बिल्ट-अप लैंड एरिया करीब 367.80 स्क्वायर मीटर होगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिये राज्य एवं जिला स्तर से विभिन्न प्रकार की सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) गतिविधियां (कैम्पेनिंग) भी संचालित जायेंगी।

उल्लेखनीय है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश के सभी जिलों के 267 ब्लॉक के 11 हजार 377 जनजातीय बहुल गांव चिन्हित किये गये हैं। इन गांवों में रहने वाले 18 लाख 58 हजार 795 जनजातीय परिवारों की कुल 93 लाख 23 हजार 125 जनजातीय आबादी को इस अभियान के सभी तय लक्ष्यों से सीधे तौर पर लाभान्वित करने की सरकार की योजना है। अभियान के सुचारू क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर पर वन अधिकार अधिनियम प्रकोष्ठ (एफआरए सेल) एवं प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) की स्थापना भी की जायेगी। क्रियान्वयन से जुड़े विभागों के प्रशिक्षण के लिये राज्य स्तरीय कार्यशाला भी आयोजित की जायेगी। इस अभियान में केन्द्र सरकार के 18 विभागों/मंत्रालयों की 25 प्रकार की नागरिक/आधुनिक सेवाएं/सुविधाएं लक्षित आबादी को प्रदान की जायेंगी।

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