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वॉशिंगटन

 भारतीय बड़ी संख्या में 'अमेरिकन ड्रीम' के लिए अपना सब कुछ जोखिम में डाल रहे हैं। अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (USCBP) के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका में अवैध रूप से भारतीयों के जाने में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। अकेले इस साल कनाडाई सीमा पर अवैध रूप से प्रवेश करते हुए पकड़े गए लोगों में 22 फीसदी भारतीय थे। आइए समझें कि भारतीयों की इतनी बढ़ती संख्या के पीछे क्या कारण है?

USCBP के डेटा का वित्तीय वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। इसका डेटा कनाडाई सीमा के जरिए अवैध रूप से अमेरिका में घुसते भारतीय अमेरिकियों की बढ़ती संख्या दिखाता है। 2022 में अवैध क्रॉसिंग की कोशिश कर रहे 109,535 लोगों को पकड़ा गया था। इसमें भारतीयों की संख्या 16 फीसदी थी। 2023 में इसमें वृद्धि हुई और 189,402 लोगों में से 30,010 भारतीय पकड़े गए। इस साल आंकड़ों में फिर वृद्धि हुई है। 42764 भारतीयों को अवैध रूप से कनाडा से अमेरिका में घुसते पकड़ा गया।

भारतीयों का नंबर बढ़ा

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक निस्कैनन सेंटर के इमीग्रेशन एनालिस्ट गिल गुएरा और स्नेहा पुरी ने कहा कि ये आंकड़े हालांकि लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई प्रवासियों की तुलना में कम हैं। लेकिन पिछले चार वर्षों में भारतीय पश्चिम गोलार्ध के बाहर अमेरिकी सीमा पर आने वाले प्रवासियों का सबसे बड़ा समूह बन गए हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि अभी तक ज्यादातर लोग मैक्सिको बॉर्डर से अमेरिका में घुसते हैं, तो आखिर कनाडा पहली पसंद क्यों बन गया।

आखिर कनाडा क्यों?

निस्कैनन सेंटर के मुताबिक कनाडा से अवैध एंट्री बढ़ने का कारण कनाडा की अधिक सुलभ वीजा प्रक्रिया है। कनाडा भारतीयों के लिए अधिक सुलभ एंट्री पॉइंट बनता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कनाडा का वीजा पाने के लिए औसत 76 दिन लगते हैं। जबकि अमेरिकी वीजा के लिए एक साल से ज्यादा का समय लग जाता है। इसके अलावा मैक्सिको-अमेरिका बॉर्डर की तुलना में यूएस-कनाडा बॉर्डर ज्यादा लंबा और कम संरक्षित है। आने वाले ट्रंप के कार्यकाल में यूस-कनाडा बॉर्डर पर भी सख्ती देखी जा सकती है।

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