रायपुर
राजधानी रायपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पुलिसकर्मी ने ही अपने साथियों को करोड़ों की चपत लगा दी. सस्ते में जमीन दिलाने का झांसा देकर लाखों-करोड़ों ऐंठने वाला यह हवलदार खुद को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) का अफसर बताता था, जिससे पुलिसकर्मी भी उसकी बातों में आ जाते. पांच साल से फरार चल रहे इस ठग पुलिसकर्मी को आखिरकार सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस ठगी मामले में उसके तीन साथी पहले ही सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं.
करोड़ों की ठगी मामले में गिरफ्तार आरोपी जयदेव वर्मा हवलदार के पद पर तैनात था. साल 2019 में टिकरापारा, गुढ़ियारी, सिविल लाइन और गंज इलाके में उसने अपने ही साथियों को जमीन दिलाने के नाम पर लाखों-करोड़ों की ठगी की. जयदेव ने पहले तो कम कीमत में जमीन देने का झांसा दिया और जब पुलिसकर्मियों ने पैसे दे दिए, तो वह बहाने बनाने लगा. जब पीड़ितों ने रकम वापस मांगी, तो उसने जल्द पैसा लौटाने का वादा किया लेकिन फिर गायब हो गया.
मामला जब एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद के संज्ञान में आया, तो उन्होंने सिविल लाइन पुलिस को जयदेव वर्मा की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए. पुलिसकर्मियों की शिकायतों के आधार पर जांच की गई, जिसमें जयदेव वर्मा के खिलाफ ठगी के आरोप साबित हुए. जांच में यह भी पता चला कि उसने अपनी पहचान छिपाने के लिए खुद को एसीबी में तैनात अधिकारी बताया था, जिससे वह अपने साथी पुलिसकर्मियों का विश्वास जीतने में सफल हो गया.
इस ठगी में जयदेव वर्मा अकेला नहीं था, बल्कि उसके तीन और साथी भी शामिल थे. इनमें से एक राज कश्यप समेत तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

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