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सिंगरौली
 जिला अदालत ने सरकारी खजाने का गबन करने के आरोपी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामदास साकेत को दोषी करार देकर उसे 7 वर्ष के कारावास समेत अन्य धाराओं में सजा सुनाई है। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश वारींद्र तिवारी ने इस मामले में सजा सुनाई और बहुचर्चित शिक्षा विभाग में घोटाले के आऱोपी रामदास साकेत को दोषी करार दिया।
क्या है मामला

एडवोकेट त्रिपुरारी नाथ पाण्डेय ने बताया कि माड़ा थाना द्वारा वर्ष 2015 में आरोपी रामदास साकेत के विरुद्ध IPC की धारा 420 व 409 के तहद मामला दर्ज किया गया था। विवेचना के मुताबिक आरोपी रामदास साकेत ने 01-03-2025 से लेकर 25-06-2015 की अवधि में कुल 15 चरणों मे सरकारी राशि 494300 रुपए खुद के नाम से निकाले, जिनका किसी कैशबुक, लेजर, बाउचर में जिक्र नहीं किया गया। इस मामले में किसी तरह के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए थे, जो वित्तीय घोटाले को उजागर करता है। इस पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। 9 सालों तक न्यायालय में चले मुकदमे की सुनवाई के दौरान न्यायिक मजिस्ट्रेट वारीन्द्र तिवारी की अदालत ने आरोपी रामदास साकेत को 420 व 409 आईपीसी की धारा के तहत दोषी पाते हुए 7 साल व 5 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। धारा 420 में 25 हजार रुपए व धारा 409 में 30 हजार के जुर्माने से उसे दंडित किया गया।
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ था आरोपी

आरोपी रामदास साकेत सिंगरौली जिले के बैढन में ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ था। इस विभाग में भी बिना किसी सुविधा शुल्क के कोई काम नही करता था। कई बार रिश्वत लेते वीडियो भी सामने आया था, जिसके बाद विभाग के द्वारा भी कार्रवाई की गई थी। रामदास साकेत 2015 में प्राचार्य शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल रजमिलान में पदस्थ था। उसी दौरान स्कूल के सरकारी खजाने की राशि मे सेंध लगा दिया था।

9 साल बाद फैसला

3 माह के दौरान आरोपी रामदास साकेत ने स्कूल के सरकारी राशि 494300 रुपये आहरित कर घोटाले को अंजाम दिया था, जिसके बाद विभागीय जांच कराई गई। जांच के बाद एफआईआर दर्ज कराई गई, जिसके बाद हाईकोर्ट से जमानत ले लिया। 9 साल तक जिला न्यायालय में मुक़दमा चला। अब 9 सालों के बाद फैसला आया है। आरोपी को फिलहाल जेल भेज दिया गया है।

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