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नई दिल्ली

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के आमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस की यात्रा करेंगे। पीएम मोदी पेरिस की अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद वाशिंगटन डीसी जाएंगे। वहीं फ्रांस की यात्रा के तुरंत बाद पीएम मोदी 12 फरवरी से अमेरिका की 2 दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी।बता दें कि ट्रंप प्रशासन के दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के कुछ ही सप्ताह के भीतर वाशिंगटन डीसी जाने वाले मोदी कुछ चुनिंदा विदेशी नेताओं में शामिल होंगे।

सामने आई ये जानकारी

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी से अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा के दौरान, वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, पीएम मोदी की यह यात्रा भारत और अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत बनाएगी और भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों को नई गति और दिशा देगी। बता दें कि बता दें कि पीएम मोदी का अमेरिका दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिका ने बेड़ियों से जकड़ कर 104 अप्रवासियों को अमेरिका से भारत भेजा है। इस घटना को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।

मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले, वह 10-12 फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे, जहां वह फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक्शन समिट की सह-अध्यक्षता करेंगे। मिसरी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी कैडारैचे अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर प्रायोगिक रिएक्टर का दौरा करेंगे, इसमें भारत भी एक भागीदार है।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि 11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस आयोजन का मकसद वैश्विक वैश्विक स्तर पर एआई के बढ़ते प्रभाव और उसके उपयोग को और अधिक सुदृढ़ करना है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी 2025 तक फ्रांस की यात्रा पर रहेंगे।

एआई एक्शन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी

विक्रम मिस्री ने बताया कि 11 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों एआई एक्शन शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस आयोजन का मकसद वैश्विक स्तर पर एआई के बढ़ते प्रभाव और उसके उपयोग को और अधिक सुदृढ़ करना है. इनके अलावा, यह शिखर सम्मेलन एआई प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग और उसकी नैतिकता पर भी विचार-विमर्श करेगा.

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि यह तीसरा उच्च-स्तरीय एआई शिखर सम्मेलन है. इससे पहले 2023 में यूके और 2024 में दक्षिण कोरिया में इसी तरह के सम्मेलन आयोजित किए गए थे. इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से भारत और फ्रांस के बीच टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में सहयोग को और मजबूती मिलेगी.

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