MY SECRET NEWS

भोपाल
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अबूझ पहेली बनता जा रहा है। जिलाध्यक्षों के नाम घोषित होने के बाद प्रदेश को नया अध्यक्ष मिलने की संभावना थी, लेकिन यह इंतजार बढ़ता जा रहा है। जातिगत, राजनीतिक, क्षेत्रीय सहित विभिन्न समीकरणों को टटोलना के बाद जो नाम सतह पर आए भी थे, उन्हें लेकर भी चर्चाएं थम चुकी हैं। तय माना जा रहा है कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का नाम सामने आएगा।

जनवरी में चुनाव अधिकारी बनाए गए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का प्रदेश दौरा भी नहीं बन पाया। उन्होंने किसी नाम पर सहमति बनाने के प्रयास किए हों या रायशुमारी का दौर चला हो, ऐसे प्रयास भी सामने नहीं आए हैं।
पार्टी नेताओं का अनुमान है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति के बाद मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों के अध्यक्षों के नाम घोषित होंगे, लेकिन अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम भी तय नहीं हो सका है। यह पहला अवसर है, जब भाजपा के संगठन चुनाव में बूथ अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव के चार महीने बाद भी प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर संगठन खाली हाथ है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बड़े कद के नेता कम हैं इसलिए वहां हाईकमान ने निर्णय कर दिया, लेकिन मध्य प्रदेश में मामला उल्टा है। यहां केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, जयभान सिंह पवैया, कैलाश विजयवर्गीय और राकेश सिंह जैसे नेताओं की राय को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। देरी की एक वजह इन दिग्गजों से रायशुमारी नहीं होना भी है। सत्ता और संगठन में बदलाव के बाद पुराने चेहरों की चिंता अपना किला बचाने की है, तो जिन्हें पीढ़ी परिवर्तन के चलते मौका मिला है, वे अपनी जमीन मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं।

 

यूजफुल टूल्स
QR Code Generator

QR Code Generator

Age Calculator

Age Calculator

Word & Character Counter

Characters: 0

Words: 0

Paragraphs: 0