MY SECRET NEWS

भोपाल
पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि देवलिया जी के परिजनों का ह्रदय से आभार करता हूँ, क्योंकि उन्होंने उनकी स्वाध्याय की; लेखन की; शिक्षा,ज्ञान बांटने की परंपरा का, उनके मन में जो आत्मभाव था,उसे पारितोषक के रूप में इस आयोजन के रूप में सतत बनाए रखा है। मंत्री श्री पटेल आज भोपाल में माधवराव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालय एवम शोध संस्थान में राज्य स्तरीय अलंकरण एवं देवलिया स्मृति व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मंत्री श्री पटेल ने इस वर्ष के राज्य स्तरीय भुवनभूषण देवलिया पत्रकारिता सम्मान से वरिष्ठ पत्रकार राजेश पांडेय को उनकी सुदीर्घ पत्रकारिता के लिए प्रदान किया। समिति के इस 14वें वार्षिक आयोजन के अंतर्गत उन्हें सम्मान स्वरूप 11 हजार रुपए एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया गया।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि जब 'एक देश-एक कानून' की बात होती है, तो मेरा स्वयं का जो सार्वजनिक जीवन है, वो कम से कम चार दशक का है। उन्होंने कहा कि जो संविधान में लिखा हुआ है कि इस पर विचार करना चाहिए। मैं भी इस बात का हिमायती हूं कि संविधान आपको क्लिष्ट लग सकता है, लेकिन संविधान सभा की बहस; हमारे मन में जो प्रश्न पैदा होते हैं, इन प्रश्नों के उत्तर के समान है और रोचक भी है।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आत्मा की व्यवस्था है मोक्ष। इसे सरल तरीके से समझा जा सकता है। अगर हम 'एक देश-एक कानून' की बात करते हैं, तो ये समाज की व्यवस्था है। जब नैतिक मूल्यों की गिरावट होती है, तो हमें सख्ती से समाज की ओर जाना पड़ता है, कानून की ओर जाना पड़ता है। हम तो तीसरी सीढ़ी की शुरुआत कर रहे हैं।

व्याख्यान में मुख्य वक्ता पत्रकार प्रो. हर्षवर्धन त्रिपाठी, नई दिल्ली ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर ने की। विषय प्रवर्तन वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के एडजंक्ट प्रोफेसर शिवकुमार विवेक थे। समारोह में मंच सूत्रधार वरिष्ठ पत्रकार, उद्घोषक एवं कला समीक्षक श्री विनय उपाध्याय, भुवनभूषण देवलिया स्मृति व्याख्यानमाला समिति के सदस्य एवं साहित्यकार श्री अशोक मनवानी और प्रबुद्धजन मौजूद थे।

 

Loading spinner
यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0