रायबरेली
रेलकर्मियों के लिए बहुत राहत भरी खबर है। अब उन्हें चिकित्सीय सुविधा के लिए रेलवे अस्पताल में पर्चा बनवाना नही पड़ेगा। न ही जांचों की रिपोर्ट को लेकर इधर उधर भागना पड़ेगा रेलवे चिकित्सा सुविधा को एकीकृत करते हुए सभी रेलवे अस्पतालों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ दिया है। इसके तहत रेल कर्मियों को अपने मोबाइल पर हेम्स ऐप से इंस्टॉल करना होगा।
पंजीकरण के बाद आईडी हो जाएगी तैयार
एप के पंजीकरण के बाद उनकी पेंशेंट आईडी तैयार हो जाएगी। फिर इसके बाद व अपना उपचार चाहे रायबरेली रेलवे अस्पताल में कराए या फिर चिन्नई रेलवे अस्पताल में मरीज के रोग संबंधी सभी जांच व रिपोर्ट भी इसी एप पर उपलब्ध रहेगी।
स्टेशन के रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रेलवे का अस्पताल है। जिस अस्पताल में रेलवे के 12सौ कर्मचारी व 398 रिटायर कर्मचारियों का उपचार किया जाता है। जिस अस्पताल के मरीजों को बेहतर उपचार के लिए रेलवे प्रशासन ने अहम फैसला लेते हुए हेम्स ऐप्स यानी हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फ्रार्मेशन सिस्टम से अस्पताल को भी जोड़ दिया है।
देश के किसी स्टेशन पर करवा सकते हैं इलाज
अस्पताल के तहत आने वाले 16 स्टेशनों के कर्मचारियों को देश के किसी भी स्टेशन पर अपना उपचार करवा सकते है जिसको लेकर उनको न पर्चा बनवाना पड़ेगा न ही उसके लिए अस्पताल के चक्कर लगाना होगा। सिर्फ आपके हाथ में मोबाइल हो और हेम्स एप डाउनलोड हो।
मेडिकल कार्ड के पड़े नंबर को एप में डालते ही मर्ज के अनुसार ऑप्शन में क्लिक करते ही जिले की ही नहीं चेन्नई से लेकर किसी भी रेलवे अस्पताल में अपना उपचार जाकर करवा सकते है।
उपचार के बाद विभिन्न मर्ज की जांच रिपोर्ट तक आगे उपचार करने हेतु उनको लाना नही पड़ेगा क्योंकि इसी ऐप्स में सब डाउनलोड रहेगा। यहां तक की प्रत्येक दवा की एक एक गोली का रिकॉर्ड तक मौजूद रहेगा। जिसका शुभारम्भ प्रारंभ कर दिया गया है। जिस अस्पताल को उच्चीकृत के श्रेणी में लिया गया है ।
इन स्टेशन के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
रायबरेली स्टेशन के साथ-साथ बछरावां
कुंदनगंज
हरचंदपुर
गंगागंज
रूपामउ
फुर्सतगंज
दरियापुर
लक्ष्मनपुर
रामचन्द्रपुर
उंचाहार
उबरनी
डलमउ
जलालपुरधई
मंझलेपुर
ईश्वरदासपुर
इसके अलावा कई स्टेशन के 12 सौ कर्मचारी व 398 रिटायर कर्मचारी को हेम्स एप्स का लाभ मिलेगा। जिससे समस्त ड्यूटी धारक व रिटायर कर्मचारियों को राहत भरी खबर से ऐसी पहल प्रारंभ करने से हर्ष व्याप्त है।
अब नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर
यदि आपका घर बिहार, कश्मीर, उतराखंड, गुजरात व हिमाचल प्रदेश समेत देश के किसी भी कोने में है तो आप छुट्टी में हैं या रिटायर होने के बाद अपने पैतृक गांव पहुंच गए तो उनको अब रायबरेली आने की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि हेम्स ऐप्स के डाउनलोड करने के बाद उसी में मर्ज के अनुसार सारी जांच से लेकर एक-एक दवा का रिकॉर्ड भी रहेगा जबकि पहले तैनाती स्थल जाकर उपचार करवाने की प्रथा थी जिससे अब निजात मिल गया है।
ये है अस्पताल में चिकित्सक
स्टेशन के अस्पताल में इंचार्ज हेल्थ यूनिट डॉ. रश्मि श्रीवास्तव
चीफ फार्मासिस्ट विजय कुमार
डेसर ज्ञानचन्द्र
हॉस्पिटल असिस्टेंट नितिन व कलावती
सफाई कर्मी पप्पू
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी बोले
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी रेलवे डॉ. वी एस हंकी ने बताया कि रेलवे के जीएम के निर्देश पर रायबरेली अस्पताल को उच्चीकृत में ले लिया गया है जहां के अस्पताल के सभी रेलवे के ड्यूटी व रिटायर रेल कर्मचारियों को हेम्स ऐप्स से जोड़ा जाएगा।
जिनका अब पर्चा नही बनवाया जाएगा हेम्स ऐप्स से जुड़ने से देश के किसी भी रेलवे अस्पताल में मर्ज के अनुसार उनके चिकित्सकों को ऐप्स डाउनलोड करके उसमें रेलवे के पीएफ, आधारकार्ड, मोबाइल नंबर, उम्मीद मेडिकल कार्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाकर दिखवाया जा सकता है जिसको रायबरेली में प्रारंभ करवा दिया गया है।

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