कनाडा
कनाडा में पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। भारतीयों के बीच कनाडा पढ़ाई के लिए इसलिए पॉपुलर है, क्योंकि यहां पर कोर्स खत्म होने के बाद छात्रों को वर्क परमिट भी दिया जाता है। इसे पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट (PGWP) के तौर पर जाना जाता है, जो आठ महीने से लेकर तीन साल तक वैलिड रहता है। PGWP का एक बड़ा फायदा ये होता है कि छात्र नौकरी तो कर ही पाते हैं, साथ ही उनके लिए परमानेंट रेजिडेंसी (PR) का भी रास्ता खुल जाता है।
हालांकि, कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं, जिनका PGWP एक्सपायर होने वाला होता है और उन्हें समझ नहीं आ रहा होता है कि वे अब क्या करें। वैसे तो कनाडा में वर्क परमिट समाप्त होने पर देश छोड़कर जाना पड़ता है। यही बात PGWP पर नौकरी करने वाले छात्रों पर भी लागू होती है। मगर कुछ ऐसे रास्ते भी हैं, जिनके जरिए वे कनाडा में रह सकते हैं। कनाडा में पढ़ने जाने वाले छात्र अक्सर ही उन रास्तों के बारे में जानना चाहते हैं, जिनके जरिए वे PGWP एक्सपायर होने के बाद भी देश में रह पाएं।
PGWP एक्सपायर होने वाला है, फिर छात्रों के पास क्या ऑप्शन हैं?
इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स ने उन रास्तों के बारे में बताया है, जिनके जरिए PGWP एक्सपायर होने का इंतजार कर रहे छात्रों को काफी मदद मिल सकती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि PGWP एक्सपायर होने के बाद कानूनी तौर पर कनाडा में रहने के लिए छात्रों को फिर से स्टडी परमिट के लिए आवेदन करना चाहिए, ताकि वे किसी दूसरी फील्ड की पढ़ाई कर सकें। स्टडी परमिट के जरिए छात्र कनाडा में वैध तौर पर रह पाएंगे और अतिरिक्त क्वालिफिकेशन भी हासिल कर पाएंगे।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर कोई छात्र ऐसा करता है, तो उसकी अच्छी नौकरी मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। छात्रों को 'लेबर मार्केट इंपैक्ट असेसमेंट' (LMIA) वाली जॉब हासिल करनी चाहिए। LMIA एक ऐसा डॉक्यूमेंट होता है, जो ये साबित करता है कि कंपनी के पास नौकरी के लिए एक भी कनाडाई नागरिक या परमानेंट रेजिडेंट नहीं है, जिस वजह से वह अब विदेशी नागरिक को जॉब दे रहा है। LMIA जॉब ऑफर होने आपको आसानी से वर्क परमिट मिलेगा और आपके लिए PR के रास्ते खुल जाएंगे।

“माय सीक्रेट न्यूज़” यह एक ऑनलाइन वेबसाइट है, जो आपको देश – दुनिया और आपके आसपास की हर छोटी-बड़ी खबरों को आप तक पहुंचाती है। इस वेबसाइट का संचालन वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र जी कर रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता में BJC (बेचलर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) और MJC (मास्टर ऑफ़ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन) की डिग्री 2011 में हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मप्र से हासिल की है। उन्होंने भोपाल के स्वदेश, राज एक्सप्रेस, राष्ट्रीय हिंदी मेल, सांध्य प्रकाश, नवदुनिया और हरिभूमि जैसे बड़े समाचार पत्र समूहों में काम किया है। और पढ़ें